Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2016 · 1 min read

दीप

फूलों की चुन कलिया
प्यार की गूथू
मै माला.
शूलों की चुन बाती
प्यार का जलाऊ
मै दीप.

लकशमी गणेश सरस्वती
पवित्र बसे सदा
मन आगन.
प्यार सनेह प्रेम की
ज्योति जले सब
आगन.

Language: Hindi
71 Likes · 403 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
कहां से कहां आ गए हम....
कहां से कहां आ गए हम....
Srishty Bansal
मेरा भूत
मेरा भूत
हिमांशु Kulshrestha
"वक्त"
Dr. Kishan tandon kranti
मच्छर
मच्छर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आजादी दिवस
आजादी दिवस
लक्ष्मी सिंह
अगर आपको अपने कार्यों में विरोध मिल रहा
अगर आपको अपने कार्यों में विरोध मिल रहा
Prof Neelam Sangwan
आदतों में तेरी ढलते-ढलते, बिछड़न शोहबत से खुद की हो गयी।
आदतों में तेरी ढलते-ढलते, बिछड़न शोहबत से खुद की हो गयी।
Manisha Manjari
श्याम अपना मान तुझे,
श्याम अपना मान तुझे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
राशिफल
राशिफल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
राजाराम मोहन राॅय
राजाराम मोहन राॅय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मत देख कि कितनी बार  हम  तोड़े  जाते  हैं
मत देख कि कितनी बार हम तोड़े जाते हैं
Anil Mishra Prahari
💐प्रेम कौतुक-435💐
💐प्रेम कौतुक-435💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बरसों की ज़िंदगी पर
बरसों की ज़िंदगी पर
Dr fauzia Naseem shad
*बहस का अर्थ केवल यह, बहस करिए विचारों से  【मुक्तक】*
*बहस का अर्थ केवल यह, बहस करिए विचारों से 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
"सुहागन की अर्थी"
Ekta chitrangini
चंद एहसासात
चंद एहसासात
Shyam Sundar Subramanian
"ଜୀବନ ସାର୍ଥକ କରିବା ପାଇଁ ସ୍ୱାଭାବିକ ହାର୍ଦିକ ସଂଘର୍ଷ ଅନିବାର୍ଯ।"
Sidhartha Mishra
24/249. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/249. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर एक विशेष कविता...
■ शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर एक विशेष कविता...
*Author प्रणय प्रभात*
मफ़उलु फ़ाइलातुन मफ़उलु फ़ाइलातुन 221 2122 221 2122
मफ़उलु फ़ाइलातुन मफ़उलु फ़ाइलातुन 221 2122 221 2122
Neelam Sharma
समूह
समूह
Neeraj Agarwal
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
Harish Chandra Pande
छोड़ दिया है मैंने अब, फिक्र औरों की करना
छोड़ दिया है मैंने अब, फिक्र औरों की करना
gurudeenverma198
हम जंग में कुछ ऐसा उतरे
हम जंग में कुछ ऐसा उतरे
Ankita Patel
16- उठो हिन्द के वीर जवानों
16- उठो हिन्द के वीर जवानों
Ajay Kumar Vimal
“ दुमका संस्मरण ” ( विजली ) (1958)
“ दुमका संस्मरण ” ( विजली ) (1958)
DrLakshman Jha Parimal
मकसद ......!
मकसद ......!
Sangeeta Beniwal
Kbhi kbhi lagta h ki log hmara fayda uthate hai.
Kbhi kbhi lagta h ki log hmara fayda uthate hai.
Sakshi Tripathi
पड़ोसन के वास्ते
पड़ोसन के वास्ते
VINOD CHAUHAN
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
Manju sagar
Loading...