Mahender Singh Language: Hindi 807 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 14 Next Mahender Singh 28 Feb 2018 · 1 min read होली उत्सव पर हास्य-कविता (व्यंग्य) हिंदुओं के प्रत्येक उत्सव पर्व त्योहार में सरकार का एक अंग दखल देता आया है. खासकर हिंदुत्व की पार्टी सत्ताधारी होने के बाद. लगता है होली रुप बिड़कुले लकड़ी ईंधन... Hindi · कविता 1 2k Share Mahender Singh 22 Feb 2018 · 1 min read देश विसंगतियों से कैसे बचे ? मालूम नहीं क्यों ? जो संविदा हमारी मजबूती की वजह है । कमजोरी बनती जा रही है । (कारण:--वोटों का धुर्वीकरण) सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश । धार्मिक कमजोरियों जाति वर्ण... Hindi · लेख 1 1 244 Share Mahender Singh 16 Feb 2018 · 1 min read दलित शब्द एक गाली या अभिशाप. दलित ?? शब्द एक गाली या अभिशाप ।। अनुसूचित कहिये. . कौन नहीं हैं अनुसूचित. जहां पर भी कोटा हो ।। . चाहे कोई स्टाफ हो. या कोई विशेष-अधिकार प्राप्त.... Hindi · लेख 1 1 523 Share Mahender Singh 14 Feb 2018 · 1 min read भारत विकासशीलता से विकसित दहलीज की ओर कैसे पहुंचे. कितना आसान है. किसी के पक्ष या विपक्ष में खड़े हो जाना. . बहुत आसान है . पसंद वा आराध्य का नाम लिख देना. . क्यों मुश्किल है ?? जिम्मेदारी... Hindi · लेख 1 1 262 Share Mahender Singh 14 Feb 2018 · 1 min read हो जाएं "मन्ना डे" साहब:-गाये गुनगुनाये हर दिन मन्ना डे. गाते रहो.गुनगुनाते रहे. हो सके तो लिखते रहे. . ये इश्क नहीं आयोजन. जब होता है. तब होता है. नाच उठता है मयूर एक दिन. बनने... Hindi · कविता 1 1 376 Share Mahender Singh 10 Feb 2018 · 1 min read परंपराओं को तोड़ना ही होगा. क्या किया इस इंसान ने ! जो पल्ले सिर्फ बुराई है !! कौन थे वो लोग ! जिनकी चर्चा ! आज भी इतनी सुखदायी है ।। . अतीत नहीं है... Hindi · कविता 1 1 278 Share Mahender Singh 9 Feb 2018 · 1 min read शास्त्र है या बंधन. चरितार्थ चित्रण है.हुआ करता. ये कैसा चित्रण है महेंद्र.भला. . खोजें तो दिखता नहीं. वैसे है ! विस्तार अपार भला. . शास्त्र को बंधन कहें. या कहे मुक्ति. आयोजित चक्रव्यूह... Hindi · कविता 1 1 318 Share Mahender Singh 6 Feb 2018 · 1 min read हमें हुनर से नहीं, पाखंड से प्रेम है. हमें हुनर से नहीं. पाखंड से प्रेम है. . हुनर नहीं मोहताज. चढ़ बोलता है सरताज. पर ऐसा हुआ नहीं. . दबा दिया गया. ढाँप दिया गया. इसे नाम देकर.... Hindi · कविता 1 1 308 Share Mahender Singh 3 Feb 2018 · 1 min read कवियों की महफिल और हास्य-व्यंग्य. कवियों की महफिल में सभी कवि पहुंच गये ।? अब झेले कौन सब उठकर चले गये । ? सुना सुनाकर अपनी अपनी गाथा.।? एक को नींद में आँखें लग गई.।?... Hindi · कविता 1 1 632 Share Mahender Singh 3 Feb 2018 · 1 min read कवि की आदत और हास्य-व्यंग्य. सफर मे दो ही क्यों हमसफर अनेक होते है. एक बार सफर में दो अनजान सवारी. एक "दो वाली" सीट पर बैठे थे सफर कर रहे थे सफर लम्बा था.।... Hindi · कविता 1 1 330 Share Mahender Singh 28 Jan 2018 · 1 min read जमाना और *बाबा साहब* पर आधारित संदेश गीत. "बाबा साहब को समर्पित मेरा एक गीत" मेरी दीपक रुप रचना *बाबा साहब*पर । . जमाना कथा सुनाता है । बाबा साहब हकीकत सुनाते है । वो कल्पनाओं से ग्रंथों... Hindi · गीत 1 1 437 Share Mahender Singh 28 Jan 2018 · 1 min read एक महान व्यक्तित्व की महान देशना ! बाबा साहब को समर्पित ? . मत लड़ तू मेरे लिये, तू लड़ अपने लिये । . मत झुकना अपने अधिकारों के लिये । देशना है मेरी हर एक के... Hindi · गीत 1 1 341 Share Mahender Singh 27 Jan 2018 · 1 min read संविधान हर वादे पर कायम है. संविधान का जनता को आश्वासन !! .संविधान कहता है ! .लिखकर देता हूँ ! . मै भले नहीं नसीब तुम्हारा । लिखता हूँ नसीब आपका । लागू हूँ । अमल... Hindi · कविता 1 1 541 Share Mahender Singh 23 Jan 2018 · 1 min read महसूस करें आप जिंदा हैं या मुर्दा. मुर्दे आज भी जिंदा हैं । जिंदा लोग आज भी मुर्दा हैं ।। . कूद पड़ा हूँ मैं भी आज उस समर में । जिसका सफ़र सहज नहीं पर अंंतहीन... Hindi · लेख 2 1 337 Share Mahender Singh 22 Jan 2018 · 1 min read क्रोध अहंकार एवं पंच-विकार पर नजरिया. क्रोध और अहंकार को दुश्मन न समझे । इसे जाने ..पहचाने और ..सीढ़ी बनाए ।। . खैर हमने यही पढ़ा है सीखा भी । क्रोध और अहंकार हमारे दुश्मन है... Hindi · लेख 1 1 265 Share Mahender Singh 16 Jan 2018 · 1 min read एक शेर पुष्टि के साथ. दिल के दर्द की दवा नहीं पास मेरे, हम तो "दिल ए दर्द" देते है, जिस किसी को दिल महफूज़ रखना है, "दर्द ए दिल" दवा खोज लें, . अौषधि... Hindi · शेर 1 1 255 Share Mahender Singh 15 Jan 2018 · 2 min read वाद है तो कहीं विवाद, पर रक्षक संविधान है. हिंदुत्व का खेला पता है, सिर्फ एक-दो प्रदेश गंवाये है, सब मस्जिदें तबाह हो गई, संविधान इजाजत नहीं देता, . आज का ये दिन, एक अजीब सी उलझन के साथ... Hindi · लेख 1 1 496 Share Mahender Singh 14 Jan 2018 · 1 min read आभार आपका बाबा साहब. दिखते तो सब है, हाज़िर है कोई कोई, देखता है कोई बिरला, . लिखा तो है, पढ़ता कोई कोई है, कहते तो अनपढ़ भी हैं, साक्षर को निरक्षर कर देते... Hindi · कविता 1 1 277 Share Mahender Singh 14 Jan 2018 · 1 min read जीने का ढ़ंग है उत्सव. अब आप जाने या समझे, उत्सव है,नृत्य है,कृत्य है, कल्पना है,हकीकत हैं, पर है जरूर, जीने का ढ़ंग है उत्सव, जीवन के प्रति आभार है उत्सव, . गर आप गवाह... Hindi · कविता 1 1 511 Share Mahender Singh 14 Jan 2018 · 1 min read यह अब आपकी समझ. 1. जीने का ढ़ंग क्या बदला, लोगों ने साम्प्रदायिक कह दिया, खाता हु पीता हु नित्यकर्म करता हु. इसमें भी जाति वर्ण धर्म दिखता है तुम्हें. खामोश हु वाचाल नहीं,... Hindi · शेर 1 1 415 Share Mahender Singh 13 Jan 2018 · 1 min read कहानी "त्रुटि और समाधान" हर इक समाज का आदमी/हर वर्ग का आदमी थोड़ा असंतुष्ट है क्योंकि जो उससे वादे किए जाते हैं स्वप्न मात्र हैं, वरन् जो अनुदान आजतक जिन श्रेणियों को मिले वो... Hindi · कहानी 2 1 439 Share Mahender Singh 12 Jan 2018 · 1 min read लफ़्ज हैं.. पर श्रेणी मालूम नहीं !! नफरत नहीं है माध्यम ऊंचाई पाने को, लोकतंत्र में उसके भी भाव लगते देखे हैं, ज्यादातर लोगों की है भाव-दशा यही, मिलजुल लूट लेते है शोहरत गरीब की, . फैली... Hindi · शेर 1 1 305 Share Mahender Singh 11 Jan 2018 · 1 min read कहानी:-"शेर और भगदड़"मैंने सुना हैं.., अगर आपको मालूम है, आप शेर नहीं हो, तो आप, क्यों व्यर्थ ही भाग रहे हो ? . मत करो खुद पर इतना अनर्थ, करें लो सहर्ष स्वीकार जो तुम... Hindi · कहानी 2 1 738 Share Mahender Singh 10 Jan 2018 · 1 min read कमाई के पैमाने बदले ! छोड़ दो मुर्दों पर रोटी सेंकना, जिंदा लाशों का ढ़ेर क्या कम हैं, (कमाई कर खा लेने दो) बस इतने से रहम की उम्मीद है, नामुराद इससे भी मुक़र गए..!!... Hindi · शेर 1 1 331 Share Mahender Singh 9 Jan 2018 · 1 min read हास्य:-आज समस्या कब्ज़ बड़ी थी. वो सिसका रही थी, वो कंपकपा रही थी, वो पैरों पे बिठा, इंतज़ार कर रही थी, . पर मालूम न था, उस बच्चे को, बाहर सर्दी बड़ी थी, . पिछले... Hindi · कविता 1 1 598 Share Mahender Singh 8 Jan 2018 · 1 min read पढ़ें मेरे अल्फाज़ अच्छे लगे तो आपके हैं, आसान है मौत से तराने सुनना, जमाने को गंवारा नहीं, बहुत बार झलक मिली हमको, लेकिन जमाने को विज्ञापन देखना पसंद है ।। . दीपक हूँ प्रकाश मेरा धर्म, हरता... Hindi · कविता 1 1 431 Share Mahender Singh 7 Jan 2018 · 1 min read आभार आपका जो कंठ मेरा चुना. तमन्नाओं रुख मोड़ लो अपना, ये घर घर नहीं रहा अब..तुम्हारा अपना, जाग गया.. वो ,, जो अक्सर हर किसी का नहीं जगता, अब चैन है अमन है हर गुस्ताखी... Hindi · मुक्तक 2 1 601 Share Mahender Singh 6 Jan 2018 · 1 min read आपके कर्तव्य ही आपके अधिकार बनते हैं, मुझे नहीं लिखना.. तेरा नसीब, तू स्वयं लिख ले..मैं तेरा संरक्षक हूँ.., मैं तुझे वो हर हक देता हू.., जो नहीं मिलने वाले तुझे मेरे सिवा, .महेंद्र. Hindi · मुक्तक 1 1 426 Share Mahender Singh 6 Jan 2018 · 1 min read उठे जागे..मुक्तक पढ़े. बंधन में कब तक जीवित रह पाओगे, कब तक घुट घुट पीड़ा सहते रहोगे, एक न एक दिन तो करना पड़ेगा विरोध, कहीं न कहीं से ! क्यों न वो... Hindi · मुक्तक 1 1 334 Share Mahender Singh 6 Jan 2018 · 1 min read एक छत एक सूत्र में बंधे रहने के लिए हम क्या करें, मुझे नहीं लगता हमारे देश समाज में, कोई ऐसा.. मंच/ताकत/छत बची है, . संविधान के अलावा, जो इस समाज को एक छत्र के नीचे, संजोएं रख सके !! ?? .... Hindi · लेख 1 1 531 Share Mahender Singh 6 Jan 2018 · 1 min read सोशल मीडिया और हिंदुस्तान !! हमें जरूरत है, जमीं स्तर पर जागने की, आज का युवा सोशल-मीडिया पर खो गया . हॉय क्यूटी, सो स्वीटी, हॉय गुएज़, सो नाइस,बिवटिफूल, कभी सेल्फी, क्रियट्वीटि को खा गया,... Hindi · लेख 1 1 269 Share Mahender Singh 5 Jan 2018 · 1 min read वक्त वक्त वक्त तेरा फेर है, फेर फेर तेरा वक्त है, . तू न वक्त का है, न वक्त तेरा है, . संभल सके तो संभल, वरन् कहेगा कौन . समय... Hindi · कविता 1 1 459 Share Mahender Singh 2 Jan 2018 · 1 min read पहेली है सुलझाओ तो जाने.., खुद-गर्ज जमाना, बड़ा एहसान-फ़रोस निकला, . मेरा शौक नहीं जरूरत थी, बीवी ने रोका.. बच्चों ने टोंका, जीते जी नहीं गया टोटा, लिखे बगैर रहा न गया, . जरूरतें सीमित... Hindi · कविता 1 1 737 Share Mahender Singh 2 Jan 2018 · 1 min read वे अवश्य पढ़े.. जिन्हें है नव-वर्ष उत्सव से परहेज. जिन्हें उत्सव मनाने में सम्प्रदाय दिखते है, वे जरूर पढ़े, . इस बहाने नहा लिये, मुद्दत हो गई, नहाए हुये, . कैसे कैसे लोग हैं, जिन्हें ऐतराज है, उत्सव मनाने... Hindi · कविता 1 1 265 Share Mahender Singh 31 Dec 2017 · 1 min read अलविदा 2017. जाते जा, कुछ आसान सवालों के जवाब तो देती जा, ले चली, उन हसीन, पलों को, जो यादगार बन, ऐतिहासिक हो जाएंगे, कुरेद कुरेद सवाल पूछे जाएंगे, कुछ जवाब फिर... Hindi · कविता 1 1 451 Share Mahender Singh 25 Dec 2017 · 1 min read पच्चीस दिसंबर एक विशिष्ट दिवस ! संविधान कहता है सभी धर्मों का सम्मान करो ? आज के दिन को बड़ा दिन कहा जाता है ? आज क्रिसमस दिवस है , ईशा मसीह के जन्म दिवस को... Hindi · लेख 1 1 536 Share Mahender Singh 24 Dec 2017 · 1 min read पीड़ित कौन.. इलाज किसका करें !!हास्य कविता, जब बिमारी का कारक जब मच्छर हो, तब ध्यान इंसान को पहलवान बनाने की तरफ नहीं, बल्कि ध्यान स्वच्छता यानि मच्छरों से मुक्ति पर कार्य करना सुविधाजनक है, . अन्यथा... Hindi · कविता 1 1 314 Share Mahender Singh 24 Dec 2017 · 1 min read रोम जले.. भले जले, सजावट से सजा रह गया मंडप, जब दुल्हन ही....घर छोड़ चली, . वजह सिर्फ इतनी थी, घरवालों ने वक्त पर सुनी नहीं, . हर बार साँप तो निकल जाता है,... Hindi · कविता 1 1 554 Share Mahender Singh 22 Dec 2017 · 1 min read हो नहीं सकता ..आप चाहकर भी गौर करेंगे ! तुम्हारे लिखे को.. कौन पढ़ेगा, लोग नसीब के लिखे को मानते है !! . कुछ ही लोग नहीं चाहते, भुखमरी हटे, लाचारी घटे, लोग स्वावलंबी बने, अध्यात्मिक उन्नति हो, अधर्म... Hindi · लेख 1 1 211 Share Mahender Singh 21 Dec 2017 · 1 min read बदलाव पर शेर हिसाब रखना है तो, रख कुछ इस तरह, कुछ शेष तो नहीं बचा, अब देने के लिए, . सनातन पर छाप है, नूतन है अब प्राण, पुरातन कौन कहे, जब... Hindi · शेर 1 1 276 Share Mahender Singh 20 Dec 2017 · 1 min read हकीकत में जिंदगी.. अभिनय से अलग होती है, कुछ तो खास है सभी की जिंदगी में, वरन् कौन अपना कैसे बेगाना कहते, . चाहत की झलक मृग-मरीची की भांति है, दूर से सब पूरी पास जाकर देखें सब... Hindi · शेर 1 1 251 Share Mahender Singh 19 Dec 2017 · 1 min read लेख उल्लेख करते हैं, आज फिर वही हुआ, जिसका डर था, हजारों साल पहले, जब इंसान बेखबर था, तब कम से कम काफी समय बेखबर था, सुखी था,बेचैन नहीं था, . आज की तरह... Hindi · लेख 1 1 282 Share Mahender Singh 14 Dec 2017 · 1 min read संत सत् कबीर साहेब सत्-आदर्श हैं, दुनिया अगर मेला है, फिर कौन अनुशासन का रेला है, कौन कहे क्यों पूछे, क्यों अकेला है, आत्मरक्षा और सेवा का झमेला है, . दो दिनों का मेला है, फिर... Hindi · कविता 1 1 387 Share Mahender Singh 13 Dec 2017 · 1 min read प्रकृति ही महानतम चिकित्सक है, भ्रम नहीं हैं धरा और प्रकृति, जीवन है इसकी उत्पत्ति, लोग व्यर्थ हक धरते हैं, सब जीवों की प्रकृति हरते है, . यथा जरूरत तथा चक्र है, व्यवस्था के नाम... Hindi · कविता 1 1 454 Share Mahender Singh 12 Dec 2017 · 1 min read परिचय खुद से खुदी का हो !! हकीकत के चित्र अध्यात्म में नहीं होते, चरितार्थ बखान चित्रण है, प्रार्थना जिसे कहते है, प्रभु ये तस्वीरें कब खिंचवाई, एक मयान दो तलवार कब है समाई, . अनुभूति किसी... Hindi · कविता 1 1 500 Share Mahender Singh 7 Dec 2017 · 1 min read सभी सम्मानजनक महापुरुषों को समर्पित रचना !! झुकने पर ही उसकी हर रहमत उनको मिली है, तभी तो एक सामान्य से ऊँची उनकी तस्वीर सजी है, एक विशिष्ट प्रयास के बाद ही माला उनके गले में डली... Hindi · कविता 1 1 638 Share Mahender Singh 6 Dec 2017 · 1 min read फनां है सीढ़ी -धर्म की शुरुआत ! देखकर सोचता हु ! या सोचकर देखता हु ! दार्शनिक हु या विचारक ! या दोनों हु ! मुझे खुद मालूम नहीं ! . पर लोग कहते हैं ! कुछ... Hindi · कविता 1 1 230 Share Mahender Singh 5 Dec 2017 · 1 min read हवा और फिज़ा ये जो हवा का रुख है ! मौसम का मिज़ाज है ! इन हवाओं में ! इन फ़िज़ाओ में ! खो न जाना कभी ! इनमें नूतन रास्ते ! खोज़ने... Hindi · शेर 1 1 536 Share Mahender Singh 4 Dec 2017 · 1 min read कहानी जो समर्थ को स्वीकार, व्यर्थ को इंकार करती हैं एक दिन मैं काफी बेचैन था ! मेरी पत्नी सहमे से पूछ बैठी ! कुछ अजीब सी बेचैनी देख रही हूँ ! कोई खास वजह !! . मैं अंदर से... Hindi · कहानी 2 2 268 Share Mahender Singh 3 Dec 2017 · 1 min read शेर खुद को पहचान !! जीवन में अगर ! खुशबू की जरूरत होती ! साथ लगी होती !! कस्तूरी मृग नाभि बसे ! आपकी भी महकती होती !! . जिन्हें खुशबू चाहिए ! सौन्दर्य प्रेमी... Hindi · शेर 1 1 508 Share Previous Page 14 Next