Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jan 2018 · 1 min read

यह अब आपकी समझ.

1.
जीने का ढ़ंग क्या बदला,
लोगों ने साम्प्रदायिक कह दिया,
खाता हु पीता हु नित्यकर्म करता हु.
इसमें भी जाति वर्ण धर्म दिखता है तुम्हें.
खामोश हु वाचाल नहीं,
कम से कम अब तो बक्श दो ।।
2.
मुल्क की सोचने वाले बल्क में नहीं सोचा करते,
जो बल्क में सोचते है वे राजनीति किया करते है,
धार्मिक लोग सम्प्रदाय नहीं देखा करते,
(जाति और वर्ण की बात तो सोचना दूर)
ये लोग तो अमीरी और गरीबी के बीच में खाई नहीं खोदा करते,
.
डॉ0महेंद्र

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 1 Comment · 361 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
😊😊😊
😊😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
कौन कहता है कि नदी सागर में
कौन कहता है कि नदी सागर में
Anil Mishra Prahari
राजनीति की नई चौधराहट में घोसी में सभी सिर्फ़ पिछड़ों की बात
राजनीति की नई चौधराहट में घोसी में सभी सिर्फ़ पिछड़ों की बात
Anand Kumar
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
दूर जा चुका है वो फिर ख्वाबों में आता है
Surya Barman
मकड़ी ने जाला बुना, उसमें फँसे शिकार
मकड़ी ने जाला बुना, उसमें फँसे शिकार
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दस्तक भूली राह दरवाजा
दस्तक भूली राह दरवाजा
Suryakant Dwivedi
#justareminderekabodhbalak #drarunkumarshastriblogger
#justareminderekabodhbalak #drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
परवरिश
परवरिश
Dr. Pradeep Kumar Sharma
माँ की करते हम भक्ति,  माँ कि शक्ति अपार
माँ की करते हम भक्ति, माँ कि शक्ति अपार
Anil chobisa
मोहब्बत के शरबत के रंग को देख कर
मोहब्बत के शरबत के रंग को देख कर
Shakil Alam
दोस्त.............एक विश्वास
दोस्त.............एक विश्वास
Neeraj Agarwal
नफ़रत
नफ़रत
विजय कुमार अग्रवाल
शाश्वत और सनातन
शाश्वत और सनातन
Mahender Singh
मन की चंचलता बहुत बड़ी है
मन की चंचलता बहुत बड़ी है
पूर्वार्थ
*तन मिट्टी का पुतला,मन शीतल दर्पण है*
*तन मिट्टी का पुतला,मन शीतल दर्पण है*
sudhir kumar
माटी के रंग
माटी के रंग
Dr. Kishan tandon kranti
बगिया* का पेड़ और भिखारिन बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
बगिया* का पेड़ और भिखारिन बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
अमन तहज़ीब के परचम को हम ईमान कहते हैं।
अमन तहज़ीब के परचम को हम ईमान कहते हैं।
Phool gufran
चल बन्दे.....
चल बन्दे.....
Srishty Bansal
वो एक विभा..
वो एक विभा..
Parvat Singh Rajput
देख भाई, सामने वाले से नफ़रत करके एनर्जी और समय दोनो बर्बाद ह
देख भाई, सामने वाले से नफ़रत करके एनर्जी और समय दोनो बर्बाद ह
ruby kumari
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
साथ तेरा रहे साथ बन कर सदा
डॉ. दीपक मेवाती
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
Shekhar Chandra Mitra
साधक
साधक
सतीश तिवारी 'सरस'
देखिए आप आप सा हूँ मैं
देखिए आप आप सा हूँ मैं
Anis Shah
ईश्वर का प्रेम उपहार , वह है परिवार
ईश्वर का प्रेम उपहार , वह है परिवार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
हम जानते हैं - दीपक नीलपदम्
हम जानते हैं - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
🌹🌹🌹फितरत 🌹🌹🌹
🌹🌹🌹फितरत 🌹🌹🌹
umesh mehra
मानो जीवन को सदा, ट्वंटी-ट्वंटी खेल (कुंडलिया)
मानो जीवन को सदा, ट्वंटी-ट्वंटी खेल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
Loading...