नवल किशोर सिंह Tag: कविता 133 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next नवल किशोर सिंह 15 Dec 2018 · 1 min read समझौता समझौता समझौता- एक प्रयास दो ध्रुवों के एकीकरण का तलाश- उलझे हुये समीकरण का मान्य हल, प्रमेय प्राक्कल्पना दो पंथ विलय की एक संकल्पना किंचित तज कर विजय का अन्वेषण... Hindi · कविता 1 246 Share नवल किशोर सिंह 13 Dec 2018 · 1 min read सरिता सरिता निदाघ-दाघ से शनैः-शनैः पिघल फिर हिमशैलों से निकल-निकल निज पथ गतिशील तरल अविरल बाधा-बंध को कर निर्बन्ध,विकल अधीर नीर निर्भय निरंतर प्रवाह उद्विग्न उर,किस मिलन की चाह निश्छल,निमग्न सदा... Hindi · कविता 1 253 Share नवल किशोर सिंह 12 Dec 2018 · 1 min read कर्त्तव्य कर्त्तव्य जिस मातृवक्ष से चिपक किलक दिखलाया जीवन पाया शैशव रहा मचलता है आज वही पुत्र का फ़र्ज निभा रहा है दूध का कर्ज यूँ चुका रहा है भौतिकता के... Hindi · कविता 1 246 Share नवल किशोर सिंह 12 Dec 2018 · 1 min read कर्त्तव्य-बोध अधिकारों की बात होती है अनाचारों की बात होती है पर कर्त्तव्य-बोध गौण है यक्ष-प्रश्न? जन-मानस मौन है -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 1 256 Share नवल किशोर सिंह 11 Dec 2018 · 1 min read पतवार आशा और निराशा की बहती पुरबैया कभी अविचल कभी डगमग नैया खड़ी बीच मँझधार विविध विध्न,बहु बाधा अशांत मन-सा लहरों ने साधा जाना,जो उस पार मांझी,दृढ़ पकड़ पतवार तज भय... Hindi · कविता 1 458 Share नवल किशोर सिंह 9 Dec 2018 · 1 min read हमसाया हमसाया (क्षणिका) गोरी के गाँव मे पीपल की छाँव में बैठे थे हम- मैं और मेरे गम फिर भी मन मुस्काया भीनीं-सी महक लिए गुजरी यादें बन हमसाया। -©नवल किशोर... Hindi · कविता 2 515 Share नवल किशोर सिंह 9 Dec 2018 · 1 min read प्रेरणा प्रेरणा क्षणभंगुर सी लहर उठती है गिर गिर कर पावक एक जलता हुआ उर्ध्वमुखी निःसृत धुँआ चट्टानों की बंजर धरा लिए हुए है कुछ उर्वरा फूलते है काँस-काई दूर खड़े... Hindi · कविता 2 267 Share नवल किशोर सिंह 8 Dec 2018 · 1 min read प्रेरणा-एक नजरिया मत के प्रणेता हमारे नेता प्रकृति के बड़े अध्येता जीवों से लेते सतत प्रेरणा जैसे लोमड़ी से चालाकी और गिरगिट से रंग बदलना -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 3 363 Share नवल किशोर सिंह 8 Dec 2018 · 1 min read समाज-सेवा सुबह सवेरे चखते मिष्टान्न-मेवा फिर किसी निर्धन के घर कलेवा वाह रे समाज-सेवा। -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 3 344 Share नवल किशोर सिंह 7 Dec 2018 · 1 min read चंचल माया,मोह सी चंचल चितवन मृगतृष्णा सा चंचल मन सिकता में सरि की तलाश चंचल क्षण अंजुरी भरी रेत सा सरकता संग बहु आस दरकता चंचलता का ठौर कहाँ निराधार,निरावलम्बन अस्थिर,... Hindi · कविता 3 289 Share नवल किशोर सिंह 7 Dec 2018 · 1 min read सादगी-चोका सादगी विधा-चोका उलट फेर दौलत का हो ढेर खुद की सोचे विचार बड़े ओछे विकृत मन विविध दुर्व्यसन सोये या जागे नींद आंखों से भागे फीकी मुस्कान दिल में घमासान... Hindi · कविता 2 280 Share नवल किशोर सिंह 6 Dec 2018 · 1 min read वेदना वेदना कल प्रीतम से जो हुई बात नवोढ़ा का खिल गया गात सीमा पर खड़े सीना तान साजन तो ठहरे एक कप्तान सुना,साजन आएँगे परसों मन-ही-मन में फूली सरसों परसों... Hindi · कविता 3 2 236 Share नवल किशोर सिंह 6 Dec 2018 · 1 min read स्मृति बंद खिड़कियाँ गर्द पड़े परदे इन खिड़कियों को मत खोलो परदों को मत सरकाओ इनसे जो सूरज की रोशनी छनकर आती है झाँकती है उनमें कुछ स्मृतियाँ फिर वही सर्द... Hindi · कविता 3 260 Share नवल किशोर सिंह 5 Dec 2018 · 1 min read दिल तो बच्चा जी दिल तो बच्चा है जी बालदिवस पर लगे बुजुर्गों के पुरजोर ठहाके मन बालपन में,अतीत की गलियों में झाँके खिले गात,बिन दाँत, इठलात अल्हड़पन सा आह्लाद,किलक निनाद,निश्छल लड़कपन सा मन... Hindi · कविता 3 450 Share नवल किशोर सिंह 4 Dec 2018 · 1 min read अतीत अतीत बीते बसंत का भूला हुआ गीत हूँ कैसे कहूँ, मैं तेरा मनमीत हूँ प्राप्य पहर प्रणय के पलभर में व्यतीत हुए मृदुल भाव अनुनय के साँसों में घुल संगीत... Hindi · कविता 2 373 Share नवल किशोर सिंह 4 Dec 2018 · 1 min read गोवर्धन-तांका विधा-तांका गोवर्धन 1 हे गिरिधारी उठाओ गोवर्धन दिव्य हो दृष्टि रुके लिप्सा की वृष्टि अहं विहीन सृष्टि 2 जय गोपाल कृषक खुशहाल गौ संवर्द्धन पूजित अन्नकूट प्रकृति संरक्षण -©नवल किशोर... Hindi · कविता 2 214 Share नवल किशोर सिंह 4 Dec 2018 · 1 min read आवाज आवाज अनसुनी मेरे दिल की आवाज पिजरबद्ध पखेरु,बिन परवाज विलम जरा तुम देते जो ध्यान खंडित न होता प्रिय मेरा मान घुटकर जख्म और गहरा हुआ व्यर्थ चीखना,बलम बहरा हुआ... Hindi · कविता 2 230 Share नवल किशोर सिंह 3 Dec 2018 · 1 min read भाई दूज भाई दूज दीर्घ बरस पश्चात यमदेव पधारे यमुना अति मुदित देख सगा दुआरे रोली अक्षत से सज्जित कर थाल चन्दन सुशोभित किए दिव्य भाल अटूट आस्था,असीम नेह और प्यार भाई... Hindi · कविता 3 258 Share नवल किशोर सिंह 3 Dec 2018 · 1 min read करुणा-तांका करुणा विधा-तांका 1. घायल तन भयभीत कपोत कातर आँख फड़फड़ाता पाँख हा करुण विलाप। 2. आतुर मन अपलक निगाहें ताकती राहें चाहत मिलन की विरह करुण-सी। -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 2 542 Share नवल किशोर सिंह 30 Nov 2018 · 1 min read गोवर्धन गोवर्धन हे कृष्ण, अंतर्धान कहाँ, किन गलियों में गोवर्धन पुनः धारण करो निज उंगलियों में दम्भ इंद्र-सा, दरप रहा सत्ता के गलियारों में करुण राग उत्पन्न मन में बेबस बनिहारों... Hindi · कविता 4 281 Share नवल किशोर सिंह 7 Nov 2018 · 1 min read दीपावली दीपावली के दीप फिर जले है घर-आँगन के चहुँ, लगते कितने भले है दीपों की लंबी कतार दूर दूर तक जलते झिलमिल जलते जाते लगातार झोंकों को छल,जल अविरल तिल... Hindi · कविता 9 8 431 Share नवल किशोर सिंह 6 Nov 2018 · 1 min read रूप चौदस चन्द्रमुखी छवि अति ललित भंगिम भाव,कपोल कलित खंजन सा अंजन अनुरंजन तिसपर चितवन तीखी चित्तभंजन बिंदिया चंदन,विविध व्यंजन अमिय अधर सरस रस रंजन नासिका सुतवा मलयवासिनी कोकिलकंठी, मृदु, सुभाषिनी अलक... Hindi · कविता 7 387 Share नवल किशोर सिंह 5 Nov 2018 · 1 min read धनतेरस धनतेरस प्रकट धन्वन्तरि,अमृत कलश छलके मांगल्यपूरित पदरोपण श्री चंचल के विपन्न-विनाश,अपार धन बरसे अपरम्पार रिद्धि सिद्धि से भरके साकार सकल स्वप्न हो धनतेरस धन्य-धान्य सम्पन्न हो प्रचुर सम्पदा, विपुल परितोष... Hindi · कविता 5 251 Share नवल किशोर सिंह 1 Nov 2018 · 1 min read जननी (माँ) जननी (माँ) हिलती नींव, बिखरता रिश्ता जबसे तात, तुम हुए फरिश्ता दरकती शाख, फुनगी पे आँख मर्माहत मूल, ये कैसी भूल देख के मौका, बिलग हुआ चौका खेतों के मेड़,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 14 104 1k Share नवल किशोर सिंह 30 Oct 2018 · 1 min read चुनाव चुनाव रीति-नीति सब कर निषिद्ध मसतायेंगे चील,गिद्ध कौओं के काँव काँव होंगे जो माननीयों के चुनाव होंगे एक बार फिर से देश में घूमेंगे भेड़िये भी सफेद वेश में उड़ेगी... Hindi · कविता 3 2 569 Share नवल किशोर सिंह 29 Oct 2018 · 1 min read मजदूर फांके की रोटी फटी लंगोटी सूखे निबाले दिल पे छाले स्वप्न खुरदुरे आस अधूरे तन स्वेदसिक्त मन भावरिक्त समिधा-संघर्ष किए लुप्त हर्ष निष्ठुर ठेकेदार विशेषणों का बौछार फिर भी कार्यरत,... Hindi · कविता 4 2 311 Share नवल किशोर सिंह 27 Oct 2018 · 1 min read चाँद (करवा-चौथ स्पेशल) सजी-सँवरी छत पे खड़ी मेरे घर का चाँद बड़ी बावरी ढूढ रही आज ऊपर का चाँद मैं बलि बलि जाऊँ कहाँ छुपाऊँ अपने सर का चाँद -©नवल किशोर... Hindi · कविता 4 2 470 Share नवल किशोर सिंह 25 Oct 2018 · 1 min read इमोजी इमोजी पहले जहाँ थे शब्दों में भाव को सहेजते । आजकल तो लोग बस इमोजी ही भेजते। तकनीक की भाषा या लिपि कीलाकार । कुछ कूट है, कुछ गूढ़ है,जटिल... Hindi · कविता 5 439 Share नवल किशोर सिंह 25 Oct 2018 · 1 min read मर्यादा मर्यादा तुम कुल के दीपक हो मैं दो कुलों की मर्यादा। मुक्त उच्छ्वास दीपक को पिंजरबद्ध रहती मर्यादा। हरपल पंख कतरे जाते हरपग मेरे खतरे आते नीति अनीति का मुझे... Hindi · कविता 3 2 613 Share नवल किशोर सिंह 23 Oct 2018 · 1 min read मुनिया की रंगोली मुनिया की रंगोली नन्हीं आँखों के सपने उत्सर्जित, अवशिष्ट हुए अपने नन्हीं उंगलियों की हँसी-ठिठोली ये मुनिया की रंगोली। प्रकृति-पोषित ये पर्णपत्र कुछ पुष्प-गुच्छ भी हुए एकत्र फूल-पत्तों की हमजोली... Hindi · कविता 4 357 Share नवल किशोर सिंह 20 Oct 2018 · 1 min read पालक पालक नदी के घाट पे एक भीड़ भरे हाट में साग बेचता एक बालक पूछा मैंने,”है पालक?” बोला वो बड़े विराग से शब्दों में कुछ गूढ़ राग से पालित हूँ,... Hindi · कविता 4 419 Share नवल किशोर सिंह 19 Oct 2018 · 1 min read संयम संयम-एक युद्ध स्वयम के विरुद्ध चंचल मन निर्बन्ध विचरण भावों पे पहरा नीति का ककहरा शमित वृतियाँ उसकी आकृतियाँ सूक्त मनस्थ इन्द्रिय तटस्थ संकल्प सम्बल अचल आत्मबल प्रवृत्ति विशुध्द संयम-एक... Hindi · कविता 3 339 Share नवल किशोर सिंह 16 Oct 2018 · 1 min read मेरी बिटिया मेरी बिटिया चुहिया रानी। काम करे सदा मनमानी। पूरे घर में करती है राज। बिन डाँटे करती नहीं काज। खाना चुग-चुग कर खाती। कभी नहीं पर है अघाती। पढ़ने में... Hindi · कविता · बाल कविता 2 273 Share नवल किशोर सिंह 12 Oct 2018 · 1 min read दैत्य बलात्कार पर केंद्रित एक कविता दैत्य दृग दैत्य कलुष कृत्य वासना वीभत्स दुष्ट दुश्शासन विकृत मनसा लम्पट लालसा भूखे भेड़िये राह में बहेलिये भीत बेटियाँ खतरे की घंटियाँ हरपल भाँपती... Hindi · कविता 2 841 Share नवल किशोर सिंह 9 Oct 2018 · 1 min read मौलिक सृजन मौलिक सृजन लिखिए,नित नया कुछ लिखिए। आस-पास परिवेश से सीखिए। अपने अंदर,जगाइए सृजन शक्ति । मन के भावों की सफल अभिव्यक्ति। गूगल से चुराना,अनैतिक, अधर्म। सच्चे कलाकर्म का समझिए मर्म।... Hindi · कविता 2 668 Share नवल किशोर सिंह 9 Oct 2018 · 1 min read गरीब कौन? गरीब कौन? फकीरी है,फकत फाकाकशी है। निबाले के लाले,ऐसी बेबसी है। सेहत है,दिल अमीर,जिंदादिल है। चक्कलस दोस्तों की महफिल है। सम्बन्ध में है बन्ध,बड़े करीब है। तंगहाल है,पर मालामाल हदीब... Hindi · कविता 3 1 267 Share नवल किशोर सिंह 8 Oct 2018 · 2 min read ज़िन्दगी की किताब जिन्दगी की किताब जिन्दगी एक खुली किताब है अनगिन पन्नों को ऐसा लगता है जैसे गूँथ दिया गया हो एक साथ। कुछ कोरे पृष्ठ, कुछ रंगीन भी। खुशियों से भरी... Hindi · कविता 2 1 457 Share नवल किशोर सिंह 7 Oct 2018 · 1 min read लव स्नैग लव स्नैग (भरतीय वायुसेना में सेवाकाल के प्रारंभिक दिनों की एक कविता) जिगर जलता है मेरी जान बिजली के हीटर की तरह। और दिल धड़कता है फु्ल स्पीड कार के... Hindi · कविता 1 480 Share नवल किशोर सिंह 7 Oct 2018 · 1 min read चकोर तंग आवरित दामन मचलता यौवन-धन पुरजोर तपन,अतृप्त नयन ये कशिश और बेबस मन उच्छ्रंखल युग्म,असीम आकर्षण मन्त्रमुग्ध,मद,निरापद दर्शन झंकृत मन अति बिभोर चौधरी चित्त चंचल बने,चकोर चौधरी। -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 1 492 Share नवल किशोर सिंह 6 Oct 2018 · 1 min read नेता-एक किसान नेता-एक किसान मैं नेता हूँ मैं सबसे बड़ा किसान पाखण्ड की रेती वोटों की खेती धर्म की धरा वैमनस्य का उर्वरा नफरत का बीज लाशों से सींच फसल लहलहाती नोटों... Hindi · कविता 2 608 Share नवल किशोर सिंह 5 Oct 2018 · 1 min read भिखारन-रानी भिखारन-रानी (लार्ड टेनीसन की मूल अंग्रेजी कविता द बेगर मेड का पद्यबद्ध हिंदी अनुवाद) किंग कॉफेचुआ के कोर्ट में आई लड़की एक भिखारन। कपड़े की किल्लत कितनी कि तन से... Hindi · कविता 1 370 Share नवल किशोर सिंह 4 Oct 2018 · 1 min read कॉलेज के दिन बिंदास कॉलेज के दिन बिंदास (जब पहली बार कॉलेज गए तब की एक कविता) जी करता है नोच डालूँ इस कागज़ की मोटी पुड़िया को। फेंक डालूँ, कहीं दूर कहीं इस... Hindi · कविता 1 251 Share नवल किशोर सिंह 3 Oct 2018 · 1 min read अभिनन्दन अभिनन्दन आदरता का पल्लव प्रेषित चरणों में नतमस्तक सह नवकिसलय। पाद-अर्घ्य समर्पित अक्षि के झरनों से दीप्तित,स्नेहस्मित सह ज्वलित हृदय। वन्दन-वादन के संगीत मन-वीणा के तारों से झँकृत। शब्द ही... Hindi · कविता 1 573 Share नवल किशोर सिंह 2 Oct 2018 · 1 min read बापू बापू बापू तू अमर्त्य, दिव्यरूप तेरा भास्वर है। सच पूछो तो तू बापू,अहिंसा का स्वर है। ‘रघुपति राघव’-सम,यही क्या तेरा हृदय था। अशांति की आँधी पे गाँधी एक हिमालय था।... Hindi · कविता 1 289 Share नवल किशोर सिंह 1 Oct 2018 · 1 min read गाँधी गाँधी लाख मुसीबत आने पर भी,तू अपने पथ पर खड़ा रहा। हिंसा की शर से बिंध जाने पर भी,तू अहिंसा से भरा रहा। बाधाओं के पहाड़ से भी,तू दृढ़प्रतिज्ञ कड़ा... Hindi · कविता 1 276 Share नवल किशोर सिंह 29 Sep 2018 · 1 min read केमिस्ट्री और कविता केमिस्ट्री और कविता (कॉलेज के दिनों की एक कविता) मुझे तो केमिस्ट्री के किताब में भी कविता नज़र आती है। अमल,क्षार,लवण-साहित्य की पोथियों में पड़ी रसों की याद दिलाती है।... Hindi · कविता 2 2 2k Share नवल किशोर सिंह 28 Sep 2018 · 1 min read वो तस्वीर वो तस्वीर उस तस्वीर के अंतस में झाँक कर देखा जिन्दगी की कसौटी पर आँक कर देखा निर्निमेष पलकें अपलक निहारती आसमाँ को दूर-सुदूर क्षितिज के उस पार। कुछ ढूंढ... Hindi · कविता 1 637 Share नवल किशोर सिंह 27 Sep 2018 · 1 min read नीलम नीलम (मित्र श्री रामकुमार मण्डल व श्रीमती नीलम मण्डल को समर्पित) मृग सा न दौड़ तू ढूंढ मत कस्तूरी अनुपम। जो मिला पर्याप्त है आँक कभी न इसको कम। मोती-मूंगे... Hindi · कविता 1 621 Share नवल किशोर सिंह 26 Sep 2018 · 1 min read मैं नारी हूँ मैं नारी हूँ संतति का जीवन-श्रृंगार मैं अनघ,तोरण-वंदनवार सृष्टि की सृजन हार मैं नारी हूँ। मैं इड़ा हूँ, मैं श्रद्धा हूँ मैं गँगा, मैं वसुधा हूँ स्वहीन मैं स्वधा हूँ... Hindi · कविता 2 1 436 Share नवल किशोर सिंह 22 Sep 2018 · 1 min read सुनो मुरारी--हास्य कविता सुनो मुरारी अधेड़ उमिर, झुका शमशीर, पर मन में सरगम पुरबईया । चौराहे पर खड़े चौधरी, खबरों के बड़े खेवैया। कहते,मैडम के चक्कर मे मनसुख बने गवैया। आँख बंद और... Hindi · कविता 2 311 Share Previous Page 2 Next