विनोद सिल्ला 574 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next विनोद सिल्ला 10 Aug 2019 · 1 min read अनुच्छेद 47 अनुच्छेद 47 अनुच्छेद संतालिस पढ़, भारतीय संविधान| नशा नियंत्रण सत्ता करे, कर रहा है बखान|| कर रहा है बखान, इसे लागू करवाओ| नशों से कर के मुक्त, धरती को स्वर्ग... Hindi · कुण्डलिया 1 1 464 Share विनोद सिल्ला 2 Apr 2020 · 1 min read लाई हूँ महक लाई हूँ महक मैं हूँ हवा लाई हूँ महक फूलों को छेड़कर चाहती हूँ महकाना आपको आप लोगे तो महक जाओगे दूर हो ताजगी संकीर्णता की दुर्गंध -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 1 464 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लघुकथा *जनहित* ज्यों ही नगर परिषद के चुनाव संपन्न हुआ। विधायक महोदय ने चुनाव जीते हुए, सभी पार्षदों से संपर्क किया। कुछ पार्षदों ने स्वयं विधायक से संपर्क किया। विधायक ने... Hindi · लघु कथा 1 448 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read पशु बनाम मानव पशु बनाम मानव सुनसान से निर्जन जंगल में करती मादा विचरण जंगल में नर पशुओं के बीच है रहती न यौन शोषण का दंश सहती रुत आने पर ही होए... Hindi · कविता 447 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read मानसिक विकास मानसिक विकास दोष होता है या नहीं होता व्यक्ति विशेष का गालियों से नवाजा जाता है आरोपी के पूरे समाज को उसकी पूरी जाति को उसके धर्म को उसके घर... Hindi · कविता 425 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read जीत गया चुनाव जीत गया चुनाव जीत कर चुनाव किए वादों की करते-करते वादाखिलाफी बीत गए साढे़ चार साल अब नेता जी को आए पसीने पृथ्वी देने लगी दिखाई छोटी-सी लगने लगा निर्वाचन... Hindi · कविता 437 Share विनोद सिल्ला 18 Mar 2022 · 1 min read तू ही समझा तू ही समझा लॉकडाउन कब का खत्म हो चुका। रामदुलारे तुम अब भी घर में दुबके पड़े हो। रामदुलारे कुछ नहीं बोला। उसकी पत्नी बोली, "यही बात मैं हजार बार... Hindi · कहानी 475 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read बदलना चाहते हैं बदलना चाहते हैं वो चाहते हैं पूरी दुनिया को बदलना इसी उद्देश्य से लगाते है शाखाएं गांव-गांव शहर-शहर लेकिन अफसोस खुद को नहीं बदलना चाहते -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 509 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read बड़प्पन बड़प्पन अक्सर बच्चे लगा बैठते हैं जिद्द बड़े भी लगा लेते हैं जिद्द बच्चे जाते हैं रूठ बड़े भी जाते हैं रूठ जबकी बच्चों का रूठना होता है क्षणिक और... Hindi · कविता 422 Share विनोद सिल्ला 26 Jul 2019 · 1 min read असल पीड़ा असल पीड़ा भरा है खेत पानी से झुके हुए हैं पानी में खेतीहर मजदूर कर रहे हैं रोपाई धान के पौधों की रह-रह कर पीड़ा होती होगी इनको दुखती होगी... Hindi · कविता 1 420 Share विनोद सिल्ला 15 Sep 2021 · 3 min read हिंदी दिवस की बधाई, कितनी खरी हिंदी दिवस की बधाई, कितनी खरी? -विनोद सिल्ला जब किसी विदेशी को हिंदी बोलते हुए सुनते हैं तो बड़ा कर्णप्रिय लगता है। किसी अफगानिस्तानी या पाकिस्तानी को उर्दू मिश्रित हिन्दी... Hindi · लेख 2 2 432 Share विनोद सिल्ला 13 Apr 2021 · 1 min read हम ही अछूत क्यों हम ही अछूत क्यों मेरे पुर्वजों ने खाया मांस अभाव में जो तुमने ठहरा दिए अछूत तुम करवाते रहे संपन्न वो अनुष्ठान जिनमें दी गई निरिह जानवरों की बलि लेते... Hindi · कविता 3 3 458 Share विनोद सिल्ला 27 Mar 2022 · 1 min read पितृ-भक्ति पितृ-भक्ति सुबह-सुबह विद्यालय के स्टाफ-रूम में अध्यापक नशेर सिंह अपने सहकर्मियों संग बैठा था। अध्यापक रोहित बोला, "नशेर जी कल स्कूल नहीं आए। कल कहाँ घूम आए?" नशेर सिंह ने... Hindi · लघु कथा 2 446 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read झाड़ू का भाग्य झाडू का भाग्य झाडू बड़ी इतराई जब उसे उठाया नेता जी ने कितने फोटो खिंचे उससे पहले कितना संभाला गया जैसे कोई चीज़ हो कीमती धोया गया डिटोल से वाह... Hindi · कविता 437 Share विनोद सिल्ला 2 Dec 2021 · 1 min read दीवार दीवार रामकौर और श्यामलाल ने अपने बहू-बेटे की लाख मान-मनौवल के बाद अपना गांव का घर छोड़ा और बहू-बेटे/पौता-पौती के पास आ गए रहने। कुछ समय बाद रामकौर ऊब गई... Hindi · लघु कथा 1 419 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read परिवर्तन परिवर्तन मैं कुछ नया करना चाहता हूँ फिजां में नया रंग भरना चाहता हूँ मैं चाहता हूँ नवीन परिवर्तन अवरोध बने हैं रिवाज पुरातन वो पुरातन में सम्पूर्णता खोज रहे... Hindi · कविता 2 419 Share विनोद सिल्ला 5 Jan 2022 · 1 min read खाली कुर्सी देखकर दोहा खाली कुर्सी देखकर, भागा भाषणवीर। जैसे खींचे धनुष से, निकल गया हो तीर।। भीड़ जुटाने के लिए, सजा दिया पंडाल। भीड़ नहीं जब जुट सकी, नेता जी बेहाल।। भीड़भाड़... Hindi · दोहा 1 424 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read संदेश भीम का संदेश भीम का मान लीजिए दोस्तो संदेश भीम का। बना दीजिए भारत को देश भीम का।। शिक्षित करो अपने पूरे समाज को, ढूंढ लो मनुवाद रोग के इलाज को, याद... Hindi · गीत 472 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read चुनाव चुनाव देखा चुनाव का दौर प्रचार का शोर लगा हुआ एड़ी-चोटी का जोर किसी को बेचा किसी को खरीदा शह-मात का खेल शेर-बकरी का मेल किसी को रिझाया किसी को... Hindi · कविता 412 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read जुदाई जुदाई मैं कितनी दूर से उससे मिलने आया पर वो रो रहा था उसे गम था किसी से बिछुड़ने का वो आंसू बहा रहा था सभी उसके बहते आंसू रोमांच... Hindi · कविता 441 Share विनोद सिल्ला 20 Oct 2020 · 1 min read विनोद सिल्ला की कुंडलियां पाखंड भोली जनता लूट ली, कर कर के पाखंड| विसार कर तार्किकता , थाम लिए हैं फंड|| थाम लिए हैं फंड , घर कई बर्बाद हुए| भोले भक्तों की भीड़... Hindi · कुण्डलिया 1 489 Share विनोद सिल्ला 15 Nov 2020 · 1 min read सिर्फ दीप जले सिर्फ दीप जले दीप जले सिर्फ दीप ही जले नहीं जली नफरत नहीं जला बिखराव नहीं जला अलगाव सिर्फ दीप जले तो क्या जले फिर तो मैं सही रहा जिसने... Hindi · कविता 2 496 Share विनोद सिल्ला 22 Feb 2020 · 1 min read दुम दुम अवसर था अपने शहर में उपमंडल स्तर के आयोजन का जाने कितने छुटभैये दुम हिलाते लगा रहे थे चक्कर प्रशासनिक अमले के करने के लिए स्वार्थ-सिद्ध उन्हें पता है... Hindi · कविता 2 422 Share विनोद सिल्ला 26 Jul 2019 · 1 min read मूल्यांकन मूल्यांकन आप हैं इंसान मैं भी हूँ इंसान बाकी भी हैं इंसान तो आप बाकियों से बड़े कैसे हैं यह है समझ से परे मुझे आता नहीं समझ कि मैं... Hindi · कविता 1 420 Share विनोद सिल्ला 26 Jul 2019 · 1 min read फरमान फरमान शीतकाल में धूप है कुदरत की अनमोल नियामत हर व्यक्ति अपना कार्य चाहता है निपटाना धूप में लेकिन मैं हूँ बाध्य कक्षाकक्ष में ही अध्यापन करने को फरमान है... Hindi · कविता 1 434 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read बहार बहार न बैठ बहार आने के इंतजार में उठ और लग जा इस प्रयास में कि बहार लानी है और हाँ निसंदेह बहार आएगी तेरे प्रयासों से ही आएगी उस... Hindi · कविता 398 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read सुख सुख नहीं मिला सुख पूजा-पाठ में नहीं मिला सुख धन-दौलत में नहीं मिला सुख अन्य उपक्रमों में जब आया प्रकृति के संपर्क में हुई असीम सुख की अनुभूति -विनोद सिल्ला© Hindi · कविता 1 405 Share विनोद सिल्ला 17 Mar 2022 · 1 min read बांट कर खाने की सीख बांट कर खाने की सीख रेलगाड़ी में सफर करते-करते राजबीर ने चने का लिफाफा निकाला और खाने लगा। खाते-खाते चने का लिफाफा सहयात्री की ओर करके कहा, "थोड़ा लीजिए प्लीज।"... Hindi · लघु कथा 3 6 423 Share विनोद सिल्ला 30 Apr 2022 · 1 min read लक्ष्य लक्ष्य तीर का अपना नहीं होता कोई लक्ष्य, होता है लक्ष्य धनुर्धर का, कीजिए तय आप तीर हैं या धनुर्धर। -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 2 443 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read अनिश्वरवादी अनिश्वरवादी ईश्वर की शपथ लेकर करते हो ऐलान संविधान की अनुपालना का विधी अनुसार कार्य करने का अगले रोज से ही रख देते हो ताख पर संविधान को पूरे पाँच... Hindi · कविता 405 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read प्रश्न चिह्न प्रश्न चिह्न द्रौणाचार्य अगर थी तेरे पास अस्त्र-शस्त्र की की अनूठी विधा तो क्यों काटा एकलव्य का अंगूठा सिखा देता अपने अर्जुन को धनुर्विद्या के वो हुनर जो नहीं जानता... Hindi · कविता 401 Share विनोद सिल्ला 21 Aug 2019 · 1 min read कौन है उत्तरदायी कौन है उत्तरदायी जब शुद्रों को नहीं था अधिकार सेना में भर्ती होने का युद्ध करने का तब होता रहा भारत बार-बार विदेशियों का गुलाम उस सब के लिए कौन... Hindi · कविता 1 401 Share विनोद सिल्ला 5 Jan 2020 · 1 min read तितलियां तितलियाँ कुदरत की हसीन सौगात तितलियाँ। फूलों से करती हैं बात तितलियाँ।। इनमें नेताओं-सा छल-बल नहीं है, नहीं पहुंचाती किसे आघात तितलियाँ।। दफ्तरी बाबू-सी इनमें ऐंठ नहीं है, देती हैं... Hindi · कविता 4 7 405 Share विनोद सिल्ला 30 Sep 2019 · 1 min read वोटों की फसल वोटों की फसल पक गई वोटों की फसल दिया गया इसमें अराजकता का जल समय-समय पर डाली गई दंगों की खाद आवश्यकतानुसार छिड़का गया भाषावाद-क्षैत्रवाद व जातिवाद का कीटनाशक मठाधीशों... Hindi · कविता 2 462 Share विनोद सिल्ला 17 Mar 2022 · 1 min read नापसंद जूते नापसंद जूते युवक यशवंत रूठा था। क्योंकि पापा जो जूते लाए थे। वो थे तो ब्रांडेड लेकिन उसे पसंद नहीं थे। पास बैठे दादा जी ने उसे बताया कि वे... Hindi · कहानी 1 397 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read अल्लाहदीन का चिराग अल्लाहदीन का चिराग अल्लाहदीन का वही चिराग लग जाए जो मेरे हाथ इलाज करूंगा एक मिनट मे आतंकवाद है लाइलाज भ्रष्टाचार पे रोक होगी हर नागरिक जाएगा जाग कन्या भ्रुण... Hindi · कविता 1 475 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read अनजान है इंसान अनजान है इंसान इंसान उलझ गया संकीर्ण दायरों में कर लिया मेकअप आधुनिकता का ओढ़ लिया आवरण सभ्यता का दुनिया बना ली छोटी-सी कूंए के मेंढक की तरह अनजान है... Hindi · कविता 1 411 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read लघुकथा *टूट-फूट* पड़ोसियों के साथ झगड़े में घायल दिनेश को परिजन सरकारी अस्पताल में ले गए। दिनेश के पिता ने फोन पर दिनेश के साथ गए परिजन से जानकारी लेनी चाही।... Hindi · लघु कथा 1 426 Share विनोद सिल्ला 18 Mar 2020 · 1 min read हवा हवा कार्तिक मास गुजरते ही दल-बदलू नेता सी हवा बदली-बदली आई नज़र हाव-भाव रंग-ढंग सब कुछ था बदला बड़ी सियासती है यह हवा -विनोद सिल्ला Hindi · कविता 1 433 Share विनोद सिल्ला 8 Sep 2020 · 1 min read नास्तिक नास्तिक नास्तिक ही पैदा हुआ था मैं बाकी भी होते हैं पैदा नास्तिक ही मानव मूल रूप में होता है नास्तिक नाना प्रकार के प्रपंच करके उसे बनाया जाता है... Hindi · कविता 3 1 454 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read हुनरमंद हुनरमंद उनकी बातें थीं मनमोहक एक-एक शब्द था कर्णप्रिय उसने वही कहा जो चाहते थे श्रोतागण सुनना नहीं था उसे भले-बुरे से सरोकार बड़े हुनरमंद हैं वो मोड़ लेते हैं... Hindi · कविता 1 422 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read धर्म की खिचड़ी धर्म की खिचड़ी सुबह-सुबह पड़ती है कानों में गुरद्वारे से आती गुरबाणी की आवाज तभी हो जाती है शुरु मंदिर की आरती दूसरी ओर से आती हैं आवाजें अजानों की... Hindi · कविता 433 Share विनोद सिल्ला 25 Jul 2019 · 1 min read उसकी मेहनत उसकी मेहनत वो सुबह मुंह अंधेरे पूरे परिवार से पहले उठ जाती है संभालनी होती है घर-गृहस्थी निभानी होती हैं जिम्मेदारियाँ सोती भी है सबसे आखिर में लगाता हूँ जब... Hindi · कविता 387 Share विनोद सिल्ला 17 Aug 2019 · 1 min read हुआ हिमालय क्रोध में हुआ हिमालय क्रोध में हुआ हिमालय क्रोध में, आंखें उसकी लाल| हुआ वनों का दूहना, मानव को न ख्याल|| मानव को न ख्याल, जंगलों को रहा काट| आपदाओं को नियंत्रण,... Hindi · कुण्डलिया 2 429 Share विनोद सिल्ला 8 Sep 2020 · 1 min read कमाल का हुनर कमाल का हुनर रखतीं हैं पूरे परिवार का ख्याल सभी परिजनों की पसंद-नापसंद का ख्याल सबकी इच्छा-अनिच्छा का ख्याल इतना सुनियोजित प्रबंधन कमाल का हुनर रखतीं हैं गृहिणियाँ इनके हुनर... Hindi · कविता 2 2 391 Share विनोद सिल्ला 24 Jul 2019 · 1 min read नहीं चाहिए वो भगवान नहीं चाहिए भगवान नहीं चाहिए वो भगवानजो दलित से अशुद्ध हो जाता है। बाहर गरीब मरता भूखा, वो छप्पन भोग लगाता है।। चैन से नहीं जीने देता , जो नित... Hindi · कविता 452 Share विनोद सिल्ला 26 Jul 2019 · 1 min read बीता समय बीता समय ये सच है आदि काल में धर्म नहीं थे अंधविश्वास-आडंबर और भ्रम नहीं थे तब मानव के आत्मघाती कर्म नहीं थे जाति-मजहब नस्ल व वर्ण नहीं थे रहा... Hindi · कविता 1 423 Share विनोद सिल्ला 20 Apr 2022 · 4 min read उपज खोती खेती उपज खोती धरती -विनोद सिल्ला विधा - आलेख धरती को प्रकृति ने पोषक तत्व सौगात में दिए हैं। ये पोषक तत्व ही धरती की उर्वरा शक्ति है। मानव की अधिक... Hindi · लेख 1 396 Share विनोद सिल्ला 9 Jan 2020 · 1 min read कद का अंदाजा कद का अंदाज़ा मेरे कद का अंदाज़ा मेरे दोस्तों से न लगाइए दोस्त तो पता नहीं कब दुश्मन सा व्यवहार करने लगें मेरे कद का अंदाज़ा मेरे विरोधियों से आसानी... Hindi · कविता 2 412 Share विनोद सिल्ला 28 May 2021 · 1 min read विनोद सिल्ला के दोहे विनोद सिल्ला के दोहे खेल जगत के अजब हैं, अजब सभी हैं काम। रहा अकेला उम्र-भर, मरे तो जुड़े गाम।। हाल-चाल पूछा नहीं, ना बोला दो बोल। अपनी-अपनी अकड़ में,... Hindi · दोहा 1 442 Share Previous Page 2 Next