Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2020 · 1 min read

दुम

दुम

अवसर था अपने शहर में
उपमंडल स्तर के आयोजन का
जाने कितने छुटभैये
दुम हिलाते
लगा रहे थे चक्कर
प्रशासनिक अमले के
करने के लिए स्वार्थ-सिद्ध
उन्हें पता है
जो जितनी जोर से
हिलाएगा पूंछ
तभी उसके हिस्से आएगा कुछ
कइयों ने उठाया खतरा
दुम की शहादत तक का
तब कहीं मिला किसी को
मंच-संचालन का अवसर
किसी को मिला
मंच के आस-पास
मंडराने का अवसर
किसी को मिला
मंचासीनों के समक्ष
नतमस्तक होने का अवसर
किसी को मंचासीनों संग
फोटो खिंचवाने का अवसर
भले ही हिलते-हिलते
टेढ़ी हो गई दुम
सदा के लिए

-विनोद सिल्ला©

Language: Hindi
2 Likes · 426 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय प्रभात*
*आयु पूर्ण कर अपनी-अपनी, सब दुनिया से जाते (मुक्तक)*
*आयु पूर्ण कर अपनी-अपनी, सब दुनिया से जाते (मुक्तक)*
Ravi Prakash
जवानी
जवानी
Bodhisatva kastooriya
मेरी आंखों में कोई
मेरी आंखों में कोई
Dr fauzia Naseem shad
क्या बिगाड़ लेगा कोई हमारा
क्या बिगाड़ लेगा कोई हमारा
VINOD CHAUHAN
अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम
अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम
Shyam Sundar Subramanian
जरूरत से ज़ियादा जरूरी नहीं हैं हम
जरूरत से ज़ियादा जरूरी नहीं हैं हम
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जननी
जननी
Mamta Rani
पापा
पापा
Lovi Mishra
उफ़ ये बेटियाँ
उफ़ ये बेटियाँ
SHAMA PARVEEN
भोजपुरी गाने वर्तमान में इस लिए ट्रेंड ज्यादा कर रहे है क्यो
भोजपुरी गाने वर्तमान में इस लिए ट्रेंड ज्यादा कर रहे है क्यो
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल कहूँ तो मैं ‘असद’, मुझमे बसते ‘मीर’
ग़ज़ल कहूँ तो मैं ‘असद’, मुझमे बसते ‘मीर’
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कमियाॅं अपनों में नहीं
कमियाॅं अपनों में नहीं
Harminder Kaur
दोहे- अनुराग
दोहे- अनुराग
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ्य
शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ्य
Dr.Rashmi Mishra
हो गए दूर क्यों, अब हमसे तुम
हो गए दूर क्यों, अब हमसे तुम
gurudeenverma198
बाल कविता: लाल भारती माँ के हैं हम
बाल कविता: लाल भारती माँ के हैं हम
नाथ सोनांचली
प्यारी तितली
प्यारी तितली
Dr Archana Gupta
*Khus khvab hai ye jindagi khus gam ki dava hai ye jindagi h
*Khus khvab hai ye jindagi khus gam ki dava hai ye jindagi h
Vicky Purohit
नशीली आंखें
नशीली आंखें
Shekhar Chandra Mitra
दवा दारू में उनने, जमकर भ्रष्टाचार किया
दवा दारू में उनने, जमकर भ्रष्टाचार किया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2806. *पूर्णिका*
2806. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुझसे वास्ता था,है और रहेगा
तुझसे वास्ता था,है और रहेगा
Keshav kishor Kumar
हिटलर ने भी माना सुभाष को महान
हिटलर ने भी माना सुभाष को महान
कवि रमेशराज
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"पृथ्वी"
Dr. Kishan tandon kranti
छुट्टी बनी कठिन
छुट्टी बनी कठिन
Sandeep Pande
धैर्य के साथ अगर मन में संतोष का भाव हो तो भीड़ में भी आपके
धैर्य के साथ अगर मन में संतोष का भाव हो तो भीड़ में भी आपके
Paras Nath Jha
धार्मिक होने का मतलब यह कतई नहीं कि हम किसी मनुष्य के आगे नत
धार्मिक होने का मतलब यह कतई नहीं कि हम किसी मनुष्य के आगे नत
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
प्रेम एक सहज भाव है जो हर मनुष्य में कम या अधिक मात्रा में स
प्रेम एक सहज भाव है जो हर मनुष्य में कम या अधिक मात्रा में स
Dr MusafiR BaithA
Loading...