V.k.Viraz 93 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 V.k.Viraz 26 Aug 2020 · 1 min read ||{ कलम }|| कलम हूँ मैं कमाल हूँ। लिखता मै बेमिसाल हूँ। क्रांति की बौछार हूँ। लेखक की तलवार हूँ। सच्चाई की पुकार हूँ। समाज का सुधार हूँ। संसार का आईना हूँ। भावों... Hindi · कविता 1 2 436 Share V.k.Viraz 23 Aug 2020 · 1 min read ■||तुम चलो हम आ रहे हैं||■ तुम चलो हम आ रहे हैं जरा दोस्तों से हाथ मिला रहे हैं। न जाने फिर कब मिल पाएंगे जिनको आज छोड़कर जा रहे हैं। काटी थी जिनके संग मस्ती... Hindi · कविता 5 2 307 Share V.k.Viraz 21 Aug 2020 · 1 min read 【◆कभी दिल से हाल पूछा होता◆】 कभी दिल से हाल पूछा होता तो दिल से अपना हाल बताते हम। ग़म के कितने काँटे चुभे हैं हर किस्सा कह सुनाते हम। तुम तो बस यूं ही ख़ैरियत... Hindi · कविता 4 2 420 Share V.k.Viraz 20 Aug 2020 · 1 min read 【●【मानव पर विकट संकट】●】 संकट तुझ पर विकट आ गया है, मानव तेरा अंत निकट आ गया है। भर गया अब,तेरे पाप का घड़ा पानी सर से अब ऊपर चढ़ा। बादल आख़िरी साँसों का... Hindi · कविता 2 4 364 Share V.k.Viraz 19 Aug 2020 · 1 min read (पुरानी संस्कृति) बीते वक़्त के साथ-साथ तुम भी बदल जाना विराज़। वर्ना तो ये दुनिया पुरानी संस्कृति सी-तुम्हे भूल जाएगी। कवि-वि के विराज़ Hindi · शेर 6 2 261 Share V.k.Viraz 16 Aug 2020 · 1 min read {¶【●मैं ग़ैरों का दुःख फिर भी बंटा रहा हूँ●】¶} पता है के मै लूटा जा रहा हूँ। बाद इसके भी दोस्ती निभा रहा हूँ। कहीं पाता हूँ ख़ुद को ग़लत कहीं यारों को ग़लत पा रहा हूँ। डूबनी है... Hindi · कविता 5 2 271 Share V.k.Viraz 7 Aug 2020 · 1 min read ©®°°°|||【दुनिया】|||°°°®© आग-ऐ-शोलों पे चलाती है दुनिया हर काम मे टांग अड़ाती है दुनिया। सुनती नही किसी की कभी अक्सर अपनी ही अपनी चलाती है दुनिया। दूसरों के पथ पर ढेरों रोड़े... Hindi · कविता 3 4 444 Share V.k.Viraz 6 Aug 2020 · 1 min read 【■【जा फँसोगे】■】 कहाँ -कहाँ और किस-किस से बचोगे। तूफान से बचे तो बवंडर मे जा फँसोगे। रास्ता नही कोई बच निकलने का इनसे, नफ़रत से बचे तो मोहोब्बत मे जा फँसोगे। हयात-ऐ-सफ़र... Hindi · कविता 2 4 252 Share V.k.Viraz 25 Jul 2020 · 1 min read **बुराइयाँ टिकने न देंगे** साँस जब तक रहेगी हम भी रिश्ते मिटने न देंगे। अच्छाइयाँ इस कदर बढ़ाएंगे बुराई टिकने न देंगे। विराज़ Hindi · शेर 6 6 223 Share V.k.Viraz 25 Jul 2020 · 1 min read **प्यार व्यापार** रंग से लोग सच्चे प्यार नही करते। जिन्हें रूह की परख होती है वो जिस्मों का व्यापर नही करते। विराज़ Hindi · शेर 4 4 431 Share V.k.Viraz 24 Jul 2020 · 1 min read **कुछ भी हो सकता है** ये दुनिया है कुछ भी हो सकता है। पल में ख़ुश कोई पल में रो सकता है। Viraz Hindi · शेर 5 2 300 Share V.k.Viraz 24 Jul 2020 · 1 min read चैन हम् ढूंढ़ लाते चैन तो हम खुद ही ढूंढ लाते। हँसकर न सही तो रोकर ही सो जाते। Viraz Hindi · शेर 5 2 226 Share V.k.Viraz 24 Jul 2020 · 1 min read **चाहतों का डेरा** चाहतों का डेरा भी जरूरी है। कुछ मेरा तो कुछ तेरा भी जरूरी है। विराज़ Hindi · शेर 4 2 236 Share V.k.Viraz 24 Jul 2020 · 1 min read **चलन** वफादारी अच्छा चलन है चलाए रखिए। लाख बुराइयों में भी हुनर ख़ुद में ये बनाए रखिए। Viraz Hindi · शेर 2 4 413 Share V.k.Viraz 23 Jul 2020 · 1 min read ||【*त्याग*दो*】|| बुरी मनोस्तिथियों पर गोलियाँ अब दाग दो जिस चीज़ का असर बुरा हो उस चीज को अब त्याग दो। कटु वाणी पर न सुर न ताल न अब राग दो... Hindi · कविता 4 8 373 Share V.k.Viraz 20 Jul 2020 · 1 min read कोरोना{_हाइकु_} दुविधा भारी कोरोना महामारी बढ़ी लाचारी मुँह में मास्क दूरियाँ बढ़ गईं जां बच गई ठप हैं धंधे बढ़ी है भुखमरी जान की पड़ी Hindi · हाइकु 8 10 234 Share V.k.Viraz 19 Jul 2020 · 1 min read 【जसाला वर्ड पिरामिड विधा】 (1) हैं कुल मानव एक जैसा तो क्यों कुछ सुर और कुछ असुर बन बैठे ★■■★ (2) है जब तक ये जातिवाद न होगा ख़त्म इस पावन ज़मी से कभी... Hindi · कहानी 6 5 537 Share V.k.Viraz 17 Jul 2020 · 1 min read 【हम अलग नही】 न तुम अलग,न हम अलग हैं बस हमारा मज़हब अलग है। करते तुम भी पूजा ईश्वर की ही बस हमारा भजन तुम्हारी नमाज़ अलग है। जिसका हम व्रत रखते हैं... Hindi · कविता 5 8 261 Share V.k.Viraz 15 Jul 2020 · 1 min read **प्रभु अब अवतार लो** घड़ा पाप का भर गया प्रेम बाग़ सब उजड़ गया। राक्षसों का खुनी मेला अंतिम चरण चढ़ गया। के मानवहित ख़ातिर प्रभु फिर नरसिंह रूप धार लो प्रभु तुम अब... Hindi · कविता 5 6 445 Share V.k.Viraz 14 Jul 2020 · 1 min read \// अंतिम प्रयास //\ फ़ौलाद भरा है सीने में तो हार कैसे मानु। जब जीत है मेरी मुट्ठी मे तो भेद शिकस्त का क्यों जानु। परिश्रम पर विश्वास करूँ मै न और किसी पर... Hindi · कविता 3 10 435 Share V.k.Viraz 13 Jul 2020 · 1 min read **हाइकु** नोच स्त्री देह_ साधारण मानव_ बना दानव! मन चिंतन_ देख इंसानियत_ का ये खंडन! हकीकत है_ बदलता कोन है_ ग़ैरों के लिए! Hindi · हाइकु 5 8 287 Share V.k.Viraz 12 Jul 2020 · 1 min read ।4।【दोहे】 (1)साथ समय के जो चले ,वो ही भरत उड़ान जो करे बरबाद इसे,बने न कभी महान"। (2)मन मे तीखा भाव रख,न मीठे कि आस कर जो चाहे मिल जाएगा,बस तनिक... Hindi · दोहा 6 6 257 Share V.k.Viraz 11 Jul 2020 · 1 min read ** हम लड़ेंगे ** बाजार की महँगाई से सत्ता की चतुराई से जीवन की हर कठिनाई से हम लड़ेंगे । हम बलिदानी वीर हैं सच्चाई के तीर हैं। लेकर जीवन को अपने रहते सदा... Hindi · कविता 5 6 301 Share V.k.Viraz 10 Jul 2020 · 1 min read ■【(3) हाइकु】■ याद प्रीतम- मन करे विभोर- हो दुःख जोर! ********* प्रेम रुआता- ह्रदय को जलाता- दर्द बढ़ाता! ********* सावन बर्षा- न आई सवारिया- मन तरसा! कवि-वि के विराज़ Hindi · हाइकु 5 4 388 Share V.k.Viraz 9 Jul 2020 · 1 min read {● 【◆【अँधेरे अभी दिन तेरे हैं ] ◆】●} अँधेरे अभी दिन तेरे हैं बढ़ जितना तू बढ़ सकता है। छा जा ज़मी आसमान तक ढक उजाले को तू जितना अभी ढक सकता है। है हाँथ नही कुछ भी... Hindi · कविता 3 4 254 Share V.k.Viraz 8 Jul 2020 · 1 min read ** ||| फ़ौलादी ज़िगर||| ** मन की व्यथाओं से जीवन की दुविधाओं से भी बाहर आया जा सकता है गर जिगर फ़ौलादी हो तो हर दोष मिटाया जा सकता है। चिंताओं को आग लगाकर भय... Hindi · कविता 4 6 323 Share V.k.Viraz 6 Jul 2020 · 2 min read ◆【{{{ मै वहाँ नही जाऊँगा }}}】◆ उस शहर की ओर मै नही जाऊँगा। जहाँ बिकता है इंसान मै वहाँ नही जाऊँगा। उस गुलशन की ओर मै नही जाऊँगा। जहाँ टूटकर बिखर जाते हैं पत्ते मै वहाँ... Hindi · कविता 6 10 264 Share V.k.Viraz 4 Jul 2020 · 2 min read ¶¶【हमे चलते रहना चाहिए】¶¶ दिन तो ढलता ही है उसे ढलते रहना चाहिए। कर्तव्य हमारा चलना है हमे चलते रहना चाहिए। सूरज तो जलता ही है उसे जलते रहना चाहिए। कर्तव्य हमारा चलना है... Hindi · कविता 4 4 320 Share V.k.Viraz 3 Jul 2020 · 2 min read ●{◆|◆ वो पुराने दिन ◆|◆}● वो पुराना गाँव वो पुराने लोग वो बुजुर्गों का प्यार वो बड़ों का दुलार कहाँ खो गए। वो पुराना खेल वो अपनों से मेल वो पुरानी आपसदारी वो सब संग... Hindi · कविता 2 4 245 Share V.k.Viraz 9 Jun 2020 · 3 min read 【बेटियों की उड़ान】 कृपालाल एक मजदूर है जो कबाड़े का काम करके अपने बीवी,बच्चों का भरण पोषण करता है उसके घर मे उसकी बीवी के अलावा उसकी दो बेटियां हैं जो स्कूल जाती... Hindi · कहानी 3 2 309 Share V.k.Viraz 4 Jun 2020 · 1 min read 【मानवता धँसती जाएगी】 मानवता और अधिक जमी में धँसती जाएगी। बस्ती इंसानों की जैसे जैसे और बसती जाएगी। बढ़ती जाएगी क्रूरता और प्रेम भावना घटती जाएगी। बुराइयों के ढेर बढ़ेंगे अच्छाइयों की चट्टानें... Hindi · कविता 5 8 332 Share V.k.Viraz 26 May 2020 · 1 min read बदल गई ये दुनिया प्रभू है प्रभू तूने कैसी ये सृष्टि रचाई। किसी के दुःख किसी के ख़ुशी हाँथ आई। ज्ञान के तेरे सब भवसागर आज हुए धरासाई। छोड़कर स्नेह की फुलवारी करें सब नफ़रत... Hindi · कविता 2 2 249 Share V.k.Viraz 25 May 2020 · 1 min read [[ संगदिल सनम ]] बड़े दूर के मुसाफ़िर हैं जरा आराम लेने दो। मंज़िल भी ढूंढ लेंगे जरा हाँथ उनका थाम लेने दो। नही चढ़ती हमे किसी मैक़दे की दारू हम ख़ुद झूमेंगे अभी... Hindi · कविता 2 2 254 Share V.k.Viraz 24 May 2020 · 1 min read 【फूटी क़िस्मत】 नही लिखी जाएंगी नज़्में कोई नही खाई जाएंगी कसमें कोई। सबकुछ छोड़ दिया हमने अब जब से है हमारी ज़िन्दगी रोई। हर बाज़ी हारते हि चले गए हम क़िस्मत जब... Hindi · कविता 4 3 367 Share V.k.Viraz 24 May 2020 · 1 min read (ख़्याल तुम्हारा) ख़्याल तुम्हारा आता रहता है मुझे नींदों से जगाता रहता है। रह रह कर मेरे मन के भीतर दर्द सदा ये बढ़ाता रहता है। ख़्याल तुम्हारा आता रहता है पल... Hindi · मुक्तक 2 304 Share V.k.Viraz 22 May 2020 · 2 min read ■【【हमे मानव मोल चुकाना है】】■ प्रेम के पथ पे जाना है मन उपवन में पुष्प खिलाना है। दिखा के सब पे दया दृष्टि हमे मानव मूल चुकाना है। सो चुकी जो मानवता दिल मे उसे... Hindi · कविता 2 6 285 Share V.k.Viraz 21 May 2020 · 1 min read {【मुश्किल】}(एक पथ प्रदर्शक) जीवन मे जितनी भी मुश्किलें आती हैं। राहें मंजिलों के उतनी ही क़रीब पहुँच जाती हैं। इनसे घबराकर पीछे चलने वालों को कुछ हासिल नही होता। जिनके ईरादों में जान... Hindi · कविता 3 2 539 Share V.k.Viraz 20 May 2020 · 1 min read 【【मज़दूर】】 एक सुकून की तलाश में निकले थे अपनों से मिलने की फ़िराक में निकले थे। मालूम न था सफ़र अधूरा रह जाएगा रास्ते भी मज़दूरों के ख़िलाफ़ में निकले थे।... Hindi · मुक्तक 3 6 227 Share V.k.Viraz 19 May 2020 · 1 min read }}सड़क{{【【एक राही】】 बन सड़क चल बेधड़क रुक न किसी मोड़। *** मेहनत ख़ुद रंग लाएगी तु क़दम बढ़ा पुलजोर। *** अनसुना कर बातों को जो खींचे पीछे की ओर। *** कमजोर इरादों... Hindi · कविता 3 1 277 Share V.k.Viraz 18 May 2020 · 1 min read कोरोना हरि हरि की गुहार कर भगवान को पुकार कर मानव आज चीख़ रहा मृत्यु निकट जान कर। मंदिर में कर पूजा पाठ गलती अपनी सुधार रहा कैसे निपटें महामारी से... Hindi · कविता 3 4 387 Share V.k.Viraz 17 May 2020 · 1 min read समय अभी निकला नही है समय अभी निकला नही है ********************* पछता न अपनी करनी पर जो भूल हुई सो भूल जा। माथा टेक के बैठ न फिर से मन मे जोश जगा के वक़्त... Hindi · कविता 2 2 457 Share V.k.Viraz 16 May 2020 · 1 min read भविष्य साथ समय ने जब दिया तब ख़ास कुछ भी किया नही। व्यर्थ गवांते रहे वक़्त को ध्यान भविष्य पर दिया नही। घूमना फिरना काम रहा चर्चों में बदनाम नाम रहा।... Hindi · कविता 2 2 306 Share V.k.Viraz 15 May 2020 · 1 min read दुःख की घड़ी (दुःख कि घड़ी) ************ चिंता को दूर कर भय के मायाजाल से बाहर निकल। ये दुःख की घड़ी है प्यारे जल्दी ही तेज़ हवा की भांति ये भी जाएगा टल।... Hindi · कविता 3 6 481 Share Previous Page 2