V.k.Viraz Tag: कविता 54 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid V.k.Viraz 2 Jun 2021 · 2 min read ●■ मैं ख़ुद में बदलाव लाऊँगा ■● किसी और पे उम्मीद न जगाऊँगा न दुनिया से कोई आस लगाऊंगा। मैं उस दिन कहूँगा अपनी मदद करने को जिस दिन मैं भी किसी को सहारा लगाऊंगा। दुनिया को... Hindi · कविता 2 6 286 Share V.k.Viraz 5 May 2021 · 1 min read ■ सुर या असुर इंसान ■ तुम सुर हो के असुर मुझे बता दो इंसानों इस गहरे राज़ से पर्दा आज उठा दो इंसानों। खोल दो आज हक़ीक़त का चिट्ठा अपने, सच जो हैं सबके सामने... Hindi · कविता 3 2 518 Share V.k.Viraz 3 Mar 2021 · 1 min read {◆काश जीवन से समझौता कर लेते◆} न गिरते अश्रु धारे,न चिंता मन को खाती न ह्रदय रोग उभरता,न ज़िंदगी कठिन कहलाती। गर अड़चनों से दृढ़ता का सौदा हम कर लेते। काश जीवन से समझौता हम कर... Hindi · कविता 3 2 358 Share V.k.Viraz 2 Mar 2021 · 1 min read उम्र भर के लिए ज़मी पे आया कौन है? मौत को शिकस्त दे पाया कौन है उम्र भर के लिए ज़मी पे आया कौन है। दो-चार क़दम का सभी का सफर है, पूरे रास्ते पे चल पाया कौन है।... Hindi · कविता 2 2 398 Share V.k.Viraz 8 Feb 2021 · 1 min read 【◆जब सितारे गर्दिश में हों◆】 जब सितारे गर्दिश में हो तो चुभ जाते हैं फूल साफ़ पड़े कमरे में भी लग जाती है धूल। हट जाते हैं सर से अपनों के भी सहारे। किनारे में... Hindi · कविता 1 3 449 Share V.k.Viraz 6 Feb 2021 · 1 min read **मैं परेशानी हूँ** आना जाना है काम मेरा सुख दुख दिखाना है काम मेरा। बैरी नही किसी की मैं न ही किसी की साथी हूँ। सौंप के स्वयं को तुम्हें जीना सिखाना है... Hindi · कविता 3 4 273 Share V.k.Viraz 3 Feb 2021 · 1 min read *कुछ खत मोहोब्बत के * पैसों के दौर में हम ग़रीब लगे उसे। शायद इसलिए वो हमसे नज़रें चुराकर गई। निभा न सके हम उससे जिस्मानी मोहब्बत शायद इसलिए वो हमसे हाँथ छुड़ाकर गई। प्यार... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 71 427 Share V.k.Viraz 2 Feb 2021 · 1 min read ** कुछ तो है ** ख़ुशी न सही ज़िन्दगी में ग़म तो है। कुछ न होने से बेहतर है के कुछ तो है। भौतिक चीजों की मुझे अब ज़रूरत नही। मेरे अंदर का एक महल... Hindi · कविता 1 8 292 Share V.k.Viraz 1 Feb 2021 · 1 min read **ये दुनिया छल की नगरिया** ये दुनिया छल की नगरिया यहाँ सब का अलग नज़रिया। हर चीज़ का यहाँ पर दाम है ये दुनिया महँगी बजरिया। यहाँ सब मुसाफ़िर इसके हैं संघर्ष में सब पिसते... Hindi · कविता 1 282 Share V.k.Viraz 31 Jan 2021 · 1 min read ■● तुम न करोगे तो कौन करेगा ●■ न टालो किसी और पर अपनी जिम्मेदारी का भार न रुको की कोई और होगा हर मुश्किल उठाने को तैयार तुम न रखोगे पहला पग तो अपना पग कौन धरेगा... Hindi · कविता 1 271 Share V.k.Viraz 29 Jan 2021 · 1 min read ■【चाहे हार हो चाहे जीत हो】■ अब हार हो चाहे जीत हो चाहे युद्ध हो चाहे प्रीत हो करना है हर दरिया पार अब चाहे सुख मिले चाहे टीश हो। चाहे फ्लॉप फ़िल्म सा पिट जाऊँ... Hindi · कविता 2 2 319 Share V.k.Viraz 22 Nov 2020 · 1 min read ■■ कलयुग अंत ■■ हद से ज्यादा द्वेष,पाप जब बढ़ जाएगा अंत कलयुग का तब आएगा। संभोग की लालसा स्त्री को सताएगी पुरुष बहनों तक से हवस मिटाएगा। दया धर्म सब मिट चुका होगा... Hindi · कविता 1 2 340 Share V.k.Viraz 13 Nov 2020 · 1 min read माँ-बाप-और बेटा पार्ट 2 ◆ --------------------------- क्या हुआ के माँ बाप ने कुछ कह दिया तुझे इस बड़े संसार मे अमूल्य जीवन दिया तुझे। बातें आज उनकी तुझे बे-फिजूल लगती हैं जिन बातों से जीने... Hindi · कविता 515 Share V.k.Viraz 30 Oct 2020 · 1 min read ●■ मैं अगर भगवान हुआ तो ■● मैं अगर भगवान हुआ तो दुनिया नई बनाऊंगा। हर जाति बस जाएगी इंसान नही बसाउंगा। ये हैं मानव रूपी शैतान लेते सिर्फ़ हवस का ज्ञान। कई दफाइन्हें दियाजीवन पर अब... Hindi · कविता 1 462 Share V.k.Viraz 28 Oct 2020 · 1 min read ◆◆मेरा सफ़र◆◆ मैं जिस राह चला हूँ वो राह अलग है। हर तरफ काँटे हर तरफ मौत ही मौत है। दु:ख है दर्द है और हैं काली रातें, सन्नटा है, अंधेरा है... Hindi · कविता 1 268 Share V.k.Viraz 26 Oct 2020 · 1 min read ज़िन्दगी से डरा गया कोई आग जीवन मे लगा गया कोई दिल को मेरे दुखा गया कोई। लहराता हुआ मैं इक़ फूल था, रूखी बातोंसे जिसे मुर्झा गया कोई। देखे थे मैंने भीऊँचे महलों के... Hindi · कविता 2 1 238 Share V.k.Viraz 25 Oct 2020 · 1 min read 【■ शराबी ■】 हालातों ने मुझको बनाया शराबी वरना थी न मुझमें तनिक खराबी। अब जो मैं पीता नजर आता हूँ, समझों केबस गम भुलाए जाता हूँ। बिन पिये रहे मेरे क़दम लड़खड़ाते... Hindi · कविता 1 300 Share V.k.Viraz 25 Oct 2020 · 1 min read ●◆दर्द का हिसाब◆● दर्द का मेरे कोई हिसाब नही लगाता बुरे वक़्त में मेरे कोई पास नही आता। दूर से निकल जाते हैं राम-राम करके नज़दीक से कोईभी हाँथ नही मिलाता। चमक जबतक... Hindi · कविता 1 380 Share V.k.Viraz 23 Oct 2020 · 1 min read // क़िस्मत // तन्हाईयाँ भी तन्हाइयों को रास नही आतीं। कुछ तो खता होगी वर्ना काली घटाएँ यूहीं उजालों के पास नही आती। मंज़र यूहीं नही बदलता बुरी नजरों के देख लेने से।... Hindi · कविता 3 2 251 Share V.k.Viraz 23 Oct 2020 · 1 min read ●【--मैं क़तरा ज़मी का--】● चमक चहरे पे मग़र दिल मे दर्दों के साए रहते हैं। मैं ज़मी का ऐसा क़तरा हूँ जिसके सर पे सदा बादल छाए रहते हैं। एक पल भी सुकूँ का... Hindi · कविता 2 2 342 Share V.k.Viraz 17 Oct 2020 · 1 min read ■///【बदलता दौर】■ दौर उल्फ़त का ख़तम हो गया है। मतलबी अबहर सनम हो गया है। पहले इंसानियत हीधरम था,अब पैसा सभी का मजहब हो गया है। कागज़ के नोटों पे चलती है... Hindi · कविता 3 2 330 Share V.k.Viraz 14 Sep 2020 · 1 min read ((())) ग़मों के डेरे ((())) घर के आगे मेरे भी ग़मो नेडेरे बहुत लगाए हैं। तुम्हारी ही तरह हमे भी कभी अपनों ने सताए हैं कभी ग़ैरों ने सताए हैं। इम्तिहान तो हम भी बचपन... Hindi · कविता 2 2 269 Share V.k.Viraz 14 Sep 2020 · 1 min read ||||◆लोग बहुत सारे◆|||| अपने शहर में रहते हैं लोग बहुत सारे, कुछ वक्त के सताए हुए कुछ अपनों के मारे। तिल तिल कर बिखरा है जिनका जीवन ये सारा, सहारों में रहकर भी... Hindi · कविता 1 4 279 Share V.k.Viraz 14 Sep 2020 · 1 min read ●【नक़ाब हटाया जाए】● चेहरों से नकाबों को अब हटाया जाए झूठ का सामना हक़ीक़त से कराया जाए। बहुत रह लिए दो मुए साँप बनकर क्यों न अब एक रूप में ज़िंदगी को बिताया... Hindi · कविता 2 4 269 Share V.k.Viraz 31 Aug 2020 · 1 min read // रात // ये रात भी क्या कुछ दे जाती है थके हुए इंसान को प्यारी नींद सुलाती है। चिंताओ के बोझ से भय मुक्त करवाती है ये रात भी क्या कुछ दे... Hindi · कविता 3 2 621 Share V.k.Viraz 29 Aug 2020 · 1 min read ||●||साथी||●|| एक साथी बिछड़ गया है उसे ढूंढ रहा हूँ। खोज रहा हूँ पूछ रहा हूँ। यादों में उसकी तड़प रहा हूँ सिसक रहा हूँ। मिलने को उससे तरस रहा हूँ... Hindi · कविता 4 6 326 Share V.k.Viraz 26 Aug 2020 · 1 min read ||{ कलम }|| कलम हूँ मैं कमाल हूँ। लिखता मै बेमिसाल हूँ। क्रांति की बौछार हूँ। लेखक की तलवार हूँ। सच्चाई की पुकार हूँ। समाज का सुधार हूँ। संसार का आईना हूँ। भावों... Hindi · कविता 1 2 455 Share V.k.Viraz 23 Aug 2020 · 1 min read ■||तुम चलो हम आ रहे हैं||■ तुम चलो हम आ रहे हैं जरा दोस्तों से हाथ मिला रहे हैं। न जाने फिर कब मिल पाएंगे जिनको आज छोड़कर जा रहे हैं। काटी थी जिनके संग मस्ती... Hindi · कविता 5 2 336 Share V.k.Viraz 21 Aug 2020 · 1 min read 【◆कभी दिल से हाल पूछा होता◆】 कभी दिल से हाल पूछा होता तो दिल से अपना हाल बताते हम। ग़म के कितने काँटे चुभे हैं हर किस्सा कह सुनाते हम। तुम तो बस यूं ही ख़ैरियत... Hindi · कविता 4 2 481 Share V.k.Viraz 20 Aug 2020 · 1 min read 【●【मानव पर विकट संकट】●】 संकट तुझ पर विकट आ गया है, मानव तेरा अंत निकट आ गया है। भर गया अब,तेरे पाप का घड़ा पानी सर से अब ऊपर चढ़ा। बादल आख़िरी साँसों का... Hindi · कविता 2 4 382 Share V.k.Viraz 16 Aug 2020 · 1 min read {¶【●मैं ग़ैरों का दुःख फिर भी बंटा रहा हूँ●】¶} पता है के मै लूटा जा रहा हूँ। बाद इसके भी दोस्ती निभा रहा हूँ। कहीं पाता हूँ ख़ुद को ग़लत कहीं यारों को ग़लत पा रहा हूँ। डूबनी है... Hindi · कविता 5 2 293 Share V.k.Viraz 7 Aug 2020 · 1 min read ©®°°°|||【दुनिया】|||°°°®© आग-ऐ-शोलों पे चलाती है दुनिया हर काम मे टांग अड़ाती है दुनिया। सुनती नही किसी की कभी अक्सर अपनी ही अपनी चलाती है दुनिया। दूसरों के पथ पर ढेरों रोड़े... Hindi · कविता 3 4 458 Share V.k.Viraz 6 Aug 2020 · 1 min read 【■【जा फँसोगे】■】 कहाँ -कहाँ और किस-किस से बचोगे। तूफान से बचे तो बवंडर मे जा फँसोगे। रास्ता नही कोई बच निकलने का इनसे, नफ़रत से बचे तो मोहोब्बत मे जा फँसोगे। हयात-ऐ-सफ़र... Hindi · कविता 2 4 270 Share V.k.Viraz 23 Jul 2020 · 1 min read ||【*त्याग*दो*】|| बुरी मनोस्तिथियों पर गोलियाँ अब दाग दो जिस चीज़ का असर बुरा हो उस चीज को अब त्याग दो। कटु वाणी पर न सुर न ताल न अब राग दो... Hindi · कविता 4 8 383 Share V.k.Viraz 17 Jul 2020 · 1 min read 【हम अलग नही】 न तुम अलग,न हम अलग हैं बस हमारा मज़हब अलग है। करते तुम भी पूजा ईश्वर की ही बस हमारा भजन तुम्हारी नमाज़ अलग है। जिसका हम व्रत रखते हैं... Hindi · कविता 5 8 274 Share V.k.Viraz 15 Jul 2020 · 1 min read **प्रभु अब अवतार लो** घड़ा पाप का भर गया प्रेम बाग़ सब उजड़ गया। राक्षसों का खुनी मेला अंतिम चरण चढ़ गया। के मानवहित ख़ातिर प्रभु फिर नरसिंह रूप धार लो प्रभु तुम अब... Hindi · कविता 5 6 475 Share V.k.Viraz 14 Jul 2020 · 1 min read \// अंतिम प्रयास //\ फ़ौलाद भरा है सीने में तो हार कैसे मानु। जब जीत है मेरी मुट्ठी मे तो भेद शिकस्त का क्यों जानु। परिश्रम पर विश्वास करूँ मै न और किसी पर... Hindi · कविता 3 10 516 Share V.k.Viraz 11 Jul 2020 · 1 min read ** हम लड़ेंगे ** बाजार की महँगाई से सत्ता की चतुराई से जीवन की हर कठिनाई से हम लड़ेंगे । हम बलिदानी वीर हैं सच्चाई के तीर हैं। लेकर जीवन को अपने रहते सदा... Hindi · कविता 5 6 325 Share V.k.Viraz 9 Jul 2020 · 1 min read {● 【◆【अँधेरे अभी दिन तेरे हैं ] ◆】●} अँधेरे अभी दिन तेरे हैं बढ़ जितना तू बढ़ सकता है। छा जा ज़मी आसमान तक ढक उजाले को तू जितना अभी ढक सकता है। है हाँथ नही कुछ भी... Hindi · कविता 3 4 274 Share V.k.Viraz 8 Jul 2020 · 1 min read ** ||| फ़ौलादी ज़िगर||| ** मन की व्यथाओं से जीवन की दुविधाओं से भी बाहर आया जा सकता है गर जिगर फ़ौलादी हो तो हर दोष मिटाया जा सकता है। चिंताओं को आग लगाकर भय... Hindi · कविता 4 6 348 Share V.k.Viraz 6 Jul 2020 · 2 min read ◆【{{{ मै वहाँ नही जाऊँगा }}}】◆ उस शहर की ओर मै नही जाऊँगा। जहाँ बिकता है इंसान मै वहाँ नही जाऊँगा। उस गुलशन की ओर मै नही जाऊँगा। जहाँ टूटकर बिखर जाते हैं पत्ते मै वहाँ... Hindi · कविता 6 10 283 Share V.k.Viraz 4 Jul 2020 · 2 min read ¶¶【हमे चलते रहना चाहिए】¶¶ दिन तो ढलता ही है उसे ढलते रहना चाहिए। कर्तव्य हमारा चलना है हमे चलते रहना चाहिए। सूरज तो जलता ही है उसे जलते रहना चाहिए। कर्तव्य हमारा चलना है... Hindi · कविता 4 4 357 Share V.k.Viraz 3 Jul 2020 · 2 min read ●{◆|◆ वो पुराने दिन ◆|◆}● वो पुराना गाँव वो पुराने लोग वो बुजुर्गों का प्यार वो बड़ों का दुलार कहाँ खो गए। वो पुराना खेल वो अपनों से मेल वो पुरानी आपसदारी वो सब संग... Hindi · कविता 2 4 273 Share V.k.Viraz 4 Jun 2020 · 1 min read 【मानवता धँसती जाएगी】 मानवता और अधिक जमी में धँसती जाएगी। बस्ती इंसानों की जैसे जैसे और बसती जाएगी। बढ़ती जाएगी क्रूरता और प्रेम भावना घटती जाएगी। बुराइयों के ढेर बढ़ेंगे अच्छाइयों की चट्टानें... Hindi · कविता 5 8 351 Share V.k.Viraz 26 May 2020 · 1 min read बदल गई ये दुनिया प्रभू है प्रभू तूने कैसी ये सृष्टि रचाई। किसी के दुःख किसी के ख़ुशी हाँथ आई। ज्ञान के तेरे सब भवसागर आज हुए धरासाई। छोड़कर स्नेह की फुलवारी करें सब नफ़रत... Hindi · कविता 2 2 268 Share V.k.Viraz 25 May 2020 · 1 min read [[ संगदिल सनम ]] बड़े दूर के मुसाफ़िर हैं जरा आराम लेने दो। मंज़िल भी ढूंढ लेंगे जरा हाँथ उनका थाम लेने दो। नही चढ़ती हमे किसी मैक़दे की दारू हम ख़ुद झूमेंगे अभी... Hindi · कविता 2 2 278 Share V.k.Viraz 24 May 2020 · 1 min read 【फूटी क़िस्मत】 नही लिखी जाएंगी नज़्में कोई नही खाई जाएंगी कसमें कोई। सबकुछ छोड़ दिया हमने अब जब से है हमारी ज़िन्दगी रोई। हर बाज़ी हारते हि चले गए हम क़िस्मत जब... Hindi · कविता 4 3 416 Share V.k.Viraz 22 May 2020 · 2 min read ■【【हमे मानव मोल चुकाना है】】■ प्रेम के पथ पे जाना है मन उपवन में पुष्प खिलाना है। दिखा के सब पे दया दृष्टि हमे मानव मूल चुकाना है। सो चुकी जो मानवता दिल मे उसे... Hindi · कविता 2 6 312 Share V.k.Viraz 21 May 2020 · 1 min read {【मुश्किल】}(एक पथ प्रदर्शक) जीवन मे जितनी भी मुश्किलें आती हैं। राहें मंजिलों के उतनी ही क़रीब पहुँच जाती हैं। इनसे घबराकर पीछे चलने वालों को कुछ हासिल नही होता। जिनके ईरादों में जान... Hindi · कविता 3 2 554 Share V.k.Viraz 19 May 2020 · 1 min read }}सड़क{{【【एक राही】】 बन सड़क चल बेधड़क रुक न किसी मोड़। *** मेहनत ख़ुद रंग लाएगी तु क़दम बढ़ा पुलजोर। *** अनसुना कर बातों को जो खींचे पीछे की ओर। *** कमजोर इरादों... Hindi · कविता 3 1 292 Share Page 1 Next