विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 110 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 3 May 2020 · 1 min read हम बालक भोले-भाले हैं हम बालक भोले - भाले हैं। चाहे गोरे हैं या काले हैं। है अपनी अलग सी दुनिया, हम जग में सबसे निराले हैं। छोटे - छोटे से पग हैं अपने,... Hindi · कविता · बाल कविता 2 2 1k Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 19 Jun 2020 · 1 min read गाँव का छोरा भाग - 1 मैं तो हूँ गाँव का छोरा, शहर की एक तुम छोरी। मैं तो हूँ साँवला बिल्कुल,मगर तुम हो बहुत गोरी। बनेगा मेल कैसा ये, तुम्हारा और मेरा... Hindi · मुक्तक 3 2 665 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 5 May 2020 · 1 min read शराब की महिमा ये शराब तो कितनों की बत्ती गुल कराती है। खर्चे भी अनगिनत ही ये फिजूल कराती है। जब चढ़ती है ये अपने असली शबाब पर तो, अच्छे - अच्छे लोगों... Hindi · कविता 3 600 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 7 Aug 2020 · 1 min read अपना मिलन #मनमोहन_छंद तुमसे ही लड़, गया नयन। खुशी से खिला,मन उपवन। चलो सुना दो, मधुर वचन। हो जाऊँ मैं , मस्त मगन। मुझको अपना, बना सजन। आशा की अब,तुम्हीं किरन। छूकर... Hindi · कविता 3 2 578 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 10 Sep 2020 · 1 min read आज के दोहे पर धन की इच्छा कभी,नहीं करो जी आप। पर धन की इच्छा सदा, होता है जी पाप।।१२२।। जो कुछ धन है आपका, वही रहेगा साथ। पर धन तो टिकता नहीं,खाली... Hindi · दोहा 1 8 567 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 28 Jul 2020 · 1 min read ईश्वर सत्य है #सार_छंद राम राम भज ले रे प्राणी, जीवन तर जाएगा। प्रभु के श्री चरणों में आकर,दोष सुधर जाएगा। उर आँगन में साँझ सवेरे, झाड़ू रोज लगाना। लालच के कचरे को... Hindi · कविता 2 4 568 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 28 Aug 2020 · 1 min read माँ की ममता माँ तो ममता की मूरत है, उसके जैसा है कौन यहाँ? माँ के आँचल के सुख जैसा, सुख मिलता है कब किसे कहाँ? माँ का दुलार पाने को ही, ईश्वर... Hindi · कविता 1 4 482 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 12 Jul 2020 · 1 min read सावन के झूले सुपर्वों में भले ही अब, खुशी से हम सभी फूले। नहीं है याद सावन की, ये कजरी गीत भी भूले। बहे पुरवा पवन मद्धम,पड़े रिमझिम फुहारें भी- मगर दिखते नहीं... Hindi · मुक्तक 2 6 489 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 6 Jul 2020 · 1 min read जय शिव शंकर जय हो शिव शंकर, आये हैं हम तेरे दर। नाम है महाकाल, काल भी माने डर। दुःख - संकट सब, प्रभु लो अब हर। माफ करो हे प्रभु!, गलती हो... Hindi · कविता 4 4 462 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 5 May 2020 · 1 min read बेवफाई वे प्यार के पंखों को कुतरने लगे। दिल के अरमान सारे बिखरने लगे। कल तक दिल के नजदीक थे उनके, अचानक ही हम इतना खटकने लगे। वो खुद ही दूर... Hindi · गीत 4 6 453 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 14 Jun 2020 · 1 min read इधर उधर थूकना मना है #मनहरण_घनाक्षरी_छंद लेखन का प्रथम प्रयास?? यहाँ-वहाँ जहाँ-तहाँ,थूकता अगर कोई, उसको पकड़कर , सामने ले आइए। बाल्टी का पानी देकर,हाथों में झाड़ू देकर, उसी से उसी का थूका,साफ भी कराइए। करे... Hindi · घनाक्षरी 2 6 449 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 22 May 2020 · 1 min read नाक़ाफी इंतजाम वादे सारे खोखले, सच में हैं श्रीमान। अब से भी कुछ कीजिए,बचा लीजिए जान।।६१।। Hindi · दोहा 2 458 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 29 Jun 2020 · 1 min read छटा भू की निराली है फुहारे पड़ रहे रिमझिम, घटा ये छायी काली है। लिपटकर जल की बूंदों से,झुकी पेड़ों की डाली है। उमस से है मिली राहत, कृषक भी गा रहे हैं अब- नया... Hindi · मुक्तक 4 461 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 8 Jul 2020 · 1 min read दीदार कर लो तुम बधाई दे रहा हूँ मैं, इसे स्वीकार कर लो तुम। नहीं हूँ तोहफा लाया, मुझे दो-चार कर लो तुम। ठिकाना जिंदगी का क्या, करो दो प्यार की बातें- मिले फ़ुर्सत... Hindi · मुक्तक 1 4 453 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 29 Jul 2020 · 1 min read प्यार जताओ #भुजंग प्रयात छंद कहाँ जा रहे हो मुझे भी बताओ। मुझे संग ले लो अकेले न जाओ। सदा साथ दोगे, दगा तो न दोगे- तुम्हें प्यार है तो यहाँ भी... Hindi · मुक्तक 6 6 420 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 22 Jun 2020 · 1 min read एक सैनिक की आवाज़ हिमाक़त जो करे दुश्मन, कसम से ठोक देंगे हम। बढ़ेगा जो कदम उनका, वहीं पर रोक देंगे हम। रहेगा जब तलक तन में,लहू का एक भी कतरा- वतन की आन... Hindi · मुक्तक 4 2 443 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 29 Aug 2020 · 1 min read जब दिल से दिल का मिलन हुआ जब मिलने को घण्टों बैठा, तब समझा इंतजार क्या है? जब दिल से दिल का मिलन हुआ,तब ये जाना कि प्यार क्या है? रहकर संग तुम्हारे ही तो, सब कुछ... Hindi · गीत 1 6 424 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 5 May 2020 · 1 min read शराब लगे सभी कतार में शराब के लिए। जुटी है भीड़ देखिये ख़िताब के लिए। रसद ज़रूरी है कि ये ज़हर जनाब अब- मिले हमें न कोई भी जवाब के लिए। Hindi · मुक्तक 2 397 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 21 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक चेहरे से ये पर्दा हटा दीजिये। क्या है आपके दिल में बता दीजिये। देखिये इधर अब शर्म को छोड़कर, प्यार है अगर मुझसे जता दीजिये। Hindi · मुक्तक 2 411 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 15 Jun 2020 · 1 min read ख़ुदकुशी खुदकुशी से खुशी, क्या कोई भी पाते हैं। त्यागकर निज प्राण, सबको ही रुलाते हैं। हो जाते मुक्त भले ही, खुद पीड़ा से वे- जीवन भर तिल-तिल,अपनों को तड़पाते हैं। Hindi · मुक्तक 3 4 411 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 14 Sep 2020 · 1 min read हमारी हिंदी हिंदी की जो करें साधना, माँ हिंदी के वे रक्षक हैं। नये जमाने का दिखने को, कुछ जन हिंदी के भक्षक हैं। हिंद देश का वासी होकर, जो हिंदी का... Hindi · कविता 3 2 434 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 30 Apr 2020 · 1 min read प्रेम गीत मैं तो रोगी हुआ जान तेरे प्यार में, अब आके खुद ही मेरा दवा कीजिए। तर-बतर हो गया है तन ये स्वेद से, अपने पल्लू से ठंडी हवा कीजिये। अभिलाषी... Hindi · गीत 1 450 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 29 May 2020 · 1 min read इंसाफ कर दें हम लगे हैं झाले जो दिल में,जरा सा साफ कर दें हम। करे गलती अगर कोई, उसे भी माफ कर दें हम। जिएँ इंसानियत खातिर, मरें इंसानियत खातिर - खुदा दे... Hindi · मुक्तक 5 445 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 4 Jul 2020 · 1 min read बेरोजगारों का दर्द न समझे दर्द कोई भी कभी बेरोजगारों का। मिले उनको नहीं यारों, कहीं मौसम बहारों का। व्यथा क्या है सबब क्या है न कोई पूछने आता- रुका है ब्याह भी... Hindi · मुक्तक 4 4 432 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 22 Jul 2020 · 1 min read प्यार से डर है नहीं प्रतिकार से डर है,नहीं इनकार से डर है। नहीं तकरार से डर है,नहीं ललकार से डर है। कहूँ भी क्या भला मैं अब,मुझे क्या है परेशानी- बहुत जो दर्द... Hindi · मुक्तक 4 8 437 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 10 May 2020 · 1 min read एक और ग़ज़ल ग़ज़ल(221 1221 1221 122) तरकश के अभी तीर न बेकार करो जी। मासूम दिलों पर न ऐसे वार करो जी। मैं आशिक़ हूँ सिर्फ तिरा ही इक जानम, ख़त इश्क़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 423 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 5 May 2020 · 1 min read मुक्तक इस तरह अब जाँ सताना छोड़ दो। हर घड़ी ये दिल जलाना छोड़ दो। मैं न जानूँ ये मनाने की अदा- रोज़ का तुम रूठ जाना छोड़ दो। Hindi · मुक्तक 2 392 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 3 May 2020 · 1 min read मुक्तक यूँ दिल के पाश से अब तो रिहाई हो नहीं सकती। करे कुछ भी जमाना पर जुदाई हो नहीं सकती। मैं हूँ तेरा, तू है मेरी, हकीकत है यहीं केवल-... Hindi · मुक्तक 362 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 6 May 2020 · 1 min read दोहा बारिश ऐसे हो रही, जैसे भादों मास। गर्मी गायब हो गयी,सर्दी का है वास।।५६।। Hindi · दोहा 1 406 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 17 Jun 2020 · 1 min read छप्पन इंची सीना सरहदों पर आँख दिखाता, चीन बहुत कमीना है। पाँव बढ़ाकर ऐसे ही ,अमन चैन को छीना है। सैनिकों का यह जीवन क्या लगता अनमोल नहीं- सिर्फ भाषणों में ही क्यों... Hindi · मुक्तक 3 2 422 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 9 Jun 2020 · 1 min read सदा ही मुस्कुराओ तुम मिटाकर द्वेष आपस का,गले सबको लगाओ तुम। भरा है जो ज़हर दिल में,उसे फौरन हटाओ तुम। मिलेगा कुछ नहीं तुमको, किसी से नफ़रतें करके- बढ़ाकर दोस्ती आगे, सदा ही मुस्कुराओ... Hindi · मुक्तक 4 388 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 19 May 2020 · 1 min read विवशता हुईं विपरीत शुभ घड़ियाँ, गमों के मेघ छाये हैं। विवशता हो गयी ऐसी,सभी पर भय के साये हैं। हजारों मील की दूरी, नहीं वाहन मिले कोई- बहुत छोटी हुईं राहें,... Hindi · मुक्तक 5 401 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 30 Apr 2020 · 1 min read दिल लगाकर तो देखो 2122 2122 2122 212 यूँ न जाओ दूर अब तुम,दिल लगाकर तो देखो। इश्क़ सच्चा है ये मेरा , आजमाकर तो देखो। तुम क्यों रखती हो इतना अजब मुझसे फासला,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 408 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 8 Sep 2020 · 1 min read याद आदमी की अब कौन ये सुने जी, फरियाद आदमी की। विश्वास पर टिकी है, बुनियाद आदमी की। यह देह तो चली जो,उस लोक की तरफ को- पर पास रहती हरदम, बस याद... Hindi · मुक्तक 2 2 383 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 15 Aug 2020 · 1 min read तिरंगा तिरंगा आन है मेरी, तिरंगा शान है मेरी। तिरंगा रूह है मेरी, तिरंगा जान है मेरी। मरूँ भी तो तिरंगे पर,जियूँ भी तो तिरंगे पर- चला जाऊँ कहीं भी मैं,यही... Hindi · मुक्तक 2 381 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 2 May 2020 · 1 min read दोहा दिनांक - ०२/०५/२०२० पाती पढ़कर प्रेम की,खिला है अंग-अंग। सब कुछ है रंगा हुआ, चढ़ा है प्रेम-रंग।।५५।। विनय कुशवाहा 'विश्वासी' देवरिया (उत्तर प्रदेश) Hindi · दोहा 1 354 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 17 May 2020 · 1 min read पलायन का दर्द ये कवि की लेखनी भी दर्द अब तो लिख नहीं सकती। बना है घाव जो तन पर, किसी को दिख नहीं सकती। बहुत निर्मम हुई सरकार हर सुविधा नदारद है... Hindi · मुक्तक 3 342 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 18 Jul 2020 · 1 min read ख़ुदा की रहमत दुआ ये आपकी हरदम, हमारे काम आई है। मिली है आप ही से तो,ख़ुशी जो आज छाई है। हुए थे दूर कितने हम, नहीं था संग कोई भी- ख़ुदा की... Hindi · मुक्तक 5 4 386 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 1 Aug 2020 · 1 min read अजब सी चाहत बताओ बात क्या है जो,अभी मुझसे छिपाते हो। मुझे यूँ तंग करके तुम, हमेशा मुस्कुराते हो। तुम्हारे प्यार करने का, अजब ही ये तरीका है- हुआ है प्यार मुझसे ही,... Hindi · मुक्तक 5 4 352 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 21 Apr 2020 · 1 min read योजनायें योजनायें भले बनी, देखो कई हजार। रहते हैं फिर भी अभी,गरीब बन लाचार। गरीब बन लाचार,उनकी न कोई सुनता। सभी बने बेदर्द, दुख कोई नहीं हरता। लाख करें वे जतन,... Hindi · कुण्डलिया 2 328 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 7 Jun 2020 · 1 min read अभी से चेत जाओ तुम नदी के गर्भ से इतना, न लेकर रेत जाओ तुम। खजाना लूटकर ऐसे, न अपने केत जाओ तुम। पड़ेगी मार जब उसकी, मिले जीवन नहीं फिर से- प्रकृति के कोप... Hindi · मुक्तक 3 2 330 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 20 Jun 2020 · 1 min read मिलन ये दो दिलों का है (भाग - 2) शहर की एक मैं छोरी,कि तुम हो गाँव का छोरा। भले है रंग काला ही, मगर है दिल तेरा गोरा। न जाओ रूप पर यारा, नज़र में... Hindi · मुक्तक 6 331 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 11 Jun 2020 · 1 min read मैं खुद को श्याम कर दूँगा मुहब्बत में तुम्हारे मैं, सुबह को शाम कर दूँगा। बड़े मासूम से दिल को, तुम्हारे नाम कर दूँगा। दुआ माँगू मैं जब रब से, रहे बस ध्यान तेरा ही- बनो... Hindi · मुक्तक 5 6 326 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 25 Jun 2020 · 1 min read एक ख़्वाहिश लबों को चूम लूँ तेरे,गले तुमको लगा लूँ मैं। अलख ये प्रेम की जानम,जरा दिल में जगा लूँ मैं। दरस अपना मुझे दे दो, नहीं अब दूर जाओ तुम- बदन... Hindi · मुक्तक 5 2 317 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 3 Aug 2020 · 1 min read राखी बहना की सुंदर राखी से,शोभित हुआ कलाई। मन मेरा प्रफुल्लित हुआ जब,माथे तिलक लगाई। जीवन भर उसके रक्षा का, उसे दिया है वादा। इतना है ये बड़ा उपहार, क्या दूँ... Hindi · कविता 5 8 369 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 9 May 2020 · 1 min read दूर जाने लगे हैं न जाने वो क्यों दूर जाने लगे हैं। घड़ी हर घड़ी क्यों सताने लगे हैं। कभी रोज आँखें मिलाये थे जिनसे, हमें आज आँखे दिखाने लगे हैं। Hindi · मुक्तक 2 378 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 20 Aug 2020 · 1 min read मिली है हार अपनों से जिसे समझा कि अपना है,हुआ वो तो पराया है। लिया था संग जिसको मैं,वही वर्षों फिराया है। सरलता से भरा जीवन,सदा अविजित रहा हूँ मैं- मिली है हार अपनों से,नहीं... Hindi · मुक्तक 3 329 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 15 May 2020 · 1 min read गाँव की मिट्टी हमारे गाँव में तुम भी, कभी तो घूमने आओ। हवा के संग बागों में, जरा तुम झूमने आओ। मिलेगी हर खुशी तुमको जहाँ भी पग बढ़ाओगे- बहुत पावन यहाँ की... Hindi · मुक्तक 2 346 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 13 Sep 2020 · 1 min read राम नाम राम नाम का बोल, अमृत रस घोले। जीवन के सब बंद, द्वार को खोले। होता जग कल्याण,सभी दुख मिटते। नहीं बला ये आज, सामने टिकते। आओ प्रभु के द्वार,नहीं घबराओ।... Hindi · कविता 2 2 320 Share विनय कुशवाहा 'विश्वासी' 27 Sep 2020 · 1 min read माता-पिता आज के दोहे मातु पिता की जो सदा, माने सारी बात। उसको ही मिलती यहाँ,खुशियों की सौगात।।१३२।। मातु पिता का तुम कभी,मत करना अपमान। उनसे ही तो तुम बने, इतना... Hindi · दोहा 3 331 Share Page 1 Next