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3 May 2020 · 1 min read

मुक्तक

यूँ दिल के पाश से अब तो रिहाई हो नहीं सकती।
करे कुछ भी जमाना पर जुदाई हो नहीं सकती।
मैं हूँ तेरा, तू है मेरी, हकीकत है यहीं केवल-
जिसे अपना चुका हूँ मैं, पराई हो नहीं सकती।

Language: Hindi
363 Views
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