विजय कुमार अग्रवाल 149 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next विजय कुमार अग्रवाल 6 Sep 2023 · 1 min read शिक्षक दिवस शिक्षक दिवस माता को हम याद कर के शीश झुका कर करते हैं प्रणाम। क्योंकि माता ही देती है सबको, जीवन का सबसे पहला ज्ञान।। याद करो पहली शिक्षक को,देकर... Hindi · कविता 220 Share विजय कुमार अग्रवाल 31 Aug 2023 · 1 min read रक्षा बंधन जिस माथे पर देख रहे हो, तुम चावल रोली और चंदन। हर उस हाथ पर बंधा मिलेगा, तुम्हें बहन की रक्षा का बंधन।। हर बहन के विश्वास और एकता का... Hindi · कविता 1 113 Share विजय कुमार अग्रवाल 27 Jul 2023 · 1 min read आज का अभिमन्यु क्या समाज की परिभाषा है, कैसे समाज का निर्माण हुआ है। हर घर में कोहराम मचा है, क्यों व्यक्ति व्यक्ति से चिढ़ा हुआ है ॥ हिन्दू और मुस्लिम के नाम... Hindi · कविता 106 Share विजय कुमार अग्रवाल 12 Jul 2023 · 1 min read सावन का महीना सावन का महीना है आया,संग संग अपने खुशियां भी लाया। सखियों ने हर घर में जाकर,मिलजुलकर सबको झूला झुलाया।। नंद भाभियां,सास और बहु,मां बेटी ने एक दूजे को श्रंगार कराया।... Hindi · कविता 3 222 Share विजय कुमार अग्रवाल 4 Jul 2023 · 1 min read फितरत या स्वभाव फितरत की परिभाषा क्या है,सबसे जरूरी यही तो हमको समझना है। व्यक्ति के हर एक स्वभाव को हमको,व्यक्ति की फितरत नहीं समझना है।। आदत हर व्यक्ति की कितनी अलग,अलग प्रकार... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 4 298 Share विजय कुमार अग्रवाल 3 Jul 2023 · 1 min read गुरु महिमा वेदों की रचना करी जिसने,वही वेद व्यास कहलाते है। व्यासजी के जन्म के उपलक्ष में,सब मिलकर गुरु पूर्णिमा मनाते हैं।। हर व्यक्ति के जीवन निर्माण में,किसी गुरु की बहुत अहम... Hindi · कविता 3 231 Share विजय कुमार अग्रवाल 29 Jun 2023 · 1 min read सेहत या स्वाद सेहत या स्वाद एक समय था जब घर घर में,घर का बना ही खाना खाया जाता था। हरेक सदस्य जो खाना चाहता था,बस वही बनाया जाता था।। एक समय था... Hindi · कविता 3 147 Share विजय कुमार अग्रवाल 18 Jun 2023 · 1 min read पिता एक सूत्र में बांध सभी को,जो घर में रख पाता है। सब के मुख पर देख हँसी को,जो खुद कभी मुस्कुराता है।। अपने बच्चों की हर ख्वाहिश,जो बोलने से पहले... Hindi · कविता 4 370 Share विजय कुमार अग्रवाल 8 Jun 2023 · 1 min read बारिश बारिश का मौसम क्यों घर में, सबको सबसे सुहाना लगता है। अक्सर साथ बैठ जाते हैं सब,चाय के साथ पकौड़ी खाना अच्छा लगता है।। सुबह देर तक सोना फिर उठ... Poetry Writing Challenge · कविता 4 194 Share विजय कुमार अग्रवाल 8 Jun 2023 · 1 min read खुशियाँ हर व्यक्ति ही चाहता दिल में,खुशियां ही खुशियां हों जीवन में। कैसे आयें बहुत सी खुशियां, हमारे इस नन्हें मुन्ने से जीवन में।। संपत्ति और समृद्धि के पीछे क्यों,भागे हरेक... Poetry Writing Challenge · कविता 6 217 Share विजय कुमार अग्रवाल 8 Jun 2023 · 1 min read स्वदेशी आवाहन हो गया देश में, अब स्वदेशी ही अपनाना है। स्वावलंबी है भारतवासी, यही हमें बस दिखलाना है।। अपना ही इंफ्रास्ट्रक्चर, अपना ही होगा कच्चा माल। भारत का मज़दूर बनाये,... Poetry Writing Challenge · कविता 5 167 Share विजय कुमार अग्रवाल 8 Jun 2023 · 1 min read लालची नेता बंटता समाज क्या समाज की परिभाषा है , कैसे समाज का निर्माण हुआ है । हर घर में कोहराम मचा है , क्यों व्यक्ति व्यक्ति से चिढ़ा हुआ है ॥ हिन्दू और... Poetry Writing Challenge · कविता 7 585 Share विजय कुमार अग्रवाल 8 Jun 2023 · 1 min read जीभ शुगर और बी पी की जाँच तो,हर व्यक्ति ही करवाता है। किन्तु अपनी जीभ की जाँच, कभी वो क्योंकर नहीं कर पाता है।। क्यों इतनी कड़वी है जीभ यह, क्या... Poetry Writing Challenge · कविता 5 492 Share विजय कुमार अग्रवाल 8 Jun 2023 · 1 min read औरत तेरी गाथा एक औरत की सुनो कहानी, बोल ना पाई जो अपनी वानी। जब जब उसने बोलना चाहा,तब तब क्या कह उसको चुप करवाया।। बचपन में उसने जो बोलना चाहा, माँ ने... Poetry Writing Challenge · कविता 5 1 324 Share विजय कुमार अग्रवाल 8 Jun 2023 · 1 min read रिश्ते रिश्तों की गरमाहट मिट गई, लाज हया सब खत्म हो गई। क्यों भाई से भाई लड़ रहा, क्यों बहन बहन से अलग हो गई।। मात पिता ने दी थी शिक्षा,... Poetry Writing Challenge · कविता 7 276 Share विजय कुमार अग्रवाल 8 Jun 2023 · 1 min read आँख मानव शरीर का एक एक अंग,मानव को कुछ ना कुछ बतलाता है। कोई समझ नहीं पाता है उसको,और कोई समझ यह जाता है।। आज करें हम बात आँंख की, आँखो... Poetry Writing Challenge · कविता 4 434 Share विजय कुमार अग्रवाल 8 Jun 2023 · 1 min read बंटते हिन्दू बंटता देश आतंकी थे वो सीम्मी के पुलिस ने जिनको मार गिराया । नींद उडी क्यों नेताओ की आज तलक ये समझ ना आया ॥ देश का बेटा रोज़ मर रहा आतंकी... Poetry Writing Challenge · कविता 5 1 294 Share विजय कुमार अग्रवाल 8 Jun 2023 · 1 min read व्यथा पेड़ की एक पेड़ था सुंदर वन में जिस पर था उल्लू का डेरा । इसी वजह से कोई पक्षी नहीँ लगाता पेड़ का फेरा ॥ दुःखी बहुत था पेड़ सोचकर किसको... Poetry Writing Challenge · कविता 5 197 Share विजय कुमार अग्रवाल 8 Jun 2023 · 1 min read मात पिता सब मिलकर यह कसम उठाओ , जीने का अंदाज़ बदल दो । मात पिता की सेवा करलो , घर के सारे नियम बदल दो ॥ कष्ट उन्हे नहीँ होने देंगे... Poetry Writing Challenge · कविता 4 193 Share विजय कुमार अग्रवाल 8 Jun 2023 · 1 min read बेटियाँ खुशियाँ नहीँ मनाई जाती , क्यों बेटी जब जन्म है लेती । हर घर को खुशियों का खजाना ,जबकि अधिकतर बेटी देती ॥ ज्यों ज्यों बेटी बढ़ती जाती ,माँ की... Poetry Writing Challenge · कविता 4 1 182 Share विजय कुमार अग्रवाल 8 Jun 2023 · 1 min read नारी आज देश का बच्चा हमसे पुछे बारमंबार है। क्यो नारी पर ही समाज मे होते अतयाचार हैं।। जिस समाज का नारी देखो खुद करती निर्माण है। कौन बताये उस समाज... Poetry Writing Challenge · कविता 4 199 Share विजय कुमार अग्रवाल 7 Jun 2023 · 1 min read स्त्री श्रृंगार भद्रकाली का रूप छुपा स्त्री में,उसे बिंदी शांत कराती है। सारी नकारात्मकता स्त्री की,काजल लगते ही चली जाती है।। होठों पर वो लगा कर लाली,जीवन में प्रेम के रंग बिखराती... Poetry Writing Challenge · कविता 4 402 Share विजय कुमार अग्रवाल 7 Jun 2023 · 1 min read अखंड भारत देश के बच्चे बच्चे को देश की खातिर कदम मिलाकर चलना होगा। अंगारे यदि बनते हैं बाधक तो हाथ बढ़ाकर अंगारों पर चलना होगा।। घनघोर घटाएं बनेगी बाधक तब भी... Poetry Writing Challenge · कविता 4 2 343 Share विजय कुमार अग्रवाल 7 Jun 2023 · 1 min read जीभ का कमाल शुगर और बी पी की जाँच तो,हर व्यक्ति ही करवाता है। किन्तु अपनी जीभ की जाँच, कभी वो क्योंकर नहीं कर पाता है।। क्यों इतनी कड़वी है जीभ यह, क्या... Poetry Writing Challenge · कविता 4 401 Share विजय कुमार अग्रवाल 7 Jun 2023 · 1 min read विश्वास ये जो जिंदगी मिली है सबको, कहते हैं सबको भगवान ने पैदा किया। मिलने को भगवान से मैं मंदिर मस्जिद गिरिजा गुरुद्वारे भी गया।। हर एक जगह ढूंढा मैने भगवान... Poetry Writing Challenge · कविता 5 277 Share विजय कुमार अग्रवाल 5 Jun 2023 · 1 min read रिश्तों का सच हर रिश्ते का एक ही सच है,सोचो यह सच दूजे को बतायेगा कौन। सोचो जरा अपने अपने दिल की बातें एक दूजे को फिर समझाएगा कौन।। आज की दरार कल... Poetry Writing Challenge · कविता 3 170 Share विजय कुमार अग्रवाल 5 Jun 2023 · 1 min read सुख दुःख दुख और सुख हर व्यक्ति के जीवन का एक अटूट सा हिस्सा हैं। खुशियां कम पड़ती जीवन में ,बड़े बड़े अरमान भी जीवन का हिस्सा हैं।। जिसे भी देखो जीवन... Poetry Writing Challenge · कविता 4 342 Share विजय कुमार अग्रवाल 2 Jun 2023 · 1 min read देश के राजनीतिज्ञ आजादी की लड़ाई देश के सभी नेताओं को मिलकर अंग्रेजो से लड़नी थी। इसी लड़ाई की खातिर एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी भी तो खड़ी करनी थी।। मुस्लिम लीग और कम्युनिस्टों... Poetry Writing Challenge · कविता 3 366 Share विजय कुमार अग्रवाल 31 May 2023 · 1 min read जन्म गाथा आज तुम्हारे जन्म की गाथा का, व्याक्खान मैं तुमको सुनाता हूं। क्या होता है जन्म का मतलब, आज तुम्हें समझाता हूं।। सर्व प्रथम दुनिया में आने का एहसास, तुम्हारी मां... Poetry Writing Challenge · कविता 3 344 Share विजय कुमार अग्रवाल 31 May 2023 · 1 min read कर्म ही जीवन मनुष्य जीवन हर योनि में सबसे,श्रेष्ठ क्यों माना जाता है। क्योंकि जीवन हर व्यक्ति का,उसके कर्मो से आंका जाता है।। कर्म रूपी अपने कार्यों को व्यक्ति,जिस रूप में भी फैलता... Poetry Writing Challenge · कविता 4 399 Share विजय कुमार अग्रवाल 31 May 2023 · 1 min read मीठे बोल या मीठा जहर हद से ज्यादा जो मीठा बोले,वो व्यक्ति अपनापन पा जाता है। उस मीठे बोल के पीछे क्या है,यह क्यों कोई परख नहीं पाता है। शहद ढूंढने निकल के देखो असली... Poetry Writing Challenge · कविता 3 296 Share विजय कुमार अग्रवाल 31 May 2023 · 1 min read नजरिया रिश्तों का एक जिंदगी एक है जीवन,सब सुख दुःख का मेला है। कभी बने खुशियों की लहरे,कभी बन जाएं दुखों का रेला है।। जीवन के इस लंबे सफर में, क्या क्या और... Poetry Writing Challenge · कविता 4 280 Share विजय कुमार अग्रवाल 30 May 2023 · 1 min read आदर्श पिता हर व्यक्ति जीवन में अपने एक,ऐसा अनमोल सा नायक पाता है। हर कठिनाई का समाधान जो,सरलता से हमको उपलब्ध कराता है।। जिंदगी की इस कठिन धूप में,जो मेरा कल्पवृक्ष बन... Poetry Writing Challenge 3 128 Share विजय कुमार अग्रवाल 24 Jan 2023 · 1 min read एक जिंदगी एक है जीवन एक जिंदगी एक है जीवन,सब सुख दुःख का मेला है। कभी बने खुशियों की लहरे,कभी बन जाएं दुखों का रेला है।। जीवन के इस लंबे सफर में, क्या क्या और... Hindi · कविता 3 157 Share विजय कुमार अग्रवाल 3 Jan 2023 · 1 min read देश और देशभक्ति सदियों से भारत का नक्शा क्यों,धीरे धीरे सिमट रहा है। क्योंकि देश का हर एक बन्दा यहां अपनों को दुश्मन समझ रहा है।। मुट्ठी भर अंग्रेजों ने आकर देश में... Hindi · कविता 4 190 Share विजय कुमार अग्रवाल 22 Dec 2022 · 1 min read मीठे बोल हद से ज्यादा जो मीठा बोले,वो व्यक्ति अपनापन पा जाता है। उस मीठे बोल के पीछे क्या है,यह क्यों कोई परख नहीं पाता है। शहद ढूंढने निकल के देखो असली... Hindi · कविता 3 232 Share विजय कुमार अग्रवाल 19 Dec 2022 · 1 min read स्त्री श्रृंगार भद्रकाली का रूप छुपा स्त्री में,उसे बिंदी शांत कराती है। सारी नकारात्मकता स्त्री की,काजल लगते ही चली जाती है।। होठों पर वो लगा कर लाली,जीवन में प्रेम के रंग बिखराती... Hindi · कविता 4 1 348 Share विजय कुमार अग्रवाल 18 Dec 2022 · 1 min read अपनापन मनुष्य जीवन हर योनि में सबसे,श्रेष्ठ क्यों माना जाता है। क्योंकि मनुष्य का जीवन उसके कर्मो से आंका जाता है।। कर्म रूपी इस ध्वनि को व्यक्ति,जिस रूप में भी फैलता... Hindi · कविता 4 172 Share विजय कुमार अग्रवाल 25 Sep 2022 · 1 min read बेटियाँ आज का दिन है जिनके नाम,हर घर की वो होती हैं शान। बेटी पिता के दिल की है धड़कन,तो माँ का बेटी बढ़ाये मान।। भाई के माथे तिलक लगा कर,भाई... Hindi · कविता 4 185 Share विजय कुमार अग्रवाल 22 Sep 2022 · 1 min read आदर्श पिता हर व्यक्ति जीवन में अपने एक,ऐसा अनमोल सा नायक पाता है। हर कठिनाई का समाधान जो,सरलता से हमको उपलब्ध कराता है।। जिंदगी की इस कठिन धूप में,जो मेरा कल्पवृक्ष बन... Hindi · कविता 4 156 Share विजय कुमार अग्रवाल 15 Sep 2022 · 1 min read अंतर्राष्ट्रीय अभियंता दिवस भारत के निर्माण में शामिल,देश के सब अभियंता हैं। देश के नागरिकों का इनको,एक सैल्यूट तो बनता है।। इनके ही सम्मान में हम ये,अभियंता दिवस मनाते हैं। अपने हुनर का... Hindi · कविता 3 244 Share विजय कुमार अग्रवाल 9 Sep 2022 · 1 min read औरत तेरी यही कहानी एक औरत की सुनो कहानी, बोल ना पाई जो अपनी वानी। जब जब उसने बोलना चाहा,तब तब क्या कह उसको चुप करवाया।। बचपन में उसने जो बोलना चाहा, माँ ने... Hindi · कविता 3 828 Share विजय कुमार अग्रवाल 9 Sep 2022 · 2 min read पढ़ाई कैरियर और शादी आजकल समाज में बच्चों पर पढ़ाई और उनके भविष्य को संवारने में सभी इतने व्यस्त हैं कि हमारा समय कब कितना और कैसे निकल गया पता ही नहीं चलता है।... Hindi · कहानी 4 170 Share विजय कुमार अग्रवाल 25 Aug 2022 · 1 min read आँख मानव शरीर का एक एक अंग,मानव को कुछ ना कुछ बतलाता है। कोई समझ नहीं पाता है उसको,और कोई समझ यह जाता है।। आज करें हम बात आँंख की, आँखो... Hindi · कविता 4 177 Share विजय कुमार अग्रवाल 15 Aug 2022 · 1 min read अमृत महोत्सव वर्ष पिछत्तर हो गए हैं पूरे, हमारे भारत को आजाद हुए। आजादी का जश्न मनाने ही, हम सब हैं यहां खड़े हुए।। आजादी का अमृत महोत्सव,हम सब ही मिलकर मना... Hindi · कविता 3 151 Share विजय कुमार अग्रवाल 13 Aug 2022 · 1 min read उपहार सोच रहा क्या मांगू प्रभु से,अपने ही आज जन्म दिन पर। सब कुछ तो देकर रक्खा है,बस प्रभु आप पधारो मेरे घर पर।। सेवा का अवसर दे दो प्रभु,क्या अर्पित... Hindi · कविता 4 211 Share विजय कुमार अग्रवाल 11 Aug 2022 · 1 min read रक्षा बंधन राखी का त्योहार है आया,बहन ने भाई के घर का टिकट मंगाया। लेकर लड्डू गुंजिया और कचोरी, भैय्या भाभी तक पहुंचाया।। पहुंच भाई के घर ने बहना,भाई भाभी को गले... Hindi · कविता 3 202 Share विजय कुमार अग्रवाल 3 Aug 2022 · 1 min read जीभ का कमाल शुगर और बी पी की जाँच तो,हर व्यक्ति ही करवाता है। किन्तु अपनी जीभ की जाँच, कभी वो क्योंकर नहीं कर पाता है।। क्यों इतनी कड़वी है जीभ यह, क्या... Hindi 5 1 299 Share विजय कुमार अग्रवाल 2 Aug 2022 · 1 min read खुशियाँ ही अपनी हैं हर व्यक्ति ही चाहता दिल में,खुशियां ही खुशियां हों जीवन में। कैसे आयें बहुत सी खुशियां, हमारे इस नन्हें मुन्ने से जीवन में।। संपत्ति और समृद्धि के पीछे क्यों,भागे हरेक... Hindi · कविता 4 381 Share विजय कुमार अग्रवाल 24 Jul 2022 · 1 min read बारिश का मौसम बारिश का मौसम क्यों घर में, सबको सबसे सुहाना लगता है। अक्सर साथ बैठ जाते हैं सब,चाय के साथ पकौड़ी खाना अच्छा लगता है।। सुबह देर तक सोना फिर उठ... Hindi · कविता 8 2 585 Share Previous Page 2 Next