Umender kumar Language: Hindi 143 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Umender kumar 2 Oct 2025 · 1 min read ममता और विरक्ति ममता और विरक्ति आँगन के प्राचीन पीपल तले एक शुष्क पत्र धीरे से झर पड़ा, मानो माँ की क्षीण होती साँसों का स्वर धरा पर बिखर गया हो। माता की... Hindi · कविता 75 Share Umender kumar 19 Sep 2025 · 1 min read 🌸 विशेष सलाह – विवाह योग्य युवक-युवतियों और उनके परिवारों के लिए 🌸 🌸 विशेष सलाह – विवाह योग्य युवक-युवतियों और उनके परिवारों के लिए 🌸 "वह लड़की कभी विवाह न करे, जिसे ब्याह के बाद भी केवल माँ की डोर से ही... Hindi · लेख 97 Share Umender kumar 18 Sep 2025 · 1 min read बाप का सच (हरियाणवी रागनी) बचपन मैं लाग्या बाप सख़्त बड़ा, बात कम बोले, डाँट दे कड़ा। सोचूं — क्यों चुप रहै ये जाट सा, हँसे भी तो, बोले बात नाट सा। लाग्या बाप सख़्त... Hindi · गीत 101 Share Umender kumar 16 Sep 2025 · 1 min read ⚔️ सिकंदर का गुरूर और क्रूर शासन ⚔️ ⚔️ सिकंदर का गुरूर और क्रूर शासन ⚔️ सिकंदर था वीर निराला, यूनान का राजा मतवाला। शासन उसका कठोर, था क्रूर, खून बहा कर जीता भरपूर। भारत की धरती तक... Hindi · कविता 97 Share Umender kumar 12 Sep 2025 · 1 min read 🎶 रागिनी – घर की लड़ाई 🎶 🎶 रागिनी – घर की लड़ाई 🎶 घर की लड़ाई मेरे घर नै खा गई, मेरे घरवाल्यां नै मेरी लुगाई भा गई। धीरे-धीरे भाइयां मैं रार करा गई, धीरे-धीरे घर... Hindi · गीत 68 Share Umender kumar 11 Sep 2025 · 2 min read शादी कोई समाधान नहीं बेटी बिगड़ी, न काम की भूखी, न किताबों में मन, न रसोई की सुखी। पिता ने सोचा – बोझ उतारें, शादी करके फ़र्ज़ निभाएँ। सज-धज के दुल्हन उतरी, आदतें मगर... Hindi · कविता 54 Share Umender kumar 4 Sep 2025 · 1 min read 🌊 बाढ़ और भगवान 🌊 🌊 बाढ़ और भगवान 🌊 राम नाम से पत्थर तैरें, कहते सब इतिहास। पर बाढ़ में मंदिर डूबे, कहाँ गया वो विश्वास? मस्जिद में अज़ान गूँजी, गुरुद्वारे में कीर्तन। चर्च... Hindi · कविता 93 Share Umender kumar 1 Sep 2025 · 1 min read प्रेम का सफ़र जब काग़ज़ नहीं था, तो प्रेम आँखों से पढ़ा जाता था, मौन में छिपा, धड़कनों की भाषा में समझा जाता था। जब काग़ज़ आया, तो प्रेम को शब्द मिले, स्याही... Hindi · कविता 47 Share Umender kumar 29 Aug 2025 · 2 min read इल्ज़ाम का बोझ राजीव, एक सीधा-सादा इंसान, नौकरी करता और बूढ़े माँ-बाप का सहारा था। शादी के बाद उसने सोचा था—“अब जीवन में खुशियाँ दोगुनी होंगी।” पर किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर... Hindi · कहानी 86 Share Umender kumar 28 Aug 2025 · 1 min read ये रिश्ते ये कैसे रिश्ते हैं जनाब, कोई फ़साना तो कहे, हम ही रुस्वा, हम ही गुनहगार, ज़माना तो कहे। नक़्श-ए-क़दम पे औरों के जो बढ़ते चले गए, ख़र्चा हमारा था, मगर... Hindi · कविता 110 Share Umender kumar 28 Aug 2025 · 1 min read मोबाइल की माया मोबाइल की माया **"सुबह उठे तो फोन उठाया, नींद का झोंका भी भगाया। न मुँह धुला, न कंघी हुई, पर स्टोरी नई तुरत लगी। माँ ने पुकारा—‘बेटा खाओ’, बोला—‘पहले फोटो... Hindi · कविता 77 Share Umender kumar 28 Aug 2025 · 1 min read बाप का सच बाप का सच बचपन में लगा — बाप सख़्त बड़ा, बातें कम, पर डाँटें ज़्यादा। सोचा — क्यों इतना चुप रहता है, क्यों हँसते हुए भी कम कहता है। जब... Hindi · कविता 95 Share Umender kumar 27 Aug 2025 · 1 min read पत्थरों का प्रण हम पत्थरों को चोट तो खानी ही है, क्योंकि हमसे ही भारत की नींव जमानी है। हर वार सहकर भी, हम टूटते नहीं, बल्कि माँ भारती के सपनों में रूप... Hindi · कविता 81 Share Umender kumar 22 Aug 2025 · 1 min read 🎶 गीत – धीरे-धीरे छोड़ना (मुखड़ा) धीरे-धीरे छोड़ना मेरा हाथ, अचानक न देना कोई जुदाई की बात, सदमे में न टूट जाऊँ कहीं, तेरे बिना जी न पाऊँ कहीं। (अंतरा 1) तेरी हँसी में ही... Hindi · गीत 103 Share Umender kumar 22 Aug 2025 · 1 min read मायके प्रेम और बेबस पति कहते हैं—पति घर का स्तंभ होता है, पर असलियत में वह बस एक खंभा है, जिस पर टंगा रहता है पत्नी का मायका, उसका ससुराल और पूरा समाज। पत्नी का... Hindi · कविता 49 Share Umender kumar 10 Aug 2025 · 1 min read टन टन टैंटों की शैतानी टोली टन टन टैंटों, धमाल मचाए, मकड़ी-चड्डी संग आए, ढोल बजे, ताली बजे, मस्ती का मेला सजाए। टन टन ढोल बजाती, टैंटों हँसी उड़ाती, मकड़ी जाले बुनती, चड्डी हवा में उड़ती।... Hindi 116 Share Umender kumar 4 Apr 2025 · 1 min read बना लो अपने को कार्टून, बना लो अपने को कार्टून, खुद भी हंसो और हंसाओ, दुनिया बड़ी ज़ालिम है, दोस्त इसे सिर्फ रुलाने में मज़ा आता है.... Hindi · Quote Writer 109 Share Umender kumar 15 Nov 2024 · 1 min read आसू पोछता कोई नहीं... एक कम उम्र, का जोड़ा बिछड़ गया, नन्हा बालक छोड़ गया, अनजान, था वो अब यतीम है.. बाप की अर्थी को बोल गया, पढ़ाई कर अभी आता हूँ... आपको सब... Hindi · विशेष स्टोरी 207 Share Umender kumar 31 Dec 2023 · 1 min read माता - पिता मां का पालन, खून से सींच कर , पिता का पालन, जिमेदारी से, मां का पालन, उंगली पकड़ कर चलना सीखना, पिता का पालन, अपने पैरो पर खड़ा करना, मां... Hindi 2 330 Share Umender kumar 30 Jul 2023 · 1 min read उनकी आदत गुरूर था जमाने को हमें नीचा दिखाने का, उन्हें पता नहीं था, उनकी आदत ने हमे ऊंचा मुकाम दिला दिया, अफसोस तो इस बात का है, वह जब भी हमें... Hindi · कविता 1 338 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read ठोकर खाई है, पर गिरा नहीं हूं…… ठोकर खाई है, पर गिरा नहीं हूं…… लड़खड़ाया जरूर हूं मगर गिरा नहीं हूं, यह सोचा ना था , के तू हाथ भी ना बढ़ाएगा… इससे तूने, दोस्ती पर भी... Poetry Writing Challenge 274 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read आंसुओं की उधारी इन आंसुओं को संभाले रखा है अपने जनाजे के लिए, के चार आंसू भी उधार न मांगने पड़े मतलबी दुनिया से, अगर लिए तो फिर वापस आना पड़ेगा, जिंदगी भर... Poetry Writing Challenge 1 266 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read दुखी जीवन मुद्दतों बाद महफिलों से रू-ब-रू तो हुए, मगर तेरी कमी सी (खुशी) थी, अगर तू थोड़ी भी होती, अगर तू साथ होती… इस अंजुमन को दीवाने खास बना देते….. उमेंद्र... Poetry Writing Challenge 236 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read दर्द दर्द को दर्द ही रहने दो, मरहम लगाने की कोशिश ना करो , शुक्रिया अदा तो उनका है जो घावों को कुरेद देते हैं, जिससे दर्द तो महसूस होता है!... Poetry Writing Challenge 251 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read सांपों का जहां यह सांपों का जहां है, साहब जरा संभल कर चलो, यहां आस्तीनो में भी सांप मिलते हैं, जो अपना बना कर डस लेते हैं उमेंद्र कुमार Poetry Writing Challenge 225 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read कीमत कीमत…. पापड बेलकर कमाने वालों की नहीं, पापड़ बिलवाकर कमाने वालों की है…. बेलने वाले रुपया कमाते हैं, बिलवाने वाले लाखों कमाते हैं… जानते हुए भी हम, बेलने वाले बने... Poetry Writing Challenge 272 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read मजदूर की व्यथा यह शरीर है साहब बीमारी भी इसी में है और भूख भी …… इसी में …… इल्जाम मत दो मुझे बाहर निकलने के लिए, डरता हूं मैं, बीमारी से पहले... Poetry Writing Challenge 242 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read “वक्त“ मत दो मुझे, “वक्त“ मत दो मुझे, मशगूल रहने दो जरा भी “वक्त” मिला तो मैं नहीं रहूंगा किसी की याद में … उमेंद्र कुमार Poetry Writing Challenge 261 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read हम तो खाली हाथ थे लुटा कर बैठा महफिल में था सब अपना, क्या पता था, लूटने वाले फिर भी ना छोड़ेंगे… गम इस बात का नहीं के लुटे को लूट लिया, अफसोस रहा के,... Poetry Writing Challenge 254 Share Umender kumar 15 Jun 2023 · 1 min read मुर्दों के जज़्बात मुर्दों के जज़्बात नहीं होते, उनके अपने तो होते हैं मगर पास नहीं होते, दिख जाते कहीं / कभी अपने, तो आज हम यहां श्मशान में नहीं होते….. सुकून में... Poetry Writing Challenge 1 211 Share Page 1 Next