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थिक मिथिला के यैह अभिधान,
उमा झा
थिक मिथिला के यैह अभिधान,
उमा झा
काली एली अंगना
उमा झा
अहाॅं बाजू नै बाजू पैर बजै पेजनियाॅं
उमा झा
जागु न माँ हे काली
उमा झा
तोरे भरोसे काली
उमा झा
आरती लेऽ माँ तैयार छै
उमा झा
कब आओगी वर्षा रानी
उमा झा
ग्रीष्म ऋतु के रुठे पवन
उमा झा
30 वाॅ राज्य
उमा झा
जय जय हे महिषासुर मर्दिनी
उमा झा
मोदी सरकार
उमा झा
उठो भवानी
उमा झा
मनुज न होता तो ऐसा होता
उमा झा
परम् गति दियऽ माँ जगदम्बा
उमा झा
जाग जाग हे परशुराम
उमा झा
मजदूर की करुणा
उमा झा
खा ले तितली एक निवाला
उमा झा
बोलो जय जय सिया राम
उमा झा
भारत भविष्य
उमा झा
तितली तुम भी आ जाओ
उमा झा
नारी शक्ति का स्वयं करो सृजन
उमा झा
समय की महत्ता
उमा झा
प्रकृति की गोद
उमा झा
कौन है सबसे विशाल ?
उमा झा
वो है संस्कृति
उमा झा
आकांक्षा
उमा झा
टिप्पणी
उमा झा
मेरी जातक कथा
उमा झा
तू ज्वाला की तिल्ली हो
उमा झा
मेरी लेखनी कहती मुझसे
उमा झा
जब लिखती हूँ मैं कविता
उमा झा
मैं विपदा----
उमा झा
वसुधैव कुटुम्बकम्
उमा झा
काली रजनी
उमा झा
पराधीन
उमा झा
दुविधा
उमा झा
जागो जनता
उमा झा
बधाई हो
उमा झा
वेदना
उमा झा
करुणभाव
उमा झा
विचित्र
उमा झा
बाल श्रमिक
उमा झा
शिशु – – –
उमा झा
तितली तुम भी आ जाओ
उमा झा
है यह भी एक सत्य
उमा झा
होरी रंग में
उमा झा
भारत भविष्य
उमा झा
मेरी आकांक्षा
उमा झा
होती जब वर्षा की कहर
उमा झा