Sushma Singh 348 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Sushma Singh 26 Nov 2022 · 1 min read शबरी बाट निहारे शबरी बाट निहारे --------------------- राम! तुम्हारी शबरी बाट निहारे, हर -पल है राम -राम पुकारे । सुमिरन करती पथ निहारे आ जाओ राम , आकर मुझ भक्तन को दर्श दे... Hindi · कविता 1 2 84 Share Sushma Singh 26 Nov 2022 · 1 min read उगता सूरज उगता सूरज ---------------- रोज सबेरे सूरज उगता, करता अंधकार को दूर। सूरज निकले नीलगगन में, फैलाए उजियारा भरपूर।। कलियां -कलियां डोलती, हवा सुहानी चल रही। धरा हो गई पीतांबरी, ओस... Hindi · कविता 72 Share Sushma Singh 21 Nov 2022 · 1 min read प्रिय तुम आ जाते एक बार प्रिय तुम आ जाते एक बार ---------------------------- प्रिय तुम आ जाते एक बार! कितनी पीड़ा,कितनी बातें कहनी थी, पथ में फूलों सा बिछ जाते? तार-तार उर का है गाता, तुम... Hindi · कविता 108 Share Sushma Singh 21 Nov 2022 · 1 min read श्रीराम धरा पर आ जाओ श्रीराम धरा पर आ जाओ --------------------------- हे! श्रीराम तुम धरा पर आ जाओ, जग के दानवों का संहार कर जाओ। हे श्रीराम तुम धरा पर आ जाओ ---- कैसी! हैवानियत,... Hindi · कविता 73 Share Sushma Singh 19 Nov 2022 · 1 min read रानी लक्ष्मीबाई रानी लक्ष्मीबाई -------------------- लक्ष्मी बाई थी वीर बालिका,भारत को आजाद कराया था। चिंगारी जला सबके मन में, भारत को आजाद करने का ठाना था।। अंग्रेजों के अत्याचार लिए, आवाज उठाई... Hindi · कविता 105 Share Sushma Singh 3 Nov 2022 · 1 min read फूल सब पथ मैं सजा लूं फूल सब पथ मैं सजा लूं ++++++++++++++ फूल सब पथ मैं सजा लूं, प्रभु राम!का है आगमन, आज दीपों को जला लूं! आसमान के तारों से प्रभु को, पुष्पों का... Hindi · कविता 1 246 Share Sushma Singh 31 Oct 2022 · 1 min read जगमगाते तारे जगमगाते तारे ------------------- सांझ होते ही सुनहले, जगमगाते आसमां में तारे, अनगिनत बिछे हुए सारे, जैसे! आसमां में असंख्य पुष्प खिले? बन गई जिंदगी फूलों की बगिया मेरी! ऐसा! लगता... Hindi · कविता 1 2 114 Share Sushma Singh 26 Oct 2022 · 1 min read भाई दूज पर्व भाई दूज पर्व ---------------- भाई बहन का प्यार अमर, सारी दुनिया जाने। भाई माथे तिलक लगाकर, बहना अपना भाग्य माने। कुम-कुम अक्षत थाल सजाए, भाई को ढेरों प्रेम दिखाए, बहना... Hindi · कविता 1 2 189 Share Sushma Singh 22 Oct 2022 · 1 min read हे करूणाकर हे ! करूणाकर ---------------- हे! करूणाकर दीनदयाल हरी, सब भक्त तुम्हें नित सुमिरे हैं। हे! करूणानिधि कृपा करिए, सब नित अर्चन करते हैं।। जब कष्ट पड़ा सब भक्तों पर, सब... Hindi · कविता 159 Share Sushma Singh 22 Oct 2022 · 1 min read जब ही शुभ दीवाली होगी जब ही शुभ दीवाली होगी ------------------------------ आओ हम सब मिलकर, एक प्रेम का दीप जलाएं। अपनी पावन भूमि को हम, फिर से स्वर्ग बनाएं।। सबके दिलों में प्यार हो, नफ़रत... Hindi · कविता 162 Share Sushma Singh 15 Oct 2022 · 1 min read खुशियों की सौगात मिली खुशियों की सौगात मिली ------------------------------ तुमसे मिलकर खुशियों की सौगात हुई, अब के वर्ष साजन तुमसे मुलाकात हुई ये!मत पूछो क्या मुझ पर जीवन में गुजरी , ज़ख्मों से भरा... Hindi · कविता 1 144 Share Sushma Singh 15 Oct 2022 · 1 min read ख्वाबों में कान्हा के आने लगी हूं ख्वाबों में कान्हा के आने लगी हूं, --------------------------------------- ख्वाबों में कान्हा के आने लगी हूं, जीवन को भक्ति में डुबाने लगी हूं। कभी उड़ती थी खोजने आसमां में, अब धरा... Hindi · कविता 84 Share Sushma Singh 12 Oct 2022 · 1 min read करवा चौथ का चांद करवा चौथ का चांद ----------------------- ऐ! चांद तुम आसमान में दिख जाना। बादलों में मत छुपना, तुम जल्दी दर्शन देना।। पूरा दिन में भूखी , प्यासी रह कर, तेरे ही... Hindi · कविता 91 Share Sushma Singh 28 Sep 2022 · 1 min read तुमसे ही जिंदगी रोशन तुमसे ही जिंदगी रोशन -------------------------- आपके प्रकाश से हमारी जिंदगी रोशन हुई है, आपकी चाहत से हमारी जिंदगी गुलज़ार हुई है। आपको क्या कहूं शब्द ही नहीं -- बस!हर पल... Hindi · कविता 1 75 Share Sushma Singh 28 Sep 2022 · 1 min read मोहन से प्रेम मोहन से प्रेम --------------- बैठी हूं राह में कान्हा तेरे इंतज़ार में, कब आओगे दरश तो दे दो, नींद नहीं मेरी अंखियों में। छोड़ा घर द्वार मैंने, डूबी हूं भक्ति... Hindi · कविता 71 Share Sushma Singh 14 Sep 2022 · 1 min read बदलता जमाना शीर्षक -बदलता जमाना -------------------- ऐ! मेरे नादान मन, तू चलता चल, बीती मीठी यादें दिल में, करें हैं हल चल। वो बचपन की सुनहरी बातें, जो हमने साथ की थी।... Hindi · Poem · कविता 212 Share Sushma Singh 10 Sep 2022 · 1 min read मचलती हुई यादें मचलती हुई यादें -------------------- लहरों की तरह यादें, मेरे मन में मचलती हैं। नदियों की धारा बनकर, सागर में समा जाती हैं।। बिछौना बनाकर यादें,तेरी राह देखते हैं तुम ही... Hindi · कविता 93 Share Sushma Singh 6 Sep 2022 · 1 min read मुझे शक्ति देना भगवान मुझे शक्ति देना भगवान --------------------------- मुझे इतनी शक्ति देना भगवान! में बढ़ाऊं सदा भारत का मान, जग में कंरू देश का नाम, मुझको ज्ञान देना, में कंरू देश हित काम।... Hindi · कविता 86 Share Sushma Singh 6 Sep 2022 · 1 min read श्री बालाजी स्तुति श्री बालाजी स्तुति --------------------- मेंहदीपुर अवतार लिया, भक्तों का उद्धार किया है। बालरूप प्रगटे यहां, संकट सबका दूर किया है।। हे !बाला जी बड़े महान, तेरा होवे सदा गुणगान। जो... Hindi · कविता 685 Share Sushma Singh 25 Aug 2022 · 1 min read मोहन से नेह मोहन से नेह ------------- तुमको में भूलना चाहूं मोहन, तू और याद आता है। मेरे दिल के मंदिर में, आकर घंटियां बजाता है।। अंधेरी रात से मुझको, लगता बहुत है... Hindi · कविता 62 Share Sushma Singh 25 Aug 2022 · 1 min read आसमान सा बनों आसमान सा बनों ---------------------- बनना है तो आसमान सा बनों। कोई भेद नहीं,जाति, धर्म -वेश का, सब ही एक समान, गोरे, काले का भेद नहीं, मिलकर सभी रहते, आसमां की... Hindi · कविता 199 Share Sushma Singh 25 Aug 2022 · 1 min read भक्ति का सागर भक्ति का सागर ----------------- दिल के अपने भावों का मैंने , फूलों का हार बना, प्रभु के गले पहनाया, अपने उर का अनंत प्यार। अपने झीने से आंचल में, भरा... Hindi · कविता 127 Share Sushma Singh 25 Aug 2022 · 1 min read तुम्हारी पुजारी प्रिय तुम्हारी पुजारी प्रिय ----------------------- क्षितिज में यादें मेघा बनकर छा जाने दो। बरसा बनकर, बूंदों सी बरस जाने दो।। मीठी मधुर यादें देने वाले, पीड़ा को भूल नहीं सकते। खुशियों... Hindi · कविता 104 Share Sushma Singh 19 Aug 2022 · 1 min read स्वीकार करो या ठुकरा दो स्वीकार करो या ठुकरा दो ------------------------------ ईश! तुम्हारे कई पुजारी ,कई रूप में आते हैं। तुम्हें चढ़ाने कई भेंट वो लाते हैं।। साज-बाज और धूप दीप ले, मंदिर में आते... Hindi · कविता 176 Share Sushma Singh 19 Aug 2022 · 1 min read दुर्गमता का पथ दुर्गमता का पथ -------------------- सकून से और सुखी होकर, जीवन के दिन बिताने दूं? कोई एक पथ बनाकर, मैं चलूं तुम्हें भी जाने दूं? कैसा है ये दुर्गम पथ! समझ... Hindi · कविता 227 Share Sushma Singh 19 Aug 2022 · 1 min read मेरे ईश मेरे ईश! ---------- मुझ भक्तन को प्रभु,तेरी शरण में आना है। मीरा सा प्रेम कर,जोगन बन जाना है।। मुझको तुम्हारा प्यार मिले,जो सबको मिला है। तुम्हारी भक्ति में डूबी, मुझे... Hindi · कविता 66 Share Sushma Singh 19 Aug 2022 · 1 min read मेरे कान्हा मेरे कान्हा ----------- लाख करो प्रयत्न तुम,बिन प्रभु कृपा के सब आधा है। जिसका जग में कोई नहीं, उसके साथ करूणामयी राधा है।। उर से सुमिरन कर लो, मुरली धर... Hindi · कविता 92 Share Sushma Singh 6 Aug 2022 · 1 min read नारी तुमको नमन नारी तुमको नमन -------------------- हे नारी! तुझसे ही सारी सृष्टि है, तुम ही दुर्गा, तुम ही काली , तू ही धरा की शक्ति है । हे नारी! तुम रूप धरो... Hindi · कविता 91 Share Sushma Singh 6 Aug 2022 · 1 min read तुझ पर प्यार आता है तुझ पर प्यार आता है ----------- तुझ पर बहुत प्यार आता है, जो दिल के तारों को झनकाता है। तेरी मासुमियत और भोलेपन से, दिल बहुत गुलज़ार हो जाता है।... Hindi · ग़ज़ल 1 97 Share Sushma Singh 4 Aug 2022 · 1 min read विषय अंजनि सुत विषय -अंजनि सुत विधा -तांका ---------------- अंजनि सुत रक्षा करें जग की पीड़ा हरते हे कष्ट निवारक दुखियों गले लगा। तेरी महिमा बहुत निराली है शीश झुकाते तेरे ही गुण... Hindi · हाइकु 103 Share Sushma Singh 4 Aug 2022 · 1 min read भारत मां के लाल भारत मां के लाल --------------------- भारत मां के लाल तुम,पथ पर बढ़ते जाना। जो भी पथ में बाधा आए,हंस कर पार सभी कर जाना।। तुम वीरों में हिमगिरि सी ऊंचाई,... Hindi · गीत 135 Share Sushma Singh 4 Aug 2022 · 1 min read गुरु की महिमा गुरु की महिमा ----------------- गुरु ही वह कल्पवृक्ष, जो मन चाहा फल देता है। गुरु ही वह पारस पत्थर, लोहे को कंचन करता है।। गुरु वही जो "ईश्वर,,को पाने का... Hindi · कविता 351 Share Sushma Singh 4 Aug 2022 · 1 min read सावन आया हरा भरा सावन आया हरा -भरा -------------------------- सावन आया शिव की पूजा,नित मंदिर में होती। भोले नाथ की भक्ति,मनको पावन करती ।। सावन के आते ही, हरियाली छा जाती दादुर, झिंगुर,टेर लगाते,... Hindi · गीत 209 Share Sushma Singh 4 Aug 2022 · 1 min read मायावी संसार मायावी संसार ------------------- मन को चैन मिले,तू भजन गाता चल, पथ में जो मिले, उसे गले लगाता चल, आंधी आए,चाहे तूफान आएं तुम नहीं डरना। अपनी मंजिल पर जाकर, ही... Hindi · कविता 337 Share Sushma Singh 4 Aug 2022 · 1 min read सतरंगी रंग सतरंगी रंग -------------- सतरंगी रंग बिखरे ज़मीं पर, तो कुछ बात बने। मन में कोई महक उतरे, तो कुछ बात बने।। चांद उतरा दिन की पेशानी में, चांदनी सब हो... Hindi · कविता 173 Share Sushma Singh 28 Jul 2022 · 1 min read चांद है तन्हां चांद है तन्हां --------- चांद भी है तन्हां, आसमां भी तन्हां, जहां भी क्यूं है, वीरान और तन्हां। दिल की हर धड़कन का धक-धक होना, सांसों का ऐसे चलना, क्यूं... Hindi · ग़ज़ल 3 1 120 Share Sushma Singh 28 Jul 2022 · 1 min read प्रभु की महिमा प्रभु की महिमा --------------- प्रभु वर मेरे सबको तुम देना अनंत ज्ञान अंधकार उर से हरो, दूर करो अज्ञान। हर मानव के हृदय से, दूर करो प्रभु बैर, इसी से... Hindi · कविता 216 Share Sushma Singh 28 Jul 2022 · 1 min read विषय -शिव शंकर,विधा तांका लेखन विषय -शिव शंकर विधा -तांका लेखन ---------------------- सावन आया भोले का गुणगान हर मंदिर बैल पत्री चढ़ाऊं गंगा जल अर्पित। भोले नाथ को कांवड़ भक्त लिए गंगा जल को भक्त... Hindi · गीत 73 Share Sushma Singh 23 Jul 2022 · 2 min read संस्मरण मेरी जबलपुर यात्रा संस्मरण मेरी जबलपुर यात्रा ---------------------- बेटे युवराज की परीक्षा 4जून को समाप्त हो गई थी।तो मेरा और बेटे का जबलपुर भाई के घर जाने का मन बना। भाई, भाभी भी... Hindi · संस्मरण 293 Share Sushma Singh 17 Jun 2022 · 1 min read गिरधर से लागा मेरा मन गिरधर से लागा मेरा मन ---------------------------- कान्हा से जो लागा मेरा मन, में तो हो गई बहुत मगन । बन गई मैं कान्हा की जोगन, मन में लागी ऐसी लगन... Hindi · कविता 235 Share Sushma Singh 17 Jun 2022 · 1 min read प्यारी लगने लगी प्यारी लगने लगी --------------------- तुम मुझको प्यारी सी लगने लगी, हृदय में जागा प्रेम का मधुर गीत तुम मुझको सपनों में मिलने लगी। तुम्हारी आहट पाकर, आंखें तुझको ढूंढ़ने लगी... Hindi · कविता 223 Share Sushma Singh 17 Jun 2022 · 1 min read में बहती धारा में बहती धारा ---------------- मैं बहती धारा हूं, सागर में समा जाती हूं , नदियों की तरह बहकर ,खुद रास्ता बनाती हूं । ढूंढती हूं मांझी नौका पार लगाने को,... Hindi · कविता 299 Share Sushma Singh 13 Jun 2022 · 1 min read पवनपुत्र हनुमान स्तुति पवनपुत्र हनुमान स्तुति ------------------------- हे !करूणानिधान अंजनि सुत हनुमान, दूर करो सकल कष्टों का समाधान। तुम ही प्रभु सबको देते हो जीवन दान, भक्तों को खुश होकर दिया है वरदान।... Hindi · कविता 1 1 207 Share Sushma Singh 13 Jun 2022 · 1 min read सागर से सीखो सागर से सीखो ------------------ सागर से सीखो धैर्य रखना, गम्भीर और शान्ति होना । कितनी लहरें आतीं हैं, फिर भी अपने को रखता अडिग है। भरे हुए अनंत खजाने सागर... Hindi · कविता 1 1 255 Share Sushma Singh 13 Jun 2022 · 1 min read क्या खोया क्या पाया क्या खोया -क्या पाया -------------------------- क्या खोया,-क्या पाया तूने , जीवन की आपाधापी में। सब कुछ पीछे छोड़ दिया, मृगतृष्णा के फेर में।। जीवन को यूं तन्हां जिया जाए, कोई... Hindi · कविता 1 1 167 Share Sushma Singh 13 Jun 2022 · 1 min read बेटियां बेटियां --------- सूरज का प्रकाश, चांद का चेहरा हैं बेटियां । जुगनू है , तितलियां हैं पिता की जान है बेटियां। मां की गोद को, फूलों का आंचल सा समझती... Hindi · कविता 1 1 223 Share Sushma Singh 13 Jun 2022 · 1 min read कैलाश वासी-स्तुति कैलाश वासी -स्तुति ------------------------ हे! शिव शंभू हे भोलेनाथ, रक्षा करो प्रभु,सिर पर रखो हाथ। विनती करूं मैं बारम्बार, सुन लो मेरी पुकार। में भजती तुमको सुबह शाम------- पथ है... Hindi · कविता 1 1 634 Share Sushma Singh 10 Jun 2022 · 1 min read आओ पेड़ लगाएं आओ पेड़ लगाएं ------------------- आओ हम सब मिलकर पेड़ लगाएं, बंजर धरती को फिर से लहराएं। पेड़ों को सब मिलकर लगाएं, जिससे धरा होगी हरी भरी, जो मन को बहुत... Hindi · कविता 450 Share Sushma Singh 10 Jun 2022 · 1 min read सूर्य स्तुति सूर्य स्तुति ------------ सूरज आया धरा से तम को भगाया, सबके मन को भाया, नभ में प्रकाश फैलाया। सूरज से मिलती है ऊर्जा अपार , जो रोशनी का है विशाल... Hindi · कविता 118 Share Sushma Singh 10 Jun 2022 · 1 min read छल कपट की दुनिया छल कपट की दुनिया -------------------------- धधक रही है दिल में ज्वाला, अंगारे बनकर । शांत करो ये अग्नि,शांत करो ज्वाला, शीतलता दो नदियां की धारा बनकर। धधक रही है हर... Hindi · कविता 503 Share Previous Page 2 Next