Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jan 2023 · 1 min read

दर्पण

दर्पण
———–
कैसा है मन का ये दर्पण,
जाने क्या -क्या ये कहता है।

आंखों ही आंखों में,
कितनी बातें करता है।

दिल की बातें जानकर,
मन ही मन मुस्काता है।

दर्पण नहीं छुपाता मन की
कोई भी बात है।
जैसी भी तस्वीर हो वही सामने
लाता है।।

सज -धज करके नारियां
अपना रूप निहारें हैं।
चेहरा ही दर्पण होता,
यही सबको समझाता दर्पण है।।

सुषमा सिंह*उर्मि,,

Language: Hindi
1 Like · 173 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sushma Singh
View all
You may also like:
बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन।
बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
हम जिएँ न जिएँ दोस्त
हम जिएँ न जिएँ दोस्त
Vivek Mishra
"अनमोल"
Dr. Kishan tandon kranti
अधूरी बात है मगर कहना जरूरी है
अधूरी बात है मगर कहना जरूरी है
नूरफातिमा खातून नूरी
आँखों से गिराकर नहीं आँसू तुम
आँखों से गिराकर नहीं आँसू तुम
gurudeenverma198
3065.*पूर्णिका*
3065.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वो भी तन्हा रहता है
वो भी तन्हा रहता है
'अशांत' शेखर
उत्थान राष्ट्र का
उत्थान राष्ट्र का
Er. Sanjay Shrivastava
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नववर्ष-अभिनंदन
नववर्ष-अभिनंदन
Kanchan Khanna
जीवनदायिनी बैनगंगा
जीवनदायिनी बैनगंगा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
पुरानी गली के कुछ इल्ज़ाम है अभी तुम पर,
पुरानी गली के कुछ इल्ज़ाम है अभी तुम पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन वो कुरुक्षेत्र है,
जीवन वो कुरुक्षेत्र है,
sushil sarna
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हम कितने आँसू पीते हैं।
हम कितने आँसू पीते हैं।
Anil Mishra Prahari
हम तो मतदान करेंगे...!
हम तो मतदान करेंगे...!
मनोज कर्ण
"वो ख़तावार है जो ज़ख़्म दिखा दे अपने।
*Author प्रणय प्रभात*
होटल में......
होटल में......
A🇨🇭maanush
जो रिश्ते दिल में पला करते हैं
जो रिश्ते दिल में पला करते हैं
शेखर सिंह
* बताएं किस तरह तुमको *
* बताएं किस तरह तुमको *
surenderpal vaidya
सिंह सा दहाड़ कर
सिंह सा दहाड़ कर
Gouri tiwari
*युगपुरुष राम भरोसे लाल (नाटक)*
*युगपुरुष राम भरोसे लाल (नाटक)*
Ravi Prakash
कलियुग
कलियुग
Prakash Chandra
चेहरे पर अगर मुस्कुराहट हो
चेहरे पर अगर मुस्कुराहट हो
Paras Nath Jha
" ढले न यह मुस्कान "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
जीत का सेहरा
जीत का सेहरा
Dr fauzia Naseem shad
रुत चुनावी आई🙏
रुत चुनावी आई🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
Manisha Manjari
Loading...