Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Oct 2022 · 1 min read

ख्वाबों में कान्हा के आने लगी हूं

ख्वाबों में कान्हा के आने लगी हूं,
—————————————
ख्वाबों में कान्हा के आने लगी हूं,
जीवन को भक्ति में डुबाने लगी हूं।

कभी उड़ती थी खोजने आसमां में,
अब धरा में मोहन को खोजने लगी हूं।

लफ़्ज़ों की मुझको जरूरत नहीं है,
बंशी को अब मैं बहुत पढ़ने लगी हूं।

थक जाती हूं जब मैं जहां के शोर से,
अकेले कान्हा से बातें में करने लगी हूं।

नफ़रत को दिल से मिटाना ही होगा, मोहन से अब मोहब्बत करने लगी हूं।

आरज़ू नहीं कोई साथ मेरे आए,
मोहन की दीवानी में होने लगी हूं।

जीवन के पथ में कोई न था अपना,
तुमको कान्हा हमसफ़र में समझने
लगी हूं।

अकेले ये जीवन “सुषमा,,काटेगी कैसे,
तुमको ही कान्हा साथी समझने लगी हूं।।

सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर

Language: Hindi
86 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sushma Singh
View all
You may also like:
*अलविदा तेईस*
*अलविदा तेईस*
Shashi kala vyas
इक तमन्ना थी
इक तमन्ना थी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बचपन
बचपन
Kanchan Khanna
पत्थर तोड़ती औरत!
पत्थर तोड़ती औरत!
कविता झा ‘गीत’
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
अनिल कुमार
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
"तकरार"
Dr. Kishan tandon kranti
मतदान से, हर संकट जायेगा;
मतदान से, हर संकट जायेगा;
पंकज कुमार कर्ण
■ हर जगह मारा-मारी है जी अब। और कोई काम बचा नहीं बिना लागत क
■ हर जगह मारा-मारी है जी अब। और कोई काम बचा नहीं बिना लागत क
*Author प्रणय प्रभात*
तुम मुझे भुला ना पाओगे
तुम मुझे भुला ना पाओगे
Ram Krishan Rastogi
जिंदगी
जिंदगी
Seema gupta,Alwar
उत्साह का नव प्रवाह
उत्साह का नव प्रवाह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत,
शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत,
Jitendra Chhonkar
प्यार जताना नहीं आता मुझे
प्यार जताना नहीं आता मुझे
MEENU
23/207. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/207. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नव्य द्वीप का रहने वाला
नव्य द्वीप का रहने वाला
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
यादों की सौगात
यादों की सौगात
RAKESH RAKESH
बरसात
बरसात
लक्ष्मी सिंह
प्रेम एकता भाईचारा, अपने लक्ष्य महान हैँ (मुक्तक)
प्रेम एकता भाईचारा, अपने लक्ष्य महान हैँ (मुक्तक)
Ravi Prakash
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
Vijay kumar Pandey
छद्म शत्रु
छद्म शत्रु
Arti Bhadauria
बरसो रे मेघ (कजरी गीत)
बरसो रे मेघ (कजरी गीत)
Vishnu Prasad 'panchotiya'
देह से विलग भी
देह से विलग भी
Dr fauzia Naseem shad
अपना गाँव
अपना गाँव
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
तूझे क़ैद कर रखूं ऐसा मेरी चाहत नहीं है
तूझे क़ैद कर रखूं ऐसा मेरी चाहत नहीं है
Keshav kishor Kumar
ये सर्द रात
ये सर्द रात
Surinder blackpen
तन्हाई
तन्हाई
ओसमणी साहू 'ओश'
अड़चन
अड़चन
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
Sanjay ' शून्य'
तुम करो वैसा, जैसा मैं कहता हूँ
तुम करो वैसा, जैसा मैं कहता हूँ
gurudeenverma198
Loading...