Sushma Singh 369 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Sushma Singh 4 Aug 2022 · 1 min read विषय अंजनि सुत विषय -अंजनि सुत विधा -तांका ---------------- अंजनि सुत रक्षा करें जग की पीड़ा हरते हे कष्ट निवारक दुखियों गले लगा। तेरी महिमा बहुत निराली है शीश झुकाते तेरे ही गुण... Hindi · हाइकु 125 Share Sushma Singh 4 Aug 2022 · 1 min read भारत मां के लाल भारत मां के लाल --------------------- भारत मां के लाल तुम,पथ पर बढ़ते जाना। जो भी पथ में बाधा आए,हंस कर पार सभी कर जाना।। तुम वीरों में हिमगिरि सी ऊंचाई,... Hindi · गीत 177 Share Sushma Singh 4 Aug 2022 · 1 min read गुरु की महिमा गुरु की महिमा ----------------- गुरु ही वह कल्पवृक्ष, जो मन चाहा फल देता है। गुरु ही वह पारस पत्थर, लोहे को कंचन करता है।। गुरु वही जो "ईश्वर,,को पाने का... Hindi · कविता 434 Share Sushma Singh 4 Aug 2022 · 1 min read सावन आया हरा भरा सावन आया हरा -भरा -------------------------- सावन आया शिव की पूजा,नित मंदिर में होती। भोले नाथ की भक्ति,मनको पावन करती ।। सावन के आते ही, हरियाली छा जाती दादुर, झिंगुर,टेर लगाते,... Hindi · गीत 1 315 Share Sushma Singh 4 Aug 2022 · 1 min read मायावी संसार मायावी संसार ------------------- मन को चैन मिले,तू भजन गाता चल, पथ में जो मिले, उसे गले लगाता चल, आंधी आए,चाहे तूफान आएं तुम नहीं डरना। अपनी मंजिल पर जाकर, ही... Hindi · कविता 429 Share Sushma Singh 4 Aug 2022 · 1 min read सतरंगी रंग सतरंगी रंग -------------- सतरंगी रंग बिखरे ज़मीं पर, तो कुछ बात बने। मन में कोई महक उतरे, तो कुछ बात बने।। चांद उतरा दिन की पेशानी में, चांदनी सब हो... Hindi · कविता 246 Share Sushma Singh 28 Jul 2022 · 1 min read चांद है तन्हां चांद है तन्हां --------- चांद भी है तन्हां, आसमां भी तन्हां, जहां भी क्यूं है, वीरान और तन्हां। दिल की हर धड़कन का धक-धक होना, सांसों का ऐसे चलना, क्यूं... Hindi · ग़ज़ल 3 1 149 Share Sushma Singh 28 Jul 2022 · 1 min read प्रभु की महिमा प्रभु की महिमा --------------- प्रभु वर मेरे सबको तुम देना अनंत ज्ञान अंधकार उर से हरो, दूर करो अज्ञान। हर मानव के हृदय से, दूर करो प्रभु बैर, इसी से... Hindi · कविता 248 Share Sushma Singh 28 Jul 2022 · 1 min read विषय -शिव शंकर,विधा तांका लेखन विषय -शिव शंकर विधा -तांका लेखन ---------------------- सावन आया भोले का गुणगान हर मंदिर बैल पत्री चढ़ाऊं गंगा जल अर्पित। भोले नाथ को कांवड़ भक्त लिए गंगा जल को भक्त... Hindi · गीत 88 Share Sushma Singh 23 Jul 2022 · 2 min read संस्मरण मेरी जबलपुर यात्रा संस्मरण मेरी जबलपुर यात्रा ---------------------- बेटे युवराज की परीक्षा 4जून को समाप्त हो गई थी।तो मेरा और बेटे का जबलपुर भाई के घर जाने का मन बना। भाई, भाभी भी... Hindi · संस्मरण 319 Share Sushma Singh 17 Jun 2022 · 1 min read गिरधर से लागा मेरा मन गिरधर से लागा मेरा मन ---------------------------- कान्हा से जो लागा मेरा मन, में तो हो गई बहुत मगन । बन गई मैं कान्हा की जोगन, मन में लागी ऐसी लगन... Hindi · कविता 345 Share Sushma Singh 17 Jun 2022 · 1 min read प्यारी लगने लगी प्यारी लगने लगी --------------------- तुम मुझको प्यारी सी लगने लगी, हृदय में जागा प्रेम का मधुर गीत तुम मुझको सपनों में मिलने लगी। तुम्हारी आहट पाकर, आंखें तुझको ढूंढ़ने लगी... Hindi · कविता 266 Share Sushma Singh 17 Jun 2022 · 1 min read में बहती धारा में बहती धारा ---------------- मैं बहती धारा हूं, सागर में समा जाती हूं , नदियों की तरह बहकर ,खुद रास्ता बनाती हूं । ढूंढती हूं मांझी नौका पार लगाने को,... Hindi · कविता 366 Share Sushma Singh 13 Jun 2022 · 1 min read पवनपुत्र हनुमान स्तुति पवनपुत्र हनुमान स्तुति ------------------------- हे !करूणानिधान अंजनि सुत हनुमान, दूर करो सकल कष्टों का समाधान। तुम ही प्रभु सबको देते हो जीवन दान, भक्तों को खुश होकर दिया है वरदान।... Hindi · कविता 1 1 222 Share Sushma Singh 13 Jun 2022 · 1 min read सागर से सीखो सागर से सीखो ------------------ सागर से सीखो धैर्य रखना, गम्भीर और शान्ति होना । कितनी लहरें आतीं हैं, फिर भी अपने को रखता अडिग है। भरे हुए अनंत खजाने सागर... Hindi · कविता 1 1 271 Share Sushma Singh 13 Jun 2022 · 1 min read क्या खोया क्या पाया क्या खोया -क्या पाया -------------------------- क्या खोया,-क्या पाया तूने , जीवन की आपाधापी में। सब कुछ पीछे छोड़ दिया, मृगतृष्णा के फेर में।। जीवन को यूं तन्हां जिया जाए, कोई... Hindi · कविता 1 1 182 Share Sushma Singh 13 Jun 2022 · 1 min read बेटियां बेटियां --------- सूरज का प्रकाश, चांद का चेहरा हैं बेटियां । जुगनू है , तितलियां हैं पिता की जान है बेटियां। मां की गोद को, फूलों का आंचल सा समझती... Hindi · कविता 1 1 238 Share Sushma Singh 13 Jun 2022 · 1 min read कैलाश वासी-स्तुति कैलाश वासी -स्तुति ------------------------ हे! शिव शंभू हे भोलेनाथ, रक्षा करो प्रभु,सिर पर रखो हाथ। विनती करूं मैं बारम्बार, सुन लो मेरी पुकार। में भजती तुमको सुबह शाम------- पथ है... Hindi · कविता 1 1 763 Share Sushma Singh 10 Jun 2022 · 1 min read आओ पेड़ लगाएं आओ पेड़ लगाएं ------------------- आओ हम सब मिलकर पेड़ लगाएं, बंजर धरती को फिर से लहराएं। पेड़ों को सब मिलकर लगाएं, जिससे धरा होगी हरी भरी, जो मन को बहुत... Hindi · कविता 504 Share Sushma Singh 10 Jun 2022 · 1 min read सूर्य स्तुति सूर्य स्तुति ------------ सूरज आया धरा से तम को भगाया, सबके मन को भाया, नभ में प्रकाश फैलाया। सूरज से मिलती है ऊर्जा अपार , जो रोशनी का है विशाल... Hindi · कविता 128 Share Sushma Singh 10 Jun 2022 · 1 min read छल कपट की दुनिया छल कपट की दुनिया -------------------------- धधक रही है दिल में ज्वाला, अंगारे बनकर । शांत करो ये अग्नि,शांत करो ज्वाला, शीतलता दो नदियां की धारा बनकर। धधक रही है हर... Hindi · कविता 643 Share Sushma Singh 10 Jun 2022 · 1 min read देश प्रेम देश प्रेम --------- वतन के वास्ते हम, सब कुछ लुटा देंगे। जान तो क्या हम,अपना यौवन मिटा देंगे।। वो मानव ही क्या, जिसमें लहु गर्म न होवे । वो भारतीय... Hindi · कविता 151 Share Sushma Singh 10 Jun 2022 · 1 min read धूप का कहर धूप का कहर ---------------- पेड़ों के झुरमुट से सूरज झांकता, हर मानव सुनहरी किरणों को ताकता। भोर का सुहाना गुलाबी मौसम है, धूप की तपिश से ,हर कोई परेशान हैं।... Hindi · कविता 1 154 Share Sushma Singh 31 May 2022 · 1 min read विषय किताब विषय-किताब ------------------- किताबें! हमारी सबसे अच्छी दोस्त हैं होती । विश्व की हर जानकारी हमको, किताबों से है मिलती। अकेले होकर भी हम किताबों के साथ अकेले नहीं होते। ज्ञान... Hindi · कविता 198 Share Sushma Singh 31 May 2022 · 1 min read पापा क ई रातें जागे हैं पापा क ई रातें जागे हैं ------------------------ जब मैं छोटा बच्चा था मुझको बुखार हो जाता था। पापा रातों को जागकर, मुझको सुलाया करते । तब मैं चुप हो जाता... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 167 Share Sushma Singh 31 May 2022 · 1 min read पिता पेड़ सी छाया देते पिता पेड़ सी छाया देते -------------------------- जब कभी सोचती हूं मैं, पेड़ सी छाया देकर, पिता!ने हम सबको पाला। उनकी छाया में हम शीतल होते, फिर भी बच्चों से कोई,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 255 Share Sushma Singh 31 May 2022 · 1 min read पापा तुमने पढ़ाया मुझको पापा तुमने पढ़ाया मुझको -------------------------------- पापा! बचपन में तुमने पढ़ाया मुझको, ज्ञान देकर अपना,नेक इंसान बनाया मुझको । आज जो भी हूं, आपका उपकार है, आदर्श और महानता का पाठ... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 157 Share Sushma Singh 30 May 2022 · 1 min read मेरी खामोशियों मेरी खामोशियों -------------------- मेरी खामोशियों तुझसे अफसाने कहेंगी , मजबूरियां मेरी तुझको ही चाहेंगी। तन्हां ही जी लेंगे ,पर! तुझको अपने सपनों में पायेंगे । भूल कर भी हम तुमको... Hindi · कविता 127 Share Sushma Singh 29 May 2022 · 1 min read बाल गीत -कहां खो गया बचपन मेरा बाल कविता-कहां खो गया बचपन ---------------------------------------- कहां खो गया बचपन मेरा, अल्हड़ और भोला बचपन मेरा। खाते, पीते, और खेलते, नहीं कोई फिकर। सारा दिन शैतानी करते, पढ़ाई का नहीं... Hindi · कविता 398 Share Sushma Singh 29 May 2022 · 1 min read पापा कोई आपसा नहीं पापा कोई आपसा नहीं -------------------------- पापा सारे जहां में आपसा कोई नहीं, तपते हो हम बच्चों के लिए यह है सही कभी नहीं थकते सदा मुस्कुराते हो, अपनी ताकत हम... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 1 144 Share Sushma Singh 29 May 2022 · 1 min read बचपन की धुंधली यादें बचपन की धुंधली यादें -------------------------- यादें मेरी आज भी धुंधली सी हैं, मुझको जब कांधे में बिठाकर, पापा! दौड़ा करते । और घर में हम बच्चों के साथ खेला करते... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 363 Share Sushma Singh 26 May 2022 · 1 min read विषय फूल विषय-फूल ------------- हां ! मैं एक फूल हूं, किसी बगिया की शोभा हूं। गजरा बन नारी के जूड़े की सुंदरता हूं। मैं एक फूल हूं----- प्रभु के गले का में... Hindi · कविता 193 Share Sushma Singh 25 May 2022 · 2 min read नारी की वेदना नारी की वेदना ----------------- उसे अच्छा नहीं लगता खुश हो कर रहना। मन भी परेशां और दुःख से भरा रहता। अपने दर्दों को हृदय में छिपा कर रखा है ।... Hindi · कविता 1 1 491 Share Sushma Singh 25 May 2022 · 1 min read आओ पेड़ लगाएं आओ पेड़ लगाएं ------------------- आओ हम सब मिलकर पेड़ लगाएं, बंजर धरती को फिर से लहराएं। पेड़ों को सब मिलकर लगाएं, जिससे धरा होगी हरी भरी, जो मन को बहुत... Hindi · कविता 1 1 146 Share Sushma Singh 25 May 2022 · 1 min read गुलाब विषय-गुलाब ---------------- फूल हूं गुलाब का में, चढ़ता प्रभु के चरणों में। या वीर जवानों के पथ पर, बिछा दिया जाता चादर बन कर। क ई रंग मेरे होते,लाल, पीला,नीला... Hindi · कविता 1 1 296 Share Sushma Singh 24 May 2022 · 1 min read आहिस्ता चल जिंदगी आहिस्ता चल जिंदगी ------------------------- ऐ! जिंदगी आहिस्ता से चल, मुझको क ई काम करने हैं---- जो जीवन में बन जाए हसीन पल। ऐ जिन्दगी आहिस्ता से चल------- मानव तन पाया... Hindi · कविता 1 1 268 Share Sushma Singh 24 May 2022 · 1 min read शीर्षक बादल शीर्षक-बादल --------------- देखो-देखो बादल में काले-काले मेघा आए। जो आसमान पर घनघोर है छाए।। गर्जना कर बिजली कड़कती। साथ में अपने वर्षा हे लाती । बादल में देखो काले मेघा... Hindi · कविता 125 Share Sushma Singh 23 May 2022 · 1 min read पिता ही फरिश्ता पिता ही फरिश्ता ---------------------- जब कभी भी विपदा आती, सारथी बन जाते पापा है। हम बच्चों के लिए अपनी इच्छाओं का दमन कर देते हैं । और हम सब में... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 2 238 Share Sushma Singh 20 May 2022 · 1 min read बचपन की यादें बचपन की यादें ----------------- पापा मेरे मुझको याद आज भी हैं, बचपन की झीनी यादें, ताजा आज भी हैं। मुझसे तुम हर बात में करते थे वादे, आप जब भी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 162 Share Sushma Singh 20 May 2022 · 1 min read पापा मेरे सबसे अच्छे पापा मेरे सबसे अच्छे ----------------------- पापा मेरे सबसे अच्छे , नित नए सपने बुनते हैं। हम बच्चों के खातिर सपनों की कीमत क्या क्या सहके अदा करते हैं। सब कुछ... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 1 346 Share Sushma Singh 20 May 2022 · 1 min read श्री राम स्तुति श्री राम स्तुति ---------- प्रभु जी करती तेरा ध्यान। राम भजन से दिन बने महान।। दूर करो प्रभु उर से नफ़रत। भरो सब दिलों में प्रेम प्रभात।। पल पल रटूं... Hindi · कविता 1 1 110 Share Sushma Singh 20 May 2022 · 1 min read जीवन नैया जीवन नैया ------------- प्राणी का जीवन भी नौका जैसा है, तूफानों जैसे संघर्ष आते रहते हैं । लेकिन तुम मानव चट्टान बन खड़े रहना। लहरों से भी टकराकर नौका को... Hindi · कविता 2 1 138 Share Sushma Singh 19 May 2022 · 1 min read मेरे हमदम मेरे हमदम ------------- आंखों ने नैनों की नींद चुराई हमदम, बातों ही बातों में तुमने दिल भी चुराया सनम--- ख़ामोश हूं, सैलाब हूं मैं , दुःख का एक सागर हूं... Hindi · कविता 196 Share Sushma Singh 19 May 2022 · 1 min read सूरज की किरणें सूरज की किरणें ---------------------- पेड़ों के झुरमुट से झांकता सूरज, सुनहरी किरणें फैलीं चहूं और। सुबह का सुहाना गुलाबी मौसम है, जो मन को कर जाता तरोताजा है। धरा पर... Hindi · कविता 1 1 204 Share Sushma Singh 18 May 2022 · 1 min read तुम वृक्ष हो हरा-भरा तुम वृक्ष हो हरा-भरा ----------------------- पापा तुम वृक्ष हो हरा-भरा छाया देते, हम सबको तपिश से तुम हे बचाते। थककर जब हम हार है जाते, आकर पथ हमको तुम ही... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 431 Share Sushma Singh 18 May 2022 · 1 min read तूफान से संघर्ष जब हे आते तूफान से संघर्ष जब है आते ----------------------------------- जीवन में तूफान से संघर्ष जब भी है आते, दो धारी तलवार तुम है बन जाते। हर कांटों को आसानी से तुम चुन... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 266 Share Sushma Singh 16 May 2022 · 1 min read पिता का साया पिता का साया --------------- पिता का साया जिस पर हो, वो तकदीर वाले हे कहलाते। माता पिता दोनों का साया हो, वो ! मुकद्दर का सिकंदर कहलाते। पिता का साया... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 349 Share Sushma Singh 16 May 2022 · 1 min read पापा तुम कर्तव्य निभाते पापा तुम कर्तव्य निभाते --------------------------- पापा तुम अपना कर्तव्य निभाते, हम सबको जीवन जीना सिखाते। हर मुश्किल को आसानी से सुलझाते, वो पापा ही होते जो बिगड़े काम बनाते। एक... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 185 Share Sushma Singh 16 May 2022 · 1 min read पथ दिखाया तुमने पथ दिखाया तुमने ----------------------- हे! पिता तुमने ही मुझको पथ दिखाया, तुमने ही मुझको चलना सिखाया। जब कभी भी परेशान हुई हुं मैं-- तब आपने ही पथ प्रदर्शक कर, कांटों... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 1 1 275 Share Sushma Singh 16 May 2022 · 1 min read हाइकु-पिता हाइकु-पिता ------------- जीवन दाता सबकी करें रक्षा संबल बन । हे पहचान उनसे ही सबकी हम हैं जान। हमारे पिता सबका अरमान पूरा करते। जब भी कभी परेशानी से आती... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · हाइकु 395 Share Previous Page 3 Next