sushil sarna Tag: Quote Writer 320 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sushil sarna 2 Jun 2024 · 1 min read विश्राम ... विश्राम ... मैं क्या जानूँ राम कहाँ है। मेरा अंतिम धाम कहाँ है। पाप पुण्य की गठरी ढोती - साँसों का विश्राम कहाँ है। सुशील सरना Quote Writer 1 13 Share sushil sarna 2 Jun 2024 · 1 min read फ्रेम ..... फ्रेम ..... मरती रही ज़िंदगी ज़िंदा रही जब तक अमर हो गई फ्रेम में कैद होने के बाद सुशील सरना Quote Writer 13 Share sushil sarna 1 Jun 2024 · 1 min read दर्द .... दर्द .... कुरेदने से सिर्फ ज़ख्म ही हरे नहीं होते बल्कि हो जाते हैं हरे ज़ख्मों की पपड़ी के नीचे दबे दर्द के जलजले भी सुशील सरना /1-6-24 Quote Writer 16 Share sushil sarna 27 May 2024 · 1 min read आई तेरी याद तो, आई तेरी याद तो, हरे हुए सब घाव । अनायास होने लगा, नयनों से फिर स्राव ।। सुशील सरना / 27-5-24 Quote Writer 20 Share sushil sarna 27 May 2024 · 1 min read सुधि सागर में अवतरित, सुधि सागर में अवतरित, हुई पिया की याद । यादों से होते रहे, मौन मधुर संवाद ।। सुशील सरना Quote Writer 20 Share sushil sarna 25 May 2024 · 1 min read पलकों में शबाब रखता हूँ। पलकों में शबाब रखता हूँ। हाथों में गुलाब रखता हूँ। चुरा न ले कोई ख़्वाबों को - ख़्वाबों पे नकाब रखता हूँ। सुशील सरना Quote Writer 1 23 Share sushil sarna 25 May 2024 · 1 min read व्योम को व्योम को सूक्ष्म से अलंकृत करो कि स्वप्न भी कल्पना है अचेतन मन की सुशील सरना Quote Writer 1 29 Share sushil sarna 25 May 2024 · 1 min read कहाँ मिलेगी जिंदगी , कहाँ मिलेगी जिंदगी , हमको बारम्बार । जी भर कर जी लो इसे, स्वप्न करो साकार ।। सुशील सरना / 25-5-24 Quote Writer 2 21 Share sushil sarna 25 May 2024 · 1 min read झूठी है यह जिंदगी, झूठी है यह जिंदगी, झूठे इसके तीर । सुख की झूठी झील में, सिर्फ पीर ही पीर ।। सुशील सरना / 25-5-24 Quote Writer 2 18 Share sushil sarna 23 May 2024 · 1 min read सेज सजायी मीत की, सेज सजायी मीत की, हृदय पुष्प से रोज । तन का लोभी चल दिया, रोज मनाकर मौज ।। सुशील सरना / 23-5-24 Quote Writer 1 18 Share sushil sarna 21 May 2024 · 1 min read आज दिवाकर शान से, आज दिवाकर शान से, करे गगन पर राज । हरी धरा पर ताप की, गिरा रहा वो गाज ।। सुशील सरना / 21-5-24 Quote Writer 23 Share sushil sarna 21 May 2024 · 1 min read धाम- धाम में ईश का, धाम- धाम में ईश का, खूब लगाया ध्यान । दान -दक्षिणा से लुटे, पर न मिला भगवान ।। सुशील सरना / 21-5-24 Quote Writer 21 Share sushil sarna 20 May 2024 · 1 min read पल- पल बदले जिंदगी, पल- पल बदले जिंदगी, गिरगिट जैसे रंग । जीवन से मिटने लगी, खुशियों भरी उमंग ।। सुशील सरना / 20-5-24 Quote Writer 22 Share sushil sarna 20 May 2024 · 1 min read हर खतरे से पुत्र को, हर खतरे से पुत्र को, पिता करे आगाह । जीवन में हर लक्ष्य की , दुर्गम होती राह ।। सुशील सरना / 20-5-24 Quote Writer 23 Share sushil sarna 17 May 2024 · 1 min read माँ से मिलने के लिए, माँ से मिलने के लिए, मन तड़पा सौ बार । अब तो होते चित्र में, बस माँ के दीदार ।। सुशील सरना / 17-5-24 Quote Writer 26 Share sushil sarna 17 May 2024 · 1 min read तन्हाई को तोड़ कर, तन्हाई को तोड़ कर, आई तेरी याद । तारीकी में खो गई, मिलने की फरियाद ।। सुशील सरना / 17-5-24 Quote Writer 27 Share sushil sarna 13 May 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . दोहा त्रयी. . . अवगुंठन में काल के, लुप्त हुए सब हर्ष । जरा अवस्था देखती, मुड़ -मुड़ बीते वर्ष ।। पीत पात सी काँपती, जरा काल में देह ।... Quote Writer 30 Share sushil sarna 12 May 2024 · 1 min read लौटेगी ना फिर कभी, लौटेगी ना फिर कभी, माँ जाने के बाद । कर लो उससे दो घड़ी , कुछ मीठे संवाद ।। सुशील सरना / 12-5-24 Quote Writer 31 Share sushil sarna 12 May 2024 · 1 min read बाट जोहती पुत्र का, बाट जोहती पुत्र का, माँ निहारती द्वार । अविरल बहती आँख से, खारे जल की धार ।। सुशील सरना / 12-5-24 Quote Writer 27 Share sushil sarna 12 May 2024 · 1 min read बड़े हुए सब चल दिये, बड़े हुए सब चल दिये, अपने - अपने नीड़ । माँ आँखों से पोंछती, पुत्र विरह की पीड़ ।। सुशील सरना / 12-5-25 Quote Writer 25 Share sushil sarna 9 May 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . . दोहा त्रयी. . . . . नयन बड़े बेशर्म हैं, नयनों का क्या धर्म। प्रीत सयानी जानती , प्रणय क्षुधा का मर्म।। अभिसारों के वेग में, टूट गए सब बंध... Quote Writer 33 Share sushil sarna 8 May 2024 · 1 min read पहले अपने रूप का, पहले अपने रूप का, कर लूँ मैं शृंगार । साजन फिर आराम से, कर लेना दीदार ।। सुशील सरना / 8-5-24 Quote Writer 26 Share sushil sarna 7 May 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . दोहा त्रयी. . मैखाने में जाम से, टकराये जब जाम । जन्नत जैसी हो गई, मस्तानों की शाम ।। छम- छम करती बज्म में, साकी लायी जाम । डूबे यूँ... Quote Writer 24 Share sushil sarna 6 May 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . दोहा त्रयी. . . तोड़ दिए आवेश में, मधुर सभी संबंध । कैसी फैली स्वार्थ की, संबंधों में गंध ।। मतलब निकला खो गई, आपस की पहचान । खून देखता... Quote Writer 36 Share sushil sarna 5 May 2024 · 1 min read मेरी तुझ में जान है, मेरी तुझ में जान है, तेरी मुझ में जान। जान धड़कती जान से , आखिर क्यों अंजान ।। सुशील सरना / 5-5-24 Quote Writer 27 Share sushil sarna 5 May 2024 · 1 min read कुंडलिया. . . कुंडलिया. . . जीवन जीने के सभी, बिगड़ गए अनुपात । उधर लुड़कते लोग अब, झुकती जिधर परात । झुकती जिधर परात , सभी हैं अवसरवादी । फेरे लेते सात... Quote Writer 22 Share sushil sarna 4 May 2024 · 1 min read यादों के संसार की, यादों के संसार की, बड़ी अजब तासीर । पास नहीं लेकिन बसे , नैनों में तस्वीर ।। सुशील सरना / 4-5-24 Quote Writer 41 Share sushil sarna 4 May 2024 · 1 min read हुई बात तो बात से, हुई बात तो बात से, निकली फिर वही बात । बात - बात में रात को, तड़पा गया प्रभात ।। सुशील सरना / 4-5-24 Quote Writer 32 Share sushil sarna 3 May 2024 · 1 min read चिंगारी के गर्भ में, चिंगारी के गर्भ में, निहित आग का ताप । आ जाए जो क्रोध में, बन जाती ये श्राप ।। सुशील सरना / 3-5-24 Quote Writer 35 Share sushil sarna 2 May 2024 · 1 min read गजब हुआ जो बाम पर, गजब हुआ जो बाम पर, देखा एक शबाब । उस पर फिर रुखसार से, उड़ता रहा हिजाब ।। सुशील सरना / 2-5-24 Quote Writer 35 Share sushil sarna 2 May 2024 · 1 min read कैसे आये हिज्र में, दिल को भला करार । कैसे आये हिज्र में, दिल को भला करार । हर करवट अब चश्म है, अश्कों से गुलज़ार ।। सुशील सरना / 2-5-24 Quote Writer 28 Share sushil sarna 1 May 2024 · 1 min read मजदूरों से पूछिए, मजदूरों से पूछिए, उनके दिल का हाल । दूर पहुंचे पेट से, उनके आटा- दाल ।। सुशील सरना / 1-5-24 Quote Writer 39 Share sushil sarna 1 May 2024 · 1 min read मजदूर की मजबूरियाँ , मजदूर की मजबूरियाँ , प्रतिदिन के हैं दंश । अर्थ अर्जन में झोंकता, अपना सारा वंश ।। सुशील सरना /1-5-24 Quote Writer 30 Share sushil sarna 30 Apr 2024 · 1 min read इल्म हुआ जब इश्क का, इल्म हुआ जब इश्क का, दिल धड़का सौ बार । बार -बार करने लगा, दिल उसका दीदार ।। सुशील सरना / 30-4-24 Quote Writer 23 Share sushil sarna 30 Apr 2024 · 1 min read उल्फत के हर वर्क पर, उल्फत के हर वर्क पर, अश्क लिखें तहरीर । किसने बदली ख्वाब की, चुपके से तकदीर ।। सुशील सरना / 30424 Quote Writer 30 Share sushil sarna 30 Apr 2024 · 1 min read असर हुआ इसरार का, असर हुआ इसरार का, जागे सारे ख्वाब । बाँहों की आगोश में, लिपटा रहा शबाब ।। सुशील सरना / 30-4-24 Quote Writer 28 Share sushil sarna 29 Apr 2024 · 1 min read गुजरा कल हर पल करे, गुजरा कल हर पल करे, जीवन से संवाद । वर्तमान को छेदती , याद सुवासित नाद ।। सुशील सरना / 29-4-24 Quote Writer 1 41 Share sushil sarna 29 Apr 2024 · 1 min read आता है संसार में, आता है संसार में, कौन किसी के काम । काम निकाला सब चले, अपने -अपने धाम ।। सुशील सरना / 29-4-24 Quote Writer 44 Share sushil sarna 29 Apr 2024 · 1 min read काला धन काला करे, काला धन काला करे, मानव का हर कर्म । अर्थ प्राप्ति संसार में, उसका बनता धर्म ।। सुशील सरना / 29-4-24 Quote Writer 36 Share sushil sarna 28 Apr 2024 · 1 min read Micro poem ... Micro poem ... We have to take off glasses From eyes To wipe The pain inside Written on the cheeks A story Before drying Sushil Sarna 28424 Quote Writer 35 Share sushil sarna 28 Apr 2024 · 1 min read पंख पतंगे के मिले, पंख पतंगे के मिले, बुझी शमा के पास । था यह उनके वस्ल का, अंतिम चरम प्रयास ।। सुशील सरना / 28-4-24 Quote Writer 42 Share sushil sarna 27 Apr 2024 · 1 min read उलझी रही नजरें नजरों से रात भर, उलझी रही नजरें नजरों से रात भर, इक हादसा हुआ और सहर हो गई । सुशील सरना / 27-4-24 Quote Writer 26 Share sushil sarna 26 Apr 2024 · 1 min read देख स्वप्न सी उर्वशी, देख स्वप्न सी उर्वशी, बेकल बहके भाव । मन की नटखट कामना, लगी चलाने नाव ।। सुशील सरना / 26424 Quote Writer 35 Share sushil sarna 26 Apr 2024 · 1 min read पुष्प रुष्ट सब हो गये, पुष्प रुष्ट सब हो गये, देख पवन का रोष । बिना गंध उद्यान में , सूना लगे प्रदोष ।। सुशील सरना / 26424 Quote Writer 37 Share sushil sarna 26 Apr 2024 · 1 min read कभी लगे इस ओर है, कभी लगे इस ओर है, कभी लगे उस ओर । जाने मन के गाँव की, प्रीत छाँव किस छोर ।। सुशील सरना / 26424 Quote Writer 33 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read जाने क्या-क्या कह गई, उनकी झुकी निग़ाह। जाने क्या-क्या कह गई, उनकी झुकी निग़ाह। स्याह रात में हो गया, दिल से हसीं गुनाह। आफ़ताब ने खोल दिए, शब् के सारे राज़ - बंद पलक में शर्म को,... Quote Writer 30 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read क्षणिका ... क्षणिका ... उतारना पड़ता चश्मा आँखों से पौंछ्ने के लिए अन्तस की वेदना को गालों पर लिखी किसी कहानी को सूखने से पहले सुशील सरना / 25424 Quote Writer 36 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read पाप पंक पर बैठ कर , पाप पंक पर बैठ कर , करें पुण्य की बात । ढोंगी लोगों से मिलेेें, सदा यहाँ आघात ।। सुशील सरना / 25424 Quote Writer 48 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read अजब प्रेम की बस्तियाँ, अजब प्रेम की बस्तियाँ, जहाँ विरह के गीत । अखियाँ हरदम ढूँढती, परदेसी मन मीत ।। सुशील सरना / 25424 Quote Writer 31 Share sushil sarna 25 Apr 2024 · 1 min read धवल चाँदनी में हरित, धवल चाँदनी में हरित, हुए हृदय के घाव । खारे जल के नैन से, छलके अविरल स्राव ।। सुशील सरना / 25424 Quote Writer 41 Share Page 1 Next