सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1649 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सुरेश कुमार चतुर्वेदी 7 May 2020 · 2 min read तुम मन मंदिर में आ जाना तुम मन मंदिर में आ जाना, तन मन मेरा महका जाना जब खेतों में सरसों फूले, और अमराई वौरा जाए, जब टेसू से वन लाल लगे ,और मन पंछी उड़... Hindi · गीत 19 6 396 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1 Feb 2021 · 1 min read प्रेम दो दिल की धड़कन है, नहीं है खेल जिस्मानी प्रेम ईश्वर प्रेम अल्लाह, प्रेम मंजिल रूहानी है प्रेम इस फानी दुनिया की, फकत पहली कहानी है प्रेम काबा प्रेम काशी, रब की निगाहे बानी है प्रेम आधार है जग... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 19 78 803 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 18 May 2020 · 1 min read दिल की दुआ या अल्लाह या मेरे परवरदिगार हर इंसान के दिल में भर दो मोहब्बत बेशुमार सारा आलम दीन पर चलने लगे इल्म और अमन की दुआएं, जहां में बहने लगें खोल... Hindi · कविता 16 5 266 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 20 May 2020 · 1 min read ईर्ष्या द्वेश की आग अपनी नाकामी को लेकर, ईर्ष्या में जल कर भी देखा अपनी नाकामी को लेकर, परनिंदा में हंसकर देखा अपनी कमी छुपा कर, कुंठित मन करके भी देखा अपनी कमी छुपा... Hindi · कविता 16 7 317 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 28 May 2020 · 1 min read आम और खास चुनाव के समय हम खास थे, अब आम हो गए हाथ जोड़े दरवाजे पर खड़े थे, अब वीवीआइपी हो गए कैसे काले डूंड से लगते थे, अब तो सुर्ख लाल... Hindi · कविता 16 6 366 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 9 Jun 2020 · 1 min read जान फकीरी प्रेम की, कह गए दास कबीर अंतर्मन में ज्ञान जगाने, साखी कही कबीर राम रहीम रखे मन भीतर, गाई हृदय की पीर ज्ञान चक्षु खोलें अंतस के, सांचा एक फकीर एक व़म्ह एक आत्मा, पियत एक... Hindi · कविता 16 1 829 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 31 Jul 2020 · 1 min read लॉकडाउन में मुझे तुम्हारी याद सताती है लाकडाउन में मुझे तुम्हारी, याद सताती है कितना मिस करता हूं तुमको, जीभ बहुत ललचाती है कब से नहीं जलेबी खाई, न पप्पू का पोहा खाए नहीं समोसे-कचोरी, कितना लाकडाउन... Hindi · कविता 16 10 399 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 6 May 2020 · 2 min read जीवन यात्रा जीवन यात्रा ईश्वर की थाती, ये घटती है न बढ़ती है जितनी जिसे मिली है ज्योति, बस उतनी ही जलती है जितनी जिसे मिलीं हैं सांसें, बस उतनी ही चलतीं... Hindi · कविता 15 5 442 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2020 · 1 min read मन का महाभारत युद्ध चल रहा है, उर के रण समर में कुरुक्षेत्र बन गया है, मेरे ह्रदय स्थल में यह युद्ध झूंठ सांच का, पुण्य और पाप का अपने और पराए का,... Hindi · कविता 15 3 289 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 17 May 2020 · 1 min read हे मात जीवन दायिनी नर्मदा जी हे मात जीवनदायिनी, तेरी करूं मैं बंदगी तेरे तटों पर ना हो मुझसे, भूलकर भी गंदगी नित्य सेवन दर्शन तुम्हारे, मैं सदा करता रहूं मैं सदा घाटों को तेरे, साफ... Hindi · कविता 15 6 289 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 17 Aug 2020 · 4 min read बंटवारा बलदेव सिंह एक अच्छे किसान थे उनकी सूझबूझ और चतुराई के चर्चे सारे गांव में रहते थे। धर्म पत्नी रत्ना देवी भी मिलनसार एवं कुशल ग्रहणी थीं। बड़े बेटे राजकुमार... Hindi · कहानी 15 6 399 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 17 Aug 2020 · 1 min read जीवन में नियम जरूरी है जीवन बगिया महकाने को, जीवन में नियम जरूरी है नियमवध्द जीवन जीना, उत्तरोत्तर प्रगति की धूरी है नियमवध्द चलने से, आत्मानुशासन आता है अनुशासन ही मानव को, उत्कृष्ट बनाता है... Hindi · कविता 15 4 352 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2020 · 2 min read मानवता का गान है हिंदी जन गण मन की जान है हिंदी भारत की पहचान है हिंदी मानवता का गान है हिंदी प्रेम सत्य और करुणा का गीत और यश गान है हिंदी शब्द ब्रह्म... Hindi · कविता 14 7 504 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 12 May 2020 · 1 min read उठ जाग मेरे मानस उठ जाग मेरे मानस, बेहोश सो रहा है अनमोल है ये नर तन, क्यों व्यर्थ खो रहा है ।उठ...... मानस जनम सुधारो, सत्कर्म मन में धारो अब तो जरा विचारों,... Hindi · गीत 14 8 236 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 12 May 2020 · 1 min read उठो पुत्र लिख दो पैगाम उठो पुत्र लिख दो पैगाम धरती पर जन जन के नाम हिंसा नहीं प्रेम बरसाओ लाओ धरा पर नया विहान उठो पुत्र लिख दो पैगाम एक पिता है एक ही... Hindi · गीत 14 7 377 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 14 May 2020 · 1 min read भोपाल गैस त्रासदी २दिसंबर१९८४ किसका है कहर, सूना है शहर, बाजार सारा ये वीरान है लोग हैं भी यहां, सहमें सहमे हुए भोपाल सारा ही शमशान है कोई चिल्ला रहा, कोई सुनसान है कोई... Hindi · कविता 14 6 262 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 16 May 2020 · 1 min read महाकाल का संदेश बोले कालों के महाकाल, सुन धरती के इंसान रे छलक रहीं अमृत की बूंदें, पान करो इंसान रे हिंसा छोड़ो जीवन जोड़ो, प्रेम का दो पैगाम रे दुर्लभ मनुज जन्म... Hindi · गीत 14 3 371 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 18 May 2020 · 1 min read मरने वाला तो इंसान अदद होता है न हिंदू न मुसलमान, इंसान बढ़ा होता है मरने वाला तो, इंसान अदद होता है मां तो बस मां ही होती है, दिल तो उसका ही रोता है एक पिता... Hindi · कविता 14 7 274 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 19 May 2020 · 1 min read चक्र से चलते रहो कहते रहो हर नर्मदे चक्र से चलते रहो, कहते रहो, हर नर्मदे, नर्मदे हर, नर्मदे हर, नर्मदे हर नर्मदे चक्र है रुकता नहीं, समय भी टिकता नहीं आनंद में हर पल जियो, कहते चलो,... Hindi · गीत 14 5 602 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 20 May 2020 · 2 min read चुनावी घोषणा पत्र दुनिया के महा ठगों को बुलाओ चुनावी घोषणा पत्र तैयार कराओ हर अंचल हर वर्ग धर्म जाति सभी को रिझओ लिख दो सबको बांग्ला गाड़ी देंगे वोनस में दुनिया की... Hindi · कविता 14 9 316 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 20 Jun 2020 · 1 min read योग महा विज्ञान है भारत की माटी का गौरव, तन मन आत्म विज्ञान है सारी दुनिया बने निरोगी, योग का ये आव्हान है योग समूची मानवता को, खुशियों का पैगाम है योग ध्यान ईश्वर... Hindi · गीत 14 6 308 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 21 Jun 2020 · 1 min read पिता परिवार के बटवृक्ष ( विश्व फादर्स दिवस ) पिता की उंगली पकड़ धरा पर, पहला कदम बढ़ाया मेहनत खून पसीना संबल से, मेरा जीवन मेंहकाया दुनिया में आगे बढ़ने का, मुझको मार्ग दिखाया... Hindi · कविता 14 7 321 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 22 Jun 2020 · 1 min read उचित प्लेटफॉर्म पर, मोदी जी के कान खाओ नेताजी आप बड़े महान है एक जिम्मेदार व्यक्ति नायाब इंसान हैं निश्चय ही संकट की घड़ी है आपको देश की चिंता बढ़ी है सीमाओं पर ड्रैगन की फौज खड़ी है... Hindi · कविता 14 8 268 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1 Jul 2020 · 1 min read ये दिल किसको दे दूं सुरेश, सभी तो भाढ़ खाते हैं तुम्हारे खोखले वादों में, जरा भी दम नहीं दिखती किस पर यकीन कर लूं मैं, वह सूरत भी नहीं दिखती कभी लालच वो देते हैं, कभी मस्का लगाते हैं जाति... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 14 2 304 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 4 Jul 2020 · 1 min read गुरु पूर्णिमा मात-पिता श्री गुरु चरणों में, बारंबार प्रणाम है मेरे जीवन प्राण आप हैं, आप मेरे भगवान हैं पाल पोस कर बड़ा किया, मेरा जीवन मेंहकाया शिक्षा दीक्षा आध्यात्म धर्म से,... Hindi · कविता 14 7 347 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 1 Aug 2020 · 2 min read ओर मियां क्या चल रिया है? (एक व्यंग बाण) बड़े मियां सलाम वालेकुम, वालेकुम अस्सलाम मियां। आजकल क्या चल रिया है बड़े मियां? बाहर ही नईं निकल रिये हो? अरे हां मियां, क्या डंडे मंडे खाने का इरादा है?... Hindi · लेख 14 12 586 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 5 Aug 2020 · 1 min read श्री अयोध्या जी में राम मंदिर शिलान्यास (भाद्रपद कृष्ण २ बुधवार सं२०७७ दि.५/८/२०२०) रामलला मंदिर शिलान्यास, आज बड़ा तारीखी दिन है घर घर दीप जलाओ, 500 बरस में आया शुभ दिन है एक अखंड दीपक, अपने हृदय... Hindi · कविता 14 8 314 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 16 Aug 2020 · 1 min read प्रेम गीत छेड़ो सजन प्रेम गीत, या कोई तराना गाए जो मिलकर, सारा जमाना प्रेम प्रीत भरकर, रंगोली सजाओ कई रंग देकर भी, एक रंग लाओ सबका हो ताल एक, एक स्वर... Hindi · गीत 14 3 574 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 16 Aug 2020 · 1 min read काल के भी भाल पर जो गीत लिख गए (माननीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की पुण्यतिथि) हर आंख के नूर थे,हर दिल अजीज थे पक्ष और विपक्ष, दोनों के करीब थे हर दिल को याद आएंगे, वे कालजयी... Hindi · कविता 14 4 440 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 5 May 2020 · 1 min read हे शहीदे वतन तुम्हें शत-शत नमन हे शहीदे वतन तुम्हें शत-शत नमन नम है आंखें गमगीन है ये वतन हंसते हंसते कुर्बान किया जानो तन तोड़ डाली गुलामी दे दिया नव सपन हे शहीदे वतन तुम्हें... Hindi · गीत 13 5 524 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 May 2020 · 1 min read मां त्याग तपस्या की मूरत मां, ईश्वर है संतान की प्रेम और करुणामई मूरत, मां जननी सकल जहान की संतति पर सर्वस्व लुटाती, लाख दुखों में भी मुस्काती खुद भूखी रहकर... Hindi · कविता 13 5 560 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 9 May 2020 · 2 min read बापू के संजय स्वतंत्रता के 75वे वर्ष में पूरे भारतवर्ष में गांधी जयंती धूमधाम से मनाई सरकारी भोंपू ने प्रमुख खबर बनाई सुबह जब अखबार उठाया तो नेताजी को माला अर्पण करते पाया... Hindi · कविता 13 7 262 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 11 May 2020 · 1 min read योग ध्यान अपनाओ बीमारियां दूर भगाओ बिना काम के खा रहे हो, पड़े पड़े पेट बढ़ा रहे हो देर से सोना देर से उठना, क्यों खुद को बीमार बना रहे हो उल्टा सीधा चाहे जो खा... Hindi · कविता 13 2 318 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 11 May 2020 · 1 min read ऋणी इंसान सिर ऊपर है ऋणों की भारी धरी गठान मैं हूं मृत्यु लोक का एक ऋणी इंसान पहला ऋण भगवान का जन्म दिया इंसान ऋण है धरती मात का जो कर... Hindi · कविता 13 2 247 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 13 May 2020 · 2 min read सारी दुनिया में कहीं नहीं है मेरे जैसा वतन सारी दुनिया में कहीं नहीं है, मेरे जैसा वतन अलग अलग बोली भाषाएं, फिर भी एक है मन ।सारी...... कई धर्म संप्रदाय यहां हैं, सबका एक जतन मानव के कल्याण... Hindi · कविता 13 6 256 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 14 May 2020 · 1 min read बड़ी झील भोपाल भोर हूं, स्वप्निल सुनहरी और सजीली शाम हूं भोज का सृजन हूं मैं हर जिंदगी का गान हूं सागर सा बिशाल हूं मैं बढ़ा ताल हूं इंसान और इंसानियत को... Hindi · कविता 13 8 528 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 15 May 2020 · 1 min read न जाने मुझे ये क्या हो गया है ना जाने मुझे यह क्या हो गया है मेरा मानस जाने कहां खो गया है पुण्य धरा पर मानव मूल्य नित्य घट रहा है ये कौंन सा परिवर्तन चल रहा... Hindi · कविता 13 4 518 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 17 May 2020 · 1 min read काश ये दुनिया बच्चा होती काश ये दुनिया बच्चा होती, धरती कितनी अच्छी होती न होते ये राग द़ेष, दुनिया कितनी सच्ची होती काश यह दुनिया बच्चा होती काश अगर मैं बच्चा होता, जीवन कितना... Hindi · कविता 13 5 277 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 19 May 2020 · 2 min read नेम प्रेम का कर ले बंधु नेम प्रेम का कर ले बंधु होगा जग से पार प्रेम बिना है सूना सब संसार राम नाम है प्रेम सुनो मेरे सांवरिया राम नाम की नित्य भरो तुम गागरिया... Hindi · गीत 13 4 270 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 21 May 2020 · 1 min read मैं बोल रहा हूं पानी सुन मानस के हंस सोच जरा ये प्राणी... हम भी पानी, तुम भी पानी, पानी है जिंदगानी मत बेकार बहाओ मुझको, तुम करो ना गंदा पानी... पंचतत्व के पुतले सुन,... Hindi · गीत 13 4 323 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 21 May 2020 · 1 min read दामिनी का आह्वाहन आंखों में आंसू लिए, और दर्द के शूल भैया मेरी जान की कीमत, तुम मत जाना भूल कोई दामिनी का दामन, अब न बन जाए धूल अब कोई भी मां... Hindi · कविता 13 4 262 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 23 May 2020 · 1 min read निर्मम हत्याएं क्यों जाति धर्म पर मार रहे, निर्दोषों को इंसान रे हिंदू ने मरता मुस्लिम न मरता ,मर जाता इंसान रे गोली और बम विस्फोटों से, जो मरते हैं इंसान रे... Hindi · कविता 13 6 448 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 28 May 2020 · 1 min read मैं तुमसे प्यार करती हूं /करता हूं मैं तुमसे प्यार करता हूं/करती हूं जब भी किसी से बोलना परखना सच के धरातल पर तराजू में दिल के तोलना मैं तुमसे प्यार करती हूं/ करता हूं जब भी... Hindi · कविता 13 6 574 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 3 Jun 2020 · 2 min read सृष्टि की उत्पत्ति (भाग-१) एक समय महाविष्णु अकेले, गहरे शून्य में सोए थे हलचल होती थी मन में, कुछ मंथन में वे खोए थे आया विचार सृष्टि रचने का, गहन और गंभीर हुए सोचा... Hindi · कविता 13 5 529 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 8 Jun 2020 · 1 min read छद्म मानव अधिकार वादियों धन्य है, छद्म मानव अधिकार हिमायतियों उग्रवाद नस्लवाद के छुपे हुए साथियों भारत तोड़ विचारधारा के पैरोकारियों तथाकथित भड़काऊ बुद्धिजीवियों डिजाइनर मीडिया के डिजाइनर भाइयों आप कौनसा चश्मा चढ़ाते हैं?... Hindi · कविता 13 4 487 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 9 Jun 2020 · 1 min read आत्मा की आवाज पूछ रही है आत्मा मेरी, मुझसे आज यह रह-रह कर कहां चला ये मन मूरख, इस दुनिया में वह वह कर है तू मानव, मानवता है धर्म तेरा, है ये... Hindi · कविता 13 2 399 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 20 Jun 2020 · 1 min read ढाई आखर प्रेम का ढाई आखर प्रेम का, जीवन का आधार ढाई आखर के बिना, सूना सब संसार ढाई आखर राम है, ढाई आखर श्याम ढाई आखर में बसा, ईश्वर का पैगाम बिना प्रेम... Hindi · दोहा 13 4 254 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 22 Jun 2020 · 2 min read एक विस्थापित कश्मीरी पंडित का दर्द रोम रोम में दर्द की दरिया, दिल दर्द का बड़ा समंदर है अंतहीन दर्दीला जीवन, जिंदा लाश के अंदर है कश्यप ऋषि की कर्मभूमि, जो काश्मीर कहलाती है स्वर्ग से... Hindi · कविता 13 11 662 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 23 Jun 2020 · 1 min read यादें जब कभी यादों में अपनी, डूब जाते हैं गुजरे हुए पल जिंदगी के, याद आते हैं बालपन नादानियां, स्कूल की शैतानियां सखाओं के किस्से पुराने, गुदगुदाते हैं गांव के बे... Hindi · कविता 13 8 308 Share सुरेश कुमार चतुर्वेदी 27 Jun 2020 · 1 min read पिया मिलन की प्यास, वर्षाऋतु और जगाती है तन मन की हुई तपन शांत, मेघों ने अमृत बरसाया धरती ने ओढ़ी हरी चुनरिया, जन जन का मन हर्षाया दादुर मोर पपीहा बोले, प्रीतम भेद दिलों का खोले प्रेमामृत... Hindi · कविता 13 3 664 Share Page 1 Next