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8 May 2020 · 1 min read

मां

त्याग तपस्या की मूरत मां, ईश्वर है संतान की
प्रेम और करुणामई मूरत, मां जननी सकल जहान की
संतति पर सर्वस्व लुटाती, लाख दुखों में भी मुस्काती
खुद भूखी रहकर भी मां, बच्चों को भरपेट खिलाती
स्वर्ग से बढ़कर आंचल का सुख है, सबसे सुंदर मां का मुख है
मां की प्यारी बगिया में, खुशियां हैं सकल जहान की
मां सारी खुशियों का सागर, प्यार भरा आंचल होती है
मां बच्चों की रक्षा की खातिर, साक्षात सिंघनी होती है
मां दुनिया की ममता है, मां ही इस जग की समता है
मां ने वीरों को जाया, कौन कहे मां की महिमा
ईश्वर भी कह न पाया
मां है जग की अकथ कहानी, ममता सकल जंहान की
त्याग तपस्या की मूरत, मां खुशी है सकल जहान की
मां से बड़ा न कोई जग में, मां धरती की शान है
मां के चरणों में ही बसती, जन्नत बड़ी महान है
मां ही इस दुनिया में ,सूरत है भगवान की
त्याग तपस्या की मूरत, मां ईश्वर है संतान की

Language: Hindi
13 Likes · 5 Comments · 558 Views
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