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23 Jun 2020 07:33 AM

थी जीवन त्रासद भरी। तात्कालिक सरकार ,कुछ पिट्ठू अपने स्वार्थ पूर्ति हेतु इन पंडितों की स्थिति दयनीय कर दी थी किन्तु आज परिवर्तन हो रहे हैं पूर्णता होने समय अवश्य लगेंगे लेकिन फिर से जीवन हर्षित होंगे ।
धन्यवाद!

आपको सादर नमस्कार धन्यवाद

22 Jun 2020 08:51 PM

?

22 Jun 2020 04:03 PM

जय हिंद

22 Jun 2020 03:56 PM

Dardnaak

आपको सादर अभिवादन धन्यवाद

अत्यंत मार्मिक कश्मीरी पंडितों की व्यथा की प्रस्तुति।
राजनीति में तुष्टीकरण के चलते कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा के लिए उस समय की सरकार जिम्मेदार है। मैं अपेक्षा करता हूं कि वर्तमान सरकार विस्थापित कश्मीरी परिवारों के पुनर्वास की जिम्मेदारी ले और कश्मीर में शांति स्थापित कर उनके पुनर्वास की व्यवस्था करें। विपक्ष को भी सरकार की आलोचना एवं उसके कार्य में बाधा उत्पन्न न करते हुए सहयोग करने की आवश्यकता है। तभी पीड़ित कश्मीरी पंडितों के बुरे दिन फिर कर अच्छे दिन आने की संभावना है।

धन्यवाद !

कश्मीरी पंडितों के लिए राजनैतिक एवं समाज के सपोर्ट की आवश्यकता है आपका हृदय से आभार धन्यवाद

22 Jun 2020 12:31 PM

कश्मिरी पंडितों की करुण व्यथा को व्यक्त करके अपने तीस वर्ष पहले की यादों को ताजा कर दिया, उनकी इस व्यथा में समाज मौन ही रहा है और किसी भी सरकार ने उनके दुःख-दर्द को हल करने का ईमानदारी से प्रयास नहीं किया है, जिससे उनकी भावनाओं का आहत होना स्वाभाविक है,ना जाने कब तक उन्हें अपने अधिकारों से बंचित रहना पड़ेगा, दुखद है

आदरणीय कश्मीर से विस्थापित परिवारों को समाज के सक्रिय सहयोग की आवश्यकता है आपको सादर प्रणाम धन्यवाद

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