Tag: गीत
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*माखन चोर बड़ा श्यामा साँवरिया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मौत आग का दरिया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*देकर ज्ञान गुरुजी हमको जीवन में तुम तार दो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*राखी लेकर बहना है भाई के घर आई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*राखी आई खुशियाँ आई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अगर चला गया इस दुनिया से याद में मेरी रोना ना
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
******जय श्री खाटूश्याम जी की*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*तिरंगा मेरे देश की है शान दोस्तों*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
********* आजादी की कीमत **********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
******वो चिट्ठियों का जमाना*****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
****** प्रिय मित्रों का वंदन करते हैँ *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*******प्रेम-गीत******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कण-कण मे शहीद बोलता,कैसे मिली आजादी देश को
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*पैंतीस चार सौ रुपये वेतन पुरी करो मांग क्लर्को की*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*कर ले सतगुरु नाल प्यार बंदया तू तर जाना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**ऐसी कोई कहानी नहीं**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जय शिव शंकर जय शिव भोले
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सखी वो नागिन विषैली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मनसीरत अवतरण दिवस
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* तू ही लैला तू ही हीर है *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
********मिट्टी की खुश्बू******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*माँ होती अनमोल है कोइ नहीं उनका मोल*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*पेड़ों की छाँव बहुत शीत है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हम पंछी गगन के हैँ तेरे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**फूलों सा सुन्दर गांव मेरा है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**फूलों सा सुन्दर गांव मेरा है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
********मिट्टी की खुश्बू******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*कैसी होती पिता की कहानी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**इश्क में क्या मिला है हमें**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**आ गई फिर माँ की बरसी**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हम पंछी गगन के हैँ तेरे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**तुम क्या जानो दास्तां**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*भारतरत्न बाबा भीमराव अम्बेडकर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*हँसना चाहूँ तो रो पड़ता हूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*नैनों से है नैन लड़ने लगे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**गिरवीं रख दी कहीं पर अक्ल है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
** कौन सुनेगा मीठी बातें दिल की **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पहले थी तेरी अब मेटी बारी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पिया बिना कैसे खेलूँ होली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कैसे कह दूँ तु मेरा नही
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रसीले होंठ गुलाबी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मिलूं जिस घड़ी नही पहर आया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
विदाई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शजर सी ढह गई तकदीर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तू नहीं तो तेरी यादें आती है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
काली जुल्फ़ें सूरमेदानी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गोदी मे सिर रख दूँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दीवाना बनाया है तुमने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माटी में ही मिल जाए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरी वफ़ाई काम नहीं आई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत