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16 Jan 2023 · 1 min read

शजर सी ढह गई तकदीर है

शजर सी ढह गई तस्वीर है
**********************

शजर सी ढ़ह गई तकरीर है,
जब से देखी सुंदर तस्वीर है।

मैं तो खो गया हूं तन्हाई में,
दरिया दिल की गहराई में,
खुदा की लिखी तू तहरीर है।
शजर सी ढ़ह गई तकदीर है।

बस गई हो सदा ख्यालों में,
लबों को पी लूं मैं प्यालों में,
नैनों से बहता रहता नीर हैं।
शजर सी ढह गई तकदीर है।

प्रीत भरी अपनी प्रेम क्रीडा,
दुखदाई बड़ी है विरह पीड़ा,
हृदय में उठती गहरी पीर है।
शजर सी ढह गई तकदीर है।

मनसीरत ने तो जान लिया,
दिलोजान तुम्हें मान लिया,
जब तलक सांस चले धीर है।
शजर सी ढह गई तकदीर है।

शजर सी ढह गई तकदीर है।
जब से देखी सुंदर तस्वीर है।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
Tag: गीत
161 Views
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