सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 237 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 4 Sep 2021 · 1 min read तीन भोजपुरी मुक्तक जुदाई वाला याद कइसे बतावऽ न आई कबो। देखिहऽ एक दिन ई रुलाई कबो। हमके पत्थर कहऽ शौक से यार तूं, याद पत्थर न दिल से भुलाई कबो। याद पत्थर ई दिल... Bhojpuri · मुक्तक 1k Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Sep 2021 · 1 min read कुछ भोजपुरी दोहे पर्दा में शोभत हई, घर के बुढ़िया सास। मेक्सी में घूमत रहें, बहुवर से का आस।। चिलमन से झाँकत हई, गोरी जवनी ओर। रजनी में दिनकर खिलल, भक से भइल... Bhojpuri · दोहा 1k Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Sep 2021 · 1 min read जुदाई है, जुदाई है जहर यदि जिंदगी है तो, मुहब्बत ही दवाई है। जहाँ से दिल नहीं मिलता, बिछड़ने में भलाई है। बहाना लाख कर लो तुम, सफाई दो भले जितना- छलकते नैन कह... Hindi · मुक्तक 2 701 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 30 Sep 2021 · 1 min read अजी चमचे हैं कुत्तों से भी ज्यादा दुम हिलाते हैं कभी अध्धा कभी पौवा कभी बोतल पिलाते हैं। अजी चमचे हैं कुत्तों से भी ज्यादा दूम हिलाते हैं। गलत है कौन यह मुश्किल हुआ पहचानना अब तो- सही को झूठ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 680 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 24 Aug 2021 · 1 min read ओल के चोखा भइया हो हम गइल रहनी, पहिले पहिल ससुरारी में। दही, पनीर सह मुर्गा, अण्डा, घीउ पड़ल तरकारी में। नाश्ता आइल नाश्ता ऊपर, चाय क ऊपर चाय चले। सासु,सार,सरहज,साली सब, हाल... Bhojpuri · कविता 4 2 722 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Sep 2021 · 1 min read दोहे 'सूर्य' तिरंगा हाथ में, रहे तुम्हारे मीत। अधरों पर सजते रहें, देशप्रेम के गीत।१। देशप्रेम की भावना, जहाँ नहीं है मीत। 'सूर्य' सदा उस मुल्क को, दुश्मन जाते जीत।२। 'सूर्य'... Hindi · दोहा 1 788 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read देशभक्ति दोहे 'सूर्य' तिरंगा हाथ में, रहे तुम्हारे मीत। अधरों पर सजते रहें, देशप्रेम के गीत।१। देशप्रेम की भावना, जहाँ नहीं है मीत। 'सूर्य' सदा उस मुल्क को, दुश्मन जाते जीत।२। 'सूर्य'... Hindi · दोहा 628 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 20 Jun 2022 · 1 min read तुम गर्म चाय तंदूरी हो तुम हलवा हो, तुम पूड़ी हो| तुम गर्म चाय तंदूरी हो| सच कहता हूँ समझो जानूँ- इस दिल को बहुत जरूरी हो| सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' Hindi 2 3 661 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Sep 2021 · 1 min read हिंदी के हत्यारे गीत। *************************************** हम सब हिंदी भाषी ही तो, हिंदी के हत्यारे हैं। निज भाषा शर्मिंदा करती, बोल विदेशी प्यारे हैं। उस थाली में छेद करें हम, खाते हैं जिस थाली... Hindi · गीत 3 2 540 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Sep 2021 · 1 min read दोहे गुरुवर के अहसान को, कभी न जाना भूल। माथे तिलक लगाइए, गुरु चरणन के धूल।। दोहा लिखा न जा रहा, करें छंद निर्माण। मुखपोथी पर देखिए, मिलता खूब प्रमाण।। जिनको... Hindi · दोहा 547 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Jul 2021 · 1 min read लावणी छंद आधारित मुक्तक सुबह शाम सुतला जगला में, अँखिया में दिलदार रहल। कुछऊ नाहीं नीमन लागे, बस ऊहे संसार रहल। बाबूजी के खबर भइल तऽ, पीठी पर पैना टूटल- फिर भी दिल में... Bhojpuri · मुक्तक 582 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Jul 2021 · 1 min read आइल बहार पिया ना आयोजन:- पारम्परिक लोकगीत लेखन विधा-कजरी __________________________________________ पड़े सावन के रिमझिम फुहार पिया, आइल बहार पिया ना। ढऽ लऽ गाड़ी तू जल्दी हमार पिया, आइल बहार पिया ना। बहे पुरुआ बयार,... Bhojpuri · गीत 1 2 533 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Sep 2021 · 1 min read राम जी के नाम लीं भोजपुरी गजल बा समय बाउर अगर तऽ, धैर्य से अब काम लीं। कर्म निज कइले करीं, अरु राम जी के नाम लीं। आदमी यदि लड़खड़ाते, मिल गइल हऽ राह में,... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 526 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read बरखा पर के घाम लागल बाटे रोपनी, जरे देह के चाम। अन्न क दाता हऽ कृषक,कइसे करी अराम। माथे बीज कुदार धर, चलल खेत की ओर- लागे ला मरिचा नियन, बरखा पर के घाम।... Bhojpuri · मुक्तक 560 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 11 Jul 2021 · 1 min read सावन दोहा पूर्ति# 94. (दोहा गजल) सावन मन भावन लगे, रिमझिम पड़े फुहार। घर आजा परदेसिया, सूना मन के द्वार। धन दौलत रुपया वसन, ना पूरी पकवान, ना मांँगू मैं आपसे,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 515 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 3 Nov 2021 · 2 min read कुछ दोहे निश्चित है मिलना उसे, जो जिसका है पात्र। चिंतित होकर सूर्य तू, पाएगा दुख मात्र।। निंदक से नजदीकियाँ, चापलूस से दूर। जीवन का यह मंत्र लो, खुश रहो भरपूर।। भाग्य... Hindi · दोहा 1 526 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 27 Jul 2021 · 1 min read राधिका छंदाधारित चार मुक्तक आधार छंद- राधिका (मापनीमुक्त मात्रिक, 22 मात्रा) विधान- 13-9 पर यति, त्रिकल-यति-त्रिकल, गाल-यति-लगा उत्तम, आदि में वाचिक गा अनिवार्य। ---------- देवों के हैं जो देव, सदा हितकारी। शिव शम्भू भोलेनाथ... Hindi · मुक्तक 565 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Sep 2021 · 1 min read दोहा दरिया, सागर, नैन के, गहरे होते राज। बहता है जब नीर तो, कब होती आवाज।। जिसे सुलाने में गई, जाने कितनी रात। बेटा वह माँ-बाप से, करे न कोई बात।।... Hindi · दोहा 1 526 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 7 Jul 2021 · 1 min read दर्द का यह काफिला प्यार उनसे कर के मुझको, क्या बताएँ क्या मिला। अब कहाँ जाने रुकेगा, दर्द का यह काफिला। जान कहते थे मुझे जो, जान लेकर चल दिए। प्यार का सपना दिखाए,और... Hindi · गीत 2 529 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 22 Sep 2021 · 1 min read समय और संयोग बदल नहीं सकता कभी, समय और संयोग। 'सूर्य' न जाने क्यों लगा, हाय-हाय! का रोग।। ज्यादा कुछ भी भाग्य से, मिले कभी ना यार। सब जीवन के अंश हैं, जीत,... Hindi · दोहा 4 4 480 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read चलो अब गाँव चलते हैं जहाँ सबके दिलों में प्रेम के हीं दीप जलते हैं। मटर सरसो के फूलों पर जहाँ भँवरे मचलते हैं। यहाँ की मखमली बिस्तर से सुंदर गाँव की माटी। शहर में... Hindi · मुक्तक 1 481 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Jan 2022 · 1 min read हुई सत्य की हार गीतिका :- ---------- झूठ मलाईदार बहुत था, हुई सत्य की हार। समरथ की इच्छाओं पर यह, चलता है संसार। सदा स्वार्थ में लिपटा रहता, मन में रहता पाप, सुधर नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 515 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 3 Aug 2021 · 1 min read देशभक्ति सोहर देशवा ई सोना के चिरइया त, हीरा उगवइया नू हो। ए ललना दुश्मन विदेसी लुटवइया त, माटी मिलवइया नू हो। तड़पत कुहुकत धरती त, लोरिया बहावसूँ हो, ए ललना कइलस... Bhojpuri · गीत 481 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 28 Nov 2021 · 1 min read आईना देखता कहाँ कोई दर्द किससे करूँ वयाँ कोई। आज अपना नहीं यहाँ कोई।१ हर तरफ आज जो धुआँ सा है, जल रहा है उधर मकाँ कोई।२ हर कदम पर मिला मुझे ठोकर, जैसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 472 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Sep 2021 · 1 min read देशभक्ति गीत देशभक्ति गीत लावणी छंद पर आधारित मातृभूमि पर न्योछावर अब, हमरो सुबहो-शाम रही। जबतक सागर रही हिमालय, हिन्द देश के नाम रही। वीरभूमि भारत के जननी, वीर पूत जनमावे ली।... Bhojpuri · गीत 2 1 535 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read फागुन के महीना बा फागुन के महीना बा, मन मोर भइल हमरो। निर्मोही भइल साजन, दिल तोड़ गइल हमरो। सब ओर बा हरियाली, गदराय गइल सरसों। परदेस गइल बालम, अब बीत गइल बरसों। मधुमास... Bhojpuri · कविता 473 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Jul 2021 · 1 min read नेह वासना लिपटी हुई है नेह में। ढूंढते हो क्या न जाने देह में। है वचन झूठा तुम्हारे प्रेम का- मर रही मैं आँसुओं के गेह में। 'सूर्य' (स्वरचित मौलिक) #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य' Hindi · मुक्तक 1 473 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 3 Oct 2021 · 1 min read ठीक है क्या? रोज यह मिलना मिलाना, ठीक है क्या। बेवजह आँसू बहाना, ठीक है क्या। साँस जबतक चल रही खुलकर जिओ जी, मौत से बचना बचाना, ठीक है क्या। मतलबी दुनिया फरेबी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 435 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 9 Sep 2021 · 1 min read कुछ मुक्तक बेवजह सर खपाने से क्या फायदा। उम्र अपनी छुपाने से क्या फायदा। चेहरे पर बुढ़ापा नजर आ रहा- केश डाई कराने से क्या फायदा। हर घड़ी आप गैरों के' होते... Hindi · मुक्तक 1 471 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read कर्त्तव्य विधा-मुक्तक (२१ मात्रिक) प्रदत्त विषय- #कर्त्तव्य (एक प्रयास) छू सके दुश्मन न सरहद ख्याल रखना। देश के प्रति है यही कर्त्तव्य अपना। जान की बाजी लगानी भी पड़े तो- राष्ट्र... Hindi · मुक्तक 433 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Aug 2021 · 1 min read चलऽ ना घुमा दऽ शहरिया पिया शक्ति छंदाधारित गीत चलऽ ना घुमा दऽ शहरिया पिया। बड़ा नीक लागे बजरिया पिया। जिलेबी, मिठाई, खिआ दऽ सजन। निरहुआ क पिक्चर दिखा दऽ सजन। नथुनिया गढ़ा दऽ, उधारे भले-... Bhojpuri · गीत 1 1 467 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 23 Aug 2021 · 1 min read प्यार कालू त हमसे निभा जा सनम मुक्तक मापनी- २१२ २१२ २१२ २१२ प्यार कइलू त हमसे निभा जा सनम। छोडि दऽ साथ हमरो भुला जा सनम। ख्वाब में नाहि आइब इ वादा रहल- मौत के नींद... Bhojpuri · मुक्तक 445 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 22 Apr 2022 · 1 min read बन जाओ इंसान मस्जिद में गीता रखवा दो, मंदिर बीच कुरान। मुल्ला जी हनुमान चलीसा, पंडित करें अज़ान। उलझो मत टीका, टोपी में, मिथ्या है संसार- जाति धर्म का चक्कर छोड़ो, बन जाओ... Hindi · मुक्तक 2 528 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read माँ माँ की ममता का इस जग में, मोल नहीं है भाई। बेटा चाहे जैसा भी हो, माई होती माई। लाज शर्म सब त्याग तुझे वह, इस जग में लाती है।... Hindi · गीत 2 2 431 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 6 Sep 2021 · 1 min read मुझे भी याद कर लेना हृदय से आज अपनी याद, को आजाद कर लेना। मिले जितनी खुशी उतना, मुझे बर्बाद कर लेना। तुम्हारे बिन सुनो अब तो, बड़ा मुश्किल हुआ जीवन। मिले फुर्सत कभी तुमको,... Hindi · मुक्तक 440 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read सेल चुनावी हऽ सब चोर हवें साथे, बस मेल चुनावी हऽ। नेता जी गइल बारन, ऊ जेल चुनावी हऽ। अब काम सभे पाई, मिट जाई गरीबी हो, सब मुफ्त मिले लागल, ई सेल... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 441 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 10 Jul 2021 · 1 min read भोजपुरी धनाक्षरी ____________________________ दिन दुपहरिया में, सांझी के पहरिया में, आठो घड़ी खेतवे में, पलेला किसनवा। रिमझिम बूनी पड़े, कान्हे प कुदारी धरे, खेतवा की ओर देखऽ, चलेला किसनवा। दिन रात जरे... Bhojpuri · घनाक्षरी 2 450 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 15 Jul 2021 · 1 min read माई के ललनवा बम चले गोली चले, उहँवा न बोली चले, सीमवा प सीना तानि, खाडा बा जवनवा। दुसमन वार करे, कोशिश हजार करे, लजिया बचावऽ ताते, माई के ललनवा। हर घड़ी हर... Bhojpuri · घनाक्षरी 1 480 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 21 Sep 2021 · 1 min read जिंदगी रेत जैसे फिसलती गयी प्यास जीने की ज्यों-ज्यों मचलती गयी। जिंदगी रेत जैसे फिसलती गयी। ख्वाब पूरे नहीं हो सके उम्र भर- देह बचपन जवानी में ढ़लती गयी। #सन्तोष_कुमार_विश्वकर्मा_सूर्य Hindi · मुक्तक 3 418 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Aug 2021 · 1 min read चौपाई छंद आधारित मुक्तक विधा-मुक्तक आधार छंद-चउपाई कवनो नाहीं चली बहाना। लागल रहि ई जाना आना। लाख उधापन कऽ लऽ भाई- साथ न जाई माल खजाना। जीवन अउर मरण के खेला। मानव मूरख निपट... Bhojpuri · मुक्तक 440 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 13 Jul 2021 · 1 min read प्रभु से कर लीं प्रीत कर लीं प्रभु के वंदना, सुबह-सुबेरे मीत। हृदय बसा लीं राम के, गायीं उनकर गीत। जग उद्धारक राम प्रभु , करीं सदा कल्याण- सुखमय जीवन चाह बा, प्रभु से कर... Bhojpuri · मुक्तक 449 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Sep 2021 · 1 min read लोभ मोह की ओढ़ चुनरिया, मैं मूरख अझुराया। 28 मात्रिक गीत संकट में है नाव हमारी, प्रभुजी पार लगाओ। मैं अबोध बालक अज्ञानी, सत्य राह दिखलाओ। शुष्क मरुस्थल वृक्ष रिक्त यह, पथरीली हैं राहें। भवसागर तुम पार करा... Hindi · गीत 2 1 396 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 31 Aug 2021 · 1 min read यार कइले हऽ बेवफाई हो भोजपुरी गजल हाल केकरा के हम बताईं हो। यार कइले हऽ बेवफाई हो। लोग मुठ्ठी में नून लिहले बा, घाव केकरा के अब देखाईं हो। प्यार हर हर्फऽ में समाइल... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 420 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 12 Feb 2022 · 1 min read नेता बरसाती बरसाती मेंढक बने, नेता सारे आज। सर पर चढ़ा चुनाव तो, लगा रहे आवाज। लगा रहे आवाज, करें सब झूठे वादे। कब रखते ये लोग, कभी भी नेक इरादे। कहें... Hindi · कुण्डलिया 444 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 24 Oct 2021 · 1 min read चान निहारे चान माथे पर बा बिंदी टीका, ओठे पर मुस्कान। अद्भुत बा संयोग धरा पर, चान निहारे चान। साजन सम्मुख रहें हमेशा, बनल रहो ई प्यार। दुख-सुख अश्क खुशी नारी के, साजन... Bhojpuri · गीत 1 406 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 14 Sep 2021 · 1 min read कौन सी अपनी कमाई जा रही है कौन सी अपनी कमाई जा रही है। बाप की दौलत लुटाई जा रही है। जो बुजुर्गों ने बनाई थी यहाँ पर, खाक में इज्जत मिलाई जा रही है। सभ्यता की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 403 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 17 Mar 2022 · 1 min read तहके दिल में बसावल खता हो गइल तहके दिल में बसावल खता हो गइल। लोग हमरा से आपन खफा हो गइल। कइसे नैना मिलल बात आगे बढ़ल, हाय अचके में जाने इ का हो गइल। भाजपा में... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 1 429 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 18 Mar 2022 · 1 min read होली में रंग अबीर लगाओ भइया होली में। मन से बैर भुलाओ भइया होली में। करते हो हुड़दंग नशे में क्यों आकर, मदिरा मत छलकाओ भइया होली में। बकरा-बकरी, मुर्गा-मुर्गी छोड़ो तुम,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 387 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 19 Sep 2021 · 1 min read दोहे योग रोग का शत्रु है, समझ गए हैं लोग। चिंता खुद की है जिसे, करता है वह योग।। योग बना संजीवनी, जीवन का है अंग। सुबह-शाम करते रहो, रोग न... Hindi · दोहा 409 Share सन्तोष कुमार विश्वकर्मा 'सूर्य' 26 Sep 2021 · 1 min read याद के मोती झरल हम का करीं #ग़ज़ल लोर अँखियन में भरल हम का करीं। याद के मोती झरल हम का करीं। लोग सब आपन बनल दुश्मन इहाँ, प्यार से हमरी जरल हम का करीं। हऽ प्रथा... Bhojpuri · ग़ज़ल/गीतिका 403 Share Page 1 Next