श्याम सिंह बिष्ट 75 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 श्याम सिंह बिष्ट 3 Jul 2022 · 1 min read शायरी तेरे माथे पर लटकी हुई ये लटै् अब भी मुझे तेरा होने का एहसास दिलाती हैं! Hindi · शेर 1 263 Share श्याम सिंह बिष्ट 1 Jul 2022 · 1 min read मोन जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं उन बातों का बन जाता है आने वाले समय में एक विशालकाय वृक्ष और उस वृक्ष से उगते हैं दर्द , एकांत,... Hindi · लेख 2 458 Share श्याम सिंह बिष्ट 1 Jul 2022 · 1 min read प्रेम प्रेम में पड़े हुए प्रेमी जोड़े दुनिया को देखते हैं अपनी प्रेम भरी नजरों से जबकि वास्तव में दुनिया इसके विपरीत है ! Hindi 1 231 Share श्याम सिंह बिष्ट 18 Jun 2022 · 1 min read शायरी ना दे खलल अब मेरी जिंदगी में मेरे बिछड़े महबूब , कि मैं अब जिंदगी को भी अपनी फूंक फूंक कर पीता हूं ! Hindi · शेर 1 494 Share श्याम सिंह बिष्ट 10 Jun 2022 · 1 min read हादसा जब मर जाए कोई किसी हादसे में तब नहीं टटोलना उसकी जेब से पैसे , उसकी जेब से मिलेंगे कुछ सपने कुछ ख्वाहिशें कुछ जिम्मेदारी अपनों के लिए ! ना... Hindi 2 3 264 Share श्याम सिंह बिष्ट 9 Jun 2022 · 2 min read श्री गंगा दशहरा द्वार पत्र (उत्तराखंड परंपरा ) उत्तराखंड जहां अपनी प्राकृतिक सौंदर्य और देवभूमि के नाम से पूरे विश्व में प्रसिद्ध है वही यहां के लोगों द्वारा अपने त्योहारों और अपनी परंपराओं को मनाने का तरीका इनको... Hindi · संस्मरण 4 1 2k Share श्याम सिंह बिष्ट 31 May 2022 · 1 min read Love song अगर मेरी मोहब्बत का आईना टूट गया तो क्या बेखबर इस दिल को कैसे समझाऊं यह रूठ गया तो क्या । है जो इन निगाहों में उनकी ये तस्वीर इन... Hindi · गीत 485 Share श्याम सिंह बिष्ट 29 May 2022 · 52 min read कविता 100 संग्रह 1. वीरान मेरा यह गाँव ओह ! मेरा यह गाँव कितना वीरान हो चुका है घर, आंगन तब्दील हो चुके हैं खंडरो, मकड़ियों के जालों में खेतों, की लहलहाती हूई... Hindi · कविता 957 Share श्याम सिंह बिष्ट 29 May 2022 · 21 min read मेरी (उनतालीस) कविताएं 1. कोई तो समझें कोई तो समझें दिलो के दर्द को लिखें हूए कवियों की, कलमों की ब्याख्या को सुलग रहे मंन के भीतर इन अनगिनत जज्बातों को कह -... Hindi · कविता 1 594 Share श्याम सिंह बिष्ट 28 May 2022 · 2 min read शायरी संग्रह मत पूछो मुझ पर क्या , क्या गुजर रही जब से एक दर्दे दिल नासूर बन गया आजकल ! 2 - होते वो जो हमारे पास , आंचल ,सिरहाना ,... Hindi · शेर 453 Share श्याम सिंह बिष्ट 28 May 2022 · 2 min read The Survior चारों तरफ युद्ध का माहौल है आकाश से फाइटर प्लेन मैं बैठे सैनिक जमीन की ओर गोला बारूद की बारिश कर रहे हैं , हर तरफ हाहाकार और अपने को... Hindi · कहानी 263 Share श्याम सिंह बिष्ट 28 May 2022 · 1 min read Only for L तुमसे कितनी बातें करनी थी दिल की उफ्फ ये हमारे बीच की दूरियां ना जाने कब खत्म होगी तुम मुझे छोड़ गई यहां अपनी यादों की गलियों मैं मैं जब... Hindi · कविता 1 503 Share श्याम सिंह बिष्ट 3 Dec 2021 · 7 min read गोलू देवता मूर्ति स्थापना समारोह । गोलू देवता मूर्ति स्थापना ( डोटल गांव - नवंबर 2021 ) ------------------------------------------------------------------ मेरी यात्रा का यहां एक स्वर्णिम समय था नवंबर की ठंडी ठंडी मीठी मीठी सी ठंड ने मेरे... Hindi · गोलू देवता · लेख 2 1k Share श्याम सिंह बिष्ट 27 Oct 2021 · 1 min read प्यार में प्यार में पागल बन जाना अच्छा है शायर बन जाने से शायर रहता है ताउम्र भर पागल प्यार में , उसकी शायरी के हर शब्द हर रोज ढूंढते हैं अपनी... Hindi · कविता 632 Share श्याम सिंह बिष्ट 26 Sep 2021 · 1 min read शायरी संग्रह 1 जिंदा है धर्म स्त्री से ही आदमी ने तो मंदिर जाना ही छोड़ दिया ! 2 तुम चलते हो मस्कत अपनी जिंदगी का चांद तो चंद दिनों में ही... Hindi · शेर 1 335 Share श्याम सिंह बिष्ट 19 Sep 2021 · 4 min read पहाड़ी भाषा काव्य ( संग्रह ) 1. पहाड़ों में पहाड़ हबै ले मजबूत पहाड़ों में पहाड़ हबै ले मजबूत, क्षू मयर पहाड़ी ईजा सुरज हबै ले जौ पाली, उठ जी यस छू मयर ईजा गोर, बकर,बलद,... Hindi · Uttarakhand · कविता 1 698 Share श्याम सिंह बिष्ट 2 Aug 2021 · 1 min read हाइकु 1- दिल रोता है जैसे बन बादल क्या वो आएंगे 2- खिलते फूल वन, उपवनों में ह्रदय खुश 3- प्रेमी युगल गाए प्रेम का गीत जग से बैर 4- आए... Hindi · हाइकु 1 2 415 Share श्याम सिंह बिष्ट 2 Aug 2021 · 1 min read उफ्फ यह गर्मी (बाल कविता ) अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं अः उहम, उहम हाय गर्मी उफ्फ यह गर्मी मुझे ना भाए यह गर्मी जग का कैसा यह खेल निराला... Hindi · कविता · बाल कविता 1 761 Share श्याम सिंह बिष्ट 2 Aug 2021 · 15 min read हिंदी शायरी संग्रह - इंसानों की बसी इस दुनिया में लोग पत्थर पूजते हैं खुद बन बैठे हैं पत्थर और भगवान पूजते हैं जलाते क्यों नहीं दिए उन अँधेरी राहों में जहां हम... Hindi · शेर 1 947 Share श्याम सिंह बिष्ट 31 Jul 2021 · 3 min read फिर एक पलायन (पहाड़ी कहानी) जिस माता-पिता ने पहाड़ों में रहकर पहाड़ों से भी ज्यादा हौसला वह कठोर परिश्रम करके अपने बच्चे को आज इस काबिल बनाया था कि वहां शहर में जाकर एक अच्छी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · Uttarakhand · कहानी 3 4 1k Share श्याम सिंह बिष्ट 31 Jul 2021 · 3 min read पहाड़ का अस्तित्व - पहाड़ की नारी नारी के बिना पहाड़ अधूरा - या यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि पहाड़ का अस्तित्व ही नारी के कारण टिका हुआ है यदि पहाड़ों से कुछ हद तक... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · उत्तराखण्ड · कहानी 1 1 686 Share श्याम सिंह बिष्ट 31 Jul 2021 · 7 min read एक प्यार ऐसा भी आज रजनी बहुत खुश थी उसको ऐसा लगा मानो आकाश में कोई सबसे अलग चमकदार धूमकेतु उसे मिल गया हो, उसके घर देर से आने पर पर मां ने सवाल... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 482 Share श्याम सिंह बिष्ट 31 Jul 2021 · 2 min read शिक्षित बेटियां मजबूत समाज मुनि के पापा जैसे ही खेतों से हल जोत के आए, तो पास बैठी मुनि की माँ बोली - अजी सुनों कल सुबह जल्दी उठना, मुनि का कल पास वाले... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 552 Share श्याम सिंह बिष्ट 31 Jul 2021 · 7 min read कहानी ( एक प्यार ऐसा भी ) आज रजनी बहुत खुश थी उसको ऐसा लगा मानो आकाश में कोई सबसे अलग चमकदार धूमकेतु उसे मिल गया हो, उसके घर देर से आने पर पर मां ने सवाल... Hindi · कहानी 634 Share श्याम सिंह बिष्ट 7 Nov 2018 · 1 min read माँ आज फिर अपनी मां की गोद में सोने को मन करता है बिन बताए आज फिर रोने को मन करता है आज फिर बचपन की यादों में खो जाने को... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 50 801 Share Previous Page 2