Mugdha shiddharth 841 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Mugdha shiddharth 27 Oct 2020 · 1 min read मैं मजदूर हूं साहब मैं मजदूर हूं साहब मेरा नक्स हर ज़र्रे में नजर आएगा खाओगे काजू की रोटी या बजाओगे मन्दिर का घंटी हर ज़र्रे में मेहनत मेरा नुमाया हो जाएगा मैं मजदूर... Hindi · कविता 2 467 Share Mugdha shiddharth 12 Oct 2019 · 1 min read सड़क से संसद सड़क से संसद तक मौन डोल रहा है क्या बात है जो... सिर्फ डेढ़ आदमी ही बोल अब रहा है सब के गहरे राज वो अपने होठों से खोल रहा... Hindi · कविता 1 1 467 Share Mugdha shiddharth 19 Oct 2018 · 2 min read रावण रूठा हुआ है रावण रूठा हुआ है ---------------------- रावण रूठा हुआ है पूछता है मुझ से बार -बार क्या भाई होना बुरा होता है ? अपनी माँ जाई से प्यार करना क्या बुरा... Hindi · कविता 17 2 481 Share Mugdha shiddharth 30 Oct 2020 · 1 min read मगर कोई नहीं बहुत कुछ कहना था... मगर कोई नहीं पिछली रात के आंगन में मैं रोई नहीं मन आंगन के पिछले हिस्से में एक दरख़्त है टंगे रहे तुम चाॅंद बन के... Hindi · कविता 4 501 Share Mugdha shiddharth 6 Oct 2018 · 2 min read कहाँ हो तुम गोबिन्द ... ? कहाँ हो तुम गोबिन्द क्यूँ नहीं देखते खुलती नहीं क्यूँ , तुम्हरी आँख क्या चिर निंद्रा में सोये हो तुम या किसी सहचरी संग, प्रेम प्रसंग में खोए हो तुम... Hindi · कविता 14 459 Share Mugdha shiddharth 24 Nov 2019 · 1 min read मुक्तक १. तबाही हमारी लेकर आये हो पर तुम अपनी मान से गए आग हमने भी फेंका है क्या हुआ जो हम भी जान से गए। ~ सिद्धार्थ २. तबाही हमारी... Hindi · मुक्तक 3 462 Share Mugdha shiddharth 19 Aug 2020 · 1 min read भूख और राम अतड़ियों की ऐठन जब अपने पूरे उरूज पर होती है मूक - बाधिर से भी रोटी और भूख पर चर्चा करवा लेती है चौंक पड़ेंगे वो भी इक दिन अपने... Hindi · कविता 5 2 517 Share Mugdha shiddharth 13 May 2020 · 2 min read अनर्गल_बात... अनर्गल_बात... अभी कल परसों की ही बात है। लॉकडाउन को 50 - 55 दिन हो चुके शायद मैंने गिनना छोड़ दिया है। सुबह का वक़्त था बालकनी में खड़ी थी... Hindi · लघु कथा 5 4 435 Share Mugdha shiddharth 1 Jan 2020 · 1 min read मुक्तक 1. ये जो कुछ घंटे बचें हैं वो कैसे कटेगा... विश्व गुरु हुए तो देश शिष्य किस को धरेगा...?? 2. ख्वाहिशों के समंदर में दिसम्बर फिर से डूबने वाला है... Hindi · मुक्तक 2 448 Share Mugdha shiddharth 26 Mar 2020 · 1 min read मैं शब्द हूं मैं शब्द हूँ मुझे हर बार दफ़नाने की साज़िश होती है जब मैं चुभ जाता हूँ, भीतर तक फिर मैं दबाया जाता हूँ समय के मिट्टी में, अंदर तक फिर... Hindi · कविता 2 2 518 Share Mugdha shiddharth 25 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक मेरे दिल को सुकून क्यों नहीं कुछ टुटा है क्या ? मेरे दिल के पिंजर में दो नाम चीख़ कि तरह आया है चित्रकूट की गलियों से ! ।।सिद्धार्थ।। Hindi · मुक्तक 4 447 Share Mugdha shiddharth 12 May 2019 · 1 min read 'माँ' तेरे साथ तेरे हांथ के बिन, अकेले में रोती हूँ मैं ! 'माँ' तेरे साथ तेरे हांथ के बिन, अकेले में रोती हूँ मैं आ कि तुझ बिन सब होके भी कुछ नहीं होती हूँ मैं। तेरी वो डांट, तेरा वो चिल्ला... Hindi · कविता 2 491 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read मैंने फिर मैंने आवाज लगाई है अना की धज्जियाँ उड़ा के फिर से इख़लास-ए-मोहब्बत को तो मैंने तनहा देखा कोई आया तो चुप शहर के सीने पे बस मुझे ही बोलता... Hindi · मुक्तक 2 1 481 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read बुद्ध सबसे पहले बुद्ध ने कहा "मेरी पूजा मत करना,न ही मुझ से कोई उम्मीद रखना, न ही मैं कोई चमत्कार करूंगा, दुख तुमने ही पैदा किया है और उसे तुम्हें... Hindi · कविता 3 437 Share Mugdha shiddharth 1 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक ! दुख इसका नही कि वो शांति की बात नही करते हैं हम परेशां हैं कि वो इंसानियत भुलाने की बात करते हैं। हथियारों के व्यपारी हैं जो, शांति दूत बना... Hindi · मुक्तक 4 480 Share Mugdha shiddharth 13 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक रंगती रही वो गैरों की दीवारों को निस दिन औलाद के आँसू कर के नजरअंदाज पलछिन बेरंग ही रही वो देहारी न मिली जिस दिन ! ...सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 473 Share Mugdha shiddharth 21 Apr 2020 · 1 min read मुक्तक तुझ पे जाना आंसू मेरे अभी तक उधार है जब मिलना असल नहीं सूद जरा चुकाते हुए जाना तेरा नाम याद रखना था दिमाग को मैंने दिल को पहरे पे... Hindi · मुक्तक 2 508 Share Mugdha shiddharth 18 May 2020 · 1 min read प्रेम करती औरतें वेश्या कैसे??? तुमने जितनी बार आंख उठाई सुन्दर औरतों से आंख मिलाई तुमने गर्व से कहा... हाय मुझे पुनः प्यार हो आया उन अनगिनत औरतों ने जिन्हें तुमने प्यार किया प्यार में... Hindi · कविता 5 1 504 Share Mugdha shiddharth 21 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक प्रेम में मिलना पाना कुछ होता ही नहीं है "जान" प्रेम अपने अंदर की ऊर्जा है इसे ... किस से मांगोगी और किस से कहोगी प्रेम का करो दान ...... Hindi · मुक्तक 5 3 465 Share Mugdha shiddharth 19 Dec 2018 · 2 min read मुट्ठी बनो या मुट्ठी में रहो ! पीड़ा जब मन में लबालब भर जाता है, वो शब्द हो जाता है, कोरे कागज़ पे,यूँ ही छलक जाता है, अक्षरों से शब्द, शब्द से कविता हो जाता है ।... Hindi · कविता 8 505 Share Mugdha shiddharth 27 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक मेरे शब्द वो चीख़ है जो हर जख्म पे निकल आती है तू वो हाकिम है जिसके सीने में धडकता दिल ही नहीं। मौत नंगी नाचती रही हर दिन घर... Hindi · मुक्तक 2 488 Share Mugdha shiddharth 23 Nov 2019 · 1 min read लेख रेप, बलात्कार का जिस पे आरोप न हो, इस कलिकाल में वो साधु सन्यासी नहीं... ये करामात हमारे ही देश में हो सकता है, कहीं और मुमकिन ही नहीं। रेप,... Hindi · लेख 2 2 426 Share Mugdha shiddharth 16 Mar 2020 · 1 min read आधा आधा सपने बिना नयन है आधा अपने बिना रिश्ते हैं आधा मुस्कान बिना अधर है आधा सामान बिना बाजार है आधा सुर बिना संगीत है आधा प्रीत बिना मनमीत है आधा... Hindi · कविता 3 4 492 Share Mugdha shiddharth 15 May 2020 · 6 min read ICU में "मां" सुबह के शायद ग्यारह बज रहे थे। एम्स के हृदय विभाग में ICU के नीले बन्द दरवाजे को लगभग आधे घंटे से निहार रही थी मैं। नर्स बोल के गई... Hindi · लघु कथा 3 1 426 Share Mugdha shiddharth 28 Aug 2019 · 1 min read ये लो कलम, पकड़ो किताब ये लो कलम पकड़ो किताब छोड़ो ये काम करने के औजार छोड़ो-छोड़ो नन्हें हांथों से लेना श्रम का कारोबार किताबों के पन्ने पलटो उसमे मिलेंगे जीवन के सार राशन और... Hindi · कविता 3 1 520 Share Mugdha shiddharth 11 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक अबकी सखॆ तुम ऎसा करना मुझको अंको में भरना फिर मुझको तुम चंदन करना उस चन्दन से तिलक लगा कर फिर तुम शमर में उतरना महकुंगी मैं तेरे अंग संग... Hindi · मुक्तक 3 466 Share Mugdha shiddharth 10 Apr 2020 · 1 min read भूखा भूखा सर को उठाए भी तो कहां ये अपने हाल पे रोता है कानों में तेल डाले बैठे सिस्टम अपने खाट पे सोता है कोई जात को रोता है कोई... Hindi · मुक्तक 2 431 Share Mugdha shiddharth 26 Jul 2020 · 1 min read मेघ मेघ को किस ने बरसना सिखलाया मन को किस ने तरसना सीखलाया जाने भी दो वो कोई भी हो, रहता चाहे कहीं भी हो हर सर के लिए मगर कोई... Hindi · कविता 4 479 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2020 · 1 min read राहत ... ️ ??? देह का मर जाना हुआ, नेह का रह जाना हुआ वो क्या गया यारों आंखों से लहू का छलक जाना हुआ सब का जाना तय है, उसको तो यूॅं... Hindi · कविता 5 1 447 Share Mugdha shiddharth 1 Nov 2018 · 1 min read माँ मेरी देवी नहीं माँ मेरी देवी नहीं - हार मांस की नारी है, ये अलग बात है , वो जग से अलग - थोड़ी सी न्यारी है ! नास्तिक नहीं वो - फिर... Hindi · कविता 23 2 491 Share Mugdha shiddharth 7 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १. अच्छा है दिल को भी कभी कभी खून के आंसू रोने दो अपनी आवारगी पे इसे भी तो पशेमाँ कभी जरा होने दो ! ... सिद्धार्थ २. मेरे इंतजार... Hindi · मुक्तक 3 435 Share Mugdha shiddharth 5 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. हमीं हैं हिंदू हमीं वो मुसलमां हमीं से गुजरा है हर एक इंसा हमीं को चाहो तो तुम मार डालो हमीं मिलेंगे तुम्हें हर एक जगहा ~ सिद्धार्थ 2.... Hindi · मुक्तक 2 426 Share Mugdha shiddharth 4 Dec 2020 · 1 min read मेरी 'जाॅं' मेरी 'जाॅं' होना ना तुम उदास कभी उदासी छीन लेती है आस सभी मेरा छोड़ो, मैं दौर ए सुकूँ का राही नहीं शायद मैं भी लौटूं इस राह कभी ~... Hindi · मुक्तक 4 478 Share Mugdha shiddharth 23 Nov 2019 · 1 min read ये अहले बतन ' वादा ' सर तेरा झुकने न देंगे अपनी अंगुलियों को बना कर कलम आंखों को अपने रक्तिम कर रखा है । इस दविस के दौर में भी हमने खुद को इश्के इंकलाब से लबरेज कर रखा है... Hindi · कविता 1 472 Share Mugdha shiddharth 6 Aug 2020 · 1 min read कोढ़ कोढ़ छुपाने का प्रयास कहां कभी सफल हो पाया है हाय ... कोढ़ भला कब दुनियां से छुप पाया है सड़ गल के बदन का हिस्सा अक्सर ही जमीं पे... Hindi · कविता 2 480 Share Mugdha shiddharth 15 Dec 2020 · 1 min read मन की सीमा न लांघूंगी मन के जिसको सारे रक्त दिए उसने ही मुझ को त्यक्त किए अब किसी को मैं क्या बांधूगी अब फिर मन की सीमा न लांघूंगी ? ~ सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 452 Share Mugdha shiddharth 7 May 2019 · 1 min read जब चीर के कलेजा से दिल को निकला जायेगा ! उठो बेड़ियाँ खनकाओ और ज़रा यलगार करो खनकते बाजूाओं से तुम दहलता संग्राम करो। अपनी दर्दों के सीने पे चढ़ के चीत्कार करो आओ सब मिल कर अबकि प्रतिकार करो... Hindi · कविता 2 492 Share Mugdha shiddharth 9 Aug 2019 · 1 min read औरत औरत होकर भी वो, औरत ही होती है जो औरतों का दुख-दर्द सब से कम समझती है । अपने पे जो बीती हो वो दूसरी औरत को सूद समेत वापस... Hindi · कविता 3 499 Share Mugdha shiddharth 12 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक वो शब्द कहाँ से लाऊँ, तेरी प्रतिछाया जिसे बनाऊँ एक माँ की जाई हम, आ तेरी परछाईं मैं बन जाऊँ। तू उर में ही मेरे रहती है, कहां कहीं और... Hindi · मुक्तक 3 1 448 Share Mugdha shiddharth 18 Aug 2019 · 1 min read तम्हें धर्म कहूँ...या जीने का सलीका...? तम्हें धर्म कहूँ या जीने का सलीका या तुम्हें मौत कहूँ, कुछ भी हो, तुम्हें समझना मुश्किल नहीं बस एक खाली दिल,और एक खाली दिमाग चाहिए बुद्ध के भिक्छा पात्र... Hindi · कविता 1 1 464 Share Mugdha shiddharth 31 Mar 2020 · 1 min read चंदू चंदू... मैंने कल एक सपना देखा सपने में तुमको मैंने अपना देखा सपने में जाने तुम क्यूं नांच रहे थे चे - भगत संग कुछ तो बांच रहे थे चंदू... Hindi · कविता 2 2 452 Share Mugdha shiddharth 22 Sep 2020 · 1 min read भूखे लोग भूखे लोग खाली थाली बढ़ाते हैं कि थाली खाली है भरने का उपाय करो फ़कीर लोग उन्हें समझाते हैं खाली थाली बजाओ कि भूख डर कर भाग जाए ऎसा तुम... Hindi · कविता 3 447 Share Mugdha shiddharth 8 Sep 2019 · 2 min read मैं भूखा हूँ... मैं भूखा हूँ... अंदर बाहर सभी जगहों से भूखा हुं मैं अपने ही दाँत से अपने ही आंत को चबाता हुआ वो इंसानी बच्चा हूँ ... जो भूखा हूँ मैं... Hindi · कविता 3 3 482 Share Mugdha shiddharth 30 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक दुखी दिल से आह के सिवा क्या ही निकलेगा जब भी लब खुलेगा आग के सिवा क्या ही निकलेगा ~ Siddharth पहली बार पैदा हुए थे पहली बार ही मरेंगे... Hindi · मुक्तक 1 437 Share Mugdha shiddharth 28 Oct 2020 · 1 min read प्राण तुम्हारे आने से भी अब क्या ही होगा प्राण तुम्हारे आने से भी अब क्या ही होगा धरती के नीचे जिस्म फूलों सा खिल रहा होगा तकते थे जो नयन निस दिन राह तिहारे अब नील गगन के... Hindi · कविता 2 504 Share Mugdha shiddharth 7 May 2020 · 1 min read जननी जननी जहां भी रही वहीं पे लुटाया है प्यार एहसासों के बरसने का दूजा नाम है प्यार जननी कभी करती नहीं कभी भेद भाव जहां भी रही सब पे लुटाती... Hindi · मुक्तक 3 2 426 Share Mugdha shiddharth 25 Apr 2020 · 1 min read औरत हाय री औरत तेरी तो सदियों से अजब कहानी छाती से बहे दूध आंखों से बहता रहे खारा पानी! भूख से खुद की आंते ऐठ गई हो फिर भी तेरा... Hindi · कविता 2 451 Share Mugdha shiddharth 12 Oct 2019 · 1 min read मुक्तक १. ज़िस्म की गली में जिंदगी का सूरज ढल भी जाय शब्दों के आंगन से बिछोड़ा किस तरह हो पाय । मिट जाते हैं बारहा हर नक़्श कदम के शब्दों... Hindi · मुक्तक 1 2 474 Share Mugdha shiddharth 2 Aug 2020 · 1 min read मुक्तक वो ... क्या करते पांव मेरे उन्हें ठिठक ही जाना था यार की गली में वर्ना रूह को मेरे छूट जाना था ~ सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 1 440 Share Mugdha shiddharth 14 Aug 2020 · 1 min read अना मेरे नाखून पे लगे नेलपालिश से लिपट गया था उसका आना मैं चबा रही थी धीरे धीरे जाने कब ... अंगुलियाॅं चबा बैठी ... ~ सिद्धार्थ Hindi · कविता 2 1 446 Share Previous Page 2 Next