Comments (3)
8 Sep 2019 05:21 PM
Wow अब मैं दरिद्री और भूख
के उस मुहाने पे हूँ, जहाँ
चबा जाऊंगा, कुछ भी
अब मैं तुम्हारे मंदिरों मस्जिदों को
गुरुद्वारा, गिरजा घरों को भी खा जाऊंगा
धर्म के प्रचंड बबंडर को अंजुली में
गंगा जल की तरह धरूंगा
Mugdha shiddharth
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9 Sep 2019 12:37 AM
शुक्रिया
भूख की न धर्म है न जात
भूख बस भूख है