seema sharma 207 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next seema sharma 4 May 2025 · 1 min read सूर घनाक्षरी विधा सूर घनाक्षरी 8,8,8,6 पर यति अनिवार्य है। *पदांत में 122( यगण) या 212 ( रगण ) रखा जा सकता है।* मन तरंग उठती, तन झंकृत करती, धुन मधुर बजती,... 81 Share seema sharma 3 May 2025 · 1 min read ग़ज़ल *गजल* दुनियां की हर शय तेरी हो सकती है। तुझ से मेहनत गर भारी हो सकती है। नीयत अपनी खोटी मत रखना यारों पाकीजा ख्वाहिश पूरी हो सकती है। उम्मीदें... 77 Share seema sharma 3 May 2025 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल हर शख्स बुराई में मजा देख रहा है। चुपचाप तमाशाई बना देख रहा है।। रिश्तों के हुए हाल बुरे आज कहें क्या, इंसान खड़ा खुद को ठगा देख रहा... 92 Share seema sharma 16 Feb 2025 · 1 min read सूर घनाक्षरी सूर घनाक्षरी 8886 पदांत -112,212 सृजन शब्द शीत ऋतु पर आधारित लगा दिसंबर माह, निकले ठंड से आह, रजाई की बस चाह, ओस कण झरे। कपड़े निकले ऊनी, गलियां रहती... 89 Share seema sharma 16 Feb 2025 · 1 min read छप्पय छंद छप्पय छंद रोला+उल्लाला 4 +4 +21, 3 +2+ 4 +4 2 +8 +212, 8+ 212 अपनी धुन में आज, रहे है दुनियां सारी। करना मन की बात, पड़े है अब... 88 Share seema sharma 16 Feb 2025 · 1 min read हंस दोहा गीत हंस दोहा हंस दोहा गीत 14 गुरु 20 लघु सृजन शब्द-शीत लहर मौसम अब है ठंड का, कांपे थर थर गात। शीत लहर है चल रही,झरे पेड़ से पात।। तन... 152 Share seema sharma 16 Feb 2025 · 1 min read देव घनाक्षरी घनाक्षरी 8,8,8,9 देव दिवाली देव घनाक्षरी खूब सजी काशी आज, गंगा घाट बजे साज, दीप जले गली-गली, झूमे है लहर- लहर। शंख नाद होता यहाँ, मस्त होता सारा जहाँ भक्ति... 92 Share seema sharma 16 Feb 2025 · 1 min read सुमुखि सवैया सुमुखि सवैया /मानिनी — सृजन शब्द- –तलाश- 121-121-121-12, 1-121-121-121-12 तलाश करूँ सत प्रेम मिले, मन आँगन में नव पुष्प खिले। बड़ी सुनसान हुई गलियां,मन की रहते हम होंठ सिले।। पलाश... 124 Share seema sharma 16 Feb 2025 · 1 min read सुमुखि सवैया सुमुखि सवैया /मानिनी — सृजन शब्द- महान 121-121-121-12, 1-121-121-121-12 महान कहा कर नाज किया,अपनी महिमा निज गान करे। जबान चला जन जीत गए,चुपचाप रहे हम पीर भरे।। निशान पड़े दिल... 116 Share seema sharma 16 Feb 2025 · 1 min read विजया घनाक्षरी घनाक्षरी विजया घनाक्षरी 8 8 8 8 विषय -दीपावली मावस की रात ढले, जग-मग दीप जले, उजाले उर में पले, अंधेरों को दूर करें । रंगोली से द्वार सजे ,... 111 Share seema sharma 16 Feb 2025 · 1 min read मर्कट दोहा मर्कट दोहा 17 गुरु 14 लघु सृजन शब्द -दीप दीप जलाओ प्रेम के,जग-मग हो संसार। भेदभाव को त्याग दो, बांटो सब में प्यार ।। दीप जलाऊँ ज्ञान का,मन में हो... 93 Share seema sharma 16 Feb 2025 · 1 min read सरसी छंद विषय -वीभत्स रस* *विधान -सरसी छंद*16/11* *सृजन दृश्य – महाभारत युद्ध में भीम का* *दु:शासन की छाती फाड़कर रक्त पान करना।* दु:शासन था कपटी पापी, छोड़ धर्म का ज्ञान। भरी... 97 Share seema sharma 16 Feb 2025 · 1 min read दोहा गीत दोहा गीत दोहा गीत रावण के अभिमान को, लागे धूं-धूं आग। ज्ञानी ध्यानी था बड़ा, माथ लगाया दाग।। विजया दशमी पर्व की,बड़ी पुरानी रीत। मारा दंम्भी राम ने, ली अच्छाई... 84 Share seema sharma 16 Feb 2025 · 1 min read श्येन दोहा गीत श्येन दोहा गीत 19 गुरु/10लघु श्येन दोहा गीत मैया के दरबार में, भक्तों की अरदास। दर्श दिखाओ आप माँ, पूरी होवे आस।। द्वार तुम्हारे आ खड़े,बोलें हैं जयकार। माता माता... 81 Share seema sharma 16 Feb 2025 · 1 min read सुर घनाक्षरी घनाक्षरी सुर घनाक्षरी सृजन शब्द -बरखा बदरी काली है छाई, बरखा बहार आई, कली कली मुस्कुराई, छटा चम-चम सज गयी डाली डाली, चहुँ ओर हरियाली, कोयल भी कूके काली बजे... 78 Share seema sharma 16 Feb 2025 · 1 min read सजल सजल लगा लूं पंख दिल को मैं, जहन में रोज है आता । उडूं मैं आसमानों मैं, यही तो खाब है भाता ।। किये सब फर्ज पूरे हैं, किसी को... 111 Share seema sharma 16 Feb 2025 · 1 min read सजल सजल सजल मुखौटे डाल कर मुख पे,रहे हम दर्द को सहते। कहे क्या अब जमाने से,नयन क्यों है सदा बहते।। लुटाई जान थी जिन पर, सभी थे खून के रिश्ते।... 92 Share seema sharma 16 Feb 2025 · 1 min read घनाक्षरी विजया घनाक्षरी छंद 8888 पदांत लघु,गुरु विषय-माँ दुर्गा से संबंधित करके शेर सवारी, दुर्गा भवन पधारी, लगती कितनी प्यारी, भक्तों पे मेहर करे।। चुनर पहनी लाल, काले घुंघराले बाल, बनती... 89 Share seema sharma 13 Feb 2025 · 1 min read चौपाई चौपाई *विधा: चौपाई* *आज का रस – भयानक रस* *सृजन दृश्य – बाढ़ की विभिषिका* कुदरत ने आफत बरसाई। बाढ़ तबाही लेकर आई।। भरा हुआ है पानी सारा। तेज बहे... 135 Share seema sharma 13 Feb 2025 · 1 min read श्येन दोहा श्येन दोहा श्येन दोहा 19 गुरु 10 लघु निर्मल जगती ज्योति है, हैं नवराते खास। साँचा माँ का द्वार है, पूरी होती आस।। चोला माँ का लाल है, चूड़ा भी... 92 Share seema sharma 13 Feb 2025 · 1 min read चौपाई चोपाई सृजन शब्द -नैना बरसें शांत रस तन का पिंजरा ढहता जाये। चैन कहाँ से मनवा पाये ।। मोह फंद में उलझा रहता। माया- माया हरदम कहता।। तम के काले... 100 Share seema sharma 13 Feb 2025 · 1 min read दोहे दोहे सुन भी ले अब बात तूं, जीवन के दिन चार। खुल के जी ले अब जरा,मन को मत तू मार।। आपाधापी में रहे, बंद हृदय के नैन। भूला प्रभु... 90 Share seema sharma 13 Feb 2025 · 1 min read दोहे दोहे दोहा-शांत रस सृजन शब्द-नयना रे मन नयना खोल ले, सपना ये संसार। मेरा मेरा छोड़ के,जीवन ले संवार।। नयना नित हैं देखते, इस दुनियां का खेल। नश्वर जग है... 125 Share seema sharma 13 Feb 2025 · 1 min read सजल सजल सजल थकन से नींद आयी है, अकेला लाल है सोता। सुने अब लोरियां कैसे, रहे बचपन सदा रोता। पुकारे मात को अपनी, दिखे ना प्यार का आँचल। लड़ाए लाड़... 127 Share seema sharma 1 Feb 2025 · 1 min read दोहे दोहे श्राद्ध जीते जी मर- मर जिये , मिला बहुत अपमान। स्वर्ग सिधारे जब बड़े, करते तब सम्मान।। डर के मारे पूजते, पितरों को कुछ लोग। मंगल अपना चाहते, दे... 78 Share seema sharma 1 Feb 2025 · 1 min read दोहा दोहा हीरे मोती लाख हैं, दौलत का क्या मान। राम नाम धन पास है, वही बड़ा धनवान।। पावन हरि का नाम है, जपना आठों याम। भक्ति भाव को धार लो,... 102 Share seema sharma 1 Feb 2025 · 1 min read दोहा दोहा शांत रस विधा: दोहा सृजन शब्द-नश्वर नश्वर ये संसार है ,मन ले आँखे खोल। कर्मो पर तूं ध्यान दे, लाभ हानि को तोल।। शाश्वत सच तो मौत है, देखे... 90 Share seema sharma 17 Nov 2024 · 1 min read *विधा: दोहा *विधा: दोहा *शांत रस* *सृजन शब्द -दिव्य रूप दर्शन मिले, दिव्य रूप दर्शन मिले, आयी प्रभु के द्वार। हाथ जोड़ दासी कहे,अब बरसाओ प्यार।। जीवन संध्या हो चली, सुध लो... 3 168 Share seema sharma 17 Nov 2024 · 1 min read दोहा *शांत रस* *सृजन शब्द- क्यों भटके मन बावरा* विधा - दोहा क्यों मन भटके बावरा, ईश्वर जब हैं साथ। प्रभु चरणों मे टेक दे,झुक कर अपना माथ।। तेरा मेरा छोड़... 1 145 Share seema sharma 17 Nov 2024 · 1 min read डमरू घनाक्षरी 8888 डमरू घनाक्षरी नद बह कल- कल, धवल- धवल जल, बढ़ चल पथ पर, थम मत बस चल। असफल कब तक, कर करम अथक, थक कर मत रह, मर मत... 1 156 Share Previous Page 2 Next