seema sharma 207 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid seema sharma 5 Oct 2025 · 1 min read सायली छंद सायली छंद *सृजन दृश्य - आश्चर्य* *1 **2 ***3 **2 *1 आश्चर्य नयन भरा जबसे देखी मैंने सूरत सलोनी तुम्हारी । सुंदर रंग भरे प्रकृति फूलों में होता देख आश्चर्य।... 46 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read सायली छंद *सृजन दृश्य - बहाव* 1 2 3 2 1 बहाव भावनाओं का मुश्किल रोक पाना जब दुःख पडे। रोके कोई कैसे आँसुओं के बहाव पीर में अपनी। भव पार होता... 91 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read हाइकू *हाइकु-5 7 5* सृजन दृश्य -अलाव घना कोहरा बेअसर अलाव ठिठुरें लोग। गरीब बच्चे ताप रहे अलाव उघाड़े तन। फुटपाथ पे जल रहा अलाव सोते बेघर। जला अलाव कर रहें... 1 147 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read दोहा गीत दोहा गीत बंसत रूप धरा का है सजा, चारों तरफ बहार। पीली सरसों खिल रही,महके पुष्प कतार।। बाजी वीणा मात की,हुआ ज्ञान संचार। धन बैभव सबको मिले,भरे अन्न भंडार।। मौसम... 94 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read मनहरण घनाक्षरी *विधा👉 मनहरण घनाक्षरी छन्द* संयोजन 2 2 2 2 2 3 3 3 3 2 वर्जित 👉 विषम सम विषम मत कर अभिमान, तज चल झूठी शान, भर अंतर्मन ज्ञान,... 82 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read ग़ज़ल *बह्र-22 22 22 22, 22 22 22 2* काफ़िया- आना.... रदीफ़- किसको अच्छा लगता है .....* जीवन भर यूँ धोखे खाना किसको अच्छा लगता है। पल दो पल का ही... 84 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read ग़ज़ल *बह्र-22 22 22 22, 22 22 22 2* ग़ज़ल काफ़िया- आनी रदीफ़- होती है ..... इस दुनियां में सबकी अपनी अपनी राम कहानी होती है। जीवन की राहें कुछ जानी... 90 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read सायली छंद सायली छंद 1,2,3,2,1 सृजन शब्द - संस्कार संस्कार अच्छे सदा हमारे जीवन को बनाते हैं सुंदर। शुभ संस्कार से शुद्ध मानस बने आत्मिक सौंदर्य बढ़े। है व्यक्ति का आधार ही... 83 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read गीतिका विधा -गीतिका छंद मापनी -212-212, 212-212 समान्त -आओ पदान्त - कभी झूठ बोलो न झूठे सराहो कभी सत्य का साथ कुछ यूँ निभाओ कभी। प्यार से बात करना जरूरी समझ,... 1 96 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read शार्दूल दोहा गीत * *शार्दूल दोहा गीत* *06 गुरु-36 लघु* अनुपम चितवन श्याम के, करते उर पर वार। सुधबुध तज कर अब रहे , विकल सकल नर नार।। निरखत निशदिन राह सब, गिरिधर... 88 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read गीतिका गीतिका समांत-आर का तुकांत पदांत-कर मापनी-2122 2122 212 गलतियां अपनी सदा स्वीकार कर। जीत जग को प्रीत उर में धार कर।। लाख मुश्किल आ पड़े रहना अडिग, थाम दिल मत... 97 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल *बह्र-2122, 2122,212* दर्द दिल में जो संभाला जाएगा। अश्क का तूफां न टाला जाएगा।। पालते माँ बाप कितने प्यार से, वेश्म से उनको निकाला जाएगा। हाल जीते जी न... 137 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read गीतिका गीतिका समांत-आम पदांत-तू मापनी-2122 2122 212 ढूंढता फिरता कहाँ श्री राम तूं। झांक ले अपना जरा मन धाम तू।। साफ नीयत रख चला चल शांत रे, रब सहारे सब बनाना... 64 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read मच्छ दोहा गीत मच्छ दोहा 7 गुरु 34 लघु सृजन शब्द-करुणा करुणा रख मन में सदा, मधुर- मधुर बस बोल। धरम करम कर ले मना, हिय अब सत रस घोल।। चमक दमक के... 67 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read मनहरण घनाक्षरी मनहरण घनाक्षरी 8887 सृजन शब्द - गणतंत्र गणतंत्र की है धूम, जन-जन रहा झूम, पावन तिरंगा चूम, खुशियाँ मनाइए । भारत माँ की ये शान, करो सदा तुम मान, छेड़... 125 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read ग़ज़ल रदीफ़- आ गये क़ाफ़िया - अर की बंदिश बह्र - 212 212 212 212 ख्वाब टूटे कई अब नज़र आ गये। हम कहाँ थे खड़े अब किधर आ गये।। भूल... 64 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल बह्र - 212 212 212 212 छोड़ कर आपका हम शहर आ गये। इश्क़ का रख अधूरा सफ़र आ गये।। आपसे जब मुहब्बत हुई थी सनम, खूबसूरत नज़ारे नज़र... 80 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल *बह्र-212, 212,212,2* दर्द दिल में छुपा के रखा है। चेहरे पर तबस्सुम सजा है।। अब सुनाए किसे बात अपनी, कौन लगता यहां पर सगा है। बात करता बशर... 65 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read ग़ज़ल बह्र- 1222-1222-122 रदीफ़- नहीं है क़ाफ़िया - आ की बंदिश बुढापा छोड़ कर जाता नहीं है ।। सहे दुख दर्द सब चारा नहीं है।। बहुत सुंदर नजारा हैं जहां का,... 79 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read ग़ज़ल विधा गजल 1222,1222,122 दुखों का अब्र छाया ही नहीं था । कभी वो वक़्त आया ही नहीं था।। सफर मुश्किल बड़ा है जिंदगी का, किसी ने ये बताया ही नहीं... 68 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read मनहरण घनाक्षरी मनहरण घनाक्षरी 8887 विषय- नववर्ष शुभारंभ नव वर्ष , हृदय उमंग हर्ष, मिले सकल उत्कर्ष, यही शुभकामना। सपने साकार कर, मन चाहा रंग भर, घुट-घुट मत मर, ईश हाथ थामना।... 68 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल 1222,1222,1222,1222 मिले जो प्यार रिश्तों में, समझ गुलजार है जिंदगी। घुलें नफरत दिलों में तो,लगे इक खार है जिंदगी।। न इसको चाहना इतना,कभी अपनी नहीं होगी, बड़ी कम उम्र... 65 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read ग़ज़ल *बह्र - 2121-2212-22* रद़ीफ -शायद क़ाफ़िया -ई इश्क़ चार दिन की हँसी शायद। इक अजार है दिल लगी शायद।। याद अब नहीं वो मुझे करता, दिल नशी हुआ अजनबी शायद।... 76 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read पान दोहा पान दोहा छंद 10 गुरु,28 लघु भोर सुखद नव वर्ष की, अभिनंदन कर आज। गुजर दिसम्बर अब गया,रखे जनवरी ताज।। सीमा शर्मा 'अंशु' 52 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read ग़ज़ल *बह्र - 1222-1222-1222-1222* करोगे प्यार हमसे तो,तुम्हें अपना बना लेंगे। सनम हम इश्क़ को तेरे,नयन में बस सजा लेंगे।। सदा तुम पास में रहना,नहीं तुम दूर हो जाना, जुदाई में... 119 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read ग़ज़ल *विधा -ग़ज़ल* *बह्र- 1222-1222-1222-1222* शरीफों को बताओ तो,ज़माना पूछता है क्या। यहाँ हर शख्श मतलब बिन, बताना पूछता है क्या।। सगा भाई मरे भूखा, दिया हो दान गैरों को, गलत... 79 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read बल दोहा * *बल दोहा *11 गुरु-26 लघु* कर्म बड़े बलवान हैं,कर चल उत्तम काम। मत कर मन छल रे सदा,अंदर बसते राम।। सीमा शर्मा 66 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read *विधा -महाभुजंगप्रयात सवैया* *विधा -महाभुजंगप्रयात सवैया* (यगणात्मक ) विधान= 24 वर्ण = यगण X 8 या, 122-122-122-122,122 -122-122-122 सृजन शब्द ---- *प्रतीक्षा* बुढापा सताता कहाँ ये बताते, दुखों को छिपाते कभी ना जताएं।... 71 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल *बह्र - 1222-1222,1222-1222* सताए वो हमें हरपल, निगाहों से सदा तोड़े। पड़े कातिल नज़र दिल पे,इशारों से सदा तोड़े।। कहो पत्थर उठाने की, उसे होगी जरूरत क्या, लबों को... 65 Share seema sharma 4 May 2025 · 1 min read अरविंद सवैया अरविंद सवैया छंद सगणात्मक 112 112 112 112 ,112 112 112 112 1 सृजन शब्द अनुराग अनुराग भरा हिय भीतर में,फिर भी गलियां मन की सुनसान। प्रिय पास रहें अब... 68 Share Page 1 Next