संजीव शुक्ल 'सचिन' Tag: मुक्तक 41 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Sep 2022 · 1 min read तुझको देखा तो मन बावला हो गया। तुझको देखा तो मन बावला हो गया। था जो गोरा बदन सांवला हो गया। भूख मिट सी गयी प्यास बढ़ने लगी~ आशिकी सर चढ़ी मनचला हो गया। हम मिले थे... Hindi · मुक्तक 1 140 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Jan 2022 · 1 min read सर्वधर्म समभाव रहे जयगान सदा हो भारत की।। आप सभी भारतवासियों को 73वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक मंगलकामना ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ द्वेष मिटे अनुराग बढ़े उत्थान सदा हो भारत की| मान बढ़े सम्मान बढ़े गुणगान सदा हो भारत की| विश्व... Hindi · मुक्तक 3 1 426 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jul 2021 · 1 min read भोजपुरी मुक्तक भोजपुरी मुक्तक काल आइल अकड़ सब हवा हो गइल। एक दूजे से दूरी दवा हो गइल। जे विधाता बने के जुगत में रहे- आज पहिले पहर अलविदा हो गइल।। पं.संजीव... Bhojpuri · मुक्तक 1 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Jun 2021 · 1 min read विधाता छंद आधारित मुक्तक (भोजपुरी) कहीं ऊ वोट मांगत बा, कहीं शासन चलावत बा। कहीं बा नेह बरसावत, कहीं सबका लड़ावत बा। गज़ब के रूप नेता के, कहीं; कइसे बताई हम- बदल वेदार के जइसन,... Hindi · मुक्तक 6 2 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Oct 2020 · 1 min read मुक्तक ??प्रदूषण का प्रभाव?? *********************** #विधा - मुक्तक #मापनी - १२२२ १२२२ *********************** विषैला है जहर है वो। हमें लगता कहर है वो। जहाँ थी गंध पुष्पों की- प्रदूषित अब शहर... Hindi · मुक्तक 1 309 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Jun 2020 · 1 min read आभासी दुनिया इस आभासी दुनिया से प्राप्त सभी संबन्धो का मैं हृदय से आदर कर आप सभी आत्मीय जन का उरतल से धन्यवाद कर आप सभी को प्रणाम करता हूँ, आप सभी... Hindi · मुक्तक 6 2 430 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Nov 2019 · 1 min read मुक्तक विधा - #मुक्तक जिये जा रहा हूँ, अकेले अकेले। सिये जा रहा हूँ, अकेले अकेले। जहर जिन्दगी बन गई आज मेरी- पिये जा रहा हूँ, अकेले अकेले।। न आँसू बचे... Hindi · मुक्तक 3 276 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Nov 2019 · 1 min read मुक्तक करो कुछ काम तुम ऐसा, जगत में नाम हो जाये। भले पथ पे सदा चलना, जगत सम्मान हो जाये। बुराई है जहर जग में, बुरे से दूर ही रहना- बुरे... Hindi · मुक्तक 2 238 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 18 Sep 2019 · 1 min read समय 【मुक्तक】 मात्राभार - २८ विषय - समय --------------------------------------------------------- लगाकर पंख उड़ता है, समय क्या खूब चलता है। समय संग जो नहीं चलते, वहीं फिर हाथ मलता है। समय रुकता नहीं पथ... Hindi · मुक्तक 1 414 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 13 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक ?????मुक्तक????? पीर अन्तरमन की छूपा कब पाते हैं। वेदना हृदय की बरबस बह जाते है। है दर्द प्रीत का कठिन इस जगत में- जाने वाले जाकर भी दर्द छोड़ जाते... Hindi · मुक्तक 1 221 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Sep 2019 · 1 min read मुक्तक {मात्राभार १४} चले आओ चले आओ। सजन अब घर चले आओ। विरह में मैं न मिट जाऊं- दरश देने चले आओ।। ✍️पं.संजीव शुक्ल "सचिन" Hindi · मुक्तक 1 208 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Aug 2019 · 1 min read तुम्हारा ही सहारा (मुक्तक) ???????????? इनायत है हरी तेरा, सभी से प्यार मिलता है। तुम्हारे ही भरोसे पर, सकल संसार चलता है। सदा आशीष देना तुम, सभी में प्रेम हो पूरित- तुम्हारे ही भरोसे... Hindi · मुक्तक 1 444 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 Aug 2019 · 1 min read मुक्तक हमें जिसने यहां भेजा , वही हमको खिलाता है। जगत में जीव हैं जितने, वही सबको जिलाता है। मिला हमको यहाँ जो भी, उसी ईश्वर की मर्जी से- जगाता है... Hindi · मुक्तक 1 213 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 Aug 2019 · 1 min read विडम्बना सावन के संगीत गये खो, कहाँ दिखे अब सावन। सावन की वह बात पुरातन, जो दिखता मनभावन। कॉल विडीयों युग मे गर जो , हुये पिया परदेशी- नित्य बात करती... Hindi · मुक्तक 1 427 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 29 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक #विधा - ताटंक छंद आधारित (मुक्तक) ********* ************ ********** ********** व्यथित हृदय की पीर अभी हम, बोलो भला दिखाये क्यों। जनता भोली मौन पड़ी है, गूंगों को समझायें क्यों। जो... Hindi · मुक्तक 1 229 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read जल संरक्षण विषय ~ जल संरक्षण ...मात्रा भार - २८ ============================== मिटाता प्यास वो सबका, आस मन में जगाता है। हृदय की वेदना को चक्षु से, पल में बहाता है। मिल संरक्षण... Hindi · मुक्तक 250 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक नमन मंच विधा - मुक्तक **************************** मात्रा भार - २१ अब हकीकत छुपाने से क्या फायदा। गम को हृदय लगाने से क्या फायदा। जिन्दगी की ये गाड़ी न रुकती कभी-... Hindi · मुक्तक 190 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read हृदय की पीर ??नमन मंच?? विषय.... आहत हृदय की पीर ************************** देखता हूँ मै जिधर भी, कोलाहल औ क्रन्दन है। धरा रक्त से सन रही, विलुप्त हुआ वृंदावन है। मानवता चित्कार रही, मानव... Hindi · मुक्तक 203 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read सब समझते है ?????#नमन_मंच????? .. #मुक्तक #विषय -- सब समझते है..?? **************************************** शोणित दे जो दी आजादी, देख तुझे रोता होगा। राष्ट्र की ऐसी दशा देखकर, आपा भी खोता होगा। बुरे कर्म अबतक... Hindi · मुक्तक 367 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 8 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक नमन मंच विधा - मुक्तक **************************** मात्रा भार - २१ अब हकीकत छुपाने से क्या फायदा। गम को हृदय लगाने से क्या फायदा। जिन्दगी की ये गाड़ी न रुकती कभी-... Hindi · मुक्तक 1 1 492 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Feb 2019 · 1 min read बेकरारी ...मुलाहिज़ा फरमाइए.....? तोहर जईसन हाल गोरिया हमरो ओईसन हाल बा। तोहरे बिना लईकन सब के जीयल मुहाल बा। चाँद तारा ताकत बाड़े रात रात भर उठ के- एक एक पल... Hindi · मुक्तक 1 477 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2018 · 1 min read अदावत सुखों ने कर डाली हमसे अब बगावत है, देखो मेरी कैसी भाग्य से अदावत है कैसे अब सम्भले, जीवन आये पटरी पर विधना के विधानों की गजब की इनायत है।... Hindi · मुक्तक 227 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 3 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक १. पिता मेरे जीवन की नैया का उम्मीद भरा पतवार पिता। हर मुश्किल जो आये मुझपर उसका खेवनहार पिता। बरगद बनकर छाँव घनेरी इस जीवन के उपवन में- हर उलझन... Hindi · मुक्तक 204 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Jun 2018 · 1 min read मुक्तक लिखने में हम भी कमाल हैं, हमारी लिखाई बेमिसाल है, कोई पढे ना पढे हमे गम नहीं- हम लेखक बड़े धमाल है। ..... पं.संजीव शुक्ल 'सचिन' Hindi · मुक्तक 236 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 May 2018 · 1 min read मजदूर ❆ मुक्तक सृजन ❆ विषय - मज़दूर ❆ तिथि - ०१ मई २०१८ ❆ वार - भौमवार ************************** चाँद देखने पर भी मुन्ना हमसे रोटी मांग रहा , भूखा पेट... Hindi · मुक्तक 416 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 11 Apr 2018 · 1 min read रिश्ता रिश्ता .......... रिश्ता जैसे पानी और प्यास का। रिश्ता जैसे जीवन और सांस का। कुछ रिश्ते अनमोल है इस जगत में। रिश्ता जैसे भक्त और भगवान का। ..... ऐ खुदा... Hindi · मुक्तक 223 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Apr 2018 · 1 min read पिता * मुक्तक सृजन * विषय – पिता **************************************** मेरे जीवन की नैया का उम्मीद भरा पतवार पिता हर मुश्किल जो आये मुझपर उसका खेवनहार पिता बरगद बनकर छाँव घनेरी इस... Hindi · मुक्तक 213 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Mar 2018 · 1 min read तोहफा *मुक्तक सृजन =========⚘========= आये पीया मोर पाहुन बनके तोहफे लाइस नुमाइश जमके भर अकवार पकड़ मोहे बोले कान कुण्डल गोरी बहुतही चमके। सोच रही अब मैं का दूं उन्हें कैसे... Hindi · मुक्तक 379 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Mar 2018 · 1 min read सहादत (भोजपुरी) *************** आज एगो धीर वीर फिर से मराईल बा, लिपटल तिरंगा में सरहद से आईल बा, बहिनी के राखी के धागा आज टूट गईल माई तोहरे अँचरा के फूल मुर्झाईल... Hindi · मुक्तक 417 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 10 Jan 2018 · 1 min read निरीह बालक मुक्तक १. पथ में सोता रहा मै यूं ही रात भर , मुझे देखा किसी ने नहीं आंख भर। मै तड़पता रहां ठंढ बेधती रही, चर्चा मंदिर व मस्जिद चली... Hindi · मुक्तक 474 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Dec 2017 · 1 min read जिन्दगी. मुक्तक ------------ 1. जिन्दगी का हर डगर, फूंक कर चल रहा हूँ मैं, हर कांटा देख, सलीके से , पाव धर रहा हूँ मैं। कदम कदम पे ठोकरें, जैसे रखीं... Hindi · मुक्तक 460 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 8 Dec 2017 · 1 min read मुक्तक मुझे ना छोड़ कर जाओ सनम ना रुठ कर जाओ। अजी गुस्से में हो फीर भी हाल तो पुछ कर जाओ।। बहुत गुस्ताख़ है दुनिया सजन शैतान है दुनिया। अकेली... Hindi · मुक्तक 454 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 29 Nov 2017 · 1 min read बुरा जमाना बुरा जमाना....(मुक्तक) ... कहते है लोग है बुरा यह जमाना कहते है हम इसे कोरा बहाना। जैसे को तैसा यहीं रीत जग की होंगे हम जैसा वैसा ही जमाना।। जमाने... Hindi · मुक्तक 2 430 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Nov 2017 · 1 min read बचपन (भोजपुरी मुक्तक) बचपन बन गईल याद ऊ बचपन कहाँ गईल, भरल रहे उत्साह उमंग ऊ कहाँ गईल? भटकत बा इंसान चैन अब तनिको नईखे लड़ीकईयन के बात न जाने कहाँ गईल? छूट... Hindi · मुक्तक 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Nov 2017 · 1 min read मित्र ★★★मित्र★★★ .............. .............. मित्र तो बस मित्र है वह आम है ना खास है। मित्र से ही जीवन में खुशीयाँ तेरे पास है।। मित्र है तो सफल ये जीवन मित्र... Hindi · मुक्तक 801 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Sep 2017 · 1 min read भक्ति भावना भक्ति भावना... ....................... मन तूं इतना सा एहसास रहने दे, भक्त हूँ जगतजननी का आभास रहने दे मैं मैं हूँ, तु तूं है ब्यर्थ है सोचना अभी, इस जीवन को... Hindi · मुक्तक 278 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Sep 2017 · 1 min read मानवता पंक्षी कलरव करते थे निशदिन कैसे बागों में। रिश्ते भी पिरोये जाते थे तब कच्चे धागों में।। समय कहीं वो खो गया मानवता कहीं विलुप्त हुई। आज तो जैसे केवल... Hindi · मुक्तक 508 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 Aug 2017 · 1 min read मजधार मे नैया (मुक्तक) ********* मुक्तक ********* ------------------------------------------ जलमग्न हैं धराये विकल जिन्दगी है आई ये कैसी प्रभु मुश्किल घड़ी है, कहाँ कोई जाये अब आसरा है किसका तुम्हीं हो सहारा विकट परिस्थिति है।... Hindi · मुक्तक 266 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Aug 2017 · 1 min read दुविधा (मुक्तक) सुना है भगवन कलियुग में तुम कल्कि रूप में आओगे पापो से बोझिल वसुधा को पाप मुक्त करवाओगे किन्तु एक दुविधा है भगवन, यहाँ एक नहीं कई रावण हैं आखिर... Hindi · मुक्तक 490 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Aug 2017 · 1 min read दूर जो तुझसे हुआ प्रिय...... दूर जो तुझसे हुआ प्रिय नयना अभिराम लरजता है सावन की रिमझिम बूंदों को मन देखता और तरसता है जो साथ तुम्हारे मैं होता जीवन कितना सुन्दर होता यहीं सोच... Hindi · मुक्तक 575 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Jul 2017 · 1 min read जिन्दगी उजड़ गई.. **^**जिन्दगी उजड़ गई**^** --------------------------------------------- जब से तुम आई प्रिय जिन्दगी सवर गई, जैसे ही तुम गई वो हर खुशी बिखर गई। रंग जो भरे थे प्रिय कभी तेरे आगमन ने,... Hindi · मुक्तक 1 424 Share