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11 Apr 2018 · 1 min read

रिश्ता

रिश्ता
……….
रिश्ता जैसे पानी और प्यास का।
रिश्ता जैसे जीवन और सांस का।
कुछ रिश्ते अनमोल है इस जगत में।
रिश्ता जैसे भक्त और भगवान का।
…..

ऐ खुदा एक नजर अबतो देखो मुझे,
मेरी गलती है क्या वो बतादो मुझे।
एक रिश्ता है मुझसे तुझे है खबर,
माफ कर दो गले से लगालो मुझे।।
……

रिश्ता नया था तो गले से लगा लिया,
कुछ दिन ही बीते खुद से जुदा किया।
जैसे ही रिश्तों मे आया पुरानापन,
खुद से तो क्या शहर से भगा दिया।
….
.संजीव शुक्ल “सचिन”
शुभ प्रभात

Language: Hindi
223 Views
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