Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Nov 2017 · 1 min read

बचपन (भोजपुरी मुक्तक)

बचपन बन गईल याद ऊ बचपन कहाँ गईल,
भरल रहे उत्साह उमंग ऊ कहाँ गईल?
भटकत बा इंसान चैन अब तनिको नईखे
लड़ीकईयन के बात न जाने कहाँ गईल?

छूट गईल अब गांव, गांव अब शहर भईल
आपस में रहे प्यारा, प्यार सब खतम भईल।
बचपन के सब यार, यारी रहे गजब के
ब्यस्त भईल सब यार, यारी खतम भईल।।

छूट गईल घर द्वार, घर के अंगना छूटल
ऊ बचपन के प्यार माई के अचरा छूटल।
जीवन भईल बेरंग, रंग अब तनिको नईखे
कहाँ मीली ऊ प्यार मिलन के असरा छूटल।।

हीयरा के फूल आज शूल बन के आईल बा
बचपन के ईयार सगरे पचपन में समाईल बा।
ब्यस्त भईल आज सभे अपने-अपने काम में
जीनीगीया ई आज भंवजाल बन के आईल बा।।

लरिकईया में कहां कबो केहूँ देला धोखा,
एक दुसरे पर सबका केतना रहे भरोसा।
लेकिन जईसे जईसे उम्र के चलत बा पहिया
अपनन से अपनन के जग मे मिलेला धोखा।।
©®पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
07/11/2017

Language: Hindi
1626 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
आखिरी अल्फाजों में कहा था उसने बहुत मिलेंगें तेरे जैसे
आखिरी अल्फाजों में कहा था उसने बहुत मिलेंगें तेरे जैसे
शिव प्रताप लोधी
खुशी(👇)
खुशी(👇)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
रात भर नींद भी नहीं आई
रात भर नींद भी नहीं आई
Shweta Soni
आज के रिश्ते
आज के रिश्ते
पूर्वार्थ
ले बुद्धों से ज्ञान
ले बुद्धों से ज्ञान
Shekhar Chandra Mitra
नारी है तू
नारी है तू
Dr. Meenakshi Sharma
ढलती उम्र का जिक्र करते हैं
ढलती उम्र का जिक्र करते हैं
Harminder Kaur
जाने वाले साल को सलाम ,
जाने वाले साल को सलाम ,
Dr. Man Mohan Krishna
चंद अपनों की दुआओं का असर है ये ....
चंद अपनों की दुआओं का असर है ये ....
shabina. Naaz
पूर्ण-अपूर्ण
पूर्ण-अपूर्ण
Srishty Bansal
अगर आप समय के अनुसार नही चलकर शिक्षा को अपना मूल उद्देश्य नह
अगर आप समय के अनुसार नही चलकर शिक्षा को अपना मूल उद्देश्य नह
Shashi Dhar Kumar
अपना पीछा करते करते
अपना पीछा करते करते
Sangeeta Beniwal
पहले भागने देना
पहले भागने देना
*Author प्रणय प्रभात*
#drarunkumarshastri
#drarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जीवन चलती साइकिल, बने तभी बैलेंस
जीवन चलती साइकिल, बने तभी बैलेंस
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
3178.*पूर्णिका*
3178.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मन
मन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
*नींद आँखों में  ख़ास आती नहीं*
*नींद आँखों में ख़ास आती नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जनहित (लघुकथा)
जनहित (लघुकथा)
Ravi Prakash
****प्रेम सागर****
****प्रेम सागर****
Kavita Chouhan
मेरे शब्द, मेरी कविता, मेरे गजल, मेरी ज़िन्दगी का अभिमान हो तुम।
मेरे शब्द, मेरी कविता, मेरे गजल, मेरी ज़िन्दगी का अभिमान हो तुम।
Anand Kumar
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Kanchan Khanna
"बर्बादी का बीज"
Dr. Kishan tandon kranti
आज तू नहीं मेरे साथ
आज तू नहीं मेरे साथ
हिमांशु Kulshrestha
बिषय सदाचार
बिषय सदाचार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
संतोष करना ही आत्मा
संतोष करना ही आत्मा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
💐प्रेम कौतुक-380💐
💐प्रेम कौतुक-380💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
नन्ही परी चिया
नन्ही परी चिया
Dr Archana Gupta
Loading...