Rekha Drolia Tag: कविता 180 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Rekha Drolia 20 Jan 2022 · 1 min read स्त्रियाँ स्त्रियाँ वेग इतना कि वो पत्थर चीर निकलती है कोमल इतनी कलकल छलछल बहती है हर ढलान पे ढलती नदी सी होती हैं स्त्रियाँ दो पाटों के बीच सिमटी सी... Hindi · कविता 3 276 Share Rekha Drolia 23 Sep 2021 · 1 min read समन्दर खारा … समन्दर खारा … पूछा मैंने समन्दर से तू इतना खारा क्यूँ है बोला पूछो कान्हा से मुझसे तू पूछता क्यूँ है सुनाई प्रेम की परिभाषा राधा बिना कृष्ण आधा एक... Hindi · कविता 1 1 257 Share Rekha Drolia 15 Sep 2021 · 1 min read सूना सूना सूना सूना सूना वस्तिम सूना हर कोना प्रिय तेरे बिन मेरा क्या होना सूना प्रकोष्ठ सूना वो झूला प्रीत की पेंगें हाय कैसे भूला सूना उपवन सूना उर सुमन उड़... Hindi · कविता 2 3 352 Share Rekha Drolia 1 Sep 2021 · 1 min read जब बात चली… जब बात चली… कस्तूरी की जब बात चली तेरी यादों को महका आयी ढूँढते अनुचर निश्वास मेरे तेरी सुरभित सी तरुणाई जब बात चली चंदा की जाने क्यूँ तेरी याद... Hindi · कविता 1 393 Share Rekha Drolia 22 Aug 2021 · 1 min read भाई..मैं निभाऊँ रीत नई ! भाई ... मैं निभाऊँ रीत नई! जो तू आ जाता भाई बाँधती राखी तेरी कलाई देती सब सुख तुझ पर वार आँचल संजोती तेरा प्यार तो क्या जो तुम नहीं... Hindi · कविता 1 370 Share Rekha Drolia 19 Aug 2021 · 1 min read कहने लगे …..कहने लगे! भीगी रातों में स्फुटित प्रेम अंकुर जब उजाले में कुम्हलाने लगे हाय बहुत कुछ ये कहने लगे मिल गया अर्थ टूटे हुए शब्दों का जब आँखों से ये... Hindi · कविता 3 400 Share Rekha Drolia 10 Aug 2021 · 1 min read कैसी… कैसी…. मैं एक किताब तुम कहानी जैसी मैं ठहरा सागर तुम रवानी जैसी तेरी ही स्पृहा तू वनिता ऐसी पाता मन विश्रांत तेरी छुअन ऐसी साँसों में समाए तू सुरभि... Hindi · कविता 1 252 Share Rekha Drolia 31 Jul 2021 · 1 min read किताब का गुलाब किताब का गुलाब…. जर्जर सा संदूक बंद अरमान बेताब सहेज कर रखी वो पुरानी किताब फटे पन्नों के बीच वो सूखा गुलाब मुरझाया कुम्हलाया देखता ख़्वाब एक दिन तुम आओगे... Hindi · कविता 4 5 842 Share Rekha Drolia 24 Jul 2021 · 1 min read क्षितिज क्षितिज…. क्षितिज की न करो बात था साखी मेरी प्रीति का ज्यूँ गगन और धरती का पर जब देनी थी गवाही खड़ा रहा बस मौन मूक कह सकता था दो... Hindi · कविता 3 6 427 Share Rekha Drolia 19 Jul 2021 · 1 min read बरखा बरखा… श्यामल घन बरसे छन छन गिरे बिजुरिया उर के आँगन स्फुरित हिया, हुलके जिया तरसे दरस को प्यासे नयन बूंदों के दर्पण आनन निहारुँ हर आहट भीगी लटें सवाँरुँ... Hindi · कविता 1 2 356 Share Rekha Drolia 5 Jul 2021 · 1 min read अँजुरी दे… अँजुरी दे अँजुरी में प्रिय चिर बंधन बंध जाती हूँ चूर्ण मुष्टि सिंदूर सजा रोम रोम महकाती हूँ पारस सा स्पर्श पिया मैं कुंदन कहलाती हूँ स्पंदित होता कण कण... Hindi · कविता 2 6 416 Share Rekha Drolia 2 Jul 2021 · 1 min read जीवन सरगम जीवन सरगम …. तुम मुझमें सुर में संगीत झंकृत उर के तार मीत लय में गाती साँसें प्रमत्त धुन मैं तेरी तुम मेरे गीत हिय गाये उपजे उन्माद राग मिलन... Hindi · कविता 1 508 Share Rekha Drolia 28 Jun 2021 · 1 min read क्या.. क्या… ये कलम अचानक रुक गयी क्या चेतना डाल झुक गयी कल थे अपने आज छूट गए क्या विश्वास के तार टूट गए प्रेम पराग का प्याला ख़ाली क्या बगिया... Hindi · कविता 1 577 Share Rekha Drolia 18 Jun 2021 · 1 min read फ़रिश्ता फ़रिश्ता कौन था वो कहाँ से आया था शायद फ़रिश्ता था कोई चीर चीरा निर्मम दरिंदों ने जब लाज की चादर से दामन ढक गया देह को चुभती जग की... Hindi · कविता 2 4 255 Share Rekha Drolia 11 Jun 2021 · 1 min read ग़र तुम आओ तो.. ग़र तुम आओ तो.. तेरी चाहत में टूट कर बिखरना भी है मंज़ूर जो दिल जोड़ने ग़र तुम आओ तो परवाह नहीं इश्क़ में हुए रुसवा या मशहूर जो वफ़ा... Hindi · कविता 5 6 499 Share Rekha Drolia 7 Jun 2021 · 1 min read आज़ादी ! आज़ादी... सुना है खून के बदले मिलती है आज़ादी पर किसका खून स्वाभिमान का आत्मसम्मान का या नन्ही सी जान का आज़ाद होने के लिए ज़रूरी मरना होगा सब कुछ... Hindi · कविता 1 4 266 Share Rekha Drolia 2 Jun 2021 · 1 min read वादा.. वादा ... ये शमा है, मैं हूँ या ज़िंदगानी पिघल रही तेरे इक वादे पे रूह क़तरा क़तरा जल रही फ़ितरत तेरी वादे से मुकरना,नई बात नहीं रोग-ए-इंतज़ार में उमर... Hindi · कविता 2 5 613 Share Rekha Drolia 1 Jun 2021 · 1 min read हाइकु माला-लहर हाइकु माला झीना झीना है लहरों का घूँघट झाँके है चाँद चली हिलोर छोर से उस छोर चूमने अभ्र है इठलाता उफनता यौवन पिघले चंदा लहर चली छोड़ बाबुल गली... Hindi · कविता 2 275 Share Rekha Drolia 27 May 2021 · 1 min read तारा तारा चाह नही रवि बन जाऊँ तपूँ झुलसूँ जलती जाऊँ नित लड़ती रहूँ अंधेरों से केवल चढ़ते पूजी जाऊँ धरा बनूँ ये भी न चाहा एक ही धुरी पर नचाया... Hindi · कविता 5 247 Share Rekha Drolia 21 May 2021 · 1 min read बरसात-बटोही बादल इन्द्रधनुष की खूँटी पर टंगा सतरंगी सपनों का बादल उड़ता नभ द्रुत पंख लगाए तितली सा अम्लान सजल भटके बटोही सा नील गगन इच्छाओं का जलद धवल मृदु स्वप्न के... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 6 391 Share Rekha Drolia 21 May 2021 · 1 min read बरसात-सब धुल जाए घनघोर बरसात कड़कती बिजली गरजते बादल टपकती बूँदे सब धो गयी धुल गए पेड़ पोधे फ़ूल पत्ते आम लटकते पक्षी बहुतेरे सूनी सड़कें गलियाँ चोराहे छत दीवारें झूलती मिनारें सूखते... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 4 319 Share Rekha Drolia 21 May 2021 · 1 min read बदरा और बरसात इंद्र का वर जलद अम्बर करे वास अवनी की तपती साँसों का उच्छ्वास समीर यान जंच विचरे व्योम विस्तार उमड़ घुमड़ गरज बरसाए जलधार मृदु स्वप्न धरा के फूटे अंकुर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 4 345 Share Rekha Drolia 21 May 2021 · 1 min read बरसात-सावन लायो संदेस घिर घिर आयो बदरा लायो पिया संदेस बिजुरी भी नैनन से देवत मिलन संकेत मृदु संगीत सी छन छन बरसत जल धारा टिप टिप की ताल पर थिरकत मन मयूरा... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 8 704 Share Rekha Drolia 21 May 2021 · 1 min read सच मिले... सच मिले ... मैं हर पल इधर उधर न जाने किधर किधर ढूँढती रही आठों पहर सच मिले चुटकी भर कभी उसकी बातों में बेवजह मुलाक़ातों में संग गुज़ारी रातों... Hindi · कविता 3 313 Share Rekha Drolia 5 May 2021 · 1 min read जीवन का क्रम.. जीवन का क्रम... उम्मीदों की चिता जल रही आस का दीपक सा बर ले इंसानियत की लौ जलाकर जगती के हर तम को हर ले जीवन का क्रम आना जाना... Hindi · कविता 2 6 594 Share Rekha Drolia 4 May 2021 · 1 min read उम्मीद उम्मीद इंसां तुझे बनाकर ख़ुदा हो गया शर्मसार तेरी हरकतों पे हो रही मौत भी शर्मिंदा है हे मालिक तुम भी तो केवल दृष्टा निकले जमीं पे बस दुःख दर्द... Hindi · कविता 2 7 316 Share Rekha Drolia 3 May 2021 · 1 min read आस आस सन्नाटे में पसरा हर सू कैसा शोर है चीखता है अंतस खामोशी चारों ओर है गूँजती है मौत हवा आदमखोर है डट के रहना इम्तिहानों का दौर है रब... Hindi · कविता 1 3 297 Share Rekha Drolia 1 May 2021 · 1 min read अब न सहेगा सहनेवाला अब न सहेगा सहनेवाला कह के रहेगा कहनेवाला सच्चे का हो बोलबाला झूठे का हो मुँह काला सब ने अपना पेट पाला नेता हो या उसका साला मुँह से छीन... Hindi · कविता 1 2 321 Share Rekha Drolia 30 Apr 2021 · 1 min read चलो मुस्कान बाँटें ! आओ बंजर रात पर उम्मीद के तारे टाँकें आओ हौसलों को चट्टान सा आँकें चलो मुस्कान बाँटें आओ सुख की राह से दुख के कंकर छाँटें आओ जीवन पुष्प से... Hindi · कविता 1 3 328 Share Rekha Drolia 29 Apr 2021 · 1 min read जीत! जीत ! मन का हारा हारे तू तज दे भय सारे तू कर ले संकल्प न छोड़ तू विकल्प आस को जकड़ साँस को पकड़ चट्टान सा अटल मुट्ठी में... Hindi · कविता 1 613 Share Rekha Drolia 23 Apr 2021 · 1 min read उजियारा .. उजियारा... काल की कुंडली में जीवन कसा जाता है पसरा मौन, अंजाना डर तुमुल मचाता है छोड़ हताशा रख ले आशा,धर ले धीर अंधियारा चीर दिनकर उजियारा लाता है भयाक्रांत... Hindi · कविता 6 272 Share Rekha Drolia 12 Apr 2021 · 1 min read क़ैद.. क़ैद... क़ैद जिस चारदिवारी में मेरा जिस्म मेरा वजूद वो मेरा घर कहाँ ये तो हैं ईंट पत्थर की दीवारें जिनमें मेरी ख़्वाहिशों को दिया गया है चुनवा वो मेरा... Hindi · कविता 1 1 292 Share Rekha Drolia 10 Apr 2021 · 1 min read उस ओर .. उस ओर... छुपी गवाक्ष की आड़ सिमटी खड़ी इस छोर झांक कर देखूँ विस्मित आख़िर क्या है उस ओर प्रश्न ये करता विचलित क्या उस पार भी वेदना सपनों के... Hindi · कविता 4 431 Share Rekha Drolia 7 Apr 2021 · 1 min read दर्द दर्द दर्द का पारावार नहीं आ बसता हर कहीं बंद करो कपाट लगा दो सौ ताले एक टूटी फाँक भी खोज निकाले नहीं चाभी का मोहताज घुसपैठिया आँगन करे नाच... Hindi · कविता 2 300 Share Rekha Drolia 4 Apr 2021 · 1 min read लावा... लावा... गली के मोड़ पर खींचा था दुपट्टा कभी जकड़ा कभी कस कर पटका छटपटाती रही ज्यूँ जल बिन मीन दरिन्दे एक नहीं दो नहीं थे वो तीन बस जूझती... Hindi · कविता 3 3 630 Share Rekha Drolia 3 Apr 2021 · 1 min read सुनसान सड़क... सुनसान सड़क... ये दिल वीरान सुनसान सड़क जहाँ होती नहीं कोई भी धड़क न किसी का आना न किसी का जाना सूनी राहों पर बस अकेले ही चलते जाना एक... Hindi · कविता 2 664 Share Rekha Drolia 27 Mar 2021 · 1 min read का संग खेलूँ होरी.. का संग खेलूँ होरी.. ढोल मृदंग बजे स्वर सधे गाये मंगल फाग बसंती टेसू ने लगा दियो उर अम्बर में आग अबीर कुम कुम केसर कंचन पिचकारी कान्हा जल्दी आजा... Hindi · कविता 295 Share Rekha Drolia 26 Mar 2021 · 1 min read आलि संग आली होली आलि संग आली होली फागुन में मन भाए आली होली पिचकारी की धार से भीगे चोली मोरे पिया नहीं संग कैसे भाए रंग छेड़े मोहे आलि,दुष्ट करे ठिठोली वो ले... Hindi · कविता 368 Share Rekha Drolia 22 Mar 2021 · 1 min read मैं और तुम मैं और तुम ... तुम शैल विशाल अचल मैं निर्झर झरने का जल तुम ठहरे गहरे अनंत सागर मैं बहती नदिया कल कल तुम पूनम के बढ़ते विधु मैं नित... Hindi · कविता 2 328 Share Rekha Drolia 19 Mar 2021 · 1 min read आओ मेरे.. आओ मेरे ... आओ मेरे उर उटज में धीरे-धीरे हौले-हौले यादों की पगडंडियों से गुज़रें चुपके बिन बोले वो गली जहां मिले नयन जब बिन नैया हम डोले इक खिड़की... Hindi · कविता 5 473 Share Rekha Drolia 17 Mar 2021 · 1 min read जीवन और ओस कण जीवन और ओस कण क्षणभंगुर सा जीवन जैसे ओस का कण दोनों का इस पल नर्तन अगले पल मरण इक मिट्टी की काया मिट्टी में मिल जाए दूजी हवा से... Hindi · कविता 2 262 Share Rekha Drolia 14 Mar 2021 · 1 min read पतझर पतझर पतझर में टूटी बिखरी मुरझायी गिरी धरा तल देखे थे मैंने कई बसंत अब जर्जर जीवन के पल प्यासी पलकें घिर आयी ढुलक गए हीरक कण संचित करती उर... Hindi · कविता 1 2 476 Share Rekha Drolia 8 Mar 2021 · 1 min read मैं हूँ .. महिला दिवस की अनंत शुभकामनाएँ! मैं हूँ ... मैं सीता नहीं जो दूँ अग्नि परीक्षा मैं राधा नहीं जो विरह हो इच्छा मैं मीरा नहीं जो विष पी जाऊँ मैं... Hindi · कविता 1 4 415 Share Rekha Drolia 2 Mar 2021 · 1 min read वाद -विवाद वाद-विवाद .. लो फिर आ गई एक तस्वीर जो देगी कलेजा चीर फिर इस पर चंद क़सीदे लिखे जाएँगे संचार पर कुछ विचार किए जाएंगे संसद में फिर होंगे कुछ... Hindi · कविता 1 323 Share Rekha Drolia 26 Feb 2021 · 1 min read नीड़ नीड़ हाय उड़ गया पंछी मेरे नीड़ का थाह न लगा पाया मेरी पीड़ का ढूंढती उसे थकी धूमिल सी नज़र साँझ हो गई अब तो लौट आ घर उड़ीकती... Hindi · कविता 1 9 512 Share Rekha Drolia 23 Feb 2021 · 1 min read तस्वीर तस्वीर ... खोया कहीं बचपन आँखों में बस सूनापन सर पर बोझ भारी हाय ये कैसी लाचारी कलेजा चीरती नज़र दुनियाँ कैसी बेफिक्र फिर भी अधरों पर मुस्कान सर बोझा... Hindi · कविता 2 300 Share Rekha Drolia 20 Feb 2021 · 1 min read ध्रुव तारा ध्रुव तारा लहरों संग छप्पा छप्पी मगन मोबाइल खेलने की अटकन सिमट सी गयी पीढ़ी की दूरी गुजारा तेरे संग हसीन बचपन आजीवन रहूँ मैं तेरा ध्रुव तारा तू प्रेम... Hindi · कविता 413 Share Rekha Drolia 15 Feb 2021 · 1 min read ये लाल रंग.. ये लाल रंग ... जो न बहती रक्तिम धारा धारती मैं तुम्हें कैसे सारा रक्त कणों से कर सिंचित नव पुष्प खिलाती हूँ प्यारा जो बहता धमनियों में तुम्हारी रक्त... Hindi · कविता 3 6 265 Share Rekha Drolia 8 Feb 2021 · 1 min read बर्फ़ीला क़हर बर्फ़ीला क़हर हिमखंड टूटा भाग्य फूटा लापता लोग उजड़े घर ज़िंदगी को झकझोरने आ गया बर्फीला क़हर उमड़ती नदी वेग विकराल मानस जीवन उथल पुथल हिमस्खलन प्रलय मचा गया जित... Hindi · कविता 2 1 235 Share Rekha Drolia 26 Jan 2021 · 1 min read अधिकार #गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ अधिकार गणतंत्र लोकतंत्र प्रजातंत्र हमारे देश का सदैव मूल मंत्र जनता की जनता के लिए सरकार संविधान हमें देता यह अधिकार पर यूँ ही नही मिलते... Hindi · कविता 1 758 Share Previous Page 2 Next