Rashmi Sanjay 220 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rashmi Sanjay 24 Apr 2022 · 1 min read 'याद पापा आ गये मन ढाॅंपते से' हर पहर जीवन की सरगम साधते से, याद पापा आ गये मन ढाॅंपते से । बरस उनके बिन गये रीते सभी, मधुर लम्हें मन से ना बीते कभी, पल रूलाते... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 10 17 765 Share Rashmi Sanjay 29 Jul 2021 · 2 min read दादा जी का चश्मा मैं और मेरे दादा जी...दोनो एक जैसे ...जब मन होता चुटकुले सुनाते और जोर-जोर से हँसने लगते ...कभी एकदम से भजन याद आ जाता तो ढोलक मेरे हाथ में होती...... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 7 10 722 Share Rashmi Sanjay 31 Jul 2021 · 3 min read 'अचानक' घर में ढोलक की थाप पर मंगल गान अपनी छटा बिखेरे थे..फूफा जी और मम्मी एक दूसरे की खिंचाई करते-करते डांस में खोये थे। रंग में भंग तब पड़ा जब... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 7 13 512 Share Rashmi Sanjay 12 Jun 2021 · 1 min read 'काश न फिर अब बारिश आए' बूँद बूँद आँगन टपका है, घर का तम अब भय भरता है । झंझावातों संग आयी है, फिर बरसात प्रलय लायी है । फिर कितना कुछ बह जायेगा, मिट्टी का... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता · बाल कविता 6 8 494 Share Rashmi Sanjay 20 Jul 2022 · 1 min read 'तुम्हारे बिना' तुम्हारे बिना अभावों की रसोईं में उबलती रही ख्वाबों की चाय.. देर तलक! प्रतीक्षा करते रहे मूक कप..असहाय गाढ़ा होता रहा इच्छाओं का रंग ढूॅंढता रहा.. अपनों का संग उड़ती... Hindi · कविता 6 9 488 Share Rashmi Sanjay 8 Jun 2021 · 1 min read बरसात मृदा मुदित हो तृप्ति से गीत गा चली है। वसुधा की सरसों-चादर सरकी-गिरी मिली है। सज्जित वसुंधरा भी मिलती धुली-धुली है। नयनों से मेघ उलझे बरसात आ मिली है।। पूजे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 9 593 Share Rashmi Sanjay 10 Jun 2021 · 1 min read बरसात बचपन की' ' भरे नैन, आंसू छलका था.. आँगन में बस! जल ही जल था.. क्षुधा संग, उलझा बचपन था.. बाढ़ में बहता, अपना घर था। कुछ अभाव , कुछ भीगा मन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 3 271 Share Rashmi Sanjay 28 Jul 2021 · 3 min read माॅं का संघर्ष मैंने घर आते ही आवाज दी.. "माॅं..चाचाजी पहुॅंचने वाले हैं, दादी का फोन आया है" इतना कहकर मैं अपने स्टडी रूम में घुस तो गई, पर मन ही मन माँ... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 8 282 Share Rashmi Sanjay 29 Jul 2021 · 2 min read नियति जीवन बहुत आहिस्ता से करवट लेता है.. मुझे जैसे कल की ही बात लगती है.. हम सब एक ऑंगन में रंगोली बनाकर भाईदूज की पूजा करते थे..हर तरफ बातें और... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 6 553 Share Rashmi Sanjay 27 Apr 2022 · 3 min read समीक्षा -'रचनाकार पत्रिका' संपादक 'संजीत सिंह यश' 'रचनाकार प्रकाशन' द्वारा प्रकाशित साहित्य और संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय पत्रिका (जनवरी माह, 2022), जिसके प्रधान संपादक आदरणीय 'संजीत सिंह यश' जी हैं, जब ऑंखों के सामने आई तो मन सहसा... Hindi · पुस्तक समीक्षा 4 4 1k Share Rashmi Sanjay 23 May 2022 · 1 min read एक प्रेम पत्र यर्थाथ के चमकते पन्ने पर.. उड़ेल देना अनकहे.. सारे हालात! कुछ अपनी चिंताएं कुछ मुझसे जुड़े सवालात.. तनिक मीठी.. थरथराती.. लजाती सी कल्पना.. और ठहाके लगाता हुआ.. अपने रिश्ते का... Hindi · कविता 4 2 367 Share Rashmi Sanjay 24 May 2022 · 1 min read चौंक पड़ती हैं सदियाॅं.. रोज आती है गौरैया तुम्हारा संदेश लेकर और खिलखिला पड़ते हैं प्रसून.. वक्त बेवक्त.. रोज मुस्करा देती है प्रतीक्षा.. मुझे देखकर! यूं ही रोज गा उठती है सरगम बेवजह कोयल... Hindi · कविता 4 4 334 Share Rashmi Sanjay 24 May 2022 · 1 min read साथ तुम्हारा थोड़ी देर का साथ तुम्हारा वो आतुर नज़रों का पहला परिचय.. एक अन्जानी सी खुशबू का अंर्तमन पर छा जाना! अधरों का चुपके से.. अपरिमित प्रेम का कोना पकड़कर, शुकराना... Hindi · मुक्तक 4 333 Share Rashmi Sanjay 25 May 2022 · 1 min read मूक प्रेम वो मेरी हथेली पर.. अपनी उंगलियों से.. अपना नाम लिखता रहा! छलकती रहीं छिपी ऑंखें.. और मूक प्रेम.. दृढ़ता के साथ.. सॅंवरता रहा! स्वरचित रश्मि लहर Hindi · मुक्तक 4 2 300 Share Rashmi Sanjay 27 May 2022 · 1 min read 'बेटियाॅं! किस दुनिया से आती हैं' ममता के सदन में किलकारियाॅं भर जाती हैं। अपनी नव-चेतना से दुश्वारियाॅं हर जाती हैं। रौनक से घर को भर, हॅंसती-खिलखिलाती हैं। बेटियाॅं भी जाने किस दुनिया से आती हैं।।... Hindi · कविता 4 8 356 Share Rashmi Sanjay 13 Jul 2022 · 1 min read 'माॅं बहुत बीमार है' मुझे देख लेती है.. हॅंसकर भी रोती है। हाथों से चादर की.. सिलवट टटोलती है। पापा की सांसो की, व्याकुल सी यादों से, मन के हर कोने में.. उलझन बेशुमार... Hindi · कविता 4 2 179 Share Rashmi Sanjay 29 Jul 2022 · 1 min read ममता माँ तेरी सकुचाई आँखें झूठमूठ मुस्काई रे। तेरी भीगी पलकों की है व्यथा न मुझको भायी रे।। घर का ऑंगन तेरी ही पायल से गुनगुन करता था। और तुम्हारे गीतों... Hindi · कविता 4 4 204 Share Rashmi Sanjay 29 Sep 2022 · 1 min read स्पंदित अरदास! ऑंचल के कोने बाॅंधा जो, माॅ थोड़ा बचपन रख देना। मन दीपक की लौ काॅंपे तो , प्रेम हथेली से ढक देना।। बहुत कठिन है वचन निभाना, दुर्गम पथ पर... Hindi · गीत 4 8 207 Share Rashmi Sanjay 17 Oct 2022 · 1 min read अक्सर जब-जब भी सहलाने निकले चौंकन्ने हर छाले निकले जमते पाये खून के आँसू हम खुद को बहलाने निकले समय बेचारा रूका मिला था यादों भरे थे आले निकले खंजर छाती... Hindi · ग़ज़ल 4 2 161 Share Rashmi Sanjay 17 Oct 2022 · 2 min read अस्फुट सजलता मैं बहुत उलझन में थी..रोज-रोज की मारपीट मेरे संस्कारों को बदल रही थी.. मैं कल की घटना याद करने लगी.. इन्होंने मेरी पूरी डायरी गैस पर रख दी..एक एक पन्ना... Hindi · लघु कथा 4 2 265 Share Rashmi Sanjay 6 Jul 2023 · 1 min read प्रेम तुम्हारा जीवंत प्रेम रेल की पटरियों से दौड़ता हुआ बादलों के गुच्छों से लिपट जाता है। शब्दों के मकड़जाल में नहीं उलझता। न किचकिच करता है भावनाओं से! न हठधर्मी... Hindi · कविता 4 382 Share Rashmi Sanjay 6 Sep 2023 · 1 min read गुरु बदल देते हैं जीवन-मूल्य, विस्मृत कर देते हैं बड़ी से बड़ी भूल। सुलझा देते हैं मन का हर उलझा-भाव, लुप्त हो जाते हैं जीवन के अभाव जब मेरे पास होते... Hindi · कविता 4 114 Share Rashmi Sanjay 19 May 2021 · 1 min read मृत्यु आ जाने से पहले... मृत्यु आ जाने से पहले, प्रेम का चंदन ले आओ। क्षीण बाहें कांपती हैं, नेह आलिंगन ले आओ।। पट रही है ये धरा अब, मानवी-निश्चेष्ट तन से, खुल चुकी हैं... Hindi · कविता 3 299 Share Rashmi Sanjay 23 May 2021 · 1 min read किसलिए किसलिए.. भूल कर रास्ता हर सफर किसलिए चाँद उगने लगा अब इधर किसलिए आँख सुलगी ये शामो-सहर किसलिए झील में आग फैली मगर किसलिए गर्द दिल पर जमी है मेरे... Hindi · कविता 3 2 261 Share Rashmi Sanjay 25 May 2021 · 1 min read सुकून भरी चाय! सुकून भरी चाय.. अब तक ..ना पी पाये! शीतल हवा.. सपनों सा झरना हंसती सी शाखो का अपना सा लगना.. माथे की सिलवट जीवन उलझाए सुकून भरी चाय... अब तक... Hindi · कविता 3 475 Share Rashmi Sanjay 6 Jun 2021 · 1 min read सब तेरा हो गया उनकी महफिल में तेरा यूँ चर्चा हुआ तू वहीं पर तो था..गुमशुदा क्यूं रहा जब मोहब्बत की बाँतें किनारों ने की एक टपका जो मोती समंदर बहा। हाथ धीरे से... Hindi · कविता 3 254 Share Rashmi Sanjay 29 Jul 2021 · 3 min read गुलगुले अभी परसों ही माता जी से बात हुई थी पर बहुत कम देर, मन बेचैन था । सोचा लाओ फोन करते हैं । स्वयमेव फोन मिला दिया जैसे ! "अम्मा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 6 710 Share Rashmi Sanjay 24 Aug 2021 · 1 min read 'उफ' रहती नहीं जवानी देख नदी भी मांगे पानी देख उम्र गुजरती चुपके-चुपके रहती एक निशानी देख पुतले दो मिट्टी के मिलके गढ़ते नई कहानी देख झिड़की तल्खी तोड़ रही मरता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 396 Share Rashmi Sanjay 29 Nov 2021 · 1 min read 'याद पापा आ गये' हर पहर जीवन की सरगम साधते से, याद पापा आ गये मन ढाॅंपते से । बरस उनके बिन गये रीते सभी, मधुर लम्हें मन से ना बीते कभी, पल रूलाते... Hindi · कविता 3 4 360 Share Rashmi Sanjay 5 Dec 2021 · 1 min read नववधू का भय तुम्हारे प्रेम में सिमटी मैं, लाज से भरी सी.. अपने सपनो के संसार में.. रम रही थी.. मेरे महावर भरे पांव, नई कल्पनाओं के साथ.. तुम्हारे जीवन में पग धर... Hindi · कविता 3 4 418 Share Rashmi Sanjay 1 May 2022 · 1 min read एक मजदूर एक कर्मठ और सृजनशील मजदूर नहीं मनाता मजदूर दिवस वो लीन रहता है अपने दैनिक कर्मों में निरंतर.. निर्मित कर देता है भवन, बगीचा, अनेक यंत्र, नहीं करता है षडयंत्र,... Hindi · कविता 3 4 472 Share Rashmi Sanjay 5 May 2022 · 1 min read 'मेरी यादों में अब तक वे लम्हे बसे' मेरी यादों में अब तक वे लम्हे बसे। हिल गया था ये आंचल कभी ज़िक्र पर, जब अदब से मुझे याद तूने किया। तेरी यादों में बस मेरी तस्वीर थी,... Hindi · कविता 3 6 259 Share Rashmi Sanjay 11 Jun 2022 · 1 min read इतना न कर प्यार बावरी खूब प्रणय ने आज जताया अंर्तमन अधिकार साॅंवरी। समझाते प्रियतम यह कहकर इतना मत कर प्यार बावरी।। सजल प्रतीक्षित नयन मिले हैं राहें ऑंख बिछाये हैं। अनुभव से ज़ख्मी ऑंखों... Hindi · गीत 3 2 435 Share Rashmi Sanjay 21 Jun 2022 · 1 min read दुनिया वो बेरोजगारी के ख्वाबों की दुनिया लरजते सिसकते इरादों की दुनिया वो सांसे थी अंतिम ये जीवन शुरू था धुएं से भरी थी बुरादों की दुनिया ना पूछो कि किससे... Hindi · ग़ज़ल 3 2 375 Share Rashmi Sanjay 6 Jul 2022 · 1 min read फैल गया काजल गाती रही कोयल देर तक गीत शोरगुल से दूर.. वाह वाह करती रहीं किरणें.. बदलते रहे तरूवर अपनी चाल, मलय भी दाद देता रहा बार-बार रंग बदलते रहे चेहरे के... Hindi · कविता 3 2 344 Share Rashmi Sanjay 25 Jul 2022 · 1 min read पत्र की स्मृति में अभी तक मानस-पटल पर अंकित हैं.. वो सशक्त लम्हें! जब एक पत्र की प्रतीक्षा में.. मन उलझ पड़ता था अतीत और वर्तमान से। झाँक पड़ती थीं स्मृतियाँ प्रतीक्षा के रोशनदान... Hindi · कविता 3 4 325 Share Rashmi Sanjay 3 Aug 2022 · 4 min read पुस्तक समीक्षा -'जन्मदिन' 'जन्मदिन' – लेखक – विजय कुमार सूर्यभारती प्रकाशन नई सड़क – दिल्ली – 01123266412 मूल्य – 200/ मुद्रक – निधि एंटरप्राइजेज ISBN- 978-93-83424-98-6 , पृष्ठ – 160 कुल लघुकथाएं –... Hindi · पुस्तक समीक्षा 3 307 Share Rashmi Sanjay 22 Aug 2022 · 4 min read ISBN-978-1-989656-10-S ebook ISBN-978-1-989656-10-S ebook डा. दाऊ जी गुप्ता : हिन्दी के पुरोधा डा. दाऊ जी गुप्ता (स्मृति ग्रंथ ) पृष्ठ – 125 संपादक :डा. हरिसिंह पाल, प्रकाशक सौजन्य– डा. पदमेश गुप्त (आक्सफोर्ड(यू.के.)... Hindi · पुस्तक समीक्षा 3 4 176 Share Rashmi Sanjay 22 Oct 2022 · 1 min read तुम्हारी छवि तुमने कहा मिटा दो सबकुछ.. मिटने से पहले.. मैंने मिटा दिया अपने रिश्ते का हर सबूत पर मुझे चिढ़ाती रही.. ऑंखों में धरोहर की तरह छुपी तुम्हारी छवि! रश्मि लहर Hindi · कविता 3 2 169 Share Rashmi Sanjay 26 Oct 2022 · 5 min read प्रेम के रिश्ते “तुम्हारे घर के आसपास हर बिरादरी के लोग रहते हैं, ऐसा करो ये घर बेच दो भाभी, ग्राहक वगैरह मैं बता दूंगा, सेफ जगह पर चलकर रहो” कविता के देवर... Hindi · कहानी 3 4 287 Share Rashmi Sanjay 3 Nov 2022 · 1 min read दिव्यांग भविष्य की नींव कितना आसान है तुम्हारे लिये .... नव-रसों में भीगे भावों को झकझोर कर ... अपनी पैनी निगाहों से टटोलकर उधड़ने की प्रक्रिया से गुजरने वाली स्त्री पर कुछ जुमले उछाल... Hindi · कविता 3 3 249 Share Rashmi Sanjay 6 Nov 2022 · 1 min read सुनो स्त्री सुनो स्त्री! अपनी इच्छाओं के उत्पीड़न की चोटिल ध्वनि को वृद्ध होती काॅंपती सी अपनी उर्वरक ऑंखों की नमी को स्वीकारो नव-विकसित चेतनाओं का साथ मिला लो झुर्रीदार, थरथराते हाथों... Hindi · कविता 3 4 248 Share Rashmi Sanjay 6 Nov 2022 · 1 min read अनवरत का सच दुनिया कहती है पर सुनती नहीं स्त्रियों के सपनों की सुदृढ़ आहट.. और चौंक जाती है तब जब खोद डालती हैं स्त्रियाॅं सपनों के रेगिस्तान में आशाओं का कुॅंआ और... Hindi · कविता 3 4 181 Share Rashmi Sanjay 18 Mar 2023 · 1 min read मुक्तक शैल विषमताओं का है तो कहीं प्रेम का झरना होगा। अपने पथ के शूल हटाकर सफ़र तुम्हें तय करना होगा। मिलन उबासी से जो भर दें , डरना है उन... Hindi · मुक्तक 3 1 297 Share Rashmi Sanjay 31 May 2023 · 1 min read उजियारी ऋतुओं में भरती उजियारी ऋतुओं में भरती भावनाऍं संगीत। विचरते मौसम में कुछ गीत। सलोने मन में.. घुलती प्रीत! रश्मि लहर Quote Writer 3 2 379 Share Rashmi Sanjay 30 Aug 2023 · 1 min read रक्षाबंधन मेरी कलाई को सहेजे यह रक्षासूत्र मेरी संपूर्णता को अपनी दुआओं से नवाजता रहता है! संवेदनाओं से गलबहियाॅं करता हुआ यह बन्धन जब-तब मुझे निखारता रहता है, सॅंभालता रहता है!... Hindi · कविता 3 232 Share Rashmi Sanjay 27 May 2021 · 1 min read पुकारो कलम से.. 5.4.2021 डुबो दो खुशी में, लिखो न उदासी। तुम्हें फिर है लिखना कोई गीत साथी।। भरो भावनाएं अलंकृत करो नेह, पुकारो कलम से कोई मीत साथी।। पुकारो कलम से कोई... Hindi · कविता 2 340 Share Rashmi Sanjay 1 Jun 2021 · 1 min read "एक नया इतिहास" अरे माँ ! सुनो ना, मेरे भी तो कुछ सपने हैं.. माना वो उम्र में मुझसे दुगुने हैं! पर मेरे मन की ज़मीन पर उगने हैं.. अरे माँ ! मुझे... Hindi · कविता 2 751 Share Rashmi Sanjay 8 Jun 2021 · 1 min read विहंसती विभावरी अलकों ने पलकों संग झुककर अभिवादन है कर डाला। इतराई अभिलाषाओं ने नवचिंतन हृद् भर डाला।। आख्याओं का सूना जीवन अनुभूति से सजल रहा। वातायन का हाथ पकड़ उर-मिलन भाव... Hindi · कविता 2 255 Share Rashmi Sanjay 22 Jun 2021 · 1 min read 'साड़ी' बड़ी सहजता से एक मासूम सी साड़ी.. भरी–भरी आँखों के साथ, मेरी भावनाओं की तरह मखमली, नाजुक हिदायतों के साथ, माँ ने मेरी गोद में डाली.. सीखा.. मैंने हर परत... Hindi · कविता 2 6 224 Share Page 1 Next