Rambali Mishra Language: Hindi 41 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rambali Mishra 11 Feb 2024 · 1 min read कविता *अगर तुम न होते (मुक्तक)* अगर तुम न होते कहीं मैं न होता। कसम से तुम्हारी कहीं का न होता। हृदय में बसे हो यही जानता हूँ। न मिलते अगर... Hindi 48 Share Rambali Mishra 12 Jan 2024 · 17 min read कविता [03/01, 12:11] Dr.Ram Bali Mishra: *विधाता (मुक्तक)* विधाता बनाता वही भाग्य लिखता। वही भूमि गढ़ता वही व्योम रचता। उसी का बनाया हुआ य़ह जगत है। वही सृष्टिकर्त्ता सकल कर्म करता।... Hindi 158 Share Rambali Mishra 29 Dec 2023 · 9 min read कविता [22/12, 19:02] Dr.Ram Bali Mishra: *राम आगमन* धरा वीर से कब खाली है? राम आगमन पर ताली है।। रावण को वध आये रामा। सजी अयोध्या घर घर धामा।। तपसी राजा... Hindi 1 214 Share Rambali Mishra 22 Dec 2023 · 16 min read कविता [05/12, 09:17] Dr.Ram Bali Mishra: *जिंदा आदमी* कुछ कुछ होता,दिल जिंदा है। मोहक धरती,प्रिय चंदा है।। आसमान में,होय बसेरा। आजीवन हो,मधुर सबेरा।। तोड़ न देना,मधु का प्याला। पीते रहना,मादक हाला।।... Hindi 1 277 Share Rambali Mishra 4 Dec 2023 · 67 min read kavita [21/09, 09:48] Dr.Ram Bali Mishra: *गायत्री छंद निर्माण* भानु तेज से,बुद्धि प्रखर हो,ज्ञान मिले नित। शंभु पार्वती,विष्णु व लक्ष्मी,सरस्वती नित। उर से वंदन,नित दिनकर का,गायत्री का। वरदान मिले,प्रिय ज्ञान मिले,सावित्री... Hindi 156 Share Rambali Mishra 24 Oct 2023 · 95 min read कविता [16/08, 16:11] Dr.Rambali Mishra: *प्यार की गरिमा* मापनी: 2122, 2122, 212 (कुल 19 मात्रा भार) प्यार से यदि डर गये तो मर गये। जो किये अपमान चित से गिर गये।... Hindi 303 Share Rambali Mishra 20 Sep 2023 · 35 min read कविता *प्यार की गरिमा* मापनी: 2122, 2122, 212 (कुल 19 मात्रा भार) प्यार से यदि डर गये तो मर गये। जो किये अपमान चित से गिर गये। हो सदा सम्मान दिल... Hindi 2 314 Share Rambali Mishra 15 Aug 2023 · 4 min read *अपना अंतस* *अपना अंतस* जो तन मन का निग्रह करता,वह अंतस में खो जाता है,वह अंतस का हो जाता है। योगी बनकर ही सम्भव यह,योगी सब कुछ पा जाता है,पृष्ठ भूमि में... Hindi 1 267 Share Rambali Mishra 11 Aug 2023 · 25 min read *अपवित्रता का दाग (मुक्तक)* *अपवित्रता का दाग (मुक्तक)* विचारों में उत्तम मधुर राग घोलो। महकता गमकता सुधर शब्द बोलो मिली जिंदगी पावनी वृत्ति खातिर। नहीं दाग बन कर कभी राह खोलो। सदा चिंतना का... Hindi 1 255 Share Rambali Mishra 15 Jul 2023 · 1 min read *फितरत* *फितरत* फितरत अच्छा अरु बुरा,जैसी हो रणनीति। उपकारी फितरत भला,सदा जगाये प्रीति।। मानववादी वृत्ति है,प्रिय फितरत का रंग। जिसका शुभग स्वभाव है,उसका पावन अंग।। दर्शनीय फितरत सदा,करता है कल्याण। कुत्सित... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 6 198 Share Rambali Mishra 11 Jul 2023 · 6 min read कविता [03/07, 20:51] Dr.Rambali Mishra: *दस्तक* आज हमारा जन्म दिवस है। देता दस्तक यही दिवस है।। हर बारिश में यह आता है। तीन जुलाई को गाता है। । दस्तक यह अति... Hindi 247 Share Rambali Mishra 2 Jul 2023 · 21 min read कविता [30/05, 11:15] Dr.Rambali Mishra: *इंतजार (चौपाई)* इक फोटो घूंघट में दे दो। प्रिय के उर में भाव कुरेदो।। बिना दर्श के जीना दूभर। रहे प्रीति नित सबसे ऊपर।। जन्म जन्म... Hindi · कविता 1 1 486 Share Rambali Mishra 29 May 2023 · 10 min read कविता [13/05, 10:59] Dr.Rambali Mishra: *दयाधर्म (दोहा मुक्तक)* दयाधर्म की नींव पर,खड़ा महल संसार। बन जायेगा स्वर्ग सम,हर मानव सुविचार। । इस संगम पर मनुज सब,होते देव समान। सभी ग्रंथ पावन... Hindi · कविता · कुण्डलिया 212 Share Rambali Mishra 12 May 2023 · 17 min read [15/04, 21:09] Dr.Rambali Mishra: *हृदय गर्भ में ....* [15/04, 21:09] Dr.Rambali Mishra: *हृदय गर्भ में ....* हृदय गर्भ में प्रीति का, मत पूछो कुछ हाल। कौन समझ पाया उसे, पकड़ न पाया चाल।। यह जगती मतिमंद अति, क्या... Hindi 116 Share Rambali Mishra 24 Apr 2023 · 5 min read कविता [15/04, 21:09] Dr.Rambali Mishra: *हृदय गर्भ में ....* हृदय गर्भ में प्रीति का, मत पूछो कुछ हाल। कौन समझ पाया उसे, पकड़ न पाया चाल।। यह जगती मतिमंद अति, क्या... Hindi 547 Share Rambali Mishra 15 Apr 2023 · 11 min read [28/03, 17:02] Dr.Rambali Mishra: *पाप का घड़ा फूटता है (दोह [28/03, 17:02] Dr.Rambali Mishra: *पाप का घड़ा फूटता है (दोहे)* आगे पीछे सोचता, कभी नहीं अपराध। राजनीति के संग से, करे कुकृत्य अगाध।। गुर्गे अपना पालता, करता तांडव नृत्य। धरे... Hindi 373 Share Rambali Mishra 29 Mar 2023 · 17 min read [06/03, 13:44] Dr.Rambali Mishra: *होलिका दहन* [06/03, 13:44] Dr.Rambali Mishra: *होलिका दहन* होलिका दहन करो बुरी प्रवृत्ति मार कर। धर्म का वकील बन अधर्म को नकार कर।। दर्प मद अहं जले धरा शरीर निर्मला। कालिमा मिटे... Hindi 195 Share Rambali Mishra 6 Mar 2023 · 1 min read *होलिका दहन* *होलिका दहन* होलिका दहन करो बुरी प्रवृत्ति मार कर। धर्म का वकील बन अधर्म को नकार कर।। दर्प मद अहं जले धरा शरीर निर्मला। कालिमा मिटे सदैव भक्ति भाव उज्ज्वला।।... Hindi 2 1 273 Share Rambali Mishra 6 Mar 2023 · 28 min read कविता Dr.Rambali Mishra: दगा (दोहे) दगा जो जो देता वह पतित, कुटिल नीच शैतान। क्षमा नहीं करते उसे, शिव महेश भगवान।। शिव का हत्यारा वही, जिसमें कपट कुचाल। गला घोट विश्वास... Hindi 369 Share Rambali Mishra 6 Mar 2023 · 34 min read खंड 8 101- स्वर्णमुखी छंद मृदु भावों का मेल जहाँ पर। वहीं अयोध्या की नगरी है। काशी मथुरा प्रिय सगरी है। देवों का है लोक वहाँ पर। जब-जब पाप हुआ भूतल पर।... Hindi 186 Share Rambali Mishra 6 Mar 2023 · 49 min read खंड 7 भारतीय साहित्यकार डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी का वैश्विक हिंदी कोश खण्ड-7-8 1- शिक्षक दिवस गुरु देता सद्ज्ञान है,हर लेता अज्ञान। पावन पारस मंत्र दे,गढ़ता दिव्य सुजान।। काया को कंचन करत, मन... Hindi 259 Share Rambali Mishra 6 Mar 2023 · 45 min read खंड 6 साहित्यकार डॉ०रामबली मिश्र 'हरिहरपुरी' का विश्व हिंदी शब्द कोश खण्ड-6 1- हरिहरपुरी के दोहे जागत-सोवत हर समय, रख दुनिया का ख्याल। आँखों में पानी रहे, जानो सबका हाल।। रोना दुखियों... Hindi 332 Share Rambali Mishra 6 Mar 2023 · 27 min read डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी का डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी का विश्व हिंदी शब्द कोश ( खण्ड-5 ) 1- मिसिर हरिहरपुरी की कुण्डलिया गहरा चिंतन हो सदा, जा घटना में डूब। विश्लेषण करते रहो, जाना तनिक... Hindi 210 Share Rambali Mishra 6 Mar 2023 · 13 min read 201…. देवी स्तुति (पंचचामर छंद) 201…. देवी स्तुति (पंचचामर छंद) सदा अकेल श्रृष्टि कर्म लोक धर्म पालिका। बहुल बनी विवेविका अनेक एक साधिका। नितांत शांत मौन धाम प्रेम रूप राधिका। असुरअरी सुसाधु चित्त कंस वंश... Hindi · कविता 611 Share Rambali Mishra 16 Feb 2023 · 52 min read कविता 111…. स्वर्णमुखी छंद ( सानेट ) जहां थिरकता सच्चा मन है, प्यारा भारत कहलाता है, वह सुंदर राह दिखाता है, उत्तम भारत सभ्य वतन है। जहां ज्ञान की बातें होती,... Hindi 1 657 Share Rambali Mishra 16 Feb 2023 · 41 min read खंड: 1 खंड: 1 1..मरहठा छन्द मात्रा भार 10/8/11 मन पालन करता नियम समझता, चेतन बन कर ध्यान | शुभ गायन करता,राह पकड़ता, पाता प्रिय गतिमान | वह पंथ दिखावत,हाथ मिलावत,सबके प्रति... Hindi · कविता 1 317 Share Rambali Mishra 11 Jan 2023 · 31 min read डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी का डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी का विश्व हिंदी शब्द कोश (खण्ड- 4) 1- हरिहरपुरी की कुण्डलिया सोचो बुद्धि विवेक से, मन पर कसो लगाम। पावन चिंतन ही बने, इस जीवन का... Hindi 1 234 Share Rambali Mishra 11 Jan 2023 · 24 min read सबको नित उलझाये रहता।। सबको नित उलझाये रहता।। बहुत बकबकी प्रश्न स्वयं है। स्वयं मनाता जश्न स्वयं है। है महत्वहीन वह पागल। फिर भी लड़ता सबसे दंगल।। सबसे वह पटकाया जाता। फिर भी हाथ... Hindi 1 263 Share Rambali Mishra 11 Jan 2023 · 22 min read 51- सुहाना 51- सुहाना मुझको सुहाना सफर चाहिये। इक सुंदर सा प्रिय हमसफ़र चाहिये।। दिलदार का आगमन चाहिये। मौज-मस्ती मेँ डूबा जिगर चाहिये।। बस्ती सुहानी में घर चाहिये। मुझे एक पावन नगर... Hindi 223 Share Rambali Mishra 11 Jan 2023 · 25 min read "डॉ० रामबली मिश्र 'हरिहरपुरी' का "डॉ० रामबली मिश्र 'हरिहरपुरी' का विश्व हिंदी साहित्य कोश" खण्ड - 2 रचनाकार: डॉ०रामबली मिश्र'हरिहरपुरी' ग्राम व पोस्ट-हरिहरपुर ( हाथी बाजार) जनपद- वाराणसी-221405 उत्तरप्रदेश , भारतवर्ष । 1- सेवा (चौपाई)... Hindi 1 334 Share Rambali Mishra 11 Jan 2023 · 29 min read 51- प्रलय में भी… 51- प्रलय में भी… प्रलय में भी मनुज था अरु आज भी। काल कवलित रात का हर काज भी।। स्वप्नवत द्रष्टा स्वयं दर्शक बना। देखता आश्चर्यपूर्वक राज भी।। संकुचन की... Hindi 294 Share Rambali Mishra 11 Jan 2023 · 23 min read 151…. सहयात्री (राधेश्यामी छंद) 151…. सहयात्री (राधेश्यामी छंद) यात्रा होती बहुत सुहानी, जब सहयात्री हो मनभावन। मंजिल बहुत निकट लगती है, दूरी लगती दिव्य सुहावन । मन के लायक साथी संगी, लगते उत्तम दिव्यानंदी।... Hindi 298 Share Rambali Mishra 11 Jan 2023 · 22 min read 101…. छंद रत्नाकर 101…. छंद रत्नाकर 8/8/8/11 जो जलता है, वह चलता है, अवनति पथ पर, होता है क्षतिग्रस्त। जो हितकारी, वह अधिकारी, सदा सारथी, कभी न होता अस्त।। करुणा सरिता, आत्मा वनिता,... Hindi 465 Share Rambali Mishra 11 Jan 2023 · 9 min read 81 -दोहे (महात्मा गांधी) 81 -दोहे (महात्मा गांधी) वीर धीर अति संयमी, गांधी सदा महान। अंग्रेजो से थे लड़े , जानत इसे जहान।। सहज अहिंसक प्रेममय, भारत के वरदान। महा पुरुष के रूप में,... Hindi 2 4k Share Rambali Mishra 11 Jan 2023 · 21 min read 21…. त्रिभंगी छंद (मात्रिक छंद) 21…. त्रिभंगी छंद (मात्रिक छंद) चार पद, प्रत्येक पद में चार चरण और 32 मात्रा,10/8/8/6, पदांत दीर्घ। इस छंद का प्रत्येक पद तीन बार भंग होता है, इसलिए इसे त्रिभंगी... Hindi 491 Share Rambali Mishra 11 Jan 2023 · 6 min read 7…अमृत ध्वनि छन्द 7…अमृत ध्वनि छन्द मात्रा भार..24 जिसको प्रिय श्री राम हैं, वह है वास सुगंध। दीन-हीन को अनवरत,देता रहता कंध।। सुमिरन करता, रटता रहता, रामेश्वर को। घूम घूम कर, चूमा करता,दीनेश्वर... Hindi 1 288 Share Rambali Mishra 11 Jan 2023 · 2 min read खंड: 1 खंड: 1 1..मरहठा छन्द मात्रा भार 10/8/11 मन पालन करता नियम समझता, चेतन बन कर ध्यान | शुभ गायन करता,राह पकड़ता, पाता प्रिय गतिमान | वह पंथ दिखावत,हाथ मिलावत,सबके प्रति... Hindi 170 Share Rambali Mishra 10 Jan 2023 · 1 min read सुशांत देश (पंचचामर छंद) सुशांत देश (पंचचामर छंद) रचा करो सुशांत प्रांत भ्रांत तर्क छोड़ दो। सुतर्क बुद्धि साधना विवेक स्वर्ग जोड़ दो। मरोड़ ग्लानि तोड़ द्वेष दर्प भेद त्याग दो। अनेक में अनन्त... Hindi 1 175 Share Rambali Mishra 10 Jan 2023 · 1 min read प्यार का रंग (सजल) प्यार का रंग (सजल) नहीं प्यार का रंग फीका पड़ेगा। गमकता चमन सा सदा यह खिलेगा। सनातन पुरातन नवल नव्य नूतन। सदा यह सुहागन हृदय सा दिखेगा। बड़े भाग्य का... Hindi 2 193 Share Rambali Mishra 10 Jan 2023 · 1 min read सत्य विचार (पंचचामर छंद) यही विचार सत्य है कि भाव ही प्रधान है। धनी वही सुखी वही जिसे यही सुज्ञान है। धनिक समझ उसे नहीं पिपासु जो अनर्थ का। गवा रहा स्वयं सदा निजी... Hindi 1 194 Share Rambali Mishra 10 Jan 2023 · 1 min read विश्व हिंदी दिवस पर कुंडलिया विश्व हिंदी दिवस पर कुंडलिया हिंदी मेरी जानकी, हिंदी मेरे राम। हिंदी में शंकर सदा, हिंदी में घनश्याम।। हिंदी में घनश्याम, लिए मुरली वे चलते। देते हैं उपदेश, मनुज बनने... Hindi 1 168 Share