राकेश चौरसिया Tag: कविता 92 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राकेश चौरसिया 14 Nov 2024 · 1 min read "हम आंखों से कुछ देख नहीं पा रहे हैं" हम आंखों से कुछ, देख नहीं पा रहे है, हमारे आंखों में खून, कहां से आ रहे हैं। हम अपने ही कलेजे के, सौ टुकड़े कर रहे हैं, लहू से... Hindi · कविता 2 23 Share राकेश चौरसिया 14 Nov 2024 · 1 min read "पीओके भी हमारा है" हम तो शराफ़त से, अपना हक मांग रहे हैं, पीओके भी हमारा है, ये संदेश तुझे पहुंचा रहे हैं। यहां पीओके वापस लेने की, प्रतिबद्धता दोहरा रहें है, वहां मातृभूमि... Hindi · कविता 1 21 Share राकेश चौरसिया 20 Aug 2024 · 1 min read "दूध में दरार" जब पुरखों के लगाए हाथों के बाग उजड़ने लगते हैं। जब आपसी मतभेदों के दीवार बढ़ने लगते हैं। जब गैर अपने, अपने पराए लगने लगते हैं। जब अपनों के ही... Hindi · कविता 1 50 Share राकेश चौरसिया 7 Aug 2024 · 1 min read "मेरी इतनी सी अभिलाषा है" बनके पताका नभ में गर्व से फहराऊं। या बनके पुष्प, तेरे कदमों में बिखर जाऊं। या बनके काली घटा, तेरे चरणों में शीश नवाऊं। या बनके दीपशिखा जगत में रौशनी... Hindi · कविता 1 63 Share राकेश चौरसिया 23 Jun 2024 · 1 min read "नींद नहीं आती है" रात बड़ी लम्बी है ज्येष्ठ की गरमी है पिघल रहे तन जैसे मोम की नरमी है चैन नहीं है कहीं बेचैनी में रात बीत जाती है नींद नहीं आती है,... Hindi · कविता 1 66 Share राकेश चौरसिया 9 Mar 2024 · 1 min read "आओ चलें, मतदान करें" आओ चलें, मतदान करें, देशहित में कुछ काम करें।। अपने अधिकारों को समझे, निर्भय हो इस समर में उतरें। खिले जिससे राष्ट्र की आभा, हम उन सत्कर्मों से गुजरें। जाति-पाति,... Hindi · कविता 1 125 Share राकेश चौरसिया 28 Jan 2024 · 1 min read "सुननी की ललूआ के लईका" सुननी की कलुवा के लईका, कलिहें के नौकरी पईले बा, सच्च बताई एही से कलुवा, तोहरा से अलगा भईल बा।।१ बड़ समझऊनी ओके ए भैईया, ई का बड़ी बात भईल,... Bhojpuri · कविता 1 173 Share राकेश चौरसिया 21 Jan 2024 · 1 min read "मैं ही हिंदी हूं" मैं विश्व का जन प्रतिनिधि। भारत का गौरव गान हूं। हर धड़कन में बसने वाली। मैं ही तो हिंदुस्तान हूं ।1 मैं हूं सकल संपदा, निधि मैं ही तो ज्ञान-... Hindi · कविता 1 202 Share राकेश चौरसिया 21 Jan 2024 · 1 min read "मेरे तो प्रभु श्रीराम पधारें" खुशियों का अंबार लिए, जीवन का आधार लिए। क्षीरसागर विश्राम स्थली, रुप एक साकार लिए। जो दिव्य चेतना के हैं पोषक, वही अयोध्या धाम पधारें। मेरे तो प्रभु श्रीराम पधारें,... Hindi · कविता 1 209 Share राकेश चौरसिया 14 Jan 2024 · 1 min read "अयोध्या की पावन नगरी" अयोध्या की पावन नगरी, अब त्रेता का सतयुग लगे, विश्वास जगा है जन मानस में, अहो भाग्य! अब राम मिले। कमलनयन के मूक दर्शन को, मन आतुर ज्यो उपवासी, रघुनंदन... Hindi · कविता 1 134 Share राकेश चौरसिया 30 Nov 2023 · 1 min read "प्यास धरती की" क्रूर हो रहा मेह का आवरण क्यों? सुलग रही है आज धरा बेहाल हो, हो गई विमुख संवेदनाएं प्रकृति की, तैर रहा वायुमंडल में कण धुल की। प्यासा है सावन... Hindi · कविता 2 265 Share राकेश चौरसिया 26 Oct 2023 · 1 min read "ऐ वतन, ऐ वतन, ऐ वतन, मेरी जान" ऐ वतन, ऐ वतन, ऐ वतन, ऐ वतन, मेरी जान, ऐ वतन, तुमसे खिलें आंखों में सपने हजार तुमसे ही संचित है अपना अधिकार बिन तेरे नही जंचती जीवन का... Hindi · कविता 1 262 Share राकेश चौरसिया 26 Oct 2023 · 1 min read "पथ प्रिय रघुनंदन का" "जिस पथ पर मैं चलता हूं, वह पथ रागी हो प्रदर्शन का। जिस पथ का अनुरागी हूं, वह पथ भावी हो दर्शन का। जिस पथ का उच्चारण करूं, वह पथ... Hindi · कविता 1 226 Share राकेश चौरसिया 26 Oct 2023 · 1 min read "पर्व विजयादशमी का" मन में उपजे भ्रांतियों के, मैं गढ़ को कैसे घहराऊं। एक अंदर भी है अपने रावण, कैसे इसे हराऊं।। विजया दशमी के पावन पर्व पर, बुराईयों का परित्याग करें। अपने... Hindi · कविता 1 180 Share राकेश चौरसिया 26 Oct 2023 · 1 min read "जीवन का कुछ अर्थ गहो" जीवन का कुछ अर्थ गहो दुर्लभ मानव तन व्यर्थ न हो जन्म मिला कुछ काज करो कल नहीं, अभी आज करो हो सार्थक प्रयास, निरर्थ न हो दुर्लभ मानव तन... Hindi · कविता 2 285 Share राकेश चौरसिया 26 Oct 2023 · 1 min read "हर बार जले है दीप नहीं" अटल सा प्रण लिये प्राणी चले प्रण कर चाल मतवाली नव अंकुर का पता नहीं स्व रंग सजे होली,दिवाली, तू गान प्रेम का गाता चल कविता में छंद बंधे जैसे... Hindi · कविता 1 125 Share राकेश चौरसिया 26 Oct 2023 · 1 min read "तब जाकर कुछ लिखता हूं" जो भी मैं कुछ लिखता हूं घनीभूत स्मृति के बादल जब पीर बनते हैं आंसू तब आंसूओं को पीता हूं तब जाकर कुछ लिखता हूं। विविध रंग जीवन की छाया... Hindi · कविता 1 95 Share राकेश चौरसिया 12 Oct 2023 · 1 min read "कुटुंब विखंडन" कुटुंब विखंडन की बातें, एक दिन देखा जाएगा। कहानी बने या उपन्यास, एक दिन लिखा जाएगा। घुट रही मनुष्यता जिसमें अंकित है अभय पहचान। निराधार विखंडित पृष्ठभूमि का एक दिन... Hindi · कविता 1 199 Share राकेश चौरसिया 24 Sep 2023 · 1 min read "सूखा सावन" सूख गया आवरण बादल का आज क्यों, तप रही है आज वसुधा बेसुध हो, मर गई संवेदनाएं सब ऋतुराज की, उड़ रहें हवाओं में बस कण धूल की। प्यासा है... Hindi · कविता 2 138 Share राकेश चौरसिया 22 Sep 2023 · 1 min read "हम स्वाधीन भारत के बेटे हैं" हम स्वाधीन भारत के बेटे हैं, हिंदी हमारी भाषा है, नित्य गगन में लहराये तिरंगा, यही हमारी अभिलाषा है। हम हैं मां भारती के वीर सपूत , आओ, अमृत महोत्सव... Hindi · कविता 1 131 Share राकेश चौरसिया 22 Sep 2023 · 1 min read "मौत" ताप तन का मिटा रहा तन में शीतलता जगा रहा छलें पांव छालों ने इतने फूंक-फूंक कर बुझा रहा। मौत ने कुछ हारा नहीं जीवन से बड़ा कुछ प्यारा नहीं... Hindi · कविता 1 101 Share राकेश चौरसिया 22 Sep 2023 · 1 min read "अर्धांगिनी" दासी नहीं, प्रिय! चरणों का तुम प्रेम सधित पावन नारी तुम अर्धांगिनी, प्रीति का सागर तुम सदियों से मन भावन प्यारी।। तुम कदम मिला चलने वाली कुल की बाधा हरने... Hindi · कविता 1 129 Share राकेश चौरसिया 22 Sep 2023 · 1 min read "भारत का गौरव गान है हिंदी" भारत का गौरव गान है हिंदी। हम सब की पहचान है हिंदी। रग-रग में दौड़ रही है जो। सूर, तुलसी, रसखान है हिंदी। युगों-युगों का भान है हिंदी। स्वर्णिम, युग... Hindi · कविता 1 128 Share राकेश चौरसिया 25 Aug 2023 · 1 min read "चांद पे तिरंगा" अमेरिका, चीन, रसिया ने जब अपना मिशन व्यर्थ किया तब चांद पर जाकर हमने ही पानी का पता लगाया। फिर दौड़े पीछे सारे, सब काम छोड़ अन्तरिक्ष की ओर लगता... Hindi · कविता 2 359 Share राकेश चौरसिया 26 May 2023 · 1 min read "प्रार्थना" हे ईश्वर ! रखें सबको सलामत, सदाचार सबमें मिले, कुछ ज्ञान भरो जीवन में, नेक राह पर सब चलें। निर्भय हो विश्व जहां, सबमें हो मानवता का संचार , बैरी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 205 Share राकेश चौरसिया 26 May 2023 · 1 min read "चंद क्षणों में" तूने चंद क्षणों में, जीवन भर की खुशी दे दी, मन का एहसास बदल दिया, होठों पर हंसी दे दी। आज लग रहा ऐसा कि, साकार हुए मेरे सपने, इससे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 126 Share राकेश चौरसिया 26 May 2023 · 1 min read "देशभक्ति की अलख" देशभक्ति की अलख, हृदय में जलाकर देख। तब तू भी वतन का रखवाला,देशभक्त कहलायेगा। राष्ट्रप्रेंम की भावना, अंतर में जगा कर देख। अपने अन्दर भी एक नेक इन्सान पायेगा। अपने... Poetry Writing Challenge · कविता 1 154 Share राकेश चौरसिया 26 May 2023 · 1 min read "मेरे बचपन की यादें" मन क्यों विचलित होता है, याद कर मेरा वो दिन, काश! लौट आता फिर से, बीत गया है, जो बचपन। बचपन की यादें सारी, अनंत टीस पहुंचाती है, बीते दिनों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 145 Share राकेश चौरसिया 26 May 2023 · 1 min read "बचपन" एक अद्भभुुत कहानी जीवन का, कैसे तुम्हें बता पाऊंगा? हृदय में उदित असीम पीड़ा, नहीं भुला पाऊंगा। भयभीत है मन अब, अपनी ही परछाई से, जो बीत गया बचपन, आजीवन... Poetry Writing Challenge · कविता 2 155 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "दु:ख के साये अच्छे थे" दु:ख के साये अच्छे थे, जिस वक्त ने तेरा साथ निभाया, उस सुख की कल्पना व्यर्थ है जीवन में, जिसने तेरे नयनों की प्यास बढ़ाया। वो आंखें कितनी व्याकुल होंगी?... Poetry Writing Challenge · कविता 1 170 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "हमें छोड़कर बीच में न जाना बाबा" हमें छोड़कर बीच में न जाना बाबा। तुम्हीं हो एक युग को दर्शाते, विगत काल की याद दिलाते, हतोत्साहित को प्रोत्साहित करते, एक युग अंत का विषाद भरते, हमें अपनी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 227 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "नफरत बांटने वालों" नफ़रत बांटने वालों, ये मुहब्बत की रुसवाई है, चलो देख लेते है , कितनों पर बात आई है। होठों पर चाह, मन में नफरत की गहराई है, तू जिसे अपना... Poetry Writing Challenge · कविता 1 233 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "हमें अन्नदान देती हो" हे धरती मां! तेरी ह्रदय कितना विशाल है? हम अनगिनत चोट पहुंचाते हैं, पर कुछ नहीं कहती हो, हम कुछ भी डाल देते है गर्भगृह में, अपने रख लेती हो।... Poetry Writing Challenge · कविता 1 134 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "प्रीति मधुशाला की" ऐसी प्रीति लगी हाला की, मधुशाला दिखा दिया, नष्ट कर डाला जिस्म अपना, अस्तित्व मिटा दिया। जीने की लालसा ने, पीना सीखा दिया, कौन,किसको पीता है? ये भी बता दिया।... Poetry Writing Challenge · कविता 2 141 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "प्रेम" तीव्र आवाज मंद हो रही, हृदय में पीड़ा पनप रही, जीने की राह तलाश रही, प्रेम, सौंदर्य क्यों हार रही? अनंत टीस उफान हृदय में, जीवन का हक छीन रही... Poetry Writing Challenge · कविता 1 115 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "मन" अस्थि मांस औ रक्तहीन, बिजल सा मैं चंचल हूं, स्वतंत्र हूं कहीं भी, स्थिर नहीं रहता हूं। रोक न सका कोई भी, जिसके उत्पन्न तीव्र वेग को, खामोश मस्तिष्क में... Poetry Writing Challenge · कविता 1 162 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "बीच सभा, द्रौपदी पुकारे" बीच सभा, द्रौपदी पुकारे, हे गिरधर! तुम कहां पधारे ? है समर्पित सब हाथ तुम्हारे, तुम बिन संकट कौन उबारे? दुष्ट दु:शासन खींच रहा चीर , बेबस अबला तन हारे!... Poetry Writing Challenge · कविता 1 285 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "पुरखों के जमाने के हो बाबा" तुम तो पुरखों के जमाने के हो बाबा। साथ खेले- खाए, बचपन बिताए हो बाबा, प्यार, तकरार, वाद-विवाद, सब निभाए हो बाबा, तुम तो पुरखों के जमाने के हो बाबा।1... Poetry Writing Challenge · कविता 1 224 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "मुट्ठी भर खुशियां" मुट्ठी भर खुशियां लेकर, निकल पड़े बांटने को। पीड़ा अपनी दे दो सारा, सुख, चैन मेरा ले लो, साध लगाए नयनों में, निकल पड़े खोजने को। मन में न अहंकार,... Poetry Writing Challenge · कविता 2 198 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "परिवार" परिस्थितियों के बीच, प्रतिभा, चंचलता को खोकर, अतिरिक्त कुछ नजर नहीं शेष, न तो एहसास पनपते है, बस याद आते हैं तो, वो बचपन के दिन, जो अब कल्पना मात्र... Poetry Writing Challenge · कविता 1 203 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "शौक से सारी दुनिया" शौक से सारी दुनिया, खड़ी है तलवार की धार पर। विनाश काले, विपरीत बुद्धि , सुई नहीं काल है, अटल है माथे की रेखा, नाच रहा अभिमान पर । देख!... Poetry Writing Challenge · कविता 1 266 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "कब होगा मां सबेरा" कोख में है घर मेरा, कब होगा मां सबेरा? तुमसे ही सृष्टि चलती है, जग में ऊंची है तेरी शान, मुझसे क्या अपराध हुआ? मुझको नहीं जरा भी ज्ञान। तुम्हारे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 265 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "गंगा मैया" परे समझ से है विधिवेत्ता, विधि से बड़ा है, बैर क्यों! हस रहा है नचिकेता, हम सगे पर गैर क्यों? हालातों का है ये मंज़र, कि मिलते ही बंधन टूट... Poetry Writing Challenge · कविता 1 192 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "गांव की बुढ़िया मां" गांव के पावन मंदिर से, घंटे की मृदु ध्वनि गुंज रही, दूर क्षितिज को छूती देखो, नभ धरती को चूम रही, चित्त में ऐसी जगी जिज्ञासा, कैसी भीड़ लगी है... Poetry Writing Challenge · कविता 1 149 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "मौत की अपनी पड़ी" बच्चों की देकर दुहाई, न जाने की कसमें खाई, रो-रो कर हृदय व्यथा, काल को हमनें सुनाई, मानी नहीं बात, मौत सामाने आकर खड़ी, मौत की अपनी पड़ी।।1 करके सीने... Poetry Writing Challenge · कविता 2 234 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "एक पुष्प का जीवन" कोई अहं नहीं छेड़े मुझको, कभी रंग नहीं मैं खोता हूं, कांटो बीच रह कर भी, दूसरों के लिए ही जीता हूं। भौंरो के गुंजन सुनता हूं, मारुत से बाते... Poetry Writing Challenge · कविता 1 89 Share राकेश चौरसिया 16 May 2023 · 1 min read "चांद है पर्याय" हमें सुला लो ऐ! उपवन, अपने बेदाग साएं में। दाग लगा मुझ पर, चांद --- --- -- सा , बेदाग अपनी राहों में । इसलिए जल रहा ये चांद, देखकर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 86 Share राकेश चौरसिया 24 Mar 2023 · 1 min read 5"गांव की बुढ़िया मां" 5"गांव की बुढ़िया मां" -------------------------------------- गांव के उस पावन मंदिर से, घंटे की मृदु ध्वनि गुंज रही, दूर क्षितिज को छूती देखो, नभ धरती को चूम रही। चित्त में ऐसी... Hindi · कविता 1 432 Share राकेश चौरसिया 7 Mar 2023 · 1 min read "मोहि मन भावै स्नेह की बोली" मोहि मन भावै स्नेह की बोली, सखी री! देखो आई होली। गोरी का रंग रेशमी चोली, लाल कपोल मिठी बोली, कोयल गान अति प्रिय लागै, गली-गली हुड़दंग मचाबै टोली, सखी... Hindi · कविता 2 137 Share राकेश चौरसिया 2 Mar 2023 · 1 min read मोहि मन भावै, स्नेह की बोली, मोहि मन भावै, स्नेह की बोली, सखी री! देखो आई होली। गोरी की रंग, रेशमी चोली, लाल कपोल, मीठी बोली, कोयल गान अति प्रिय लागै, गली-गली हुड़दंग मचावै टोली, सखी... Hindi · Quote Writer · कविता 1 235 Share Page 1 Next