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16 May 2023 · 1 min read

“शौक से सारी दुनिया”

शौक से सारी दुनिया,
खड़ी है तलवार की धार पर।

विनाश काले, विपरीत बुद्धि ,
सुई नहीं काल है,
अटल है माथे की रेखा,
नाच रहा अभिमान पर ।

देख! समय बलवान है,
मनुष्य तो बस गुलाम है ,
तब क्यों पहरा है?
बुद्धिहीन अहंकार पर।

शौक से सारी दुनिया,
खड़ी है तलवार की धार पर।।

राकेश चौरसिया

Language: Hindi
1 Like · 239 Views
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