राजेश 'ललित' Tag: कविता 92 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राजेश 'ललित' 7 Sep 2020 · 1 min read काठ की हांडी आज की कविता ‘काठ की हांडी’में काठ की हांडी आम आदमी का प्रतीक है जिसको बार बार प्रयोग करके फेंक दिया जाता है।वैसे ‘काठ की हांडी चढै न बारंबार’एक लोकोक्ति... Hindi · कविता 6 2k Share राजेश 'ललित' 5 Feb 2017 · 1 min read "बिजूका" "बिजूका" ------------------------- जानते नहीं , क्या होता, बिजूका? एक टाँग , पर खड़ा हुआ, बाँहें पसारे, मटकी का सिर लटकाये, सदा मुस्कराये, पराली का शरीर, चीथड़े लगा कोट, खेत जैसे... Hindi · कविता 4 1 1k Share राजेश 'ललित' 13 Mar 2017 · 1 min read "हमदर्द" कभी कभी होता है हम किसी भी जानने वाले से हम अपना दु:ख दर्द बाँटना चाहते हैं कोई हमदर्द बनाना चाहते हैं। -----------------"हमदर्द"----------------- कुछ दर्द तुम हमसे कहो कुछ दर्द... Hindi · कविता 4 1 932 Share राजेश 'ललित' 19 Mar 2017 · 1 min read "लघु कविता" "लघु कविता" ------------------- नये घाव की क्या है जल्दी पुराना तो भरने दो अभी उमर है जो भी बाकी मिल जायेगा नसीब में घाव ही तो है दे देना जी... Hindi · कविता 4 750 Share राजेश 'ललित' 21 Aug 2020 · 1 min read दोस्त दोस्त ——— दोस्त हो तो कहो दिल में पड़ी परतें खोलो कुछ कही कुछ मनकही कुछ अनकही दोस्त हो तो फूँको एक सिगरेट छल्लों के झरोखों से देखो मीठी यादों... Hindi · कविता 9 7 689 Share राजेश 'ललित' 22 Aug 2020 · 1 min read आषाढ के दिन आषाढ के दिन ——————- मन की उमस बहुत हुआ ताप बस अब तो बरस खुले बहाव के दिन कटोरा भर अभाव के दिन आषाढ़ के दिन छत से उड़ी तिरपाल... Hindi · कविता 9 10 626 Share राजेश 'ललित' 25 Dec 2016 · 1 min read "पोरस" "पोरस" ------------------------- जानता हूँ , सिकंदर हो तुम; तुम अपने जहाँ के। पर हूँ , पोरस मैं भी; जीवन में अपने; छोड़ूंगा नहीं, युद्ध का मैदान, अंत तक, जब तक,... Hindi · कविता 4 556 Share राजेश 'ललित' 12 Nov 2017 · 1 min read "धुँध " प्रदूषण के चलते आज पृथ्वी के अस्तित्व पर ख़तरा मँडरा रहा है।हवा का स्तर इतना ख़तरनाक हो गया है कि साँस लेना मतलब ज़हर लेना है और हम हल ढूँढने... Hindi · कविता 4 602 Share राजेश 'ललित' 28 Dec 2016 · 1 min read "हद" "हद " ----------- मुझे बता , कहाँ तक, है मेरी हद। तुम्हें भी, मालूम होनी चाहिये; तुम्हारी हद। तो तय है! बँटवारा ?हा----! देखना, लकीर में, वो जो, खींची गई,... Hindi · कविता 4 531 Share राजेश 'ललित' 18 Feb 2017 · 1 min read बचपन बचपन में बचपन खोना कौन चाहता है?कुछ बच्चों को रोज़ देखता हूँ ;मेहनत करके कमाते हुये बच्चे अच्छे नहीं लगते?स्कूल जाने और खेलने खाने की उम्र में ये सब करना---------?... Hindi · कविता 4 581 Share राजेश 'ललित' 5 Jul 2017 · 1 min read "जले हाथ" "जले हाथ" --------------- डालोगे ग़र हाथ पराई आग में हाथ फिर अपने ही जला करते है कितना लगाओ तुम गले दुश्मन को अपने भी यहाँ नहीं कम छला करते हैं... Hindi · कविता 4 1 549 Share राजेश 'ललित' 27 Dec 2016 · 1 min read "दो क्षणिकाएँ " "क्षणिका" ---------------------------------------------- मैं ही निकला, कुछ कमअक्ल; वो आया, और समझा गया, मुझे! मेरी ही, बात का मतलब? ------------------------- ---- "क्षणिका"-------- ——----------------------- वो जो दो पल थे ख़ुशी के; पास... Hindi · कविता 4 1 579 Share राजेश 'ललित' 23 Jul 2017 · 1 min read "दम लगा के हई शा" "दम लगा के हई शा" -------------------- दम लगा के हईशा हिम्मत न हार थक मत अब चल उठ जा चल उठ मत घुट घुट घुट कर मर जाएगा हाथ कुछ... Hindi · कविता 4 588 Share राजेश 'ललित' 21 Jan 2018 · 1 min read 'बसंत आ गया' शरद ऋतु में गर्मी की आहट अर्थात बसंत आने का संकेत।कुछ संकेत प्रकृति भी देती है।इसी से निकली'बसंत आ गया' -------------------------- "बसंत आ गया" ------------------------- बौरा गये हैं आम हर... Hindi · कविता 4 538 Share राजेश 'ललित' 22 Oct 2017 · 1 min read "मजमा" चुनाव नज़दीक आते ही नेता "मजमा" लगाना शुरु कर देते हैं। विभिन्न वायदे फेंकते हैं,आश्वासन उछालते हैं;जो नेता लोगों को आकर्षित करता है जिस पर अधिक ताली बजती है वही... Hindi · कविता 4 547 Share राजेश 'ललित' 26 Sep 2020 · 1 min read किस्से किस्से ————— सारे शहर में घूम घूम कर! झूठे क़िस्से :सच्चे क़िस्से! दीवारों के कान खड़े है? मन में कहे ही सुन लेते हैं! ऐसे क़िस्से:वैसे किस्से! हवा ज़हरीली बह... Hindi · कविता 11 2 488 Share राजेश 'ललित' 20 Apr 2019 · 1 min read तलाश अभी जारी है सोलहवीं लोकसभा के चुनाव आ गये। नेता अपने घर से निकल कर मंचो पर सजने लगे हैं।उनकी इन बातों से उपजी यह कविता:- ---------------------------------------- तलाश जारी है -------------------------------------------- पाँच बरस... Hindi · कविता 5 1 517 Share राजेश 'ललित' 23 Jun 2017 · 1 min read थका थका दिन अकेलेपन से व्यथित मन कोई साथी ढूँढ रहा है।पर जब उसे अपने आप से बात करने की फ़ुर्सत नहीं तो कोई दूसरा क्यों करे:- ------------------------ "थके थके दिन" ------------------ थके... Hindi · कविता 4 495 Share राजेश 'ललित' 4 Feb 2022 · 1 min read सत्य का साथ सत्य का साथ ------------------------ सत्य का साथ नहीं छोड़ूँगा झूठ की बांह हर समय मरोड़ूंगा यह राह नहीं आसान मैं जानता हूं पांव हो जायें लहुलुहान और मंजिल मिले न... Hindi · कविता 8 5 515 Share राजेश 'ललित' 3 Jan 2017 · 1 min read "किताब" "किताब" ------------------------- आँख बंद, कर या न कर। खुली किताब हूँ , पढ़ या न पढ़ । यूँ ही समझ जाओगे, सफ़ा दर सफ़ा*। हर्फ़ दर हर्फ़ *। ------------------------- सफ़ा... Hindi · कविता 4 513 Share राजेश 'ललित' 4 Mar 2017 · 1 min read "झूठ" " झूठ" कलयुग का महत्वपूर्ण तत्व है।सत्य कितना संभाल कर रखना पड़ता है।देखें कैसा लगता है यह "झूठ" आप को; -------------------------------- "झूठ" ------------------------------- जा रहा हूँ कब लौटूँगा ? कह... Hindi · कविता 5 539 Share राजेश 'ललित' 30 Nov 2018 · 1 min read मां तपस्विनी --------------------------------------------- 'मां तपस्विनी' ----------------------------------------------- है कहां? वो घर तपोवन? सिकुड़ गया, घर का आंगन। कहीं किसी कोने में, तपस्विनी सी बैठी है; थकी मांदी नैनन मे नींद भरी है, चूल्हा,चौका,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 21 555 Share राजेश 'ललित' 3 Aug 2017 · 1 min read इंतज़ार मत करना "इंतज़ार मत करना" ------------------------- इंतज़ार मत करना अब मेरा थक गये हैं पाँव मुश्किल है चलना मोड़ अभी भी बहुत हैं ज़िंदगी के याद कर लेना कभी हो सके मेरे... Hindi · कविता 4 529 Share राजेश 'ललित' 3 Apr 2019 · 1 min read शब्द ' ----------------------------- शब्दों मत रुको कुछ कहो निरर्थक सा मत पड़े रहो शिला सी अल्हड़ नदी सा बहो वक्त के अनुसार बदलो अंदाजे बयां कुछ नया हो हाँ, तेवर रखो... Hindi · कविता 6 1 527 Share राजेश 'ललित' 25 Feb 2017 · 1 min read "फाग" हर त्यौहार हम सब अपनों के साथ मनाना चाहते हैं;जो बच्चे दूर हैं काम में संलग्न होने की वजह से नहीं आ पाते।माँ -बाप की इच्छा क्या है: --------------------- फाग"... Hindi · कविता 4 445 Share राजेश 'ललित' 29 May 2017 · 2 min read "मन का चोर" "मन का चोर" दो भागों में रची कविता है जिसमें एक बाहरी चोर और दूसरी कविता में चोर भीतर का ही है पर एक बात जो दोनों में है वह... Hindi · कविता 4 438 Share राजेश 'ललित' 7 Jan 2017 · 1 min read "क्षणिका" "क्षणिका" ------------------------- हवाओं ने फैलायी, थी तेरी आने की, ख़ुशबु , इंतज़ार भी किया, ताउम्र मैंने , संदेश हवा का, बस झूठा निकला ---------------------- राजेश"ललित"शर्मा Hindi · कविता 4 485 Share राजेश 'ललित' 23 Jan 2017 · 1 min read "पोरस" "पोरस"रो नयी पीढ़ी शायद नहीं जानती,जिसने सिकंदर जैसे योद्धा का न केवल सामना किया अपितु हार के बावजूद उसकी आँखो में आँखे डाल कर उससे बराबरी का हक़ लेने में... Hindi · कविता 5 1 427 Share राजेश 'ललित' 12 Aug 2017 · 1 min read मरती धरती वैज्ञानिकों के बार बार चेतावनी देने के पश्चात् भी पर्यावरण में सुधार होने की बजाय हानि ही हो रही है ,जिससे धरती पर जीवन को ख़तरा हो गया है।पानी ,जंगल... Hindi · कविता 5 2 469 Share राजेश 'ललित' 30 Nov 2018 · 1 min read मां तपस्विनी यह कविता मां के अथक परिश्रम और निस्वार्थ भाव से सेवा करते हुए परिवार को एकजुट रखने का प्रयास करते हुए कठिन तपस्या करती है पर बदले में कुछ भी... Hindi · कविता 6 5 406 Share राजेश 'ललित' 2 Jul 2017 · 1 min read उलझे धागे "उलझे धागे"मन की उलझन को धागों की उधेड़बुन की तरह सुलझाने का प्रयास कर रही है।कैसे आप पढ़ कर प्रतिक्रिया दें। ----------------------- उलझे धागे" --------------------- कभी खोले हैं उलझे धागे... Hindi · कविता 4 1 418 Share राजेश 'ललित' 27 Jan 2021 · 1 min read क्षणिकायें क्षणिकायें ---------------------- मैने जब सुनी दिल की आवाज सुनी; दुनिया की सुनता, तो दीवाना होता::राजेश'ललित' ------ मुझसे मेरा हाल न पूछो, मुझसे मेरी ख़ता न पूछो: वजूद मेरा चुरा लिया... Hindi · कविता 7 2 409 Share राजेश 'ललित' 26 Jan 2021 · 1 min read क्षणिकायें सर्दी की धूप ------------- मेरा आँगन और मै , दोनों ही परेशान हैं! धूप के न आने से!! मैने कंबल ओढ़ा, आँगन ने कोहरा, रात सिकुड़ती रही, ठिठुरती रही, कभी... Hindi · कविता 8 2 405 Share राजेश 'ललित' 18 Jan 2017 · 1 min read "औक़ात" "औक़ात" ------------------------- मुझे है पता, मेरी औक़ात, तू बता ? क्या है तेरी जात* कितनी जायदाद ? है मेरे पास ! दो गज ज़मीन, कपड़ा दो हाथ। है तेरे पास,... Hindi · कविता 4 379 Share राजेश 'ललित' 5 Jan 2017 · 1 min read "क्षणिका" "क्षणिका" ---------------------- अब नहीं , बोलूंगा कभी, सत् । खुल जायेगा, झूठ सारा, परत दर परत। ------------------------- राजेश"ललित"शर्मा ------------------------ Hindi · कविता 4 420 Share राजेश 'ललित' 3 Jan 2017 · 1 min read "क्षणिका" "क्षणिका" ------------------------- अब नहीं , बोलूंगा कभी, सत् । खुल जायेगा, झूठ सारा, परत दर परत। ------------------------- राजेश"ललित"शर्मा Hindi · कविता 4 437 Share राजेश 'ललित' 6 May 2021 · 1 min read मुंह ढकिये कोरोना ने सब के मुँह ढक दिये। जैसे किसी को मुँह दिखाने लायक़ ही नहीं रहे। हमें हर काम अपने मुंह ढक कर करने हैं। इसपर एक नये क्लेवर की... Hindi · कविता 10 1 352 Share राजेश 'ललित' 10 Apr 2019 · 1 min read आ गये राजे महाराजे चुनावी सरगर्मी मे अपनी राह बनाती कविता -------------------------------------------------------------- आज के राजे-महाराजे ----------------------- आ गये आज के राजे-महाराजे ढोल बजाते सजा कर अपने अपने खोमचे ढेर सारे लेकर वादे खटी मीठी... Hindi · कविता 6 1 352 Share राजेश 'ललित' 6 Jul 2022 · 1 min read क्षणिकायें-पर्यावरण चिंतन क्षणिकाएँ --------------- पर्यावरण दिवस चिंतन -------------- जंगल ----------- टूटी टहनियों से, पेड़ बनता है कोई! कटे पेड़ों से, जंगल अटा पड़ा है। पेड़ों से बनायें दरवाज़े , खुलेंगे को हवा... Hindi · कविता 10 5 424 Share राजेश 'ललित' 5 Sep 2019 · 1 min read खोदा पहाड़ यह कविता कुछ गाँव के लोगों के सामूहिक प्रयास से पहाड़ों को खोद कर एक रास्ता बनाने को लेकर लिखी है।जब आप सरकार और उसकी संस्थाओं से गुहार लगा थक... Hindi · कविता 4 377 Share राजेश 'ललित' 29 Jan 2017 · 1 min read "क्षणिका" दोस्ती कभी नहीं मिटती;दबी रहती है,मन के भीतर मौक़ा मिलते ही छलक जाती है:- -------------------- "क्षणिका" ------------------------ दोस्त का संदेश आया कुछ ठहाके गूँज गये ज़हन में, कुछ गालियाँ उछलीं,... Hindi · कविता 4 1 364 Share राजेश 'ललित' 27 Jan 2021 · 1 min read भूख का गणित भूख का गणित ---------- पेट पर हाथ रख कर वह भूख पालता रहा जहां तक संभव था भूख को टालता रहा गाड़ी आई वह जा चढ़ा जब तक भूख थी... Hindi · कविता 7 327 Share राजेश 'ललित' 20 Jan 2017 · 1 min read "बेटी की बेटी" प्रस्तुत कविता मेरी बेटी के यहाँ बेटी के जन्म के कुछ दिनों के बाद आनायास ही निकली क़लम से,उसकी निश्छल मुस्कान देख कर।आप भी पढ़िये:- ------------------------- "नातिन" देखी तुमने मेरी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 4 378 Share राजेश 'ललित' 18 Jun 2023 · 1 min read पिता जी पिता जी ------------- ऐ पिता जी ओ पिता जी क्यों रूठे से हो पिता जी? इधर देखते कभी उधर देखते रहते क्यों अनमने पिता जी ! ऐ पिता जी ओ... Hindi · कविता 1 2 396 Share राजेश 'ललित' 14 Feb 2021 · 1 min read प्रेम प्रेम ----------- नफ़रतों के जंगल में प्रेम अग्न हुआ मन हुलसा तन झुलसा राख में से निकलेगा वो प्रेम का नवांकुर कभी तो देखना तुम ----------- राजेश'ललित' Hindi · कविता 10 10 310 Share राजेश 'ललित' 5 Feb 2017 · 1 min read "क्षणिका" "क्षणिका" ------------------------- अन्जान राहों का मुसाफ़िर हूँ न राह कटी न ज़िंदगी, पहुँचेंगे कहीं तो, कटे कटे, खरामा खरामा*। ----------------------- राजेश"ललित"शर्मा २८-१-२०१७ ---------------------- खरामा:-धीरे धीरे Hindi · कविता 4 329 Share राजेश 'ललित' 20 Dec 2017 · 1 min read अरे,ग़रीबी ! सदियों से ग़रीबी और अमीरी के बीच खाई पाटने की कोशिश की जा रही है पर इसमें सफलता नहीं मिल पाई।ग़रीब और ग़रीबी हाथ में हाथ थामे अब तक शायद... Hindi · कविता 5 1 295 Share राजेश 'ललित' 30 May 2017 · 1 min read "बहेलिया" अभी उतर प्रदेश में एक बेटी के साथ छेड़खानी की घटना में जो कुछ सरेराह हुआ उसने अंत:कर्ण झझकोर दिया।उसी घटना का परिणाम;- ------------------------- "बहेलिया" हे रे बहेलिया मत पकड़... Hindi · कविता 4 280 Share राजेश 'ललित' 14 Jun 2017 · 1 min read क्षणिका "क्षणिका" ------------------- पहले भी अजमाया था अब भी अाज़मा ले वैसे का वैसा हूँ जैसा पहले था अब भी वैसा हूँ क्या करूँ आदत से मज़बूर हूँ । बदले तुम... Hindi · कविता 4 293 Share राजेश 'ललित' 25 May 2017 · 1 min read "सच की गुंजाईश " आजकल सच को भी अपनी "सत्यता" की गवाही तलाशनी पड़ती है।सत्य के अवसर तलाशती कविता:- --------------------- "सच की गुंजाईश" ------------------------- जब भी झूठ बोलता हूँ पकड़ा जाता हूँ । ढूँढता... Hindi · कविता 4 286 Share Page 1 Next