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5 Feb 2017 · 1 min read

“बिजूका”

“बिजूका”
————————-
जानते नहीं ,
क्या होता,
बिजूका?
एक टाँग ,
पर खड़ा हुआ,
बाँहें पसारे,
मटकी का सिर लटकाये,
सदा मुस्कराये,
पराली का शरीर,
चीथड़े लगा कोट,
खेत जैसे इसका हो?
कौआ भगाने को,
लगाया इसको,
पर करें क्या?५
चिड़िया तक नहीं ,
भागती,
चूहे भी,
कुतर जाते टाँग ,
इसी की,
कभी गिरा जाता,
बैल इसी को,
फिर झाड़ पोंछ,
खड़ा किया जाता
अगले दिन,
फ़सल कटने तक,
रहेगा यूँ ही,
नक़ली रखवाली?
कभी करेगा ,
कभी गिरेगा,
लगता कभी कभी,
हमको,!कहीं
हम अपने अपने,
घरों के बिजूका
को नहीं????!
————————-
राजेश”ललित”शर्मा
२०-१-२०१७

——————————–

Language: Hindi
4 Likes · 1 Comment · 1345 Views
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