Dr.Priya Soni Khare 111 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr.Priya Soni Khare 3 Jun 2021 · 1 min read बरसात की याचना सुनो मेघ-- जब आना, तब ऐसे बरसना जैसे, अमृत बरसता हो, प्रकृति के तृण -तृण को ऊर्जा से भर देना, ऐसे बरसना जैसे, माँ के नयनों से प्रेम बरसता है,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 11 932 Share Dr.Priya Soni Khare 1 Aug 2021 · 1 min read मेरे दौर की सहेलियां मेरे दौर की सहेलियां आज भी मुहँ पर हाथ रखकर बतियाती है, कानों में फुसफुसाती है, बगल में बैठ कर चिकुटियाती हैं, जब भी चार मिल जाती हैं ठहाके गूजँते... Hindi · कविता 14 19 754 Share Dr.Priya Soni Khare 12 Mar 2021 · 1 min read शिव संगीत सांसों संग बहता है, धड़कन स्पन्दन है, चेतना का सार तत्व, मन का आलम्बन है, बुद्धि से परे है, भाषा में बंधा नही, शब्दों में गढा नही, ध्वनि है अनन्त... Hindi · कविता 9 10 728 Share Dr.Priya Soni Khare 15 Aug 2021 · 1 min read जय हो जब श्वांसों से तिरंगा लहराए, जब लहू देश के काम आए, तब धन्य समझना जीवन को, जब भारत माँ का सलाम आए| Hindi · मुक्तक 3 4 692 Share Dr.Priya Soni Khare 12 Apr 2018 · 1 min read यथार्थ कितना चीखोगे, कितना चिल्लाओगे, झूठ के रूप अनेक है,सत्य पकड़ न पाओगे। दुःख की गठरी साथ है,सुख की मंजिल दूर, दुविधा यदि मन में रहे,आगे कैसे बढ़ पाओगे। बात-बात में... Hindi · कविता 2 623 Share Dr.Priya Soni Khare 7 Jun 2021 · 1 min read हो जाओ अनन्त जागो सुमन्त, बन जाओ संत, भीतर के अंधकार में ढूँढ लो पंथ, व्यस्तता अंहकार है, शून्यता है, बसंत, ध्यान की सीढ़ी, अज्ञान का अंत, शरीर अस्र है, मन है, शस्र,... Hindi · कविता 1 633 Share Dr.Priya Soni Khare 26 May 2022 · 1 min read तुम चली गई मां क्या सच में तुम चली गई या समा गई मुझ में ही कहीं अब मैं सुबह से ही रसोई बनाती हूँ थोड़ा परेशान होती हूं फिर भी सब का... Hindi · कविता 7 7 639 Share Dr.Priya Soni Khare 7 Aug 2021 · 1 min read .नदी सी बहती रही मैं पहाड़ी नदी की तरह अपनी ही धुन में कभी झरना, कभी सागर कभी तूफानों से टकरायी, सबने मेरी पहचान मिटाने की भरपूर कोशिश की---- कई मोड़ आये,... Hindi · कविता 4 2 550 Share Dr.Priya Soni Khare 9 Mar 2021 · 1 min read आखिर कौन ब्रह्मांड की ऊर्जा स्री ,पुरुष नहीं होती, पंचतत्व स्री पुरुष नही होते, कर्म भी स्री,पुरुष नही होते, धर्म का मर्म, स्री, पुरुष नही होता, भाग्य भी पक्षपात नही करता, फिर... Hindi · कविता 5 7 511 Share Dr.Priya Soni Khare 15 May 2020 · 1 min read संबंध कारण संबंध है, जिसमें घुले मिले शब्द ---- जीत लेना चाहते, हैं ,दुनिया---- परन्तु,कारण ही समाप्त हो जाय, तब संबंध ----- पुकारते है प्रश्न करते हैं विचलित हो जाते हैं... Hindi · कविता 7 4 556 Share Dr.Priya Soni Khare 27 Apr 2021 · 1 min read चल पड़ो चल पड़ो, जिधर लें चले कदम, न श्वेत श्याम की हो फिकर, न धूप छाँव का हो असर, स्निग्ध सी मुस्कान हो, हृदय में सुंदर गान हो, अवसान भी हो... Hindi · कविता 2 4 535 Share Dr.Priya Soni Khare 25 Jun 2021 · 1 min read किताबें किताबें बोलेगी, तुम्हारी ऊर्जा के द्वार खोलेगी, तुम्हे बताएगी, खुद जैसा बनना है, तुम्हे सिखाएगी, खुद से प्यार करना, तुम्हारी भाषा में__ शब्द-शब्द दुलराएगी वाक्यों की सीढ़ी बना सफलता तक... Hindi · कविता 7 2 508 Share Dr.Priya Soni Khare 6 Jun 2021 · 1 min read पर्यावरण कोई खुशबू सी गुजरी ताजा-ताजा, कँही बेला,कँही चम्पा है खिला सा, गुलाब देख कर नज़रे थम सी गयी, इनमें अपनेपन का भाव है छुपा सा, नीम पर रोज़ कूकती है,कोयल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 502 Share Dr.Priya Soni Khare 7 Sep 2021 · 1 min read मैं कौन मैं खुली किताब हूँ, या बन्द लिफाफा, जिसका जैसा स्नेह, उसने उतना आँका, परख मिट्टी की -- सोने के सौदागर क्या जाने---- खुदा के बन्दों को, कभी नहीं करना पडा... Hindi · कविता 4 4 521 Share Dr.Priya Soni Khare 12 Dec 2019 · 1 min read अपनापन दिखते नहीं हैं पर,दिल महसूस करता है, कुछ हालात होते है,कुछ जज़्बात होते है, जिनके होने की कीमत को,केवल मन समझता है| जिनसे दिल के रिश्ते है,उन्ही से दूरियां भी... Hindi · कविता 3 2 509 Share Dr.Priya Soni Khare 29 Mar 2021 · 1 min read समझ लो तो होली यत्र तत्र ,सर्वत्र, शब्द,भाषा,रूप अलग, एक सुर में गूँज रहा, प्रकॄति का संगीत अलग, कण कण सौन्दर्य पूर्ण, जन. जन उल्लास अलग, स्वस्थ्य तन का सूत्र एक, मन के समीकरण... Hindi · कविता 7 10 502 Share Dr.Priya Soni Khare 13 Mar 2021 · 1 min read .वो नहीं अकेला मिश्रित सा भाव है, उत्साह और प्रेम का, देखना तो भीतर है, बाहर हाहाकार है, चलना और रुकना भी, सांसों से है जुड़ा, परिक्रमा का मतलब, रोम- रोम घूमना, शब्द... Hindi · कविता 6 6 487 Share Dr.Priya Soni Khare 14 Apr 2020 · 1 min read जीत हम जीतेगे हर वो जंग जो इंसानियत के खिलाफ हो, वो जंगल जीतेगा, जिसमें आग लगी थी, वो इमारत भी जीतेगी जिसे बम से उड़ाने की साजिश थी, वो नदी... Hindi · कविता 3 4 486 Share Dr.Priya Soni Khare 15 Mar 2021 · 1 min read भारत की नारी गिलहरी सी कूदती,चिड़िया सी चहचहाती, कभी आसमां पर उड़ती ,कभी जमीं पर उतर आती, मदमस्त सी चाल, उसका बेबाक़ है अन्दाज़, मगर ज़िन्दगी ने छुपा लिए थे,उससे कई राज, वो... Hindi · कविता 6 521 Share Dr.Priya Soni Khare 31 May 2021 · 1 min read प्रेम की बरसात एक बूँद आशा और हिम्मत की तीन, उत्साह की पाँच बूँद, और विश्वास की सात, पवित्रता की नौ बूँद, और शेष सब हो प्यार, बूँद_ बूँद मिल कर हो, ख़ुशी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 12 13 479 Share Dr.Priya Soni Khare 27 May 2021 · 1 min read बरसात बूँद _बूँद जुटती है, धरती से उठती है| सूरज की गर्मी से, मेघों में छुपती है| गर्मी जब बढ़ती है, शाख _शाख झरती है| सूखते है कण्ठ तब, घास भी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 6 482 Share Dr.Priya Soni Khare 7 May 2020 · 1 min read विकास शीर्षक-विकास हर तरफ शोर है,विकास चहुँओर है। कँही स्वछ भारत अभियान है, कँही बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ का गान है, कोई मेट्रो से विकास को आँक रहा है, कोई सैनिक सुविधा,और... Hindi · कविता 5 499 Share Dr.Priya Soni Khare 10 Apr 2020 · 1 min read बचपन न कोई सेल्फी ,न अपडेट, फिर भी बचपन अप टू डेट। थोड़ी पढ़ाई,थोड़ा ड्रामा, सूरज दादा, चंदा मामा। दौड़े भागे मस्ती की रेल, सबका था आपस मे मेल। नानी का... Hindi · कविता 5 480 Share Dr.Priya Soni Khare 16 Jul 2021 · 1 min read स्री बुद्धि को त्याग कर बुद्ध बनना, किसी स्री के लिए उतना ही सहज हैं, जितना------ जटाओं को नोचकर जटिल आवरण को तोड़ कर भीतर के जल को किसी देवी मन्दिर... Hindi · कविता 4 5 476 Share Dr.Priya Soni Khare 15 Mar 2020 · 1 min read नारी गिलहरी सी कूदती,चिड़िया सी चहचहाती, कभी आसमां पर उड़ती ,कभी जमीं पर उतर आती, मदमस्त सी चाल, उसका बेबाक़ है अन्दाज़, मगर ज़िन्दगी ने छुपा लिए थे,उससे कई राज, वो... Hindi · कविता 5 481 Share Dr.Priya Soni Khare 18 Aug 2021 · 1 min read पूर्ण पूर्णता में अपूर्ण सहजता में असहज जीवन की महागाथा शब्दों संग दुरूह तरंगों की अनुभूति ब्रह्मांड से सानिध्य पाने- खोने को त्याग कर--- प्रकृति में विलीन स्वीकारना ही सहजता है,... Hindi · कविता 1 2 447 Share Dr.Priya Soni Khare 10 May 2020 · 1 min read माँ मेरे शरीर के भार को वहन करने वाली मुझे गुरूत्वाकषॆण के विरूद्ध खडा करने वाली धरती माँ को नमन ? मेरी भावनाओं को सशक्त कर मेरी भुजाओं में बल भरने... Hindi · कविता 2 4 455 Share Dr.Priya Soni Khare 27 Jan 2018 · 1 min read अभी तक बाकी है जब जब चीख़ें गूँजी है, तब मौन अस्मिता जागी है। चारदीवारी के भीतर , आग अभी तक बाकी है। कंही देवी है,कंही रानी है, नारी के नारी होने की ,... Hindi · कविता 4 413 Share Dr.Priya Soni Khare 24 Apr 2018 · 1 min read परिवार माता-पिता है पूजनीय,करो इनका सम्मान, जिससे इनका दिल दुःखे, मत कर ऐसे काम। सब रिश्ते अनमोल है,समझो दिल की बात, छोटी-छोटी बात पर,क्यों करते उत्पात। कहानियों की पोटली,दादी-नानी का साथ,... Hindi · दोहा 4 2 438 Share Dr.Priya Soni Khare 24 Apr 2020 · 1 min read परिवार माता-पिता है पूजनीय,करो इनका सम्मान, जिससे इनका दिल दुःखे, मत कर ऐसे काम। सब रिश्ते अनमोल है,समझो दिल की बात, छोटी-छोटी बात पर,क्यों करते उत्पात। कहानियों की पोटली,दादी-नानी का साथ,... Hindi · कविता 3 2 534 Share Dr.Priya Soni Khare 3 Aug 2022 · 1 min read अपनी कहानी कहानी सबकी होती है पर अपनी कहानी किरदार खुद चुन लो तो भी कभी भागती है झरोखे से खिड़की से यह दरवाजे के नीचे से कभी ठहर जाती है समुंदर... Hindi · अतुकान्त कविता 2 2 497 Share Dr.Priya Soni Khare 2 Jun 2021 · 1 min read शेष धृणा थी, अब क्षमा है, द्वेष था, अब प्रेम है, युद्ध था, अब शान्ति है, आरोप था, अब धन्यवाद हैं, विचारों के इस महासंग्राम में, अर्जुन सा मेरा मन, और... Hindi · कविता 5 4 414 Share Dr.Priya Soni Khare 25 Jun 2021 · 1 min read क्या रखिएगा बातों में वजन रखिएगा, शरीर का वजन कम रखिएगा, जब भी निकले सैर पर, भीतर शान्त मन रखिएगा, लोग क्या कहेगें-से क्या? अपने हाथों में गंगा जल रखिएगा, जिनकी आँखों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 407 Share Dr.Priya Soni Khare 4 Jun 2021 · 1 min read बरसात के दोहे उमड़ -घुमड़ कर बादल गरजे,हवा चले मतवाली, मेघों में पानी भर कर, बरखा आने वाली| लहर-लहर हिलकोरे लेती,पत्ता-पत्ता झूमें, बारिश की रिमझिम में,पंछी डाली-डाली घूमें| ताल तलैया पूर्ण हो गये,नदियाँ... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता · बाल कविता 5 6 411 Share Dr.Priya Soni Khare 17 Apr 2020 · 1 min read बेटी बहुत पढ़ा ली बेटी अबतो, बेटों पर भी ध्यान दो। मानवता का पाठ पढ़ाओ, उन्हें भी संस्कार दो। ताण्डव शिव का जग प्रसिद्ध है, माँ काली का विकराल रूप। शिव... Hindi · कविता 4 426 Share Dr.Priya Soni Khare 16 May 2022 · 1 min read पिता दिन में सूरज, रात में चांद है, पिता मेरे लिए पूरा आसमान है| इच्छाएं मेरी, प्रयास उसके, जीवन समस्या तो पिता समाधान है| मन उलझे या दिल में उदासी हो,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 7 11 441 Share Dr.Priya Soni Khare 6 Apr 2018 · 1 min read कश्ती अपने ही सवालों में,उलझी हैं जिंदगी मेरी, मन के समँदर में,फँस गयी है कश्ती मेरी। बन के पतवार तूने,हौसला बढ़ाया था, बिन तेरे कैसे आगे बढ़ेगी,कश्ती मेरी। मैंने देखा है,भीतर... Hindi · कविता 5 2 410 Share Dr.Priya Soni Khare 4 Jun 2022 · 1 min read देखो अच्छे बुरे का फर्क मिटा कर देखो, कब तक दूसरों को दिखाओगे, खुद आईना उठा कर देखो| मैं सही,तुम गलत,के खेल में, लगा दी सारी शक्ति जीवन की, आज दिल... Hindi · कविता 3 6 465 Share Dr.Priya Soni Khare 19 Aug 2021 · 1 min read प्रश्न प्रश्न उठे, प्रश्न पूछे गये, उत्तर भी प्रश्न, श्रंखला प्रश्नों की बढ़ती गयी, जिज्ञासा और समझ आक्रोश बन गये, अन्त उपजा ज्ञान प्रश्न-उत्तर एक समान, दोनों भाषा और बुद्धि का... Hindi · कविता 2 2 411 Share Dr.Priya Soni Khare 21 Apr 2018 · 1 min read यथार्थ मुख्य पटल शीर्षक-यथार्थ त्रुटियों पर निंदा मिली,उत्तम पर सब मौन। यथार्थ यही है आज का,मन पढ़े अब कौन । मन चाहा मिलता नहीं,समय -समय की बात। जो जोड़ -तोड़ की... Hindi · दोहा 2 2 373 Share Dr.Priya Soni Khare 15 Aug 2021 · 1 min read जय हिन्द मेरे वतन की मिट्टी चंदन है, मेरी श्वांस_श्वांस महके जिससे, तुम कहाँ _कहाँ तक देखोगे, मेरा कतरा_कतरा भारत है| Hindi · मुक्तक 6 2 422 Share Dr.Priya Soni Khare 29 Oct 2020 · 1 min read विजयादशमी मै ही सीता मैं ही राम मुझमें बसते सीता-राम, लक्ष्मण लक्ष्य मेरा ही है, भरत भाव, कर्म,संज्ञान| शत्रुहन लघु, आरम्भ करे मन, बन्द चक्षु सब एक समान| दशरथ मोह के... Hindi · कविता 3 2 386 Share Dr.Priya Soni Khare 6 Jun 2022 · 1 min read सदियों बाद सदियों बाद मन ने एक बार फिर उड़ान भरी जा बैठा प्रेम की ऊंची टहनी पर बनाने लगा घोंसला जुटाने लगा तिनका जीवन की हर कही अनकही कहानियों से तभी... Hindi · कविता 5 2 376 Share Dr.Priya Soni Khare 7 Jun 2022 · 1 min read पिता तुम्हारी छाया में बड़ा सुख पाया है, मैं तुम्हारा ही अक्स हूँ, तुम ही ने मुझे बनाया है| कभी डांटा कभी चांटा ,अक्सर गोदी में उठाया है| मुझे आकार देने... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 10 349 Share Dr.Priya Soni Khare 5 Sep 2018 · 1 min read गुरु गुरुकृपा सौभाग्य है,गुरु ज्ञान ब्रह्मास्त्र, गुरु की महिमा कैसे कहूँ, अल्प शब्द का ज्ञान। प्रथम पाठ माँ से पढ़ा,पिता ज्ञान की खान, कण -कण ने अनुभव दिया,तब जीवन हुआ महान।... Hindi · कविता 4 4 330 Share Dr.Priya Soni Khare 3 Aug 2022 · 1 min read प्रेम मुझे प्रेम हो गया है पर मेरा तो विवाह हो गया विवाह प्रेम का लक्ष्य है क्या तो फिर प्रेम पूर्णता है अर्थ इच्छा आदि इत्यादि की आवश्यकता मात्र शब्द... Hindi 1 422 Share Dr.Priya Soni Khare 7 Jun 2021 · 1 min read जाँच लेना धरती में बीज बोने से, पहले----- मन की खेती को जाँच लेना, यदि मन में .... खरपतवार उगी हो, तो धरती पर फल_ फूल, नही उगा पाओगे || Hindi · मुक्तक 2 2 314 Share Dr.Priya Soni Khare 12 May 2020 · 1 min read मां का आर्शीवाद नही है मेरी माँ भोली, उसने सिखाया है,मुझे-लड़ना, जीवन संघर्षों में आगे बढ़ना, दिल दुःखे, तो क्या है करना, मेरी माँ ने बताया है------ गली मोहल्ले के लड़को से मत... Hindi · कविता 4 2 339 Share Dr.Priya Soni Khare 11 Jun 2020 · 1 min read रुपान्तरण जीवन की संचित ऊर्जा अपने सूक्ष्मतम रूप में अणु से परमाणु तक क्रोध से प्रेम तक खाद से पुष्प तक कण से पर्वत तक नित्य परिवर्तित हो रही है, रूपांतरित... Hindi · कविता 8 9 305 Share Dr.Priya Soni Khare 6 Apr 2018 · 1 min read बरसों का इंतजार धड़कने थम गई, साँसे धौकनी सी चलने लगी...... रोम - रोम सिहर उठा........ आँखे तो बह चली......... चट्टान हुए मन के पहाड़ को तोड़ कर...... पहाड़ी झरने सी..... शब्द मौन... Hindi · कविता 5 2 298 Share Page 1 Next