डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 483 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 May 2021 · 1 min read आल्हा ऊदल बड़े लड़ैया, चम चम चमक रही तलवार। आल्हा, आल्हा -ऊदल बड़े लड़ैया, चम- चम चमक रही तलवार। मची खलबली रण में भारी, होने लगे वार पर वार।। जब- जब दुश्मन रण में आये,टूट पड़े ऊदल तत्काल। काट... Hindi · कविता 8 5 15k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 16 min read समीक्षा, कुकुरमुत्ता, कविवर सूर्य कान्त त्रिपाठी, "निराला" मित्रों, आज की साहित्यिक विचार गोष्ठी में प्रस्तुत है आदरणीय श्री सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी की प्रसिद्ध कविता "कुकुरमुत्ता "।आप समस्त से अनुरोध इस कविता को ध्यान से पढ़ें ,और... Hindi · लेख 1 3k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read सावन पर दोहे सप्तक सावन आया झूम के,सखियाँ झूला झूल। रिमझिम वर्षा हो रही,सखी गयीं सब भूल। शिव विवाह संपन्न हो,,हरियाली में मीत। निर्जल व्रत पूजन करें,सखियाँ गायें गीत। ताल तलैया भर उठे, हुई... Hindi · दोहा 4 2k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 Dec 2020 · 6 min read विद्यार्थियों के चारित्रिक और मानसिक विकास में शिक्षक की भूमिका। विषय- विद्यार्थियों के चारित्रिक और मानसिक विकास में शिक्षक की भूमिका। विधा -आलेख विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक विकास में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक का अर्थ है।... Hindi · लेख 2k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read चाय पर दोहे आयें पढ़ कर छात्र सब, पियें चाय दिनरात। कम हों सारी मुश्किलें, जीतें जग हर प्रात। मिलती ऊर्जा चाय से,सुस्ती करती दूर। समय बितायें चैन से,जीवन में भरपूर। चायपान करिये... Hindi · दोहा 4 1k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Nov 2018 · 1 min read मुक्तक - मां कहानी सुनाती ,सुलाते -सुलाते , बहाना बनाती ,रिझाते - मनाते । मां, तू है ममता की देवी रिचा की, सुनाती है ,लोरी ह्रदय से लगा के। बनाये ,खिलाये, हंसाये रूला... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 18 115 1k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Dec 2020 · 4 min read शिक्षा संस्कृति और संस्कार भारतीय संस्कृति में संस्कारों का महत्वपूर्ण स्थान है ।समाज में पुरुष प्रधान व्यवस्था होने के उपरांत भी, महिलाओं को बराबरी का दर्जा एवं बराबर का सम्मान देने की प्रथा है।... Hindi · लेख 2 1k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 4 Jul 2019 · 1 min read रक्त दान के लाभ पर दोहे. रक्त दान करिए अभी , सुख मय जीवन तात. जीवन दान समान है , पावन मंगल गात ॥ 1 ॥ रक्त दान करके प्रथम , रोकें अपना भार रोगी को... Hindi · दोहा 1k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Oct 2020 · 3 min read मातृ भाषा हिंदी पुरस्कृत लेख विषय-" हिंदी है भारतवर्ष की मातृभाषा , राष्ट्रभाषा बने ये है अभिलाषा।" लेख समूचे विश्व में भारतीय जनमानस की पहचान मातृभाषा हिंदी से है। भारतवर्ष में हिंदी भाषा... Hindi · लेख 1 1k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Sep 2017 · 3 min read एक व्यंग्यात्मक लेख ---जीवन एक रंगमंच -------------जीवन एक रंगमंच -------- जीवन एक रंगमंच है । और इसमें अभिनय करने वाले पात्र कठपुतलियाँ हैं । इन सजीव पात्रों का सूत्रधार कोई अदृश्य शक्ति है , जो जितना... Hindi · लेख 4 1 973 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Aug 2018 · 8 min read दीदी नींद नहीं आ रही..... दीदी ! नींद नहीं आ रही ...... माँ की ममता का कोई मोल नहीं है । ममता अप्रतिम , अविस्मरणीय एवं मातृ ऋण है । ईश्वर ने मातृ शक्ति को... Hindi · कहानी 5 975 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Oct 2020 · 1 min read रक्तदान मित्रों सादर समर्पित है मुक्तक। चढ़ा वो खून है पानी अगर इसमें सियासत है । बहा दो खून नाली में अगर इसमें शिकायत है। क्यों जीता शान से डोनर जो... Hindi · मुक्तक 1 1k Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Oct 2017 · 1 min read जीवन पथ के सुनहरे पल जीवन पथ के सुनहरे पलः मेंने जीवन के अनमोल पलों को सजोंया है, स्वर्णिम अवसर पाकर मैने कुछ बोया है। अपनी आॅखों में मैने कुछ सजोंया है, नवसृजन हार नवजीवन... Hindi · कविता 3 860 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 Aug 2017 · 1 min read ग्रामीण सेवा का एक विहंगम दृश्य कृपया कहानी पढ़े Hindi · कहानी 794 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 2 min read समीक्षा ,आचार्य शिव प्रकाश अवस्थी आचार्य शिव प्रकाश अवस्थी जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। संगीत, साहित्य ,कला, धर्म, आध्यात्म, दर्शन ,मनोविज्ञान, कर्मकांड ,पूजन ज्योतिष विद्या में उन्हें सिद्धि हासिल है। मैं आचार्य जी की... Hindi · लेख 2 1 832 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 29 Sep 2017 · 3 min read बापू खैनी न खाइयो बापू खैनी न खैय्यो शाम के धंुधलके में एक झोपड़ी से मध्यम रोशनी आ रही है। बाहर बैठी कमलिया बर्तन घिस-घिस मांज रही है। नाली से होकर मैला गंदा पानी... Hindi · कहानी 3 792 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 17 Feb 2022 · 6 min read पत्रकारिता एक सामाजिक दर्पण पत्रकारिता एक सामाजिक दर्पण पत्रकारिता सामाजिक दर्पण है। समाज की यथार्थ प्रस्तुति पत्रकारिता को प्रासंगिक व रोचक बनाती है। पत्रकारिता को संविधान के चतुर्थ स्तंभ के रूप में दर्शाया गया... Hindi · लेख 897 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 7 Feb 2019 · 2 min read मेधावी विद्यार्थी के लक्षण मेधावी विध्यार्थी के लक्षण मेरे विचार से मेधावी छात्रों की मुख्यत : तीन श्रेणियाँ होती हैं । प्रथम श्रेणी उन विध्यार्थियों की है जो एक बार में समझ लेता है... Hindi · लेख 861 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Dec 2018 · 3 min read भारतीय रेल यात्रा (एक व्यंग्यात्मक यात्रा संस्मरण ) रात्रि के प्रथम प्रहर में, लखनऊ स्टेशन से रेल गंतव्य की ओर प्रस्थान करती है । रेल द्रुत गति से आगे बढ़ती है , कोच के कुछ यात्री वार्तालाप में... Hindi · कहानी 837 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Dec 2018 · 4 min read क्लास मॉनिटर (बाल कहानी ) रमेश एक अत्यंत मेधावी छात्र था , उसने इसी वर्ष विद्यालय परिवर्तन करके महा नगर के विद्यालय में प्रवेश लिया । रमेश आज्ञाकारी छात्र होने के साथ –साथ बांसुरी वादन... Hindi · कहानी 649 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Dec 2019 · 2 min read बेबस सरकार-व्यंग्य वार्ता बेबस सरकार अम्बर भाई जगह-जगह शराब की नुक्कड़ दुकानें खुली है, किंतु आजकल बड़बड़ाते, लड़खड़ाते कोई बंदा दिखाई नहीं देता। अरसा हो गया इन शराबियों को बुरा भला कहे। नेक... Hindi · लेख 1 721 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 Jul 2018 · 1 min read दोहा मुक्तक -अब मजहब के नाम पर हुए मतलबी लोग अब मजहब के नाम पर हुए मतलबी लोग , संविधान को पी गए , सभी मजहबी लोग प्रश्न सेक्यूलर का उठा , नजर चुराते आज नियतमें ही खोटधर , बने... Hindi · दोहा 4 720 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 6 Feb 2020 · 3 min read बुआ जी का अर्थशास्त्र बुआ जी का अर्थशास्त्र दो मित्र, बतियाते हुए चल पड़े। थोड़ी दूर पर बुआ जी का घर था। दोनों ने निश्चय किया कि, पहले बुआ जी का हालचाल पता करते... Hindi · कहानी 2 656 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2022 · 5 min read जर,जोरू और जमीन वर्तमान राजनीतिक परिवेश में ग्रामीणों की उपेक्षा नहीं की जा सकती है। ग्राम और ग्रामीण राजनीतिक संस्कारों के संरक्षक ,पालक- पोषक हैं। धरती से जुड़ा हुआ राजनेता ही सबसे सफल... Hindi · कहानी 1 771 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Dec 2020 · 6 min read विद्यार्थियों के चारित्रिक और मानसिक विकास में शिक्षक की भूमिका विषय- विद्यार्थियों के चारित्रिक और मानसिक विकास में शिक्षक की भूमिका। विधा -आलेख विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक विकास में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक का अर्थ है।... Hindi · लेख 1 4 639 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 29 Aug 2017 · 5 min read मंझली बेटी. मँझली बेटी---डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव Quote Post by admin » Mon Aug 28, 2017 4:08 pm मँझली बेटी बंजारों की दुनिया अद्भुत होती है । न भविष्य की चिंता न... Hindi · कहानी 651 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 May 2022 · 1 min read पितृ स्तुति पालक पोषक है पिता,देव तुल्य सम मेव। कर्ता धर्ता आप हैं,पिता ब्रह्म मम एव। मात पिता की छांव में,जीवन स्वर्ग समान। एक सत्य ब्रह्मांश है, पिता तुल्य त्वं देव। डा.प्रवीण... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 13 14 652 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2022 · 1 min read कवि का कवि से ' कवि का कवि से सम्मान होना चाहिए। सुकवि का हृदय से आह्वान होना चाहिए। तरन्नुम में पढें या ठेठ हिन्दी में, काव्य का संविधान होना चाहिये। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,... Hindi · मुक्तक 2 660 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Sep 2017 · 5 min read मँझली बेटी मँझली बेटी बंजारों की दुनिया अद्भुत होती है । न भविष्य की चिंता न अतीत का दुख होता है , उन्हें । बस वर्तमान मे सुखी संसार गाता –बजाता ,... Hindi · कहानी 3 652 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Dec 2019 · 3 min read माँ का उपकार -व्यंग्य कथा मां का उपकार- लघु व्यंग्य कथा एक बहुत पुरानी कहावत है, कुत्ते की दुम टेढ़ी की टेढ़ी। कुछ लोग बुरी आदतों को इतना अपना लेते हैं कि, जैसे उनका बुरी... Hindi · कहानी 1 631 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Dec 2019 · 5 min read ना समझे वह.अनाड़ी है।-व्यंग्य कथा कहानी- ना समझे वह अनाड़ी है बहुत समय पहले की बात है, सोनू और मोनू दो भाई थे ।दोनों बहुत प्रतिभाशाली थे, और नौवीं कक्षा में पढ़ते थे। उनमें कक्षा... Hindi · कहानी 3 567 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read सावन दोहा मुक्तक सावन बरसे झूम के, कोयल गाये गीत। पिया अभी आओ मिलो, सुन बिरहा के गीत। क्यों चातक की टेर, को नहीं सुनें भगवान, धानी चूनर ओढ़ ली,धरती ने... Hindi · मुक्तक 2 615 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Jul 2021 · 4 min read भाभी अचानक, वह फूट-फूट कर रोने लगी। उसका इस तरह घर आना, और रोना देखकर, मुझे हैरानी हुई। उसे किसी तरह सांत्वना देकर मैंने पूछा क्या हुआ? क्यों रो रही हो?... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 570 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read शिव स्तुति हरिगीतिका छन्द हे उमापति ,सोमनाथं ,नाथ पशुपति, पूज्यतम। हे रमापति, विश्वनाथं हेत्र्यम्बक पूज्य सम। नीलकंठे, अम्बरीषं,आदिदेवा शोभिते। देवदेवा ,शंकरा शिव, नर्मदा पति, पूज्य मम। Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 600 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 15 Sep 2017 · 6 min read जिंदगी एक खुली किताब जिन्दगी एक खुली किताबः यह कथानक एक ऐसे ईमानदार डाक्टर की कहानी हैं, जिसने अपने कर्तव्य के लिये परिवारिक हितों को अनदेखा कर अपनी जान तक खतरे में डाल दी।... Hindi · कहानी 3 628 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Sep 2017 · 6 min read अनंत की यात्रा --- अनंत की यात्रा गाँव के गलियरों मे बच्चो का शोर गुल थमने का नाम ही नहीं ले रहा था । जब कोलाहल ऊंचा होता गया एतो थल्ले पर बैठे बुजुर्गो... Hindi · कहानी 603 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Sep 2017 · 4 min read रोज कुआं खोदते रोज पानी पीते दिहाड़ी मजदूर --व्यंगात्मक कथा रोज कुआं खोदते रोज पानी पीते दिहाड़ी मजदूर । प्रात : काल जब ग्राम वासी जाग कर अपनी दिनचर्या पूरी करते हैं , तब उनमें से कुछ ग्रामीण गाँव छोड़... Hindi · कहानी 3 595 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Aug 2020 · 1 min read नवरस कुंडलिया नव रस मिलके रच रहे,जो सुंदर आकार। मन मंदिर में बस रहे,ये मोहक अवतार। ये मोहक अवतार,मुदित है सुंदर काया। राधा कान्हा रूप,विदित है मोहन माया। कहें प्रेम कवि... Hindi · कुण्डलिया 1 583 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 7 May 2021 · 1 min read छायी बदरी है घनी, कुण्डलिया। छायी बदरी है घनी,बारिश है चहुँओर। घोर घटा घन बीच है , चपला चमके जोर। चपला चमके जोर, चाँदनी चमके जैसे। करके घन की ओट,शर्म से दमके वैसे। कहें... Hindi · कुण्डलिया 1 568 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Jun 2022 · 1 min read विश्वेश्वर महादेव शठ करके शठता चलें, जैसे कोई भूल। महाकाल के सामने, सत्य वचन ही मूल। सत्य वचन ही मूल, सत्य ही बोलो मौला। छल करके क्या मिला, कपट को जबसे तौला।... Hindi · कुण्डलिया 3 2 621 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 3 min read समीक्षा- कवि केदारनाथ शुक्ल आदरणीय कविवर केदारनाथ शुक्ला कि रचना धर्मिता अमर है। एवं सराहनीय है । विश्व को रंगमंच मानकर और उसमें पात्रों को कलाकार मानकर शुक्ल जी ने कल्पना की है वह... Hindi · लेख 586 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 30 Dec 2019 · 1 min read दोहा गजल तोड़फोड़ जबरन करें ,छोड़ सहज व्यापार। गंगा जमुनी सभ्यता, हुई तार ही तार। शासन होगा रुष्ट अब, देखेगा जब कृत्य, पाई पाई जेब से ,भरना होगा यार । काट काट... Hindi · दोहा 573 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Feb 2018 · 4 min read परतंत्रता की विरासत स्वतंत्रता के परिपेक्ष्य में । परतंत्रता की विरासत स्वतंत्रता के परिपेक्ष्य में इतिहास गवाह है कि बिहार के युवा छात्रों ने सचिवालय में धावा बोल कर यूनियन जैक का मान - मर्दन किया था ,... Hindi · लेख 2 587 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Sep 2021 · 1 min read फार्मेसी दिवस जय जय 25 सितंबर, फार्मेसी दिवस जय जय। फार्मेसी, दवा ,व्यापार यह हैं तीनों अपरिहार्य । दवा, व्यापारी, रोजगार, यह तीनों हैं पर्याय। बच्चों ने जिन्होंने सीखाअपनों से, विश्व बंधुत्व व्यापार, विश्व... Hindi · मुक्तक 1 593 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 28 Sep 2017 · 4 min read संवैधानिक समस्या एवं सामाजिक विषमता का आग्रह संवैधानिक दायित्व एवम सामाजिक विषमता का आग्रह अबोध बचपन मासूम होता है । माता –पिता की ममता भरी छाँव मे ये नन्हा बचपन अहंकार रहित ,ब्रह्म स्वरूप केवल प्रेम मय... Hindi · लेख 3 559 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 Dec 2018 · 1 min read गुट बंदी के भेद में , घिरे वीर हनुमान गुटबन्दी के भेद में , घिरे वीर हनुमान , नेता जी अब कर रहे , वर्गीकृत भगवान वर्गीकृत भगवान , खेल तो नेता खेलें , घातक हों परिणाम , इसे... Hindi · कुण्डलिया 1 569 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read घनाक्षरी सारे जग में प्रकाश ,होता जग में विकास । और लोगों का कयास, दूर अब कीजिए। ज्ञान का आलोक दे दें ,अंधकार दूर करें। अमृत की बूँदें पिरो, ऐसा वर... Hindi · घनाक्षरी 2 555 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Jan 2021 · 5 min read डिवाइडर कहानी- डिवाइडर रात के अंधकार में रिमझिम बारिश की फुहार पड़ रही थी। एक वृद्धा अपने आप को समेटे डिवाइडर पर विराजमान थी। कहा गया है ,कि, जीवन का आवागमन... Hindi · कहानी 1 2 543 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 28 Jan 2018 · 1 min read प्यारी बेटी जान्हवी -- प्यारी बेटी जान्हवी ---- दोहे चार व्यक्त मौन से जान्हवी , तुम क्यों हो अंजान । नयन उनींदे अधखुले , नहीं सकें पहचान । । सोई पलकों में किसे ,... Hindi · दोहा 3 553 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Oct 2021 · 1 min read पुष्प वाटिका में श्री राम का समर्पण नजरों की परिभाषा समझो,चंचल चितवन रहे बसेरा। नयनों की भाषा जो समझे,नयनों का है वही चितेरा। नयनों की चितवन के कायल, राम वाटिका में अटके हैं। पलकों के तीरों से... Hindi · गीत 1 2 587 Share Page 1 Next