डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 484 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 28 Jan 2018 · 3 min read कटु सत्य --संस्मरण कटु सत्य एक अमिट विश्वास उत्साह एवं उमंग लिये वो दोपहर प्राथमिक विद्यालय शंकर गढ़ जनपद इलाहाबाद का सुनहरा पल था । शिक्षक संग विध्यार्थी अपना अटूट सम्बंध जोड़ कर... Hindi · लघु कथा 3 541 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Dec 2018 · 1 min read प्यार का सार है त्याग की भावना श्रृंगार गीत(मुक्तक ) प्यार का सार है त्याग की भावना , प्रेम रस धार है प्रीत की कामना । जिंदगी मिल गयी प्यार जिसने किया , प्यार से मिट गयी... Hindi · मुक्तक 509 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Nov 2017 · 4 min read एक रोचक कहानी -------प्रायश्चित प्रायश्चित शीतकाल प्रारम्भ है, रात्रीकी चादर सुबह का सूरज धीरेधीरे समेट रही है। उसकाप्रकाश दरवाजे की झिर्रीयों से छन-छन कर अंदर होने का अहसास करा रहा है।रात भर रज़ाई से... Hindi · कहानी 3 568 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jul 2018 · 3 min read मेन- होल एक लघु व्यंग कथा मेन होल – एक लघु व्यंग कथा इतिहास गवाह है, कि सिंधु घाटी सभ्यता मे जल निकासी का उत्तम प्रबंध था । इसे उस वक्त की उन्नत सभ्यता का प्रतीक... Hindi · कहानी 2 560 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Sep 2017 · 4 min read जय माँ एवं जय मातृ भूमि जय माँ एवम मातृ भूमि पांडिचेरी की शांत स्वच्छ सड़कों से होता हुआ काफिला गुरुदेव अरविनदों आश्रम की ओर बढ़ चला । अरविनदों आश्रम पहुँच कर शांत सौम्य वातावरण का... Hindi · लेख 3 552 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 May 2021 · 1 min read रिश्ते रिश्ते नजदीकी बने, ,दूरी को मजबूर । मजबूरी रिश्ता बना, हुये फासले दूर। हुये फासले दूर, प्यार है ये इकलौता। पति पत्नी के बीच, प्यार है इक समझौता। कहें प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 1 4 534 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 May 2022 · 1 min read पिता की छांव दूर क्षितिज के पार है,सपनों का इक गांव। चंद्र किरण देती वहां,नयना को इक छांव। बचपन की अठखेलियां ,घोड़े कुर्सी दौड़। पिता संग थे खेलते, खुशियां की थी ठांव ।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · मुक्तक 18 25 541 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2022 · 1 min read हायकु मुक्तक-पिता असरदार। बच्चों का वफादार। है कामदार। पिता का प्यार। अनमोल बहार। घर संसार। तर्क की युक्ति। पत्नी की अनूभूति। सहानूभूति। सहता वार। अनुशासित प्यार। सबका यार। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · हाइकु 11 12 571 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Mar 2021 · 1 min read खेलते होली हायकु मुक्तक खेलते होली ,नाचते हम सब, झूमझूम के खुशी मनायें, सब गुझिया खायें , चूमचूम के। मलें गुलाल,अबीर संग रंग,रुप निखारो। साथ भिगायें , संग में सब भीगें,घूम घूम... Hindi · हाइकु 1 501 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 3 Sep 2017 · 2 min read मातृ नमन जननी नमन । मातृ नमन -जननी नमन माँ बनने का अहसास अलग होता है , नव जीवन का अहसास अलग होता है , उदर मे पल रही संतान का सुख अलग होता है... Hindi · कविता 3 552 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 30 Apr 2022 · 7 min read ब्रेक अप ब्रेकअप वर्तमान भौतिकता वादी समाज में सात फेरे लेने का अर्थ आज भी सात जन्मों का बंधन है। यह कहीं से कॉन्ट्रैक्ट दृष्टिगत नहीं होता है। पति- पत्नी के बीच... Hindi · कहानी 1 536 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Jul 2021 · 1 min read हायकु मुक्तक हायकु मुक्तक सत्ता लौकिक।सपने अलौकिक।कार्य मौखिक। है अनैतिक।मँहगाई भौतिक।राजनैतिक। लाये रुलैयाँ।मँहगी दवाइयाँ।साग सब्जियाँ। कोरोना इक।कृत्रिम व जैविक।असांस्कृतिक। डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम वरिष्ठ परामर्श दाता, प्रभारी रक्त कोष, जिला चिकित्सालय, सीतापुर।... Hindi · हाइकु 511 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 May 2021 · 1 min read देखते आ रहे दृश्य ये सर्वदा, मुक्तक देखते आ रहे दृश्य ये सर्वदा , अश्रु आँखों में छलके सदा सर्वदा । बाढ़ लीला मचाये भयंकर प्रलय , स्वप्न हैं टूटते झेलकर आपदा । रेवड़ी बाटते हो... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 3 3 494 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 1 min read माँ मित्रों सादर समर्पित है, कुंडलिया । पनघट पर माता खड़ी, घट भर देती रोज। चल तू बेटी घट उठा, पनघट पर है खोज। पनघट पर है खोज ,सखी कर रही... Hindi · कुण्डलिया 1 501 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Mar 2022 · 2 min read मेरी पंचवटी मेरी पंचवटी यह कैसी वासना दृगों में,लखन देख कर घबराये। बेचारी उर्मिला भवन में,कैसी होगी कुम्हलाये। सूर्पणखा सुंदरी अनूठी, छल से माया रच लायी। पर्णकुटी में राम दिखे थे,सहज लालसा... Hindi · गीत 556 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 1 min read दोहा गजल हिय में करते वास हैं ,सदा अवध पति राम । पल पल तेरे साथ हैं छोड़ जगत के काम। सीता को हर ले गया ,महा दुष्ट लंकेश, जड़ जंगम से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 540 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Feb 2020 · 1 min read मानवाधिकार दिवस आज राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस मनाया जा रहा है ।हम भारतीय अपने मानवाधिकार को जानते और समझते हैं किंतु मानते नहीं ।सर्वप्रथम शिक्षा हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। किंतु अभिभावक अपने... Hindi · लेख 481 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read डमरू घनाक्षरी मित्रों,सादर समर्पित है डमरू घनाक्षरी घनन घनन घन, गरज गरज कर। बरस बरस कर,रह रह तड़कत। तडप तडप तड़, चमकत दमकत। ठहर ठहर कर,रह रह बरसत। लखत लखत जब,बचपन दरशत।... Hindi · घनाक्षरी 1 4 558 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Jan 2021 · 1 min read वीर शिवाजी वीर शिवा जी वीर शिवाजी की गाथाएं ,हमको याद जुबानी है । माता जीजाबाई की है, दीक्षा बहुत पुरानी है। गुरु समर्थ के लिए शिवाजी, दूध शेरनी का लाया औरंगजेब... Hindi · गीत 514 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 2 Feb 2019 · 1 min read सुन्दर दोहे आपके । सुन्दर दोहे आपके, खुशी मनाते लोग । धन्यवाद है आप को, बना रहे ये जोग । Hindi · दोहा 486 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Oct 2020 · 3 min read पिता का हम करें सम्मान अंबर जी हमारे परम मित्र हैं। हम और वो तीर्थ यात्रा पर जा रहे थे।यात्रा लंबी था, मौन रहकर यात्रा करना संभव नही था ।अंबर जी हमेशा से विवेकी और... Hindi · कहानी 489 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 May 2021 · 5 min read ईद ईद इस समाज में हर प्रकृति के लोग रहते हैं ।उदारवादी, संकीर्ण मानसिकता वाले कट्टरपंथी, और, आस्था को विज्ञान के पहलू से देखने वाले लोग भी हैं ।विभिनता में एकता... Hindi · कहानी 1 521 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read सावन घनाक्षरी सावन में झूल झूल ,सब नाचें गायें झूम। विरह व्यथा को भूल, कजरी जो गाती है राधा कान्हा अब मिले, कालिंदी के तट चले। कान्हा वंशी जब बजे, सुधि... Hindi · घनाक्षरी 2 544 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 Dec 2020 · 1 min read अन्न का दाता अन्न का दाता। सड़क पर आया। भारत माता। वोट का जोड़। राजनीति का तोड़। प्रधानी होड़। किसान मंच। मीटिंग्स का प्रपंच दिल्ली का पंच। दिल्ली को कूच। किसानों का मिशन।... Hindi · हाइकु 1 2 506 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 7 Dec 2021 · 1 min read वह प्रीति अनोखी होती है, वह प्यार अनोखा होता है। वह प्रीतिअनोखी होती है, वह प्यार अनोखा होता है । निस्वार्थ प्रेम के बदले में ,निस्वार्थ प्रेम जब मिलता है । क्या कोई सीमा होती है, प्यारे इन रिश्ते नातों... Hindi · मुक्तक 2 2 471 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Dec 2017 · 8 min read दुखी मन मेरे ....... दुखी मन मेरे यह कहानी उन मानसिक रोगियों को सर्मपित है। जिन्होने अपनी जिन्दगी में खुशी का कोई क्षण अनुभव नही किया है। यह अजीब विडम्बना है कि जीवन में... Hindi · कहानी 3 492 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Jan 2021 · 1 min read नव वर्ष चहकते थिरकते झूमकर आइये, अब नये साल को चूमकर जाइये। ये नया साल है काल का इक नशा, हैं युवा होश में घूम कर छाइये। खनकते चमकते चहकते आइये। झूमते... Hindi · मुक्तक 476 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Dec 2017 · 4 min read वही व्यवहार चिकित्सक से करो,जो चिकित्सक से चाहते हो। December 27, 2017swargvibha वही व्यवहार चिकित्सक से करो , जो चिकित्सक से चाहते हो । प्रस्तुत लेख मे समाज के प्रतिष्ठित वर्ग की समस्यायों की जानकारी दी जा रही है , जिन्हें... Hindi · लेख 3 545 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2020 · 2 min read लेख अभियंता श्रेष्ठ अंबरीष जी एक विलक्षण व्यक्तित्व, संस्मरण अंबरीष जी से मेरी भेंट अचानक हिंदी सभा के वार्षिक उत्सव समारोह में हिंदी सभा के द्वार पर हुयी थी ।मैं नया-नया... Hindi · लेख 1 505 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jan 2020 · 1 min read चौपइ छंद रक्त दान से खुशी अपार अब सब मिल करना बारम्बार। करे रक्त कमियों को पूर। जीवन से यह है भरपूर। आओ वीरो को कर गान। देश सपूतों का कर मान।... Hindi · कविता 2 515 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Aug 2020 · 1 min read जैसे चपला सी चपल कुंडलिया जैसे चपला सी चपल, चंचल मन के तीर। प्रियतम के मोहक नयन,हरते मन की पीर। हरते मन की पीर, प्रिया मनभावन मोरी। प्यारे लगते नयन, सुहावन चितवन तोरी। कहें... Hindi · कुण्डलिया 1 504 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 6 Jan 2021 · 1 min read दिनकर जयंती पर कुंडलिया-दिनकर जयंती पर। दिनकर कहते साफ हैं, राजनीति से दूर। हिंदी के राष्ट्रीय कवि, हो यशगान सुदूर। हो यश गान सुदूर, राष्ट्र हृदयों से गाता। रश्मि रथी कुरुक्षेत्र, उर्वशी सबको... Hindi · कुण्डलिया 1 4 498 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 8 May 2019 · 1 min read रक्त दान करें। मित्रो सादर समर्पित है, कुण्डलिया । आया अवसर दान का,करें रक्त का दान । रक्त दान परहित करें,जीवन दान महान । जीवन दान महान, खुशी का अनुभव करिये। नियमित कर... Hindi · कुण्डलिया 2 510 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 28 Apr 2018 · 1 min read क्यों विषधर इस धरती पर जीवन की बगिया में साथी , संग संग जीना मरना है । फूलों की घाटी में साथी , भर उमंग से जीना है । खेल खेल में इस जीवन के,... Hindi · मुक्तक 2 514 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jan 2020 · 1 min read देश के तुम प्रथम प्रहरी, राष्ट्र का सम्मान हो। देश के तुम प्रथम प्रहरी, राष्ट्र का सम्मान हो। देश के तुम सजग सैनिक ,देश की तुम आन हो । हे शहीदों राष्ट्र की तुम, नींव रखते जा रहे ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 459 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Aug 2018 · 5 min read माँ की अभिलाषाऔर पुत्र की जिज्ञासा माँ की अभिलाषा व पुत्र की जिज्ञासा उक्तदिवस महा शिव रात्रि का पर्व था , लोग सोमवार का व्रत रखकर, अनुष्ठान कर रहे थे ।कांवड़िए, बम भोले का गगन भेदी... Hindi · कहानी 5 469 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 28 Sep 2018 · 1 min read न्याय की है तुला ,-मुक्तक मित्रों ,मैं माननीय उच्चतम न्यायालय के एडल्ट्री पर फैसले का सम्मान करता हूं, आशा करता हूं कि, इससे हमारा समाज सुसंगठित व सुसंस्कारी बनेगा ।विघटन ,असुरक्षा का तंत्र ,जो नव... Hindi · मुक्तक 5 474 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Aug 2020 · 1 min read कृषक का घर द्वार कृषक का घर द्वार, काकी से हो घर बार। जीने का हो अब सार, सार होना चाहिए । आतुर हो नैन जब, काकी ताके घर अब। गिरवी बिन गहनों के,... Hindi · घनाक्षरी 1 501 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 23 Aug 2017 · 1 min read अतिथि तुम कब आओगे कृपया कहानी पढ़े। Hindi · कहानी 515 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Aug 2020 · 2 min read राष्ट्र गीत बचा लो राष्ट्र भारत को लहू तुम में अगर बाकी । वचन दो आज वीरों तुम,शहादत आज गर बाकी। न छेड़ो धीर सैनिक को ,डटा है वीर सीमा पर ।... Hindi · गीत 1 2 451 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Sep 2017 · 4 min read प्रायश्चित प्रायश्चित शीतकाल प्रारम्भ है, रात्रीकी चादर सुबह का सूरज धीरेधीरे समेट रही है। उसकाप्रकाश दरवाजे की झिर्रीयों से छन-छन कर अंदर प्रवेश का अहसास करा रहा है।रात भर रज़ाई से... Hindi · कहानी 1 1 477 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Feb 2021 · 1 min read ऋतु बसन्त का स्वभाव मित्रों, सादर समर्पित है, बसन्त ऋतु का स्वभाव वन -वन चहकत, वन -वन महकत बरबस बहकत,चहक -चहक कर। चहल -पहल चल, कसक -मसक चल। लह -लह लहकत , फसल फसल... Hindi · घनाक्षरी 2 2 451 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 8 Jun 2019 · 1 min read शैतान की नीयत शैतान की नीयत में खोट होता है. इन्सान क्यों खून के आँसू रोता है.? बाल - बाँका कर सकेगा न कोई, ऐसा न्याय क्यों. मजबूर होता है? इन्सान.शैतान में फर्क... Hindi · मुक्तक 459 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Oct 2020 · 1 min read हिंदी भाषा कुण्डलिया: हिंदी भाषा राष्ट्र की, अधिकारिक लें मान। भारत की बिंदी करे, तकनीकी अवदान। तकनीकी अवदान, यही हम सबकी आशा। करें मातृ को नमन, दूर हो त्वरित निराशा। कहें प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 1 474 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Sep 2021 · 1 min read बेटियाँ माता-पिता की आन बान शान बेटियाँ घर-घर की आन बान पर कुर्बान बेटियाँ। मन मोहती सदा है मुस्कान बेटी की है मीठे बोल बोलती मासूम बेटियाँ। थी हैरान परेशान क्यों?... Hindi · मुक्तक 1 2 478 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Apr 2022 · 1 min read हायकु हायकु कर्म की आस। सुख की अनूभूति। भक्ति की प्यास।(1) सृष्टि अनंत। है ब्रह्मांश आजन्म। है पुनर्जन्म।(2) ब्रह्म ही सत्य। अहम जो असत्य। शाश्वत तथ्य।(3) सुखानुभूति। है सनातन सत्य। कर्मानुभूति।(4)... Hindi · हाइकु 1 444 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Dec 2018 · 1 min read लतीफे सुनाते मियां मित्र मिट्ठू लतीफे सुनाते मियां मित्र मिट्ठू , रुला कर हंसाते मियां मित्र पिट्ठू । जरा मुस्कराओ हमें गुदगुदा कर , गजल फिर सुनाओ मियां मित्र मिट्ठू। “डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव” सीतापुर... Hindi · मुक्तक 457 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Dec 2019 · 1 min read राष्ट्र कवि दिनकरजी को समर्पित छंद राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर की जयंती के अवसर पर ,उनकी स्मृति में राष्ट्रीय काव्य संगम द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें 40 के करीब कवियों ने भाग... Hindi · कविता 2 505 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Feb 2021 · 1 min read चंचल चितवन दोहा मुक्तक चंचल चितवन ही सदा, हरते मन की पीर। चंचलता से ही चलें, दो नैनन के तीर। रहा हिलोरें मारता ,मन उमंग में प्यार। प्रीति जता गृहिणी खड़ी,लिये हाथ... Hindi · दोहा 3 5 531 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 1 Jan 2018 · 4 min read तंबाकू मुक्त जीवन की शुरुआत करें । तम्बाकू मुक्त जीवन की शुरूआत करें तम्बाकू से करीब 60 लाख व्यक्तियों की मृत्यु होती है, जिस में से 6 लाख वे व्यक्ति है, जो धुम्रपान नही करते है, परन्तु... Hindi · लेख 3 474 Share Previous Page 2 Next