Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (3)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

प्रस्तुत विचारों का साधुवाद।

आपके प्रस्तुत विचारों से मै सहमत हूँ । हमें समस्त भाषाओं को समान आदर करना चाहिए । किसी व्यक्ति विशेष की मातृभाषा कोई भी हो उसमे अन्य भाषाओं के प्रति सद्भाव होना आवश्यक है। किसी भी भाषा को किसी जाति अथवा सम्प्रदाय से जोड़कर उसकी उपेक्षा करना सरासर गलत है और उस भाषा एवं भाषियों के प्रति अन्याय है। दरअसल नेतागण राजनैतिक स्वार्थ एवं वोट बैंक नीती के चलते इस संदर्भ में जनता मे फूट डालकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। जनता को जागरूक होकर अपने आपको को तथाकथित नेताओं की कठपुतली बनने से रोकना होगा।

समर्थन हेतु आभार प्रकट करता हूँ मित्र

Loading...