ईश्वर दयाल गोस्वामी Tag: ग़ज़ल 56 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल दर्द अब लोरियाँ सुनाता है । जागकर ख़ुद मुझे सुलाता है । छींक फसती है गले में जब भी, कान कहते कोई बुलाता है । दौर चलते हैं जब भी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 175 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल जो भी हमने किया-धरा है । बीमारी बनकर लौटा है । हुई रश्म़ पूरी निकाह की, मग़र जिस्म आधा-आधा है । चमक रही है काल-कोठरी, छत पर अँधियारा छाया है... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 142 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल दर्द की बूँद न हो रवानी में । नूर आता नहीं कहानी में । उसका हँसना मजाक ही होगा, आँख डूबी नहीं जो पानी में । मूछ सूखी पै ताव... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 141 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल रद़ीफ़ो का ही सिलसिला कहते-कहते । ग़ज़ल रुक गई काफ़िया कहते-कहते । कि संसद से सड़कों,गली औ' घरों तक, हवा थम गई वाक़या कहते - कहते । बुराई ने मुझको... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 97 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल ज़िन्द़ग़ी के सुर मिलाते जाइए । बेवज़ह ही गुनगुनाते जाइए । ग़र नहीं सुनता है कोई ग़म नहीं, फालतू ही बड़बड़ाते जाइए । आइए मिलिए मग़र कुछ दूर से, यह... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 92 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल जो इधर की उधर नहीं होती । बात वो पुरख़तर नहीं होती । रहनुमा की करे तरफ़दारी, छप गई , पर ख़बर नहीं होती । रोज़ मैं जार - जार... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 96 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल कि इस घर के आगे मकाँ और भी हैं । अभी आपके इम्तिहाँ और भी हैं । उचित भाव से दे दो सामाँ, वग़रना हमारे शहर में दुकाँ और भी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 88 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल नीलगगन जो छाया-छाया होता है । धरती ने वो बोझ उठाया होता है । भावनाएँ तो मिलती हैं पूरी लेकिन, थोड़ा-सा संकोच हटाया होता है । ख़ुद का साया तेरे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 81 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल खौफ़ का इस कदर असर क्यूँ है ? सहमा-सहमा-सा ये नगर क्यूँ है ? लोग कटते हैं , लोग मरते हैं, मुल्क़ फिर भी अजर-अमर क्यूँ है ? जबकि फैली... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 82 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल खीझ रिश्तों के दरमियाँ क्यों है ? आदमी आज बद - जुवाँ क्यों है ? बहकी-बहकी-सी दिख रही धरती, मचला-मचला-सा आस्माँ क्यों है ? भूख खाकर के मस्त हैं बच्चे,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 106 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल अदब का दबदबा क्या है ? ग़ज़ल का मत्-लआ क्या है ? म़रद़्द़फ़ ग़ैर हो जो , वो , ग़ज़ल का काफ़िया क्या है ? ब़ह़्र की कैफ़ियत कितनी ,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 98 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल फल रही है अजाब की दुनिया । सूखती है सवाब की दुनिया । कोई काँटा उन्हें नहीं चुभता, जी रहे जो बनाब की दुनिया । आब में भी है एक... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 95 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल नज़र ही नज़र है , नज़र हर तरफ़ है । भँवर ही भँवर है , भँवर हर तरफ़ है । यहाँ रात-दिन,रोज़ आठों पहर तक, सफ़र ही सफ़र है ,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 92 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल जात को तो छोड़िए बदजात भी बाकी नहीं । आदमी में आदमी - सी बात भी बाकी नहीं । मान,मर्यादा, हया औ' कायदा सब बिक रहा, और पुरखों की कोई... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 130 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल सिर्फ़ उल्फ़त में सब नहीं आता । पहले आता था अब नहीं आता । यूँ तो गुस्सा मेरा तुम्हीं पर है, तुम जो आते हो तब नहीं आता । कोई... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 85 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल इधर मुरझाए हैं पत्ते, उधर खिलती कली भी है । कहीं है खुरदरी धरती, कहीं जाकर लिपी भी है । हमारे प्यार का आँगन उखड़ता-सा दिखे है जो, इसी पर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 122 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल रोज़ जो आग हम जलाते हैं । रोज़ वो आग हम बुझाते हैं । आदमी चीज़ जो बनाते हैं । आदमी ही उसे मिटाते हैं । कोई दानिश अलग नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 117 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल वो करीने से काम लेता है । गिर रही चीज़ थाम लेता है । दोस्ती, प्यार या वफ़ा कहके, आदमी इन्तिकाम लेता है । वक्त ठहरा नहीं कभी पीछे, आगे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 111 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल बिन गरज का एक भी नाता नहीं । आदमी को आदमी भाता नहीं । बेसुरी है जिंदगी की मौसिकी, गीत मीठे अब कोई गाता नहीं । आपदाओं के निमंत्रण हैं... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 82 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल जिंदगी उतनी ही हमारी है । आपके साथ जो गुज़ारी है । शा'इरी है मेरे लिए मंदिर, और उसका ये दिल पुजारी है । लोग बेकार शक किया करते, रूह... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 104 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल बादलों को हटाया । चाँद फिर मुस्कुराया । आस का इक सितारा, आज फिर टिमटिमाया । झूठ सच, सच है झूठा, धन्य है तेरी माया । जो कोई कर न... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 81 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल घृणा का हर ज़गह साया पड़ा है । हवाओं में जहर का जायका है । बिना आधार ही सब बोलते हैं, 'पते की बात' का किसको पता है ? पलटकर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 102 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल वक़्त रहते कहा नहीं होता । तो ये कचरा हटा नहीं होता । हो इरादा अगर खरा तो फिर, काम कोई बुरा नहीं होता । इतने धोखे अगर नहीं होते,... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 131 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल दे रहे लफ्ज़ यूँ खलल शायद ! हो रही हो कोई ग़ज़ल शायद ! फूट निकले हैं आज झरने-से, अश्क़ पानी में गए ढल शायद ! यूँ लगे जैसे आज... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 111 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 24 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल रोग मशहूर होते जा रहे हैं । ज़ख्म नासूर होते जा रहे हैं । अमंगल ही अमंगल है अभी तो, शुक़्र काफ़ूर होते जा रहे हैं । अराजकता,जफ़ा औ' बेवकूफ़ी,... Hindi · ग़ज़ल 6 2 187 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 20 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल पूज्य गुरुदेव आचार्य विद्यासागर जी महाराज के परिनिर्वाण पर प्रस्तुत हैं ग़ज़ल के भाव में कुछ श्रद्धा-शब्द-सुमन । :: अस्त हुआ रवि वीतराग का :: ________________________ अस्त हुआ रवि वीतराग... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 3 2 175 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read अस्त हुआ रवि वीत राग का / पूज्य गुरुदेव आचार्य विद्यासागर जी महाराज के परिनिर्वाण पर प्रस्तुत हैं ग़ज़ल के भाव में कुछ श्रद्धा-शब्द-सुमन । :: अस्त हुआ रवि वीतराग का :: ________________________ अस्त हुआ रवि वीतराग... Hindi · ग़ज़ल 3 239 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल दिल ये जाके कहाँ बसा मेरा । कोई देता नहीं पता मेरा । लोग आते हैं, चाय पीते हैं, है नहीं जिनसे राब्ता मेरा । यार मिलते हैं तो रकीबों-से,... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 4 276 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल थोड़ा-थोड़ा-सा काम का हूँ मैं । कौन क्या है ये जानता हूँ मैं ? यूँ नहीं आपसे मेरा रिश़्ता, आपको दिल से मानता हूँ मैं । दूसरों को कभी नहीं... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 153 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल तुमने पूँछा कैसा हूँ ? बगुले - सा चौकन्ना हूँ । जपती है दादी जिसको, उस माला का मनका हूँ । जैसा हँसते हैं पापा, बिल्कुल वैसा हँसता हूँ ।... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 149 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल हमने इंसाँ में जो ज़हर देखा । साँप को उससे बेख़बर देखा । हमने इँसाँ में वो ज़हर देखा । साँप पर हो गया असर देखा । एक बच्चे से... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 3 2 142 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल एक मुद्दत तक सिरहाने ग़म रहा । इसलिए तकिया हमेशा नम रहा । रोज़ पढ़ना , रोज़ लिखना याद है, जो पढ़ा औ' जो लिखा वो कम रहा । दिल... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 106 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल दिल ये पहले से सजा रक्खा है । घर पै उनको जो बुला रक्खा है ।। वो तो आएँगे हवा की मानिंद, इसलिए दर ये खुला रक्खा है ।। खिड़कियाँ... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 1 154 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल हाथ बाकी हैं कान बाकी है । पाँव चलते हैं जान बाकी है । गाते-गाते वो मर गया लेकिन, सुर भी बाकी है तान बाकी है । माँस है ख़ाक,जल... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 121 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल अभी हाथ में असर नहीं है । अभी पाँव में सफ़र नहीं है । कितना अमन चैन है बरपा ? मग़र कोई भी निडर नहीं है । अँधियारा है चकाचौंध... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 4 134 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल हादसा - सा हो गया था । मैं जो , पैदा हो गया था । कर्ज़ चुकता हो गया था । फ़र्ज़ पूरा हो गया था । हसरतें अब भी... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 3 158 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल चुभ रहे हैं रोज़ काँटे पाँव में । ठूँठ की छाया बची है गाँव में । साग है बेस्वाद दालें ख़ुश्क हैं, ऐंठते हैं पेट सबके आँव में । धूप... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 4 129 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल पूर्व से कुछ और काला हो गया । ज़िन्दगी का रंग गहरा हो गया । जो हुआ,अच्छा हुआ,सब ठीक है, रात बीती और सबेरा हो गया । दर्द ने खोदा... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 120 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल जल रहा है यहाँ जहाँ तन्हा । आग तन्हा है और धुआँ तन्हा । तन्हा - तन्हा भभक रहे शोले, सुलगा-सुलगा हरिक रुआँ तन्हा । एक चिड़िया है बाम पर... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 119 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल घर से जा बंजर में रह । फिर आकर तू घर में रह । जिन्दा समझा जाएगा, रोज़-ब-रोज़ ख़बर में रह । दफ़्तर से तू आकर घर, उसके दिल-दफ़्तर में... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 1 137 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल आदमी से मिलके जाना, आदमी क्या चीज़ है ? आदमी होकर ये देखा, ज़िन्दगी क्या चीज़ है ? नफ़रतों की देहरी पै पाँव रखना ही पड़ा, ज्यों हुए भीतर तो... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 128 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल रात में भी ज़रा जगा कीजे । सुब्ह उठके उसे पढ़ा कीजे । खेल, मैदाँ में खेलना, लेकिन थोड़ी घाटी कभी चढ़ा कीजे । भाव उसके ज़रा समझ,पढ़ के, शे'र... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 105 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल सहमा-सहमा-सा आदमी क्यूँ है । रूठी-रूठी-सी ज़िन्दगी क्यूँ है । क्यूँ ये सूरज छिपा-छिपा रहता, चाँद पर आज तीरगी क्यूँ है । जो कभी लाजमी नहीं थी, वो बात फिर... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 126 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल एक मीठी - सी सजा है ज़िन्दगी । रोग भी है औ' दवा है ज़िन्दगी । मौत पर ही ख़त्म हो जिसका असर, वो मुसलसल-सा नशा है ज़िन्दगी । खोज़ती... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 148 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल पहले दाएँ मुड़कर देखो । फिर बाएँ से जुड़कर देखो । बैठे हो क्यों पंख सिकोड़े, खुले गगन में उड़कर देखो । फैल - फैल कर फैल गए हो, अब... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 2 156 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल :: हिंदी ग़ज़ल :: -------------------- पहले ज़रा ठहरना बेटा ! फिर डग आगे धरना बेटा ! गत,आगत की फ़िक्र छोड़कर, वर्तमान में रहना बेटा ! पहले मन को समझा लेना,... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 4 2 125 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल यहाँ जिस बात पै पर्दा रहा है । उसी का ही यहाँ चर्चा रहा है । मिला है प्यार दुनिया का उन्हीं को, मुहब्बत से जिन्हें शिकवा रहा है ।... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 4 125 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल ज़िन्दगी अब अजाब की सी है । खाली बोतल शराब की सी है । दर्द लिक्खा है हर सफे जिसके, ज़िन्दगी उस किताब की सी है । अपनी हालत का... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 3 134 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल इस लम्हे, मैं सस्ता हूँ । उस लम्हे, मैं मँहगा हूँ । राहू लील नहीं पाता, चाँद - सरीखा टेढ़ा हूँ । बाहर भीड़ बहुत है मेरे, भीतर - भीतर... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 4 140 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल तुम हो तो अब सब सुंदर है । घर लगता है , अपना घर है । पायल भरकर ममता छलके, बिछड़ी-सा लालित्य सुगर है । बिंदिया-सा व्यवहार दमकता, कुमकुम-सा आदर्श... Poetry Writing Challenge-2 · ग़ज़ल 3 116 Share Page 1 Next