पंकज कुमार कर्ण Tag: मुक्तक 50 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पंकज कुमार कर्ण 12 Apr 2024 · 1 min read मुक्तक मुक्तक सुनो हे! जनता , नींद से जागो। मतदान से तू , कभी मत भागो। चुनो , निज सरकार हिंदुस्तानी ; सही बटन दबा,निज वोट दागो। _________________________ स्वरचित; पंकज कर्ण... Hindi · मुक्तक 1 162 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Sep 2023 · 1 min read मुक्तक टूटकर, सब बिखर जाते हैं। टूटकर , वह निखर जाते हैं। जो चोट सहकर,बिन सहारे; टूटकर भी सदा मुस्कुराते हैं। ___________________ स्वरचित सह मौलिक ✍️पंकज कर्ण Hindi · मुक्तक 720 Share पंकज कुमार कर्ण 31 Jul 2023 · 1 min read मुक्तक मुक्तक बाबा के डंडा में है, इतना दम। यूपी में हुआ,कसाई गुंडा कम। कुछ भागे,दुम उठाकर दिल्ली; बाकी बिहार में नाचे,छम-छम। स्वरचित सह मौलिक; ..✍🏻 पंकज कर्ण ...कटिहार(बिहार) Hindi · मुक्तक 1 424 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Apr 2023 · 1 min read मुक्तक मुक्तक '''''''''''''''''''' मूल के चक्कर में,तेरा समूल नष्ट हो जायेगा। आपसी प्रेम से ही , जन कल्याण हो पाएगा। अगर लगे, तू ही महान है, तुझमें महाज्ञान है; तो छोड़... Hindi · मुक्तक 1 421 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Mar 2023 · 1 min read बूझो तो जानें (मुक्तक) बूझो तो जानें (मुक्तक) °°°°°°°°°°°° पहेली यह,बूझो तो जानें। बेचैन है कौन, कुर्सी पाने। हसता उसपर, जग सारा; कुछ जन,निज नेता माने। बदल-बदल, अपना भेष। वह बंदा, जाता है विदेश।... Hindi · मुक्तक 2 263 Share पंकज कुमार कर्ण 15 Jan 2023 · 1 min read रामचरित पे संशय (मुक्तक) कुछ मानस का, रामचरित पे संशय है। हनुमान चालीसा रचने वाले से भय है। हे! बजरंगी, बजरंग बाण मारो इनको; ये सनातनी बाधा,सदा ही स्वार्थमय है। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° स्वरचित सह मौलिक... Hindi · मुक्तक 4 1 340 Share पंकज कुमार कर्ण 14 Sep 2022 · 1 min read मुक्तक मुक्तक """"""""_""""""""""""""""" पावनी 'गंगा' सी पवित्र, 'हिंदी' हमारी। इसकी बोली है , जग में सबसे प्यारी। देवनागरी लिपि से,सदा ये सुसज्जित; इसे अपनाएगी एकदिन,दुनिया सारी। ____________________________ स्वरचित सह मौलिक; ....✍️... Hindi · मुक्तक 4 1 267 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Apr 2022 · 1 min read घर हर कोई , निज 'घर' बनाना चाहे। हर रिश्तों से,सदा दूर जाना चाहे। ईंट व पैसों से , घर तो बन जाती; पर ऐसे घरों में बैठ,भरें सब आहें। Hindi · मुक्तक 2 867 Share पंकज कुमार कर्ण 24 Apr 2022 · 1 min read लिहाज़ लिहाज़ ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ 'लिहाज़' ज़रूरी है, ज़ीवन में। अप्रिय बोलो मत , जो मन में। सबका , आदर करना सीखो; ज़ियो जैसे,फूल हो उपवन में। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° #स्वरचित_सह_मौलिक; .........✍️पंकज 'कर्ण' ...............कटिहार।। Hindi · मुक्तक 3 2 528 Share पंकज कुमार कर्ण 15 Apr 2022 · 1 min read भोर भोर धरा पे फैली है, सूर्य प्रभा चहुंओर; फुदके पपिहा,पंछी और नाचे मोर। लालिमायुक्त छटा, बिखरी है पूरब; जाग मुसाफिर तू भी,हो गई 'भोर'। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° स्वरचित सह मौलिक .....✍️पंकज 'कर्ण'... Hindi · मुक्तक 4 640 Share पंकज कुमार कर्ण 7 Apr 2022 · 1 min read जुनून जुनून ~~~~~~~~~~~~~~~~ 'जुनून' जरूरी है, सदा जीवन में। इससे संशय न पले,कभी मन में। यह तो है,हर सफलता की सीढ़ी; सार्थक हो, दिखे जो अध्ययन में। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° स्वरचित सह मौलिक... Hindi · मुक्तक 1 261 Share पंकज कुमार कर्ण 24 Mar 2022 · 1 min read झिलमिल झिलमिल "झिलमिल-झिलमिल,करते तारे। आसमान में छाए हैं, बहुत सारे। दिवाकर ने छुपा रखा है,दिन में; पर रात में ये दिखते,प्यारे-प्यारे।" ⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐ ©®✍️ पंकज कर्ण >>>>>>>कटिहार। Hindi · मुक्तक 2 1 173 Share पंकज कुमार कर्ण 17 Mar 2022 · 1 min read दामन दामन ___________________________ "सबके दामन में, खुशियां भरा हो। किसी दामन में , ना दाग जरा हो। ढेर सारा प्यार छुपा हो , दामन में; हर माता का दामन,इतना बड़ा हो।"... Hindi · मुक्तक 1 479 Share पंकज कुमार कर्ण 6 Mar 2022 · 1 min read 'यायावर' 'यायावर' ?? "हर यायावर जिंदा होते। भटके जैसे परिंदा होते। निज किस्मत से, कभी; खुद ना ये,शर्मिंदा होते।" ~~~~~~~~~~~~~ ©®✍️पंकज कर्ण ...........कटिहार।। Hindi · मुक्तक 1 667 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Dec 2021 · 1 min read 'बकवास' 'बकवास' मानव -जन को , नहीं आभास। जब करता, किसी का उपहास। समय कहां है, आज किसी को; कि सुन ले कोई,कुछ बकवास। *********************** .....✍️पंकज 'कर्ण' ........... कटिहार।। Hindi · मुक्तक 2 696 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Dec 2021 · 1 min read "शहीद बिपिन रावत" "शहीद बिपिन रावत" ------------------------- वीर शहीद बिपिन रावत। आप थे , जैसे ऐरावत। देश करे , आप पे नाज; सब आपका गुण गावत। ?????? ....✍️पंकज कर्ण ......कटिहार।। Hindi · मुक्तक 4 591 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Dec 2021 · 1 min read "जीवन एक दर्पण हो" "जीवन एक दर्पण हो" --------------------------- हर जीवन , एक दर्पण हो। सबके दिल में समर्पण हो। मानव की हो, सच्ची नीति; देशहित में, सब अर्पण हो। ********************* स्वरचित सह मौलिक;... Hindi · मुक्तक 3 795 Share पंकज कुमार कर्ण 11 Nov 2021 · 1 min read मुंह' है कि 'मटका' है.. 'मुंह' है कि 'मटका' है.. 'मुंह' है कि, 'मटका' है। फिर क्यों , ये लटका है। अब,'काव्य' पढ़े मन से, यदि कुछ भी खटका है। ****************** .......✍️पंकज कर्ण ............कटिहार।। Hindi · मुक्तक 4 2 569 Share पंकज कुमार कर्ण 11 Nov 2021 · 1 min read "जल्दी उठो हे व्रती" "जल्दी उठो हे व्रती" जल्दी उठो, सुबह हुई हे व्रती। छोड़ दो आज,हर कोई सुस्ती। चलो सब घाट पर , देने अर्ध्य; छठी माय पार करेंगे, 'कश्ती'। ______________________ ...✍️पंकज कर्ण... Hindi · मुक्तक 5 6 801 Share पंकज कुमार कर्ण 5 Nov 2021 · 1 min read 'मुक्तक 'मुक्तक' अब तिमिर पे ज्योति टिमटिमा रहा है। शायद, किसी को नहीं अब भा रहा है। तमस पसंद हैं, इस जग में ज्यादा सब; गिद्ध भी अब , मोरनी को... Hindi · मुक्तक 2 1 446 Share पंकज कुमार कर्ण 31 Oct 2021 · 1 min read कर्तव्य का पता कर्तव्य का पता सेवा से निवृत हो , जब माता- पिता। स्नेह से आवृत करो, निज सुत-सुता। पूरा ध्यान रखना तब , तुम ही उनका; सबको सदा रहे, इस कर्तव्य... Hindi · मुक्तक 4 2 450 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Sep 2021 · 1 min read किताब *किताब* (१० मुक्तक) ________________ ....................१.................... लड़ाई-झगड़ा तुम छोड़ो अब। किताब से नाता , जोड़ो अब। हर-पल देगा , तुम्हें यह काम; जल्दी से पढ़ाई कर लो अब। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° ..................२.................... पढ़ो... Hindi · मुक्तक 3 2 776 Share पंकज कुमार कर्ण 20 Sep 2021 · 1 min read "ईश्वर को याद करते जा" "ईश्वर को याद करते जा" (मुक्तक) अब, बस आगे तुम बढ़ते जा। जीवन में तू, अच्छा करते जा। क्या प्रभात है, क्या शुभ रात्रि; ईश्वर को सदा, याद करते जा।... Hindi · मुक्तक 2 665 Share पंकज कुमार कर्ण 17 Sep 2021 · 1 min read नसीहत नसीहत (मुक्तक) °°°°°°°° जनता के कर्म से, नेता सुधरे। माता के करम से, बेटा सुधरे। माने जो बात; पिता की, 'बेटी' तभी हरेक घर की सुता सुधरे। *********************** ......✍️ पंकज... Hindi · मुक्तक 4 619 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Sep 2021 · 1 min read "कलम की शक्ति" कलम की शक्ति (मुक्तक) ******************* हरेक कलम में ही, शक्ति अपार हो। हर लेखन में, सामाजिक सुधार हो। सिर्फ लेखन से ही , होगा कुछ नहीं; यदि लिखने वाला ,... Hindi · मुक्तक 7 845 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Aug 2021 · 1 min read "ये संस्कार है" "ये संस्कार है" (मुक्तक) हर ओर दिखता हाहाकार है। संकट में आज, यह संसार है। धर्म-कर्म ही है, मुसीबत बना; इससे ही, मिला ये संस्कार है। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° ..........✍️ पंकज कर्ण... Hindi · मुक्तक 3 527 Share पंकज कुमार कर्ण 29 Aug 2021 · 1 min read कर्म *कर्म*(मुक्तक) ************* सबके , सपने तो चकनाचूर है। फिर क्यों , सब घमंड में चूर है। मार्गदर्शन , किया ऐसा किसने; कर्म ही तो जिंदगी का दस्तूर है। ************************* ....... Hindi · मुक्तक 4 1 471 Share पंकज कुमार कर्ण 22 Aug 2021 · 1 min read "बीते सावन" बीते सावन (मुक्तक) °°°°°°°°°′°°°°°°°°° बीते सावन , हरबार 'राखी' से। रवि ढले, घर लौटते 'पाखी' से। नियम निराला है ये 'सांसारिक', जीतता न जंग कोई 'साखी' से। ________________________ ....✍️पंकज "कर्ण"... Hindi · मुक्तक 3 881 Share पंकज कुमार कर्ण 31 Jul 2021 · 1 min read "सम्मान होता" सम्मान होता... °°°°°°°°°°°°° वह भी , नही बेईमान होता। अगर,उसमें भी ईमान होता। यदि, स्वार्थी नहीं होता कभी, पाता,जरूर ही सम्मान होता। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° .... ✍️पंकज "कर्ण ...........कटिहार"।। Hindi · मुक्तक 7 314 Share पंकज कुमार कर्ण 30 Jul 2021 · 1 min read "काबिल मत बनो" "काबिल मत बनो" °°°°°°°°°°°°°°°° ज्यादा काबिल, मत बना करो। अपनी बड़ाई, मत किया करो। अब कहां समझदार दिखते हो, समझदारी, मत दिखाया करो। •••••••••••••••••••••••••••••• .. ✍️पंकज "कर्ण" ..........कटिहार।। Hindi · मुक्तक 5 1 772 Share पंकज कुमार कर्ण 21 Jul 2021 · 1 min read "बकरा" "बकरा" ?? ..................१................. बकरा तो हमेशा, घास खाए। मानव बकरा ही, काट खाए। बकरा बेचारा , अब क्या करे, वो सिर्फ कटे और छटपटाए। ....................२................... . वो तो सिर्फ अपना,... Hindi · मुक्तक 7 2 436 Share पंकज कुमार कर्ण 13 Jul 2021 · 1 min read "चुहिया" "चुहिया" ******** चु-चु, करती दिन में चुहिया आती। कभी इधर , कभी उधर छुप जाती। चूहा घुसकर बैठे, अपने बिल , बिल्ली की डर , इसे सदा सताती। .... ✍️पंकज... Hindi · मुक्तक 4 463 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jul 2021 · 1 min read "सड़क पार" "सड़क पार" ???? जब भी तुम्हें जाना हो , सड़क पार। थोड़ा रुककर कर लो, इंतजार। दायें देखो, फिर बायें देखो ; तब तुम जाओ, सड़क के उस पार। =×=×=×=×=×=×=×=×=×=×=×=... Hindi · मुक्तक 5 2 340 Share पंकज कुमार कर्ण 28 Jun 2021 · 1 min read उसकी गलती उसकी गलती ,( मुक्तक) उसकी गलती, जाओ सभी भूल। वह है, एक नन्ही प्यारी सी फूल। उसका मन, हुआ जो मायूस तो; समीक्षक को, कतई नहीं कबूल। ..........✍️ "पंकज कर्ण" Hindi · मुक्तक 7 2 536 Share पंकज कुमार कर्ण 26 Jun 2021 · 1 min read "कवि"@मुक्तक** "कवि"@मुक्तक** ????? किसी को पानी ने कवि बनाया। किसी को माता ने कवि बनाया। कोई कवि बना, अपने कष्ट से, हमको,"विधाता"ने कवि बनाया। स्वरचित सह मौलिक ...... ✍️पंकज "कर्ण" ................कटिहार। Hindi · मुक्तक 6 1 784 Share पंकज कुमार कर्ण 23 Jun 2021 · 1 min read "गरीबी"@मुक्तक*** "गरीबी" @मुक्तक ????? गरीबी , एक बड़ा अभिशाप है। अमीर से मिला एक संताप है। दीन पर रखिए, सदा दया-भाव; गरीब की तौहीन, एक पाप है। ........✍️पंकज "कर्ण" ..............कटिहार।। Hindi · मुक्तक 8 4 546 Share पंकज कुमार कर्ण 21 Jun 2021 · 1 min read "जन्मदिन"(मुक्तक)*** "जन्मदिन" (मुक्तक) ?️?️?️?️?️?️ हरेक साल सबका जन्मदिन आता। जन्मे जन में , ढेरों खुशियां लाता। जब घट जाता, उम्र में से एक साल; क्यों आखिर कोई जन्मदिन मनाता। स्वरचित सह... Hindi · मुक्तक 9 631 Share पंकज कुमार कर्ण 21 Jun 2021 · 1 min read "नशा"@मुक्तक*** "नशा" मुक्तक ** ☠️??☠️ सभी 'नशा' से आप, सदा दूर रहिए। 'नशा' ना करे, ये नशेड़ी से कहिए। शान का नाशक जीवन में 'नशा' है, अब हमें"नशामुक्त"भारत ही चाहिए। .......✍️पंकज... Hindi · मुक्तक 7 560 Share पंकज कुमार कर्ण 20 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक"(वो क्या चाहता)*** "मुक्तक"(वो क्या चाहता) ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ जो ऐसा कर रहा है , आखिर वो क्या चाहता । मुक्त रूप से लिखे सब, किसी का क्या जाता। मगर सबके आस को और प्रयास... Hindi · मुक्तक 5 808 Share पंकज कुमार कर्ण 19 Jun 2021 · 1 min read *मुक्तक* (सुबह-सबेरे) "मुक्तक" (सुबह-सबेरे) ?????? सुबह-सबेरे, तुम उठना सीखो। पूरब की तुम, नित लाली देखो। घूम फिर ताजी हवा अब खाओ, खेतों की वो हरियाली देखो। स्वरचित सह मौलिक .... ✍️पंकज "कर्ण"... Hindi · मुक्तक 5 514 Share पंकज कुमार कर्ण 17 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक"(ढेला) "मुक्तक"(ढेला) ⭐⭐⭐⭐ आम पेड़ पर, नहीं ढेला मारिये। दूर से ही, सब आम को ताड़िये। ढेला अगर लगा, किसी "सर"को, तो फिर जेल में जिंदगी गुजारिये। ........✍️पंकज "कर्ण"? Hindi · मुक्तक 5 6 447 Share पंकज कुमार कर्ण 16 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक"(नारी और पुरुष).. *मुक्तक* नारी अब बहुत कम ही बची है। ये अब, सिर्फ "नारा"हो गया है। अच्छे पुरुष भी कम ही दिखते, लगता ये सब बेचारा हो गया है।.....✍️ स्वरचित सह मौलिक... Hindi · मुक्तक 3 2 622 Share पंकज कुमार कर्ण 15 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक"(जिंदगी).... "मुक्तक" ##### ये जिंदगी भी बड़ी ही अजीब है। कोई अमीर है तो कोई गरीब है। फिर भी दुख तो झेलता सब यहां, जिसके जो अपने अपने नसीब है।....✍️ स्वरचित... Hindi · मुक्तक 6 3 562 Share पंकज कुमार कर्ण 15 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक"(घनघोर वर्षा).... ****मुक्तक**** @@@@@@@ आज बादल चहुं ओर थी। वर्षा हुई बहुत घनघोर थी। जलमग्न हुई है पूरी धरती, यह दृश्य बहुत बेजोड़ थी। .........✍️ स्वरचित सह मौलिक पंकज कर्ण कटिहार। ?8936068909 “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 5 4 600 Share पंकज कुमार कर्ण 13 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक" (अधजल गगरी).... "मुक्तक"... "अधजल गगरी" पूरा भर लो। अधूरे ख्वाब को पूरा कर लो। मत बताओ दुखड़ा किसी को, दूसरों का भी सारा दुख हर लो। स्वरचित सह मौलिक पंकज कर्ण कटिहार। Hindi · मुक्तक 5 349 Share पंकज कुमार कर्ण 13 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक".(खाली दिमाग)... "मुक्तक"... "खाली दिमाग" बुराई का घर है। उसके हर कदम दुखदाई डगर है। दिमाग अपना लगाइए सही जगह, अगर आपको, अपनों की फिकर है। स्वरचित सह मौलिक पंकज कर्ण कटिहार Hindi · मुक्तक 6 305 Share पंकज कुमार कर्ण 12 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक" (एक विधा)... "मुक्तक" ******* मुक्तक भी बड़ी अजीब विधा है। हर कोई इसी काव्य पे फ़िदा है । कोई कुछ भी लिखता हो, मगर; इसे लिखने की अलग ही अदा है। स्वरचित... Hindi · मुक्तक 9 332 Share पंकज कुमार कर्ण 12 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक"..... "मुक्तक* .... शक तो था इसका पहले ही। बाकी था दिलाना यकीन ही। क्यों इस कदर फसते जा रहे, बचाएगा अब कोई हकीम ही। स्वरचित सह मौलिक पंकज कर्ण कटिहार Hindi · मुक्तक 7 524 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jun 2021 · 1 min read किसे क्या "गम" है..... सबकी लेखनी में कितना दम है। कोई नही, किसी से कम है। आखिर, लिखता है कोई क्यों; पता नही, किसे क्या गम है। स्वरचित सह मौलिक पंकज कर्ण कटिहार Hindi · मुक्तक 7 857 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2021 · 1 min read "बरसाती बारात".... मुश्किल यहां, टिकने की बात है। यहां तो , कवियों की बारात है। अरे , नाच रहे है सब यहां , ऐसे ; जैसे, बैसाख में हुई बरसात है। स्वरचित... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 9 2 627 Share