निर्मला कपिला 71 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid निर्मला कपिला 20 Jul 2016 · 1 min read मैं नेता बनूंगा -- कविता--- हास्य व्यंग मैं नेता बनूंगा एक दिन बेटे से पूछा ;बेटा क्या बनोगे?: कौन सा प्रोफेश्न अपनाओगे,किस राह पर जाओगे वह थोडा हिचकिचाया,फिर मुस्कराया और बोला मैं नेता बनूंगा मैं हुआ हैरान... Hindi · कविता 7 9 21k Share निर्मला कपिला 20 Jul 2017 · 1 min read खुशी से जिसे था गले से लगाया। गजल । खुशी से जिसे था गले से लगाया उसी ने मुझे दर्द दे कर रुलाया बहे अश्क तो भी सभी से छुपाए धुंएं का तो उनसे बहाना बनाया भले आजमा ले... Hindi · कविता 6 7 911 Share निर्मला कपिला 20 Jul 2017 · 1 min read गज़ल खुशी से जिसे था गले से लगाया उसी ने मुझे दर्द दे कर रुलाया बहे अश्क तो भी सभी से छुपाए धुंएं का तो उनसे बहाना बनाया भले आजमा ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 477 Share निर्मला कपिला 16 Jul 2016 · 4 min read व्यंग -- बुढापे की चिन्ता समाप्त ये व्यंग 3 /10/10 का है लेकिन इस बार फिर उम्मीद जगी है[ कल सपना जो आया! व्यंग -- बुढापे की चिन्ता समाप्त आज कल मुझे अपने भविष्य की चिन्ता फिर से सताने लगी है। पहले 20 के बाद माँ बाप ने कहा अब जाओ ससुराल। हम... Hindi · कविता 3 3 529 Share निर्मला कपिला 21 Jul 2016 · 1 min read ज़िन्दगी को मनाओ खुशी की तरह--- गज़ल ज़िन्दगी को मनाओ खुशी की तरह झेलो' गम को जरा दिल्लगी की तरह कुछ इनायते' मिली कुछ जलालत सही वक्त आया गया रोशनी की तरह रोज चलता रहा बोझ ढोता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3 548 Share निर्मला कपिला 24 Jul 2016 · 1 min read गज़ल गुलकन्द सी मीठी लगे अन्दाज प्यारा है ---- गज़ल गज़ल गुलकन्द सी मीठी लगे अन्दाज प्यारा है अदावत है लियाकत है मुहब्बत से सँवारा है हमारी प्यास ढूंढे रोज सागर प्यार के गहरे मुशक्कत रूह की कितनी नदारद पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 536 Share निर्मला कपिला 8 Jul 2016 · 1 min read ऎ वरदा ऎ सौभाग्य वती,--- कविता आजादी ऎ वरदा ऎ सौभाग्य वती, तेरे अपने घर मे तेरा व्यपार् तेरा तिरस्कार् तेरी पीडा बड्ती जा रही है. मैं अपनी असमर्थता पर, शर्मसार हूं, लाचार हूं, मैं तेरी... Hindi · कविता 1 2 540 Share निर्मला कपिला 28 Jul 2016 · 1 min read मिड -डे मील ------ कविता मिड -डे मील पुराने फटे से टाट पर स्कूल के पेड के नीचे बैठे हैं कुछ गरीब बस्ती के बच्चे कपडों के नाम पर पहने हैं बनियान और मैली सी... Hindi · कविता 1 2 1k Share निर्मला कपिला 11 Aug 2016 · 1 min read जीवन में कुछ खोया भी ----- गज़ल जीवन में कुछ खोया भी लेकिन ज्यादा पाया भी नफरत की चिंगारी फेंक लोगों ने भड़काया भी उसके शिकवे सुन कर कुछ अपना दर्द सुनाया भी मुझ को डमरू समझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 485 Share निर्मला कपिला 15 Jul 2016 · 14 min read प्रेम सेतु (कहानी ) -----मेरी पुस्तक प्रेम सेतु से प्रेम सेतु (कहानी ) -----मेरी पुस्तक प्रेम सेतु से जीना तो कोइ पटेल परिवार से सीखे1 जीवन रूपी पतँग को प्यार की डोर से गूँथ कर ऐसा उडाया कि आसमान... Hindi · कहानी 1 2 920 Share निर्मला कपिला 12 Jun 2016 · 12 min read कहानी -- वीरबहुटी वीरबहुटी --- कहानी-- निर्मला कपिला साथ सट कर बैठी,धीरे धीरे मेरे हाथों को सहला रही थी । कभी हाथों की मेहँदी कोदेखती कभी चूडियों पर हाथ फेरती, और कभी घूँघट... Hindi · कहानी 1 1 640 Share निर्मला कपिला 3 Sep 2016 · 1 min read देखो न मुझ से रूठ के दिलबर चला गया --- गज़ल देखो न मुझ से रूठ के दिलबर चला गया अब लौट कर न आएगा कहकर चला गया कैसे पकड़ सके जिसे रब ने बचा लिया पैकान से परिंदा जो उड... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 7 592 Share निर्मला कपिला 6 Sep 2016 · 21 min read दोहरे मापदंड --कहानी--- निर्मला कपिला दोहरे मापदंड --कहानी *देख कैसी बेशर्म है? टुकर टुकर जवाब दिये जा रही है।भगवान का शुक्र नहीं करती कि किसी शरीफ आदमी ने इसे ब्याह लिया है। छ: महीने मे... Hindi · कहानी 1 2 647 Share निर्मला कपिला 16 Jun 2016 · 1 min read गज़ल मेरे दिल पे ख्वाबों का पहरा रहा है मुहब्बत को दिल ये तडपता रहा है न तारे से पूछो कभी दर्द उसका जो अम्बर से नीचे ही गिरता रहा है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 251 Share निर्मला कपिला 14 Sep 2016 · 1 min read जीवन में कुछ खोया भी ----- गज़ल जीवन में कुछ खोया भी लेकिन ज्यादा पाया भी नफरत की चिंगारी फेंक लोगों ने भड़काया भी उसके शिकवे सुन कर कुछ अपना दर्द सुनाया भी मुझ को डमरू समझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 324 Share निर्मला कपिला 14 Sep 2016 · 1 min read सूरत से सीरत भली सब से मीठा बोल--- दोहे सूरत से सीरत भली सब से मीठा बोल कहमे से पहले मगर शब्दों मे रस घोल रिश्ते नातों को छोड कर चलता बना विदेश डालर देख ललक बढी फिर भूला... Hindi · दोहा 1 2k Share निर्मला कपिला 20 Sep 2016 · 1 min read कमी हिम्मत में कुछ रखती नहीं मैं------- गज़ल कमी हिम्मत में कुछ रखती नहीं मैं बहुत टूटी मगर बिखरी नहीं मैं बड़े दुख दर्द झेले जिंदगी में मैं थकती हूँ मगर रुकती नहीं मैं खरीदारों की कोई है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3 527 Share निर्मला कपिला 24 Sep 2016 · 1 min read खुद को चोट लगाये कौन ------ गज़ल खुद को चोट लगाये कौन पत्थर से टकराये कौन दिल ये नित नित मांगे और इस दिल को समझाये कौन सब अपनी दुनिया मे मस्त इक दूजे के जाये कौन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 5 724 Share निर्मला कपिला 12 Jul 2016 · 16 min read सुखदा------ कहानी कहानी इस कहानी मे घटनायें सत्य हैं मगर पात्र आदि बदल दिये गये है। ओझा वाली घटना एक पढे लिखे और मेडिकल प्रोफेशन मे काम करने वाले आदमी के साथ... Hindi · कहानी 1 1k Share निर्मला कपिला 13 Jul 2016 · 1 min read मुझे तुमसे या दुनियां से गिला क्या ---- गज़ल -निर्मला कपिला मुझे तुमसे या दुनियां से गिला क्या मिली तकदीर से हम्को सजा क्या बेटियां मां बाप से जब दूर जातीं बिना उनके जिगर मे टूटता क्या घुस आया पाक सीमा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 319 Share निर्मला कपिला 16 Jul 2016 · 12 min read दिल से एक पन्ना------------- संस्मरण दिल से एक पन्ना------------- संस्मरण एक दिन अपनी एमरजेन्सी ड्यूटी पर् थी सुबह से कोई केस नहीं आया था ऐसे मे मैं किताबें पढती रहती या किसी मरीज के रिश्तेदार... Hindi · कविता 1 686 Share निर्मला कपिला 18 Jul 2016 · 1 min read दोहे सब धर्मों से ही बडा देश प्रेम को मान सोने की चिडिया बने भारत देश महान । शाम तुझे पुकार रही सखियाँ करें विलाप पूछ रही रो रो सभी कहाँ... Hindi · दोहा 3 600 Share निर्मला कपिला 18 Jul 2016 · 2 min read माँ की संदूकची -----कविता माँ की संदूकची माँ तेरी सीख की संदूकची, कितना कुछ होता था इस मे तेरे आँचल की छाँव की कुछ कतलियाँ ममता से भरी कुछ किरणे दुख दर्द के दिनों... Hindi · कविता 3 877 Share निर्मला कपिला 19 Jul 2016 · 1 min read निकल कर कहां से ये आई खबर---- गज़ल निकल कर कहां से ये आई खबर मै ज़िन्दा हूँ किस ने उडाई खबर हवा मे हैं सरगोशियां चार सू न दे पर किसी को दिखाई खबर किसी के यहां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 652 Share निर्मला कपिला 13 Jul 2016 · 1 min read गज़ल----- निर्मला कपिला उलझनो को साथ ले कर चल रहे हैं गज़ल----- निर्मला कपिला उलझनो को साथ ले कर चल रहे हैं वक्त की सौगात ले कर छल रहे हैं ढूंढते हैं नित नया सूरज जहां मे ख्वाबों की बारात ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 530 Share निर्मला कपिला 22 Jul 2016 · 1 min read देखो न मुझ से रूठ के दिलबर चला गया --- गज़ल देखो न मुझ से रूठ के दिलबर चला गया अब लौट कर न आएगा कहकर चला गया कैसे पकड़ सके जिसे रब ने बचा लिया पैकान से परिंदा जो उड... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 615 Share निर्मला कपिला 24 Jul 2016 · 2 min read भूख ---- लघु कथा भूख लघु कथा मनूर जैसा काला, तमतमाया चेहरा,धूँयाँ सी मटमैली आँखें,पीडे हुये गन्ने जैसा सूखा शरीर ,साथ मे पतले से बीमार बच्चे का हाथ पकडे वो सरकारी अस्पताल मे डाक्टर... Hindi · लघु कथा 2 1k Share निर्मला कपिला 26 Jul 2016 · 12 min read आस्तित्व ------ कहानी --- निर्मला कपिला आस्तित्व कागज़ का एक टुकडा क्या इतना स़क्षम हो सकता है कि एक पल में किसी के जीवन भर की आस्था को खत्म कर दे1मेरे सामने पडे कागज़् की काली... Hindi · कहानी 3 620 Share निर्मला कपिला 27 Jul 2016 · 6 min read हवा का झोँका - (कहानी ) एक सत्य कथा पर आधारित जो आज भी जीवित हैं लेकिन आज के समय मे ऎसे व्यक्तित्व दुर्लभ मिलेंगे 1 हवा का झोँका - (कहानी ) सोचती हूँ कि लिखने... Hindi · कहानी 5 754 Share निर्मला कपिला 7 Aug 2016 · 8 min read वक्त के पाँव-------------------- (कहानी ) वक्त के पाँव (कहानी ) गाँव की मिट्टी की सोंधी खुश्बू मे जाने कैसी कशिश थी कि इस बार खुद को अपने गाँव भारत आने से रोक नहीं पाई।शादी के... Hindi · कहानी 2 715 Share निर्मला कपिला 8 Aug 2016 · 1 min read वो बच्चों के लिए खुद का निवाला छोड़ देती है -- गज़ल यशोद्धा खाने को मक्खन का प्याला छोड़ देती है न रूठे शाम, हाथों की वो माला छोड़ देती है छठा सावन की लाती है बहारें,झूमता गुलशन धारा पर रूप अपना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 553 Share निर्मला कपिला 13 Aug 2016 · 1 min read रुबाइ गज़ल गुनगुनाने की रातें ----- गज़ल ---- रुबाइ गज़ल गुनगुनाने की रातें उसे हाल दिल का सुनाने की रातें वो छूना छुआना नज़र को बचा कर शरारत अदायें दिखाने की रातें रुहानी मिलन वो जवानी का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 381 Share निर्मला कपिला 14 Aug 2016 · 1 min read हाइकु हाईकु साथ जो छूटा आसमान से जैसे तारा हो टूटा खून पसीना बहाता है किसान फिर दे जान? आँगन मे मेरे आया है मधुमास लेकर आस । अगर देगा रिश्तों... Hindi · हाइकु 4 475 Share निर्मला कपिला 22 Aug 2016 · 1 min read रदीफों की वफा हो हासिलों से---- गज़ल रदीफों की वफा हो हासिलों से गज़ल का नूर होता काफिओं से वही जाते सलामत मंजिलों तक जो करते प्यार हैं अपने परों से न बच्चों को जरा तहज़ीब दें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 566 Share निर्मला कपिला 28 Aug 2016 · 1 min read सजाया ख्वाब काजल सा वो आन्सू बन निकलता है सजाया ख्वाब काजल सा वो आन्सू बन निकलता है उजड जाये अगर गुलशन हमेशा दिल सिसकता है जमाने भर की बातें हैं कई शिकवे गिले दिल के सुनाउं क्या उसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 640 Share निर्मला कपिला 29 Aug 2016 · 9 min read कवच ------कहानी --निर्मला कपिला कवच ------कहानी पडोस के घर के बाहर कोई ऊँचे ऊँचे गालियाँ बक रहा था।मैं बाहर निकली तो देखा उनका दामाद दीपक था जो नशे मे था और उनके दरवाजे के... Hindi · कहानी 533 Share निर्मला कपिला 30 Aug 2016 · 1 min read अगरचे मैला साधू संत का किरदार हो जाये---- गज़ल अगरचे मैला साधू संत का किरदार हो जाये तो मजहब धर्म सब उसके लिये व्यापार हो जाए लडाई हक की जो लडता रहा ताउम्र दुनिया मे वो आने वाली नस्लों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 353 Share निर्मला कपिला 16 Jun 2016 · 1 min read गज़ल हम तो सुध बुध ही भूल जाते हैं वो नजर से नजर कभी मिलाते हैं कौन उल्फत की बात करता है लोग मतलव से आते' जाते है काट दी ज़िंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 426 Share निर्मला कपिला 30 Jun 2016 · 1 min read दोहे जीवन मे माँ से बडा और नही वरदान माँ चरणों की धूल ले खुश होंगे भगवान। 2 भारत की गरिमा बचा कर के सोच विचार भगत सिंह,आज़ाद का सपना कर... Hindi · दोहा 3 530 Share निर्मला कपिला 30 Jun 2016 · 1 min read इस दानव को मानव कहलाने दो --- कविता कविता इस दानव को मानव कहलाने दो मेरी तृ्ष्णाओ,मेरी स्पर्धाओ, मुझ से दूर जाओ, अब ना बुलाओ कर रहा, मन मन्थन चेतना मे क्र्न्दन् अन्तरात्मा में स्पन्दन मेरी पीःडा मेरे... Hindi · कविता 422 Share निर्मला कपिला 30 Jun 2016 · 13 min read कहानी अनन्त आकाश ------- वीरबहुटी संग्रह से कहानी ये कहानी भी मेर पहले कहानी संग्रह् वीरबहुटी मे से है कई पत्रिकाओं मे छप चुकी है और आकाशवाणी जालन्धर पर भी मेरी आवाज मे प्रसारित हो चुकी है।... Hindi · कहानी 1 442 Share निर्मला कपिला 30 Jun 2016 · 13 min read कहानी अनन्त आकाश --- कहानी संग्र्ह वीरबहुटी से कहानी --- लेखिका निर्मला कपिला ये कहानी भी मेर पहले कहानी संग्रह् वीरबहुटी मे से है कई पत्रिकाओंओं मे छप चुकी है और आकाशवाणी जालन्धर पर भी मेरी आवाज मे... Hindi · कहानी 1 2k Share निर्मला कपिला 29 Jun 2016 · 1 min read सामने सच के चुप राहाहूँ मैं सामने सच के चुप रहा हूँ मै झूठ के साथ पर लडा हूँ मै मुस्कराहट भले हो चेहरे पर रूह से पर कहीं बुझा हूँ मैं जाएगा दूर किस तरह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 555 Share निर्मला कपिला 29 Jun 2016 · 1 min read ज़िंदगी का रहा तल्ख़ सा ये सफर ज़िंदगी का रहा तल्ख़ सा ये सफरु धूप में भी मिला कब जहां में शजर दर्द कहते तो कहते किसे हम यहाँ कर लिया हमने पत्थर का अपना जिगर आँधियाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 212 Share निर्मला कपिला 29 Jun 2016 · 1 min read मुस्कुराता हूँ तो गम बढ़ता नहीं मुस्कुराता हूँ तो गम बढता नही डर से आंसू ही मेरा निकला नहीं प्यार में रुसवा हो तो औरत ही क्यों मर्द पे इल्जाम क्यों लगता नहीं लूटने रहबर लगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 224 Share निर्मला कपिला 29 Jun 2016 · 1 min read घर बिना विशवास के चलता नहीं घर बिना विशवास के चलता नहीं 1----- घर बिना विशवास के चलता नहीं आजमाना अपनों को अच्छा नहीं ज़िंदगी की तल्खियों के खौफ से मुस्कुराता हूँ कभी डरता नहीं छाँव... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 334 Share निर्मला कपिला 30 Jun 2016 · 1 min read वो करना है जो ठाना है -- गज़ल् वो करना है जो ठाना है हर मुश्किल से टकराना है जिस धरती पर है जन्म लिया उसका भी कर्ज चुकाना है दीन दुखी की सेवा करके अब मानव धर्म... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 395 Share निर्मला कपिला 16 Jun 2016 · 1 min read गज़ल दर्द ग़ज़लों में गुनगुनाते है चोट खा कर भी मुस्कुराते है। फासला मौत से नहीं ज्यादा ये बुढ़ापे में डर सताते हैं दुश्मनों पे न शक करो यारो तीर अपने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 500 Share निर्मला कपिला 16 Jun 2016 · 1 min read दोहे सूरत से सीरत भली सब से मीठा बोल कहमे से पहले मगर शब्दों मे रस घोल रिश्ते नातों को छोड कर चलता बना विदेश डालर देख ललक बढी फिर भूला... Hindi · दोहा 484 Share निर्मला कपिला 15 Jun 2016 · 12 min read कहानी -----कसौटी ज़िन्दगी की कसौटी रिश्ते की --कहानी उनकी आँखों से आँसूओं का सैलाब थमने का नाम ही नही ले रहा था।मै उनको रोकना भी नही चाहती थी------- आज उनके दर्द को बह जाने... Hindi · कहानी 871 Share Page 1 Next