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Comments (5)

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वाह ।

बहुत ख़ूब

9 Aug 2016 05:46 PM

वाह्ह्ह्ह् बहुत उम्दा । नमन ।

8 Aug 2016 06:32 PM

VAvah khub

8 Aug 2016 04:56 PM

सहो चाहे जमाने भर के ताने भी मगर फिर भी
कही अपनों की चुभती बात छाला छोड़ देती है

वाह वाहहहहहहहहहहहहहहहहहहह
बेहद उम्दा
अनुपम चिंतन,,,, लेखनी को नमन !!

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