निकेश कुमार ठाकुर Language: Hindi 76 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid निकेश कुमार ठाकुर 6 Jun 2021 · 1 min read स्वच्छंद कला। स्वच्छंद कला। मैं कला हूं। मुझमें कोई विकार नहीं, मुझमें कोई अहंकार नहीं, मुझमें कोई वासना नहीं, मेरी कोई याचना नहीं, मैं अतुल्य हूं। मैं सबके मन में रमती हूं,... Hindi · कविता 5 2 987 Share निकेश कुमार ठाकुर 3 Jun 2021 · 1 min read बादल को बरसते देखा। बादल को बरसते देखा बूंद-बूंद की प्यास लिए धरती को तरसते देखा, बहुत दिनों बाद मैंने बादल को बरसते देखा। ये वन, ये पवन, ये नयन मनुजों-चतुष्पदों के विचलित, बहुत... Hindi · कविता 3 4 1k Share निकेश कुमार ठाकुर 25 May 2022 · 1 min read कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें। कशमकश भरी इस जिन्दगी से दूर, चलो कुछ पल के लिए हम निकलें, कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें। पलभर की है ये जिंदगानी, पलभर की ये जवानी है। फिर... Hindi · कविता 6 6 1k Share निकेश कुमार ठाकुर 4 Jun 2021 · 1 min read यह वक्त भी गुजर जाएगा। "यह वक्त भी गुजर जाएगा।" यह वक्त भी गुजर जाएगा। कुछ पल का कठिन दौर है, आगे एक नया मोड़ है। बस राह भटकना न राही! कुछ दूर तलक यह... Hindi · कविता 6 6 897 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Jun 2021 · 1 min read समय। समय। यह समय--- वापस नहीं आएगा फिर, पछताएंगे हम--- जब मुड़कर देखेंगे अतीत की ओर। मलेंगे हाथ अपनी अकर्मण्यता पर, पर नहीं होगा कुछ पास तब, सिवाय पछतावे के। ढूंढेंगे... Hindi · कविता 6 9 634 Share निकेश कुमार ठाकुर 26 Jan 2022 · 1 min read वसंतोत्सव वसंतोत्सव कुहू कुहू है कोयल करती, मस्त मगन हो नाचे मोर। देखो फिर आ गया वसंत, प्रकृति गाये चारों ओर।। कल-कल करता झरना बहता, मधुर संगीत सुनाता है। शीतल मंद... Hindi · कविता 7 8 689 Share निकेश कुमार ठाकुर 15 May 2022 · 1 min read मिट्टी की कीमत मिट्टी की कीमत क्या होती है मातृभूमि ये, माँ का बेटा ही पहचाने। वतन फरोशी करने वाले, मिट्टी की कीमत न जाने।। गद्दारी रग-रग में जिनके, चाटुकारिता और मक्कारी है।... Hindi · कविता 9 14 620 Share निकेश कुमार ठाकुर 15 Jun 2021 · 1 min read बडे़ दिनों बाद फिर उसे मेरी याद आई। बडे़ दिनों बाद फिर उसे मेरी याद आई, प्यार का पैगाम आया और भी सौगात आई। न जाने किस डगर की किस गली में खो चुके थे, जब मिले तो... Hindi · मुक्तक 7 3 503 Share निकेश कुमार ठाकुर 20 Feb 2022 · 1 min read हाल-ए-दिल क्या बताऊँ तुमको,अपना हाल-ए-दिल, दूर से न पूछ,कभी तो पास आके मिल। आईने की तरह साफ है मेरा ये फसाना, पढ़ना शौक से इस दिल का अफ़साना।। पन्ने-पन्ने में इश्क... Hindi · कविता 2 503 Share निकेश कुमार ठाकुर 21 Feb 2022 · 1 min read पासबाँ अपनी कृपा बरसाने वाले,बिगड़ी बात बनाने वाले, माया के संसार में सब ,भटके को राह दिखाने वाले, ओ इंसानियत के पासबाँ,तुमसे ही रौशन ये जहाँ, हम सब तो बस प्यादे... Hindi · मुक्तक 2 484 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Jun 2021 · 1 min read बड़ी ख्वाहिश थी उसकी मुझे बदनाम करने की। बड़ी ख्वाहिश थी उसकी मुझे बदनाम करने की, मेरी हर राज़ की बातें सरेआम करने की। मेरी जिद थी करूं पूरी मैं उसकी इस तमन्ना को, वो धुन में थी... Hindi · मुक्तक 7 4 497 Share निकेश कुमार ठाकुर 15 Feb 2022 · 1 min read "नेह" तेरी आंचल की छाया में जैसा स्नेह मिलता है, दुनियाँ में कहीं और कहाँ,वैसा नेह मिलता है। महान है मेरी जननी, और जन्मभूमि,जहाँ में, तेरी ममता से बड़ा कहाँ ऐसा... Hindi · मुक्तक 459 Share निकेश कुमार ठाकुर 18 Sep 2021 · 1 min read करो कुछ काम ऐसा कि जिंदगी को नाज हो, करो कुछ काम ऐसा कि जिंदगी को नाज हो, चाहे न गद्दी मिले,न ही सर पर ताज हो। भावना उपकार की हो,मीत की हो, प्यार की हो, न दिल में... Hindi · मुक्तक 4 2 453 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Mar 2022 · 1 min read रूह वो वादे याद आते हैं,वो कसमें याद आती है, न जाने क्यों मुझे ये दिन,न ये रातें सुहाती है। जो तूने रूह को मेरे,दुखाया जख्म दे-देकर, वो लम्हें याद आते... Hindi · मुक्तक 2 478 Share निकेश कुमार ठाकुर 6 Feb 2022 · 1 min read ये कैसा इंतजार ये कैसा इंतजार ये कैसा है इंतजार? दिल को तेरा ही इंतजार। बीता सावन बीती रैना, तेरी याद में छलके नैना। रो-रो कर दिल तुझे पुकारे, अब तो आ जाओ... Hindi · कविता 3 2 433 Share निकेश कुमार ठाकुर 15 Jun 2022 · 1 min read नफ़्स होके दूर तुमसे मेरा ये दिल जलता रहा, तेरी याद में मेरी नफ़्स भी तड़पती रही। तेरी दोस्ती से ही आबाद थी दुनिया मेरी, जाने क्यों तुम अपने वादों से... Hindi 4 2 439 Share निकेश कुमार ठाकुर 9 Mar 2022 · 1 min read अदा उनकी अदा पर जान निसार कर बैठा, बातों ही बातों में उनसे प्यार कर बैठा। होके बेखबर इससे,वो हमको देखते रहे, मिली नजर तो नजरों ने,दीदार कर बैठा।। रचना- पूर्णतः... Hindi · मुक्तक 1 2 443 Share निकेश कुमार ठाकुर 17 Mar 2022 · 1 min read तृष्णा जीवन में मृग सम तृष्णा पाले, जग में भटक रहा सारा इंसान। वर्चस्व की स्पर्धा करता हरदम, खो रहा मानवता की पहचान। 🌻🌻🌻🌻🌻 रचना- मौलिक एवं स्वरचित निकेश कुमार ठाकुर... Hindi · मुक्तक 3 413 Share निकेश कुमार ठाकुर 23 Apr 2022 · 1 min read अल्फ़ाज दिल की बात अल्फ़ाज़ों में बता न सके, गुजारे हुए पलों को हम भी भुला न सके। बदल गए हालात और बढ़ती गई नफरतें, हजारों जख्म भी आंखों को भीगा... Hindi 1 434 Share निकेश कुमार ठाकुर 19 Jan 2022 · 1 min read गणतंत्र दिवस प्रत्येक वर्ष छब्बीस जनवरी को, हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं। आजाद वतन के संविधान का, सुखद शुभग गुण गाते हैं।। कितने अगणित बलिदानों ने, स्वतंत्रता का है दान दिया। छीन... Hindi · कविता 1 395 Share निकेश कुमार ठाकुर 10 Mar 2022 · 1 min read माँ माँ माँ की ममता से बढ़कर, और कुछ अनमोल नहीं, माता-पिता के स्नेह का, जगत में कोई मोल नहीं।। नौ मास तक रखे गर्भ में, रक्षा कर हर मुश्किल से,... Hindi · कविता 396 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Feb 2022 · 1 min read फ़ुर्क़त उसकी अहमियत को मैंने फ़ुर्क़त के बाद जाना, जबतक थी वो पास मेरे, दिल ने न पहचाना। उसके रूप की वो सादगी,वो मुस्कान चेहरे की, अदा हर वक़्त हँसने की,बना... Hindi · मुक्तक 1 372 Share निकेश कुमार ठाकुर 23 Mar 2022 · 1 min read शहादत तेरी शहादत को यह देश भूल नहीं पाएगा, तूने जो कर दिखाया भला कौन दिखाएगा। हँसते-हँसते लगा लिए गले मौत को तुमने, तू ही मातृभूमि का सच्चा सपूत कहलायेगा।। रचना-... Hindi · मुक्तक 1 340 Share निकेश कुमार ठाकुर 21 Feb 2022 · 1 min read चिलमन चिलमन में भी बहार आ जाए, तू जो हँस दे तो प्यार आ जाए। बिखर जाए खुशबू इन बहारों में, गर मेरे यार तू एकबार आ जाए।। स्वरचित सह मौलिक... Hindi · मुक्तक 1 334 Share निकेश कुमार ठाकुर 31 Dec 2021 · 1 min read "बात दिल में छुपी जो जताया करो।" बात दिल में छुपी जो जताया करो, यूँ न हमको कभी आजमाया करो। न छुप-छुप के देखो मुझे गौर से, कभी तो सामने आ भी जाया करो।। क्यूँ नजरें चुराते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 354 Share निकेश कुमार ठाकुर 30 Mar 2022 · 1 min read परछाई तुम दिल की धड़कन में,तुम ही श्वासों में, तुम ही तुम हो मेरे दिन,और मेरी रातों में। तुम ही मेरी अभिलाषा,तू जीने की आस, परछाई बनकर सदा ,तुम रहना मेरे... Hindi · मुक्तक 2 334 Share निकेश कुमार ठाकुर 14 Sep 2022 · 1 min read खास लम्हें तुझे जब देखता हूँ तो दिल को एहसास होता है, तू मेरे आस-पास है शायद,यही आभास होता है। निगाहें इश्क तुमपर से,हटाये भी नहीं हटती, तेरे दीदार का वो लम्हा... Hindi 7 3 362 Share निकेश कुमार ठाकुर 23 Jan 2022 · 1 min read पतंग पतंग देखो-देखो उड़ी पतंग, आसमान में उड़ी पतंग। कभी ऊपर,नीचे कभी, दाएँ-बाएँ उड़ी पतंग।। लगी हुई धागे की डोर, बड़ी लंबी है इसकी छोर। धीरे-धीरे धरती को छोड़, आसमान में... Hindi · कविता 2 2 313 Share निकेश कुमार ठाकुर 9 Feb 2022 · 1 min read हमदम तू ही आरजू है और तू ही जुस्तजू है मेरी, हर घड़ी हर पहर,मुझको बस तमन्ना है तेरी। तेरे बिन दुनियाँ में अब और क्या हमारा है? मेरे हमदम! तू... Hindi · मुक्तक 308 Share निकेश कुमार ठाकुर 11 Apr 2022 · 1 min read दाता तू ही सबका कर्म है लिखता,बिगड़े भाग्य बनाता है, तेरी कृपा दृष्टि हो जिसपे,वो भव सागर तर जाता है। तेरा सुमिरन करते निसदिन,जपते हैं जो तेरा नाम, सबके दाता हृदय... Hindi · मुक्तक 4 3 316 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Jan 2022 · 1 min read ठाकुर! पकड़ कलम, और कर दे रस का संचार । जब मैने देखा महामारी की मार, झेल रहे लोग कर रहे हाहाकार, तब दिल ने कहा, ठाकुर! पकड़ कलम, और कर दे जन-जीवन में रस का संचार।। मौलिक एवं स्वरचित... Hindi · मुक्तक 4 3 276 Share निकेश कुमार ठाकुर 13 Mar 2022 · 1 min read इल्जाम प्यार की राह पे जरा संभल के चलना, न किस्सा ये कहीं,सरेआम हो जाए। कहीं लग न जाए रोग तुम्हें इश्क का, और मेरे ही सर पर इल्जाम आ जाए।... Hindi · मुक्तक 2 249 Share निकेश कुमार ठाकुर 23 Apr 2022 · 1 min read लिहाज़ लबों की ख़ामोशी को कमजोरी न समझना, बस लिहाज़ करते हैं इसे मजबूरी न समझना। भले हों दोनों के विचारों में सदियों का अंतर, पर इसे इंसान से इंसान की... Hindi · मुक्तक 1 244 Share निकेश कुमार ठाकुर 26 Apr 2022 · 1 min read मासूम बहुत मासूम है ये दिल,बहुत नादान है ये, प्यार और इश्क की बातों से अंजान है ये। खबर है न पता कोई जमाने की उसूलों का, जमाने भर की व्यंग्यों... Hindi · मुक्तक 1 249 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Mar 2022 · 1 min read जननी हे जननी जन्मभूमि तू स्वर्ग से भी महान है, पूत या कपूत हों पर,सब तेरे ही संतान हैं। चाह हृदय में लिए हुए,नित तेरा ही गुण गाऊं, जीवन के अंतिम... Hindi · मुक्तक 3 2 242 Share निकेश कुमार ठाकुर 15 Mar 2022 · 1 min read दामन तेरे दामन में कभी दाग लगने नहीं देंगे, ऐ जन्मभूमि! हम तुझे मिटने नहीं देंगे। खुद को मिटाकर भी,तेरी शान लिखेंगे, लहू के कतरे से पूरा हिंदुस्तान लिखेंगे।। रचना- मौलिक... Hindi · मुक्तक 1 253 Share निकेश कुमार ठाकुर 22 Mar 2022 · 1 min read कविता कवि की कल्पना जब लेखनी से प्रस्फुटित होती, भावों में बहकर उद्गारें वनिता का स्वरूप लेती हैं। मन के सागर को मथकर,शब्दों के निकले अमृत, होती है रस की संचारें... Hindi · मुक्तक 253 Share निकेश कुमार ठाकुर 14 Feb 2022 · 1 min read "मेरा प्यार " हो न पाए रात जब तारों से रौशन, तो कुछ रौशनी उधार लिए आना। जगमगाती चांदनी रात में जब मेरी, याद आए तो"मेरा प्यार"लिए आना।। ????? रचना- पूर्णतः मौलिक एवं... Hindi · मुक्तक 2 216 Share निकेश कुमार ठाकुर 25 Feb 2022 · 1 min read उल्फ़त जहाँ जाओ मेरी उल्फ़त,तुम्हारे साथ जाएगी, मेरा साया भी जायेगा,मुहब्बत साथ जाएगी। बिताए साथ जो लम्हें,किये थे कसमें-वादे जो, वो पल,यादों के वो लम्हें,तुम्हारे साथ जाएगी।। ????? रचना- पूर्णतः मौलिक... Hindi · मुक्तक 3 211 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Jun 2021 · 1 min read मैं जब से उसके पहलू में आ बैठा। मैं जब से उसके पहलू में आ बैठा, दुनिया के सारे गम भुला बैठा, वह तमन्ना लिए बैठे रहे,हमें गमगीन करने की, मेरी थोड़ी सी हरकत से वो भी मुस्कुरा... Hindi · मुक्तक 3 216 Share निकेश कुमार ठाकुर 10 Feb 2022 · 1 min read अगर तुम न होते अगर तुम न होते जीवन ये मेरा, अधूरा ही रहता, जीवन में मेरे ,अगर तुम न होते । मुहब्बत की अपनी अधूरी कहानी पूरी न होती ,अगर तुम न होते... Hindi · कविता 218 Share निकेश कुमार ठाकुर 16 Feb 2022 · 1 min read स्नेह जब भी तेरा स्नेह मिले,जीवन हो जाए कुसुमित, तप्त हृदय का कोना-कोना भी हो जाए पुलकित। आनंद हृदय,प्रफुल्लित मन से गीत सदा मैं गाऊँ, हे जगदंबे!तेरी चरण में, मैं अपना... Hindi · मुक्तक 1 208 Share निकेश कुमार ठाकुर 24 Feb 2022 · 1 min read मनोरथ एक मनोरथ- जो सदियों से मैंने, मन में संजोये थे, जाने कितनी बार इसके लिए रोये थे, बड़ी उम्मीद थी होगी ,कभी तो ये पूरी, बदकिस्मती से यह भी रह... Hindi · कविता 2 223 Share निकेश कुमार ठाकुर 15 Feb 2022 · 1 min read होली होली गोकुल की गलियों में,मची होली की धूम। मस्त मगन हो नांचे गाए,सभी रहे हैं झूम।।१।। राधिका प्यारी खेले,सांवरिया के साथ होली के रंगों से रंगे,सबने अपने हाथ।।२।। ???? रचना-... Hindi · दोहा 1 222 Share निकेश कुमार ठाकुर 16 Mar 2022 · 1 min read उम्मीद बड़े मंसूबे लेकर साथ चले इश्क में तेरे, मेरे हमसफर मुझसे दूर कभी होना नहीं। मेरी उम्मीद की कश्ती,अब है तेरे हवाले, नादानियों के समंदर में इसे डुबोना नहीं।। 🌻🌻🌻🌻🌻... Hindi · मुक्तक 2 203 Share निकेश कुमार ठाकुर 7 Feb 2022 · 1 min read शकेबा तुझे मालूम क्या तुझको मैं कितना याद करता हूँ, तेरा दीदार हो जल्दी यही फरियाद करता हूँ। मेरे दिलदार तूं नादान है जमाने के उसूलों से शकेबा टूटता जा रहा... Hindi · मुक्तक 1 195 Share निकेश कुमार ठाकुर 23 Mar 2022 · 1 min read फ़ासला ये कैसे फ़ासले हैं क्यूं हैं ये दूरियां, क्या है बता तेरी ऐसी मजबूरियां? यूं न सताओ,जरा पास तो आओ, फ़ासला रहे न हमदोनों के दरमियाँ।। रचना- मौलिक एवं स्वरचित... Hindi · मुक्तक 2 192 Share निकेश कुमार ठाकुर 22 Apr 2022 · 1 min read शबनम देखो शबनम की बूँदें प्यार बरसाती है, तप्त धरा भी हुई हरा मन को हर्षाती है। बागों में हरियाली,खिले पुष्प पौधों पर, मधुकर की पंक्ति भी देखो मीठा गाती है।।... Hindi · मुक्तक 1 244 Share निकेश कुमार ठाकुर 19 Feb 2022 · 1 min read साँझ जो रखते हैं चाहत,इतिहास रचने की, वो परिस्थितियाँ,देख आह नहीं भरते। हर घड़ी हर पहर,रहते पथ पर अग्रसर, भोर और साँझ की परवाह नहीं करते।। ????? रचना- मौलिक एवं स्वरचित... Hindi · मुक्तक 2 201 Share निकेश कुमार ठाकुर 13 Feb 2022 · 1 min read इजहारे मुहब्बत "इजहारे मुहब्बत" नजर से नजर मिली, दिल को करार हुआ। कुछ वो बोली,कुछ मैं बोला, हमदोनों में इकरार हुआ।। वो इठलाई वो इतराई, शरमाकर मेरे पास आई। उसके कदमों की... Hindi · कविता 1 187 Share Page 1 Next