निकेश कुमार ठाकुर 77 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid निकेश कुमार ठाकुर 15 May 2022 · 1 min read मिट्टी की कीमत मिट्टी की कीमत क्या होती है मातृभूमि ये, माँ का बेटा ही पहचाने। वतन फरोशी करने वाले, मिट्टी की कीमत न जाने।। गद्दारी रग-रग में जिनके, चाटुकारिता और मक्कारी है।... Hindi · कविता 9 14 619 Share निकेश कुमार ठाकुर 14 Sep 2022 · 1 min read खास लम्हें तुझे जब देखता हूँ तो दिल को एहसास होता है, तू मेरे आस-पास है शायद,यही आभास होता है। निगाहें इश्क तुमपर से,हटाये भी नहीं हटती, तेरे दीदार का वो लम्हा... Hindi 7 3 359 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Jun 2021 · 1 min read बड़ी ख्वाहिश थी उसकी मुझे बदनाम करने की। बड़ी ख्वाहिश थी उसकी मुझे बदनाम करने की, मेरी हर राज़ की बातें सरेआम करने की। मेरी जिद थी करूं पूरी मैं उसकी इस तमन्ना को, वो धुन में थी... Hindi · मुक्तक 7 4 495 Share निकेश कुमार ठाकुर 15 Jun 2021 · 1 min read बडे़ दिनों बाद फिर उसे मेरी याद आई। बडे़ दिनों बाद फिर उसे मेरी याद आई, प्यार का पैगाम आया और भी सौगात आई। न जाने किस डगर की किस गली में खो चुके थे, जब मिले तो... Hindi · मुक्तक 7 3 502 Share निकेश कुमार ठाकुर 26 Jan 2022 · 1 min read वसंतोत्सव वसंतोत्सव कुहू कुहू है कोयल करती, मस्त मगन हो नाचे मोर। देखो फिर आ गया वसंत, प्रकृति गाये चारों ओर।। कल-कल करता झरना बहता, मधुर संगीत सुनाता है। शीतल मंद... Hindi · कविता 7 8 687 Share निकेश कुमार ठाकुर 4 Jun 2021 · 1 min read यह वक्त भी गुजर जाएगा। "यह वक्त भी गुजर जाएगा।" यह वक्त भी गुजर जाएगा। कुछ पल का कठिन दौर है, आगे एक नया मोड़ है। बस राह भटकना न राही! कुछ दूर तलक यह... Hindi · कविता 6 6 896 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Jun 2021 · 1 min read समय। समय। यह समय--- वापस नहीं आएगा फिर, पछताएंगे हम--- जब मुड़कर देखेंगे अतीत की ओर। मलेंगे हाथ अपनी अकर्मण्यता पर, पर नहीं होगा कुछ पास तब, सिवाय पछतावे के। ढूंढेंगे... Hindi · कविता 6 9 632 Share निकेश कुमार ठाकुर 26 Sep 2021 · 1 min read पठतु संस्कृतं नित्यं वदतु संस्कृतं सदा। पठतु संस्कृतं नित्यं वदतु संस्कृतं सदा। कृत्वा जीवनं सरसं सानन्दं भवतु सर्वदा।। चिन्तयतु संस्कृतं नित्यं लिखतु संस्कृतं सदा। गायतु संस्कृतं नित्यं सरला सरसा मनोहरा।। 🖋 निकेश कुमार ठाकुर सं०-9534148597 Sanskrit · श्लोक 6 4 581 Share निकेश कुमार ठाकुर 25 May 2022 · 1 min read कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें। कशमकश भरी इस जिन्दगी से दूर, चलो कुछ पल के लिए हम निकलें, कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें। पलभर की है ये जिंदगानी, पलभर की ये जवानी है। फिर... Hindi · कविता 6 6 1k Share निकेश कुमार ठाकुर 6 Jun 2021 · 1 min read स्वच्छंद कला। स्वच्छंद कला। मैं कला हूं। मुझमें कोई विकार नहीं, मुझमें कोई अहंकार नहीं, मुझमें कोई वासना नहीं, मेरी कोई याचना नहीं, मैं अतुल्य हूं। मैं सबके मन में रमती हूं,... Hindi · कविता 5 2 985 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Jan 2022 · 1 min read ठाकुर! पकड़ कलम, और कर दे रस का संचार । जब मैने देखा महामारी की मार, झेल रहे लोग कर रहे हाहाकार, तब दिल ने कहा, ठाकुर! पकड़ कलम, और कर दे जन-जीवन में रस का संचार।। मौलिक एवं स्वरचित... Hindi · मुक्तक 4 3 274 Share निकेश कुमार ठाकुर 11 Apr 2022 · 1 min read दाता तू ही सबका कर्म है लिखता,बिगड़े भाग्य बनाता है, तेरी कृपा दृष्टि हो जिसपे,वो भव सागर तर जाता है। तेरा सुमिरन करते निसदिन,जपते हैं जो तेरा नाम, सबके दाता हृदय... Hindi · मुक्तक 4 3 313 Share निकेश कुमार ठाकुर 15 Jun 2022 · 1 min read नफ़्स होके दूर तुमसे मेरा ये दिल जलता रहा, तेरी याद में मेरी नफ़्स भी तड़पती रही। तेरी दोस्ती से ही आबाद थी दुनिया मेरी, जाने क्यों तुम अपने वादों से... Hindi 4 2 436 Share निकेश कुमार ठाकुर 31 Dec 2021 · 1 min read "बात दिल में छुपी जो जताया करो।" बात दिल में छुपी जो जताया करो, यूँ न हमको कभी आजमाया करो। न छुप-छुप के देखो मुझे गौर से, कभी तो सामने आ भी जाया करो।। क्यूँ नजरें चुराते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 354 Share निकेश कुमार ठाकुर 18 Sep 2021 · 1 min read करो कुछ काम ऐसा कि जिंदगी को नाज हो, करो कुछ काम ऐसा कि जिंदगी को नाज हो, चाहे न गद्दी मिले,न ही सर पर ताज हो। भावना उपकार की हो,मीत की हो, प्यार की हो, न दिल में... Hindi · मुक्तक 4 2 450 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Mar 2022 · 1 min read जननी हे जननी जन्मभूमि तू स्वर्ग से भी महान है, पूत या कपूत हों पर,सब तेरे ही संतान हैं। चाह हृदय में लिए हुए,नित तेरा ही गुण गाऊं, जीवन के अंतिम... Hindi · मुक्तक 3 2 241 Share निकेश कुमार ठाकुर 17 Mar 2022 · 1 min read तृष्णा जीवन में मृग सम तृष्णा पाले, जग में भटक रहा सारा इंसान। वर्चस्व की स्पर्धा करता हरदम, खो रहा मानवता की पहचान। 🌻🌻🌻🌻🌻 रचना- मौलिक एवं स्वरचित निकेश कुमार ठाकुर... Hindi · मुक्तक 3 412 Share निकेश कुमार ठाकुर 3 Jun 2021 · 1 min read बादल को बरसते देखा। बादल को बरसते देखा बूंद-बूंद की प्यास लिए धरती को तरसते देखा, बहुत दिनों बाद मैंने बादल को बरसते देखा। ये वन, ये पवन, ये नयन मनुजों-चतुष्पदों के विचलित, बहुत... Hindi · कविता 3 4 999 Share निकेश कुमार ठाकुर 25 Feb 2022 · 1 min read उल्फ़त जहाँ जाओ मेरी उल्फ़त,तुम्हारे साथ जाएगी, मेरा साया भी जायेगा,मुहब्बत साथ जाएगी। बिताए साथ जो लम्हें,किये थे कसमें-वादे जो, वो पल,यादों के वो लम्हें,तुम्हारे साथ जाएगी।। ????? रचना- पूर्णतः मौलिक... Hindi · मुक्तक 3 210 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Jun 2021 · 1 min read मैं जब से उसके पहलू में आ बैठा। मैं जब से उसके पहलू में आ बैठा, दुनिया के सारे गम भुला बैठा, वह तमन्ना लिए बैठे रहे,हमें गमगीन करने की, मेरी थोड़ी सी हरकत से वो भी मुस्कुरा... Hindi · मुक्तक 3 215 Share निकेश कुमार ठाकुर 6 Feb 2022 · 1 min read ये कैसा इंतजार ये कैसा इंतजार ये कैसा है इंतजार? दिल को तेरा ही इंतजार। बीता सावन बीती रैना, तेरी याद में छलके नैना। रो-रो कर दिल तुझे पुकारे, अब तो आ जाओ... Hindi · कविता 3 2 433 Share निकेश कुमार ठाकुर 28 Jan 2024 · 1 min read मौन तुम्हारे मौन को पाकर, हृदय भयभीत होता है। भला ऐसा कहीं जग में, कोई मनमीत होता है। जहां पर प्रीत बसती है, बेरूखी भी वहीं होती। कभी दिल हारता है... Hindi 2 1 187 Share निकेश कुमार ठाकुर 19 Jan 2022 · 1 min read मूल्य स्वयं के मूल्यों को पहचानें।स्वयं के सिवा कोई आपका मूल्यांकन नहीं कर सकता।। निकेश कुमार ठाकुर Hindi · कोटेशन 2 195 Share निकेश कुमार ठाकुर 23 Jan 2022 · 1 min read पतंग पतंग देखो-देखो उड़ी पतंग, आसमान में उड़ी पतंग। कभी ऊपर,नीचे कभी, दाएँ-बाएँ उड़ी पतंग।। लगी हुई धागे की डोर, बड़ी लंबी है इसकी छोर। धीरे-धीरे धरती को छोड़, आसमान में... Hindi · कविता 2 2 312 Share निकेश कुमार ठाकुर 27 Apr 2022 · 1 min read घर घर एक प्यार का मंदिर है, माता-पिता इसमें भगवान। रखना सदा प्रसन्न इन्हें तुम, चरणों में इनके चारों धाम।। 🌻🌻🌻🌻🌻 रचना- मौलिक एवं स्वरचित निकेश कुमार ठाकुर गृह जिला- सुपौल... Hindi · मुक्तक 2 168 Share निकेश कुमार ठाकुर 6 Feb 2022 · 1 min read बेदर्दी जिसको मैंने दिल से चाहा,जिसको गले लगाया, छोड़ के सारी लोकचातुरी बस उसको अपनाया । जिनकी यादों में जल-जलकर खा़क हुई यह काया, वह बेदर्दी मेरे दिल का हाल समझ... Hindi · मुक्तक 2 192 Share निकेश कुमार ठाकुर 6 Apr 2022 · 1 min read पाकीजा़ पाकीजा़ मुहब्बत है यूँ न बदनाम करो, राज की बात को तुम न सरेआम करो। वक्त के साथ ये यौवन भी ढल जाएगा, प्यार ही बचेगा बाकी सब बदल जाएगा।।... Hindi · मुक्तक 2 2 145 Share निकेश कुमार ठाकुर 31 Mar 2022 · 1 min read समंदर हजारों मील तक फैला हुआ बेबस समंदर है, बुझा दे प्यास मेरी वो ताकत नदी के अंदर है। समेटे अनगिनत यादें प्यार की धारा में बहकर, भुला के ये कि... Hindi · मुक्तक 2 2 188 Share निकेश कुमार ठाकुर 30 Mar 2022 · 1 min read परछाई तुम दिल की धड़कन में,तुम ही श्वासों में, तुम ही तुम हो मेरे दिन,और मेरी रातों में। तुम ही मेरी अभिलाषा,तू जीने की आस, परछाई बनकर सदा ,तुम रहना मेरे... Hindi · मुक्तक 2 333 Share निकेश कुमार ठाकुर 23 Mar 2022 · 1 min read फ़ासला ये कैसे फ़ासले हैं क्यूं हैं ये दूरियां, क्या है बता तेरी ऐसी मजबूरियां? यूं न सताओ,जरा पास तो आओ, फ़ासला रहे न हमदोनों के दरमियाँ।। रचना- मौलिक एवं स्वरचित... Hindi · मुक्तक 2 191 Share निकेश कुमार ठाकुर 16 Mar 2022 · 1 min read उम्मीद बड़े मंसूबे लेकर साथ चले इश्क में तेरे, मेरे हमसफर मुझसे दूर कभी होना नहीं। मेरी उम्मीद की कश्ती,अब है तेरे हवाले, नादानियों के समंदर में इसे डुबोना नहीं।। 🌻🌻🌻🌻🌻... Hindi · मुक्तक 2 202 Share निकेश कुमार ठाकुर 13 Mar 2022 · 1 min read इल्जाम प्यार की राह पे जरा संभल के चलना, न किस्सा ये कहीं,सरेआम हो जाए। कहीं लग न जाए रोग तुम्हें इश्क का, और मेरे ही सर पर इल्जाम आ जाए।... Hindi · मुक्तक 2 248 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Mar 2022 · 1 min read रूह वो वादे याद आते हैं,वो कसमें याद आती है, न जाने क्यों मुझे ये दिन,न ये रातें सुहाती है। जो तूने रूह को मेरे,दुखाया जख्म दे-देकर, वो लम्हें याद आते... Hindi · मुक्तक 2 478 Share निकेश कुमार ठाकुर 24 Feb 2022 · 1 min read मनोरथ एक मनोरथ- जो सदियों से मैंने, मन में संजोये थे, जाने कितनी बार इसके लिए रोये थे, बड़ी उम्मीद थी होगी ,कभी तो ये पूरी, बदकिस्मती से यह भी रह... Hindi · कविता 2 223 Share निकेश कुमार ठाकुर 21 Feb 2022 · 1 min read पासबाँ अपनी कृपा बरसाने वाले,बिगड़ी बात बनाने वाले, माया के संसार में सब ,भटके को राह दिखाने वाले, ओ इंसानियत के पासबाँ,तुमसे ही रौशन ये जहाँ, हम सब तो बस प्यादे... Hindi · मुक्तक 2 483 Share निकेश कुमार ठाकुर 14 Feb 2022 · 1 min read "मेरा प्यार " हो न पाए रात जब तारों से रौशन, तो कुछ रौशनी उधार लिए आना। जगमगाती चांदनी रात में जब मेरी, याद आए तो"मेरा प्यार"लिए आना।। ????? रचना- पूर्णतः मौलिक एवं... Hindi · मुक्तक 2 215 Share निकेश कुमार ठाकुर 20 Feb 2022 · 1 min read हाल-ए-दिल क्या बताऊँ तुमको,अपना हाल-ए-दिल, दूर से न पूछ,कभी तो पास आके मिल। आईने की तरह साफ है मेरा ये फसाना, पढ़ना शौक से इस दिल का अफ़साना।। पन्ने-पन्ने में इश्क... Hindi · कविता 2 501 Share निकेश कुमार ठाकुर 18 Feb 2022 · 1 min read हर्ष आँखों से बरस रहा प्यार हो, और हृदय में हर्ष अपार हो, अभाव में भी मन में भाव हो, ऐसा अपना घर- परिवार हो।। ????? रचना- मौलिक एवं स्वरचित निकेश... Hindi · मुक्तक 2 195 Share निकेश कुमार ठाकुर 19 Feb 2022 · 1 min read साँझ जो रखते हैं चाहत,इतिहास रचने की, वो परिस्थितियाँ,देख आह नहीं भरते। हर घड़ी हर पहर,रहते पथ पर अग्रसर, भोर और साँझ की परवाह नहीं करते।। ????? रचना- मौलिक एवं स्वरचित... Hindi · मुक्तक 2 201 Share निकेश कुमार ठाकुर 16 Feb 2022 · 1 min read स्नेह जब भी तेरा स्नेह मिले,जीवन हो जाए कुसुमित, तप्त हृदय का कोना-कोना भी हो जाए पुलकित। आनंद हृदय,प्रफुल्लित मन से गीत सदा मैं गाऊँ, हे जगदंबे!तेरी चरण में, मैं अपना... Hindi · मुक्तक 1 208 Share निकेश कुमार ठाकुर 28 Mar 2022 · 1 min read चैन दिल को चैन तुमसे है,करार तुमसे है, मेरे जीवन में हरपल बहार तुमसे है। लाखों हसीनाओं की भीड़ है फिर भी, मेरी जीवनसंगिनी!मुझे प्यार तुमसे है।। 🌻🌻🌻🌻🌻 रचना- मौलिक एवं... Hindi · मुक्तक 1 138 Share निकेश कुमार ठाकुर 15 Feb 2022 · 1 min read होली होली गोकुल की गलियों में,मची होली की धूम। मस्त मगन हो नांचे गाए,सभी रहे हैं झूम।।१।। राधिका प्यारी खेले,सांवरिया के साथ होली के रंगों से रंगे,सबने अपने हाथ।।२।। ???? रचना-... Hindi · दोहा 1 221 Share निकेश कुमार ठाकुर 1 Apr 2022 · 1 min read भाग्य निज भाग्य पर कभी इतराना नहीं चाहिए, कर्मपथ से कभी भाग जाना नहीं चाहिए। दोनों के समन्वय से खिलता है जन-जीवन, दोनों को अपनाने से घबराना नहीं चाहिए।। 🌻🌻🌻🌻🌻 रचना-... Hindi · मुक्तक 1 119 Share निकेश कुमार ठाकुर 2 Apr 2022 · 1 min read भरोसा टूट जाए कुछ भी पर भरोसा टूटने न देना, थामा जो हाथ मेरा वो कभी छूटने न देना। परिस्थितियों का मुकाबला मिलकर करेंगे, सजाये ख़्वाब जो आँखों ने उसे टूटने... Hindi · मुक्तक 1 152 Share निकेश कुमार ठाकुर 4 Apr 2022 · 1 min read क़यामत तुम्हारे प्यार को क़यामत तक याद रखूंगा मैं, दिल ने जो रिश्ते जोड़े,उसे आबाद रखूंगा मैं। उम्र के ढल जाते ही ढल जायेंगी स्मृतियाँ मगर, उन लम्हों और ख्वाबों को... Hindi · मुक्तक 1 136 Share निकेश कुमार ठाकुर 14 Apr 2022 · 1 min read सिलवट करते रहते हैं जिंदगी भर संघर्ष मगर, चेहरे पर कभी भी सिलवटें नहीं होती। कर्म और मेहनत करते रहते ,आह की कर्मवीर के जीवन में आहटें नहीं होती।। 🌻🌻🌻🌻🌻 रचना-... Hindi · मुक्तक 1 198 Share निकेश कुमार ठाकुर 18 Apr 2022 · 1 min read मसला जो सोचो गंभीरता से ,तो बल मिलेगा, सकारात्मक सोच और सम्बल मिलेगा। आज नहीं मिला तो क्या, कल मिलेगा, पर हर मसला का तुमको हल मिलेगा।। 🌻🌻🌻🌻🌻 रचना- मौलिक एवं... Hindi · मुक्तक 1 121 Share निकेश कुमार ठाकुर 20 Apr 2022 · 1 min read हर्फ़ वो पहला हर्फ़ जो हमने बचपन में सीखे थे, न जाने कितनी दफ़ा लेखनी डगमगाई थी । अनगिनत त्रुटियों की सीढ़ियों पर चढ़कर, हममें हर्फ़ को समझने की क्षमता आई... Hindi · मुक्तक 1 158 Share निकेश कुमार ठाकुर 22 Apr 2022 · 1 min read शबनम देखो शबनम की बूँदें प्यार बरसाती है, तप्त धरा भी हुई हरा मन को हर्षाती है। बागों में हरियाली,खिले पुष्प पौधों पर, मधुकर की पंक्ति भी देखो मीठा गाती है।।... Hindi · मुक्तक 1 244 Share निकेश कुमार ठाकुर 23 Apr 2022 · 1 min read लिहाज़ लबों की ख़ामोशी को कमजोरी न समझना, बस लिहाज़ करते हैं इसे मजबूरी न समझना। भले हों दोनों के विचारों में सदियों का अंतर, पर इसे इंसान से इंसान की... Hindi · मुक्तक 1 242 Share Page 1 Next