निकेश कुमार ठाकुर Tag: मुक्तक 52 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid निकेश कुमार ठाकुर 15 Jun 2021 · 1 min read बडे़ दिनों बाद फिर उसे मेरी याद आई। बडे़ दिनों बाद फिर उसे मेरी याद आई, प्यार का पैगाम आया और भी सौगात आई। न जाने किस डगर की किस गली में खो चुके थे, जब मिले तो... Hindi · मुक्तक 7 3 503 Share निकेश कुमार ठाकुर 21 Feb 2022 · 1 min read पासबाँ अपनी कृपा बरसाने वाले,बिगड़ी बात बनाने वाले, माया के संसार में सब ,भटके को राह दिखाने वाले, ओ इंसानियत के पासबाँ,तुमसे ही रौशन ये जहाँ, हम सब तो बस प्यादे... Hindi · मुक्तक 2 484 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Jun 2021 · 1 min read बड़ी ख्वाहिश थी उसकी मुझे बदनाम करने की। बड़ी ख्वाहिश थी उसकी मुझे बदनाम करने की, मेरी हर राज़ की बातें सरेआम करने की। मेरी जिद थी करूं पूरी मैं उसकी इस तमन्ना को, वो धुन में थी... Hindi · मुक्तक 7 4 497 Share निकेश कुमार ठाकुर 15 Feb 2022 · 1 min read "नेह" तेरी आंचल की छाया में जैसा स्नेह मिलता है, दुनियाँ में कहीं और कहाँ,वैसा नेह मिलता है। महान है मेरी जननी, और जन्मभूमि,जहाँ में, तेरी ममता से बड़ा कहाँ ऐसा... Hindi · मुक्तक 459 Share निकेश कुमार ठाकुर 18 Sep 2021 · 1 min read करो कुछ काम ऐसा कि जिंदगी को नाज हो, करो कुछ काम ऐसा कि जिंदगी को नाज हो, चाहे न गद्दी मिले,न ही सर पर ताज हो। भावना उपकार की हो,मीत की हो, प्यार की हो, न दिल में... Hindi · मुक्तक 4 2 453 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Mar 2022 · 1 min read रूह वो वादे याद आते हैं,वो कसमें याद आती है, न जाने क्यों मुझे ये दिन,न ये रातें सुहाती है। जो तूने रूह को मेरे,दुखाया जख्म दे-देकर, वो लम्हें याद आते... Hindi · मुक्तक 2 478 Share निकेश कुमार ठाकुर 9 Mar 2022 · 1 min read अदा उनकी अदा पर जान निसार कर बैठा, बातों ही बातों में उनसे प्यार कर बैठा। होके बेखबर इससे,वो हमको देखते रहे, मिली नजर तो नजरों ने,दीदार कर बैठा।। रचना- पूर्णतः... Hindi · मुक्तक 1 2 442 Share निकेश कुमार ठाकुर 17 Mar 2022 · 1 min read तृष्णा जीवन में मृग सम तृष्णा पाले, जग में भटक रहा सारा इंसान। वर्चस्व की स्पर्धा करता हरदम, खो रहा मानवता की पहचान। 🌻🌻🌻🌻🌻 रचना- मौलिक एवं स्वरचित निकेश कुमार ठाकुर... Hindi · मुक्तक 3 413 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Feb 2022 · 1 min read फ़ुर्क़त उसकी अहमियत को मैंने फ़ुर्क़त के बाद जाना, जबतक थी वो पास मेरे, दिल ने न पहचाना। उसके रूप की वो सादगी,वो मुस्कान चेहरे की, अदा हर वक़्त हँसने की,बना... Hindi · मुक्तक 1 372 Share निकेश कुमार ठाकुर 23 Mar 2022 · 1 min read शहादत तेरी शहादत को यह देश भूल नहीं पाएगा, तूने जो कर दिखाया भला कौन दिखाएगा। हँसते-हँसते लगा लिए गले मौत को तुमने, तू ही मातृभूमि का सच्चा सपूत कहलायेगा।। रचना-... Hindi · मुक्तक 1 340 Share निकेश कुमार ठाकुर 21 Feb 2022 · 1 min read चिलमन चिलमन में भी बहार आ जाए, तू जो हँस दे तो प्यार आ जाए। बिखर जाए खुशबू इन बहारों में, गर मेरे यार तू एकबार आ जाए।। स्वरचित सह मौलिक... Hindi · मुक्तक 1 334 Share निकेश कुमार ठाकुर 30 Mar 2022 · 1 min read परछाई तुम दिल की धड़कन में,तुम ही श्वासों में, तुम ही तुम हो मेरे दिन,और मेरी रातों में। तुम ही मेरी अभिलाषा,तू जीने की आस, परछाई बनकर सदा ,तुम रहना मेरे... Hindi · मुक्तक 2 334 Share निकेश कुमार ठाकुर 9 Feb 2022 · 1 min read हमदम तू ही आरजू है और तू ही जुस्तजू है मेरी, हर घड़ी हर पहर,मुझको बस तमन्ना है तेरी। तेरे बिन दुनियाँ में अब और क्या हमारा है? मेरे हमदम! तू... Hindi · मुक्तक 308 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Jan 2022 · 1 min read ठाकुर! पकड़ कलम, और कर दे रस का संचार । जब मैने देखा महामारी की मार, झेल रहे लोग कर रहे हाहाकार, तब दिल ने कहा, ठाकुर! पकड़ कलम, और कर दे जन-जीवन में रस का संचार।। मौलिक एवं स्वरचित... Hindi · मुक्तक 4 3 275 Share निकेश कुमार ठाकुर 11 Apr 2022 · 1 min read दाता तू ही सबका कर्म है लिखता,बिगड़े भाग्य बनाता है, तेरी कृपा दृष्टि हो जिसपे,वो भव सागर तर जाता है। तेरा सुमिरन करते निसदिन,जपते हैं जो तेरा नाम, सबके दाता हृदय... Hindi · मुक्तक 4 3 316 Share निकेश कुमार ठाकुर 13 Mar 2022 · 1 min read इल्जाम प्यार की राह पे जरा संभल के चलना, न किस्सा ये कहीं,सरेआम हो जाए। कहीं लग न जाए रोग तुम्हें इश्क का, और मेरे ही सर पर इल्जाम आ जाए।... Hindi · मुक्तक 2 249 Share निकेश कुमार ठाकुर 23 Apr 2022 · 1 min read लिहाज़ लबों की ख़ामोशी को कमजोरी न समझना, बस लिहाज़ करते हैं इसे मजबूरी न समझना। भले हों दोनों के विचारों में सदियों का अंतर, पर इसे इंसान से इंसान की... Hindi · मुक्तक 1 243 Share निकेश कुमार ठाकुर 26 Apr 2022 · 1 min read मासूम बहुत मासूम है ये दिल,बहुत नादान है ये, प्यार और इश्क की बातों से अंजान है ये। खबर है न पता कोई जमाने की उसूलों का, जमाने भर की व्यंग्यों... Hindi · मुक्तक 1 248 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Mar 2022 · 1 min read जननी हे जननी जन्मभूमि तू स्वर्ग से भी महान है, पूत या कपूत हों पर,सब तेरे ही संतान हैं। चाह हृदय में लिए हुए,नित तेरा ही गुण गाऊं, जीवन के अंतिम... Hindi · मुक्तक 3 2 242 Share निकेश कुमार ठाकुर 15 Mar 2022 · 1 min read दामन तेरे दामन में कभी दाग लगने नहीं देंगे, ऐ जन्मभूमि! हम तुझे मिटने नहीं देंगे। खुद को मिटाकर भी,तेरी शान लिखेंगे, लहू के कतरे से पूरा हिंदुस्तान लिखेंगे।। रचना- मौलिक... Hindi · मुक्तक 1 253 Share निकेश कुमार ठाकुर 22 Mar 2022 · 1 min read कविता कवि की कल्पना जब लेखनी से प्रस्फुटित होती, भावों में बहकर उद्गारें वनिता का स्वरूप लेती हैं। मन के सागर को मथकर,शब्दों के निकले अमृत, होती है रस की संचारें... Hindi · मुक्तक 253 Share निकेश कुमार ठाकुर 14 Feb 2022 · 1 min read "मेरा प्यार " हो न पाए रात जब तारों से रौशन, तो कुछ रौशनी उधार लिए आना। जगमगाती चांदनी रात में जब मेरी, याद आए तो"मेरा प्यार"लिए आना।। ????? रचना- पूर्णतः मौलिक एवं... Hindi · मुक्तक 2 216 Share निकेश कुमार ठाकुर 25 Feb 2022 · 1 min read उल्फ़त जहाँ जाओ मेरी उल्फ़त,तुम्हारे साथ जाएगी, मेरा साया भी जायेगा,मुहब्बत साथ जाएगी। बिताए साथ जो लम्हें,किये थे कसमें-वादे जो, वो पल,यादों के वो लम्हें,तुम्हारे साथ जाएगी।। ????? रचना- पूर्णतः मौलिक... Hindi · मुक्तक 3 211 Share निकेश कुमार ठाकुर 8 Jun 2021 · 1 min read मैं जब से उसके पहलू में आ बैठा। मैं जब से उसके पहलू में आ बैठा, दुनिया के सारे गम भुला बैठा, वह तमन्ना लिए बैठे रहे,हमें गमगीन करने की, मेरी थोड़ी सी हरकत से वो भी मुस्कुरा... Hindi · मुक्तक 3 216 Share निकेश कुमार ठाकुर 16 Feb 2022 · 1 min read स्नेह जब भी तेरा स्नेह मिले,जीवन हो जाए कुसुमित, तप्त हृदय का कोना-कोना भी हो जाए पुलकित। आनंद हृदय,प्रफुल्लित मन से गीत सदा मैं गाऊँ, हे जगदंबे!तेरी चरण में, मैं अपना... Hindi · मुक्तक 1 208 Share निकेश कुमार ठाकुर 16 Mar 2022 · 1 min read उम्मीद बड़े मंसूबे लेकर साथ चले इश्क में तेरे, मेरे हमसफर मुझसे दूर कभी होना नहीं। मेरी उम्मीद की कश्ती,अब है तेरे हवाले, नादानियों के समंदर में इसे डुबोना नहीं।। 🌻🌻🌻🌻🌻... Hindi · मुक्तक 2 203 Share निकेश कुमार ठाकुर 7 Feb 2022 · 1 min read शकेबा तुझे मालूम क्या तुझको मैं कितना याद करता हूँ, तेरा दीदार हो जल्दी यही फरियाद करता हूँ। मेरे दिलदार तूं नादान है जमाने के उसूलों से शकेबा टूटता जा रहा... Hindi · मुक्तक 1 195 Share निकेश कुमार ठाकुर 22 Apr 2022 · 1 min read शबनम देखो शबनम की बूँदें प्यार बरसाती है, तप्त धरा भी हुई हरा मन को हर्षाती है। बागों में हरियाली,खिले पुष्प पौधों पर, मधुकर की पंक्ति भी देखो मीठा गाती है।।... Hindi · मुक्तक 1 244 Share निकेश कुमार ठाकुर 23 Mar 2022 · 1 min read फ़ासला ये कैसे फ़ासले हैं क्यूं हैं ये दूरियां, क्या है बता तेरी ऐसी मजबूरियां? यूं न सताओ,जरा पास तो आओ, फ़ासला रहे न हमदोनों के दरमियाँ।। रचना- मौलिक एवं स्वरचित... Hindi · मुक्तक 2 191 Share निकेश कुमार ठाकुर 19 Feb 2022 · 1 min read साँझ जो रखते हैं चाहत,इतिहास रचने की, वो परिस्थितियाँ,देख आह नहीं भरते। हर घड़ी हर पहर,रहते पथ पर अग्रसर, भोर और साँझ की परवाह नहीं करते।। ????? रचना- मौलिक एवं स्वरचित... Hindi · मुक्तक 2 201 Share निकेश कुमार ठाकुर 10 Mar 2022 · 1 min read इल्तिजा बस एक इल्तिजा है मेरी,तुम सदा याद रखना, दोस्त बनते हैं मुश्किल से,दोस्ती आबाद रखना। रहो चाहे कितनी भी दूर या मिल न पाओ कभी, दिल में दोस्त की सलामती... Hindi · मुक्तक 1 199 Share निकेश कुमार ठाकुर 23 Feb 2022 · 1 min read कशिश जाने क्या कशिश है इश्क में तुम्हारे, तुमपर जाने जाना,हम हैं दिल हारे। बिन तेरे इकपल,जीना नहीं गंवारा, तू ही मेरी तमन्ना,तू ही मेरा सहारा।। रचना- मौलिक एवं स्वरचित निकेश... Hindi · मुक्तक 1 208 Share निकेश कुमार ठाकुर 23 Mar 2022 · 1 min read मंजर ये दिलकश नजारे और मौसम सुहाना, लो फिर लौट आया वो गुजरा जमाना। जो मिले थे कभी हम नदी के किनारे, था मंज़र वो प्यारा,तुझपे दिल थे हारे।। रचना- मौलिक... Hindi · मुक्तक 1 195 Share निकेश कुमार ठाकुर 14 Mar 2022 · 1 min read सम्मान जग में आये हो तुम बंदे! कुछ तो ऐसा काम करो, माता-पिता और पूज्य गुरु का,हरदम सम्मान करो। इनको हरपल खुश रखकर,आगे ही बढ़ते जाओगे, तर जाओगे जो तुम इनके... Hindi · मुक्तक 1 184 Share निकेश कुमार ठाकुर 11 Mar 2022 · 1 min read शबाब हुस्न-ए-शबाब को संभल जाने दो जरा, दिल के अंदाज को बदल जाने दो जरा। ये कैसे हैं फ़ासले, हमदोनों के दरमियाँ, मरीज-ए-इश्क को मचल जाने दो जरा।। ????? रचना- मौलिक... Hindi · मुक्तक 1 192 Share निकेश कुमार ठाकुर 18 Feb 2022 · 1 min read हर्ष आँखों से बरस रहा प्यार हो, और हृदय में हर्ष अपार हो, अभाव में भी मन में भाव हो, ऐसा अपना घर- परिवार हो।। ????? रचना- मौलिक एवं स्वरचित निकेश... Hindi · मुक्तक 2 195 Share निकेश कुमार ठाकुर 6 Feb 2022 · 1 min read बेदर्दी जिसको मैंने दिल से चाहा,जिसको गले लगाया, छोड़ के सारी लोकचातुरी बस उसको अपनाया । जिनकी यादों में जल-जलकर खा़क हुई यह काया, वह बेदर्दी मेरे दिल का हाल समझ... Hindi · मुक्तक 2 193 Share निकेश कुमार ठाकुर 12 Feb 2022 · 1 min read नुमाइश आगे बढ़ने की होती है चाहत जिसे वो, कभी किसी की आजमाइश नहीं करते। चट्टानों को चीरकर निकाल लेते हैं रास्ता, अपने करतब की कभी नुमाइश नहीं करते ????? रचना-... Hindi · मुक्तक 1 188 Share निकेश कुमार ठाकुर 31 Mar 2022 · 1 min read समंदर हजारों मील तक फैला हुआ बेबस समंदर है, बुझा दे प्यास मेरी वो ताकत नदी के अंदर है। समेटे अनगिनत यादें प्यार की धारा में बहकर, भुला के ये कि... Hindi · मुक्तक 2 2 188 Share निकेश कुमार ठाकुर 27 Apr 2022 · 1 min read घर घर एक प्यार का मंदिर है, माता-पिता इसमें भगवान। रखना सदा प्रसन्न इन्हें तुम, चरणों में इनके चारों धाम।। 🌻🌻🌻🌻🌻 रचना- मौलिक एवं स्वरचित निकेश कुमार ठाकुर गृह जिला- सुपौल... Hindi · मुक्तक 2 169 Share निकेश कुमार ठाकुर 11 Feb 2022 · 1 min read लिबास लिबास मत करो पहचान मेरी ,लिबास से मेरे, क्यों खेलते रहते सदा,जज्बात से मेरे। शौर्य साहस की कई गाथाएँ लिखी मैंने सब जानते मुझको सदा,अंदाज से मेरे।। रचना- पूर्णतः मौलिक... Hindi · मुक्तक 1 170 Share निकेश कुमार ठाकुर 14 Apr 2022 · 1 min read सिलवट करते रहते हैं जिंदगी भर संघर्ष मगर, चेहरे पर कभी भी सिलवटें नहीं होती। कर्म और मेहनत करते रहते ,आह की कर्मवीर के जीवन में आहटें नहीं होती।। 🌻🌻🌻🌻🌻 रचना-... Hindi · मुक्तक 1 198 Share निकेश कुमार ठाकुर 25 Mar 2022 · 1 min read ख़याल तुमसे दिल लगाने का ख़याल अच्छा था, तुम्हें अपना बनाने का ख़याल अच्छा था, मुसाफ़िर सी जिंदगी भटक रही थी अपनी, उम्र भर साथ चलने का सवाल अच्छा था।। 🌻🌻🌻🌻🌻... Hindi · मुक्तक 1 153 Share निकेश कुमार ठाकुर 6 Apr 2022 · 1 min read पाकीजा़ पाकीजा़ मुहब्बत है यूँ न बदनाम करो, राज की बात को तुम न सरेआम करो। वक्त के साथ ये यौवन भी ढल जाएगा, प्यार ही बचेगा बाकी सब बदल जाएगा।।... Hindi · मुक्तक 2 2 146 Share निकेश कुमार ठाकुर 2 Apr 2022 · 1 min read भरोसा टूट जाए कुछ भी पर भरोसा टूटने न देना, थामा जो हाथ मेरा वो कभी छूटने न देना। परिस्थितियों का मुकाबला मिलकर करेंगे, सजाये ख़्वाब जो आँखों ने उसे टूटने... Hindi · मुक्तक 1 152 Share निकेश कुमार ठाकुर 20 Apr 2022 · 1 min read हर्फ़ वो पहला हर्फ़ जो हमने बचपन में सीखे थे, न जाने कितनी दफ़ा लेखनी डगमगाई थी । अनगिनत त्रुटियों की सीढ़ियों पर चढ़कर, हममें हर्फ़ को समझने की क्षमता आई... Hindi · मुक्तक 1 160 Share निकेश कुमार ठाकुर 4 Apr 2022 · 1 min read क़यामत तुम्हारे प्यार को क़यामत तक याद रखूंगा मैं, दिल ने जो रिश्ते जोड़े,उसे आबाद रखूंगा मैं। उम्र के ढल जाते ही ढल जायेंगी स्मृतियाँ मगर, उन लम्हों और ख्वाबों को... Hindi · मुक्तक 1 137 Share निकेश कुमार ठाकुर 28 Mar 2022 · 1 min read चैन दिल को चैन तुमसे है,करार तुमसे है, मेरे जीवन में हरपल बहार तुमसे है। लाखों हसीनाओं की भीड़ है फिर भी, मेरी जीवनसंगिनी!मुझे प्यार तुमसे है।। 🌻🌻🌻🌻🌻 रचना- मौलिक एवं... Hindi · मुक्तक 1 139 Share निकेश कुमार ठाकुर 28 Mar 2022 · 1 min read बेख़ुदी तुम्हारी याद मुझे पल-पल सताती रही, बेख़ुदी मेरी मुझको नींद से जगाती रही। सुनसान अटारी में मैं राह तेरा तकता रहा, सावन की झड़ी भी,तन को जलाती रही।। 🌻🌻🌻🌻🌻 रचना-... Hindi · मुक्तक 1 132 Share निकेश कुमार ठाकुर 29 Mar 2022 · 1 min read घुटन नफरतों की चिंगारियाँ दिलों को जलाती हैं, हँसते-खेलते जीवन में ऐसे आग लगाती है। घुटन सी जिन्दगी हो जाती है कितनी बदतर? लोग खुश होते हैं यहां अपनों को ही... Hindi · मुक्तक 1 128 Share Page 1 Next